Meri rundy mom leela part 3

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  ( meri rundy mom leela part 3 ) Pichli story me aap logo ne pada hoga kaise meri randi mallu mummy mere dost suresh se jamke chudwati haiiii aur ab suresh jab bhi mummy ka off hota , ghar pe aa jata tha aur meri chudakkad mummy ko jee bhar ke chodta tha. Aise ek din dono chudai kar rahe the ki tabhi. Suresh – meri jaan leela tumse kuch puchana hai. Mummy – bolo mera rajaaaaa Suresh – mera ek dost hai aur wo bhi tumhe chodana chahta hai. Mummy – ye kya bol rahe ho , ye nahi hi sakta. Suresh – meri baat tu sun meri raand.Wo mera jigri yaar hai aur usko maine tere baare me sab bata rakha haii. ✕Mummy ghabra ke suresh ko dhekhne lagii. Suresh – are ghabrane ki jarurat nahi hai meri leela raand.Maine bas use ye bataya hai ki maine ek aunty patayi hai aur usse chodta hu. Us din jo bra aur panty teri leke gaya tha , wo usne dekh li mere room me , isliye use batana pada ki wo bra aur panty kaha se aayi. Ab wo mujhse roj request karta hai tujhe chodne ke liye meri randiii....

Maa ki msti

                                              ( Maa ki masti )


मा की मस्ती 

लेखक - अज्ञात

दोस्तो ये कहानी मुझे नही पता किसने लिखी है लेकिन मैं इस कहानी को हिन्दी फ़ॉन्ट में परवर्तित कर आपके लिए पेश कर रहा हूँ कहानी का श्रेय इस कहानी के लेखक को जाता है

मैने इस साल 10थ पास किया और फिर 11थ मे कॉमर्स कोर्स जाय्न कर लिया मेरी उमर 17 साल की हो चुकी है,बीच मे 1 साल बीमार होने की वजह से मेरा बर्बाद हो गया था,अब इस साल 11थ मे कॉमर्स लेने से मेरे पर पढ़ाई का बोझ बढ़ गया था,वैसे भी दिल्ली मे 12थ मे 90 पर्सेंट से कम नंबर होने पर डी.यू. के कॉलेज मे ऐड्मिशन नही मिलता,इसलिए मेरे पिता जी मेरी पढ़ाई को ले कर काफ़ी चिंतित रहते थे.क्योंकि मे मेद्स मे थोड़ी मुश्किल महसूस कर रहा था,तब उनके एक जूनियर ने पिता जी को कहा कि उसका बेटा कोचैंग सेंटर चलता है अपने 3 दोस्तों के साथ मिल कर और वो लोग 11थ और उस-से ऊपर के बच्चो को ग्रूप और सिंगल ट्यूशन देते हैं ,जब उसने अपने कोचैंग सेंटर का नाम बताया तब पिता जी ने कहा कि वो मेरे से पूंछ कर बताएँगे.



रात को खाने की टेबल पर पिता जी ने मेरे से कहा कि आज ऑफीस मे उनके जूनियर ने क्या बात बताई है,जब पिता जी ने कोचैंग सेंटर का नाम बताया ,तब मेने कहा कि ये तो बहुत फेमस है और इनका मैथ और अकाउंट्स मे बहुत बढ़िया नाम है,मेरे कई दोस्त यहाँ पर ट्यूशन लेते हैं वो भी ग्रूप मे,यहाँ पर एक राजन सर हैं जो मैथ बहुत बढ़िया पढ़ाते हैं,तब पिता जी ने कहा कि राजन तो उनके जूनियर का ही लड़का है और अगर मे कहूँ तो राजन मेरे को घर पर अकेले ही पढ़ा देगा,क्योंकि जो पिता जी का कौलेज है वो तो पिता जी को किसी भी तरह से खुश रखना चाहता था.


तब मैने कहा कि ठीक है वो कल ही अपने जूनियर राजन के पिता रमेश से बात कर लेंगे और हो सका तो कल से ही मेरी ट्यूशन शुरू हो जाएँगी.


अगले दिन पिता जी ने ऑफीस पहुँचते ही रमेश को बुला लिया और रमेश को कहा कि वो राजन से कहे कि राजन आज से ही मुझे ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दे,तब रमेश ने कहा कि ऐसा ही होगा.



                                  मा की मस्ती
बाहर आ कर रमेश ने अपने लड़के राजन को फोन किया और बताया कि उसकी मेरे पिता जी से क्या बात हुई है,तब राजन ने कहा कि उसके लिए अकेले बच्चे को वो भी उसके घर जा कर पढ़ाना मुश्किल है ,तब रमेश ने कहा कि बेटे ये ज़रूरी है क्योंकि आज अगर वो मनु को ट्यूशन पढ़ा देगा तो जो काम लाखों की रिश्वत से नही हो सकता वो काम उसके मुझे पढ़ाने से हो सकता है,क्योंकि अरविंद जी उनके बॉस है और वो तो रमेश को अपने आस पास भी नही फटकने देते,पर आज राजन की वजह से ये मौका आया है कि उन्होने रमेश को अपने सामने कुर्सी पर बिठाया है.

ये बात राजन को समझ आ गयी,तब उसने कहा कि वो उसको अरविंद जी का फोन नंबर दे दे जिस-से कि राजन सीधे उनसे बात कर सके,तब रमेश ने राजन को समझाया कि वो उनसे रुपयों की कोई बात ना करे और अगर वो पूछें भी तो ना कर दे और कह दे कि पहले पढ़ाना शुरू होने दें,फिर बात होगी तो पिता जी कर लेंगे पहले स्टूडेंट और टीचर की भी आपस मे समझ विकसित होने दें फिर बात करेंगे.


राजन से अरविंद जी को फोन करके अपना परिचय दिया और कहा कि उसके पिता जी ने आपसे बात करने को कहा है,तब अरविंद ने राजन से कहा कि सारी बात तो उसके पिता जी ने बता ही दी होगी बस वो आज से ही मनु को पढ़ाना शुरू कर दे,तब राजन ने उनसे उनका पता पूछा और कहा कि वो टाइम भी बता दें कि उनको कौन सा टाइम सूट करेगा,तब अरविंद ने कहा कि इस बारे मे वो मनु से बात कर ले और राजन को मनु का फोन नंबर दे दिया,फिर कहा कि वो अपनी फीस भी बता दे ,तब राजन ने कहा कि पहले वो पढ़ाना शुरू कर दे फिर बता देगा.



राजन से फिर मनु को फोन किया और कहा कि वो राजन बोल रहा है,और उसके पिता जी से हुई सारी बात मनु को बता दी,और पूछा कि वो आज किस टाइम मनु को पढ़ाने आए,तब मनु ने कहा कि वो 2 बजे स्कूल से घर आता है,और खाना खाते -2 3 बज जाते हैं अगर राजन के लिए संभव हो सके तो 4 बजे मनु के घर आ जाए,तब राजन ने कहा कि वो पहुँच जाएगा.

मनु के जो दोस्त राजन के यहाँ ट्यूशन पढ़ते थे उनको बताया कि आज से राजन उसको ,उसके घर पर पढ़ाने आएगा.इस बात से मनु का सिक्का उसके दोस्तों पर जम गया कि राजन तो जल्दी से सिंगल ट्यूशन नही लेता वो मनु को उसके घर पढ़ाने आएगा ये तो बहुत बड़ी बात है.

फिर दोपहर मे मनु घर पर आ कर राजन का इंतेज़ार करने लगा मनु ने अपनी मा को भी बता दिया कि आज से राजन उसको घर पर पढ़ाने के लिया आया करेगा,

तब आरती ने पूछा कि राजन कब आएगा तो मनु ने कहा कि वो 4 बजे आएगा.तो मम्मी ने कहा कि मुझे मम्मी को पहले बताना चाहिए था कि आज से ही ट्यूशन वाले सर पढ़ाने आ रहे हैं,क्योंकि मेरी मम्मी मॉर्डन विचारों वाली हैं तो वो कहती हैं कि कोई भी उनके घर आए तो उसको ये ना लगे कि घर फेला -2 है ,तब मम्मी ने कहा कि मे जल्दी से अपने रूम मे से फालतू समान हटा दूं और ड्रॉयिंग रूम की हालत भी ठीक कर दूं.वो भी घर मे नाइटी मे रहती हैं वो कपड़े चेंज करने चली गयी.
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09-25-2018, 12:41 PM, #3

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RE: Mastram Kahani मा की मस्ती
सही 4 बजे राजन मनु के घर पहुँच गया राजन ने जब बेल बजाई और दरवाजा खोला तो मनु ने पूछा कि किसे मिलना है राजन ने कहा कि क्या ये मिस्टर.केपर का ही घर है तो मनु ने कहा कि हां और वो हिमांशु है उनका बेटा,तो राजन ने कहा कि वो राजन है,तब मनु को पता चला कि ये तो राजन सर हैं,मनु के दिमाग़ मे राजन की जो तस्वीर थी वो उस-से बिल्कुल ही अलग था,राजन एक 29-30 साल का मॉर्डन आउटफिट मे स्मार्ट और फॅशनेबल युवक था,वो फ़र्राटे से इंग्लीश बोलता है और मैथ का तो जीनियस है.मनु ने आगे बढ़ कर राजन से हाथ मिलाया और कहा कि उसका ही नाम मनु है,मनु राजन को घर के ड्रॉयिंग रूम मे ले आता है और उसको बिठाता है,फिर वो राजन के लिए पानी लाता है,तभी मनु की मम्मी भी आ जाती है ट्राइ मे कोल्ड ड्रिंक्स और कुछ बिस्कट वगेरह ले कर,मनु राजन से अपनी मा का परिचय कराता है तो राजन एक बार तो देखता ही रह जाता है,क्योंकि आरती ने चुस्त सलवार और कमीज़ पहना था आजकल के फॅशन के अनुसार कमीज़ का कट काफ़ी गहरा था और वो स्लीव्लेस्स भी था,साथ मे हल्का सा मेकप भी किया था जो कि उसके रूप मे चार चाँद लगा रहा था.

फिर राजन ने आरती को हाथ जोड़ कर नमस्ते किया क्योंकि वो पहले ही दिन अपने बाप के अफ़सर के घर मे अपना इंप्रेशन खराब नही करना कहता था.

तब आरती ने कहा कि आप कोल्ड ड्रिंक लीजिए,फिर वो तीनो जाने कोल्ड ड्रिंक पीने लगे,तब राजन ने बात शुरू की और मनु से पूछा कि उसके सब्जेक्ट क्या-2 हैं,मनु ने बताया कि कॉमर्स के सब्जेक्ट हैं .तब राजन ने पूछा कि उसकी समस्या क्या हैं ,मनु ने कहा कि उसको सबसे ज़्यादा प्राब्लम मैथ मे होती है और थोड़ी बहुत प्राब्लम अकाउंट्स मे भी है,राजन ने कहा कि मैथ तो वो सॉल्व कर ही देगा और अकाउंट्स भी देख लेगा और ज़्यादा प्राब्लम होने पर अपने यहाँ से किसी और टीचर को भी अकाउंट्स के लिए अरेंज कर देगा.


इन सब बातों के बीच मे उन लोगों ने कोल्ड ड्रिंक ख़तम कर ली,फिर मनु ने कहा कि वो लोग मनु के कमरे मे चल कर बैठते हैं,और वो दोनो जने उठ कर मनु के रूम मे आ गये,मनु के रूम मे सारी की सारी सुवधाएँ मौजूद थी,जैसे कि डेस्कटॉप,लॅपटॉप ,स्टडी टेबल ,नेट कनेक्षन एट्सेटरा,एट्सेटरा.

तब राजन ने कहा कि आज तो वो सिर्फ़ मनु से कुछ जनरल इन्फर्मेशन लेगा फिर कल वो उस हिसाब से तैयार हो कर उसकी पढ़ाई शुरू करेगा.वैसे तो राजन को सारे का सारा कोर्स पता था क्योंकि वो मनु के स्कूल के ही बच्चो को भी पढ़ा रहा था और वैसे भी 11थ के बाद सभी स्कूल मे कबसे कोर्स की वजह से एक ही ख़ौफ़ था.

पहले दिन सिर्फ़ इतना होने के बाद राजन 5 बजे मनु के यहाँ से चला गया.और अगले दिन आने के लिए बोल गया साथ ही साथ उसने मनु से कहा कि वो लोग हफ्ते मे 3 दिन ट्यूशन के लिए आएगा तो जो भी 3 आल्टेरनेट डेज़ उसको सूट करते हूँ वो कल परसों मे राजन को बता दे,मनु ने कहा कि ठीक है वो कल बता देगा सर,

राजन ने कहा कि वो राजन को सर ना कह कर भैया कहे तो ज़्यादा अच्छा रहेगा.मनु तो खुश हो गया कि कहाँ तो सारे बच्चे राजन को सर -2 कहते हैं और कहाँ आज पहले ही दिन राजन ने उसे भैया कहने के लिए कह दिया,ये सब मनु के बाप का प्रभाव था. 



रात को अरविंद ने मनु से राजन के बारे मे पूछा तो मनु ने सारी बातें बता दी,और कहा कि राजन ने उसको क्या-2 करने को बताया है,तब अरविंद ने कहा कि पहले कुछ दिन वो राजन से पढ़े फिर अगर मनु को लगेगा कि रोज़ कोचिंग चाहिए तो वो राजन से या उसके बाप रमेश से बात कर लेगा.

अगले दिन स्कूल मे मनु के कदम ज़मीन पर नही पड़ रहे थे उसने स्कूल में अपने सब दोस्तों को राजन की बातें बताई कि कल उसने क्या-2 कहा है,और वो हफ्ते मे 3 दिन मनु को उसके घर पर पढ़ने वाला है.वो अपनी क्लास मे हीरो बन गया था.

फिर उस रोज़ राजन ठीक टाइम पर मनु को पढ़ाने पहुँच गया,वो लोग सीधे ही मनु के कमरे मे आ गये,कुछ देर बाद ही मनु की मम्मी उनके लिए कुछ ठंडा और नाश्ता ले आई,तब पहली बार राजन ने साइड-2 उनसे बात की और कहा कि भाबी जी आपको रोज़ -2 परेशान होने की ज़रूरत नही है,वो तो रोज़ ही आएगा इसलिए फॉरमॅलिटी ना करें तब आरती ने कहा कि ये कोई फॉरमॅलिटी नही है,ये तो उनका काम है,जब आप मनु को पढ़ाने आ सकते हैं तो मे क्या इतना भी नही कर सकती,आज भी आरती ने सूट सलवार ही पहना हुआ था,और वो उसमे बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

आरती को देख कर एक बार तो रमन को गर्मी महसूस हुए,पर फिर रमन ने अपने आप पर कंट्रोल किया और स्माइल पास कर के रह गया.इसके बाद आरती कमरे से वापस चली गयी,तब रमन चोर नज़रो से उसकी बलखाती जवानी को और हिलती हुई गान्ड को निहारता रहा,आरती की नज़रो से ओझल हो जाने के बाद रमन ने अपना ध्यान फिर से मनु पर लगा दिया,आज से उन लोगो को अपनी पढ़ाई शुरू करनी थी,रमन डीटेल कल ही ले चुका था इसलिए वो सीधे ही मुद्दे पर आ गया और उसने मनु को इन्स्ट्रक्षन देनी शुरू कर दी,फिर जब ट्यूशन का टाइम ख़तम हो गया उसने मनु को घर के लिए कुछ सवाल बताए और पूछा कि अगले हफ्ते से वो कौन से 3 दिन आए तब मनु ने उसे कहा कि वो मंडे से स्टार्ट करेंगे.रमन ने कहा ठीक है वो मंडे को आ जाएगा तब तक मनु अपनी पढ़ाई के मुश्किल सवाल तैयार कर ले.जब वो बाहर आया तो आरती हॉल मे ही बैठी थी,आरती ने रमन से पूछा कि वो कुछ लेगा क्या तो एक बार तो रमण ने दिल में कहा कि बोल दे कि हां लेगा उसकी चूत पर फिर अपनी बात को ज़ुबान पर ना ला कर वो स्माइल पास करके चला आया.


इस प्रकार रमन का मनु के घर मे आना-जाना शुरू हो गया वो अपनी पूरी मेहनत से मनु की पढ़ाई पर ध्यान दे रहा था,कभी-2 बीच मे अरविंद भी रमन से बात करके मनु की पढ़ाई की अपडेट लेता रहता था.वो भी मनु के अच्छे मार्क्स से बहुत खुश थे ,इस कारण रमेश की इज़्ज़त और पूछ ऑफीस मे बढ़ गयी थी,अब तो वो बहुत बार अरविंद के साथ उनके ऑफीस मे बैठा रहता था,इस बीच मे कई बार अरविंद ने रमण और रमेश दोनो से ट्यूशन की फीस के बारे मे पूछा पर हर बार दोनो ने ये ही कहा कि मनु के अच्छे मार्क्स ही उनका मेहताना है,फिर अरविंद भी समझ गया कि ये पैसे ऐसे नही लेगा तो उसने रमेश को मौके बे मौके छोटे-मोटे गिफ्ट देने लग गया.

इधर आरती भी मनु से बहुत खुश थी और वो समझ रही थी कि इसमे सारे के सारा योगदान रमन का है इसलिए वो रमन का काफ़ी ख़याल रखती थी और रमन को कभी भी बगैर कुछ खाए पिए घर से जाने नही देती थी,वैसे भी अरविंद की खास हिदायत थी कि जब रमन उनके लिए इतना कुछ कर रहा है तो फिर ये उनका भी फ़र्ज़ है कि उसे किसी किस्म की शिकायत ना हो.वैसे भी आरती रमन के व्यवहार से काफ़ी प्रभावित भी थी.




    Maa ki masti

रमन ने मनु को कह रखा था कि अगर उसे मैथ के अलावा और किसी सब्जेक्ट मे कोई भी मुश्किल हो तो वो उसके कोचैंग सेंटर की किसी भी क्लास मे और किसी भी टीचर से नोट्स ले सकता है इस वजह से मनु कई बार वहाँ चला जाता था,वहाँ भी उसे बहुत बढ़िया ट्रीटमेंट मिलता था इसलिए उसे बड़ा मज़ा आता था,जैसे कि मैने पहले ही बताया कि कोचैंग सेंटर मे 3 पार्ट्नर थे रमन के अलावा सलीम और महेश साथ ही साथ उन लोगों ने 3-4 टूटर भी रख रखे थे जो अलग-2 सब्जेक्ट की क्लासस लिया करते थे और होम ट्यूशन के लिए भी जाया करते थे पर ये तीनो सिर्फ़ सेंटर मे ही क्लासस लिया करते थे. 

इस तरह से मनु की पढ़ाई चल रही थी,फिर 11थ के एग्ज़ॅम्स मे तो मनु ने कमाल कर दिया वो 92% मार्क्स ला कर क्लास मे फर्स्ट आ गया,इस बात से तो मनु स्कूल मे और हीरो बन गया , अब लड़कियाँ मनु को घेर कर रहने लगी और इससे वो बहुत खुश भी था,उसे पता था कि ये सब रमन की क्लासस के कारण है.

रमन की इज़्ज़त मनु के घर मे बहुत ज़्यादा हो गयी,मनु के फर्स्ट आने पर अरविंद ने रमन को एक नया लेपटॉप गिफ्ट किया जो कि वो नही ले रहा था,तब आरती ने कहा कि उसने उनके लिए इतना किया है ये तो कुछ भी नही है उसके सामने,अब आरती रमन से काफ़ी खुल चुकी थी और वो आपस मे कई बार जब मनु किसी काम की वजह से इधर-उधर होता था तो बाते करते रहते थे,और उनके बीच मे फॉरमॅलिटी ख़तम हो गयी थी,कभी-2 वो तीनों मिल कर ही नाश्ता किया करते थे,रमन को तो आरती की कंपनी मे मज़ा आता ही था अब आरती को भी रमन के साथ बहुत कॉम्फर्ट फील होता था,इस कारण वो अब रमन के सामने भी नाइटी मे ही रहने लगी थी ,पर इस-से रमन की हालत कई बार पतली हो जाती थी,क्योंकि कई बार आरती की नाइटी का गला काफ़ी गहरा होता था और वो जब बाते कर रहे होते थे तो झुकने पर उसके मोटे-2 मम्मे नाइटी से निकल कर बाहर आने को होते थे,तो रमन का बम्बू खड़ा हो जाता था और उसके लिए कंट्रोल मुश्किल होता था,


रमन अच्छी टीचिंग तो करता था ही पर साथ ही साथ मे बहुत बड़ा चोदु भी था,जो भी नयी टीचर जॉब के लिए उनके सेंटर मे आती थी वो तीनो जने उसको अपने जाल मे फसा कर उसकी चूत ज़रूर मारते थे,चाहे वो शादी शुदा हो या सिंगल इस तरह से तीनो जने सेंटर मे कई चूत मार चुके थे,और तो और अगर कोई स्टूडेंट भी उन लोगों को पसंद आ जाती थी तो ये लोग उसको भी नही छोड़ते थे,इस तरह से इनको चूत का चस्का लगा हुआ था,पर यहाँ पर कहानी दूसरी थी रमन चाह कर भी आगे नही बढ़ सकता था क्योंकि उसे पता था कि यहाँ पर उसके अलावा उसके बाप की इज़्ज़त का भी सवाल है.
फिर भी वो आरती की कंपनी का फुल मज़ा लेता था,अब तो कभी-2 वो खुद कह कर चाय बनवाता और आरती को भी जाय्न करने को कहता था,मनु को भी कभी कोई दिक्कत नही होती थी.


जब मनु के इतने बढ़िया नंबर आए तो उसके बाप ने मनु की खुशी के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी जिसमे कि अरविंद ने अपने कुछ खास दोस्त और मनु के सारे दोस्त और आरती की कुछ खास सहेलियो को बुलाया और ऑफकोर्स रमेश और रमन भी इन्वाइट थे ही,पार्टी मे आरती ने एक बहुत ही डीप गले के टॉप के साथ जीन्स पहन रखी थी जिसमे वो गज़्जब की सुंदरी लग रही थी,रमन का तो दिल कर रहा था कि उसे किसी कोने मे ले जा कर वहीं चोद दे.पर ये संभव नही था,


पार्टी मे रमन को पता चला कि आरती भी कभी-2 बियर पे लेती है और मनु भी अपने दोस्तों के साथ बियर तो पीता ही है,चोरी छुपे ड्रिंक भी कर ही लेता है,रमन के लिए ये नई जानकारी थी.वहाँ पर तो रमन ऐज आ टीचर ज़्यादा खुल नही सकता था क्योंकि उसके स्टूडेंट्स भी पार्टी मे आए हुए थे,पर पार्टी के बाद मे जब मनु ने कहा कि भैया आपने पार्टी को फुल एंजाय नही किया तो रमन ने कहा कि वो मनु को अलग से पार्टी देगा,तो मनु भी बहुत खुश हुआ.


इस बीच मनु और रमण भी काफ़ी खुल चुके थे,अब रमण कभी-2 मनु से उसकी स्कूल के किसी दोस्त के बारे मे कोई बात पूछता था तो मनु भी खुल कर बता देता था कि उसका उस लड़की से क्या चक्कर है या नही,अब कभी-2 रमन और मनु आपस मे एक दूसरे के इंटेरेस्ट भी बाँट लेते थे,इन्ही बातो के बीच मे एक दिन रमन ने मनु से पूछा कि एक लड़की प्रियंका जिसे सब प्रिया बुलाते हैं और वो मनु की क्लाष्स्मेट थी उसके बारे मे मनु का क्या ख़याल है,प्रिया भी कोचैंग के लिए रमन के सेंटर मे आती थी,तब मनु ने कहा कि वो है तो बहुत स्मार्ट पर मनु को घास नही डालती,तब रमण ने कहा कि वो कहे तो प्रिया से मनु की दोस्ती पक्की करवा सकता है,इस बात से मनु बहुत खुश हुआ और उसने रमन से कहा की वो जो पार्टी मनु को देने वाला है उसमे प्रिया को भी इन्वाइट कर ले,तो रमन ने कहा कि ठीक है वो कोशिस करेगा,वैसे तो रमन वगेरह प्रियंका को ठोक चुके थे पर रमण ने ये बात मनु को नही कही.


फिर एक दिन शनिवार को उन लोगों ने सेंटर मे मनु के लिए पार्टी रखी,पार्टी मे रमन,सलीम महेश के अलावा 2 लेडी टीचर और 2 दूसरे टीचर और मनु की खास रिकवेस्ट पर प्रिया को इन्वाइट किया था.
पार्टी मे रमन ने खाने के अलावा पीने का भी इंतज़ाम किया हुआ था,मनु ने कहा कि वो अपने कुछ दोस्तों को भी बुलाना चाहता है तो रमन ने कहा कि फिर पार्टी मे मज़ा नही आएगा क्योंकि जितना वो दोनो आपस मे खुले हुए हैं वो अपने और स्टूडेंट्स से वैसे बाते नही करता.ये बात मनु को समझ आ गयी,फिर आज उसका खास टारगेट प्रिया थी जो कि पार्टी मे आ ही रही थी,फिर रमन ने कहा कि वो चाहे तो अपनी मम्मी आरती को पार्टी मे ला सकता है,अगर उसके पिता जी को कोई एतराज़ ना हो तो,तब मनु ने कहा की वैसे तो उसके पिता जी माना ही नही करते पेर वो तो बाहर तौर पेर गये हैं ,वो अपनी मम्मी से पूछ लेगा कि वो आना चाहेनी तो आ जाएँगी,नही तो अगर रमन कहेगा तो उसकी मा पार्टी मे ज़रूर आएगी,मनु को आरती से कोई ख़तरा नही था क्योंकि वो भी जानती थी कि मनु कभी -2 ड्रिंक कर लेता है,और उसकी गर्लफ्रेंड्स भी हैं.


तब रमन ने कहा कि वो आज यानी कि फ्राइडे को ही आरती को कल के लिए इन्वाइट करेगा,शाम को जब रमन पढ़ाने के लिए मनु के घर गया तो थोड़ी ही देर बाद आरती तीनों के लिए नाश्ता ले कर आ गयी और वहीं साथ मे बैठ गयी,तब रमन ने कहा कि कल की पार्टी है तो उसे पता ही होगा जो उन लोगों ने कोचैंग सेंटर मे रखी है,आरती ने नही कहा कि हां पता है,तो रमण ने कहा कि मनु के साथ आप को भी पार्टी मे आना है,ये सुन कर आरती ने कहा कि वो उनकी पार्टी मे आ कर क्या करेगी,तो रमन ने कहा कि ऐसी कोई बात नही है पार्टी मे सेंटर का स्टाफ ही है और वो भी पार्टी को इंजोय कर लेगी वैसे भी भाई साहब तो बाहर गये हैं तो वो अकेली ही होगी घर पर तो थोड़ी देर उसको भी कंपनी हो जाएगी,रिक्वेस्ट करने पर आरती राज़ी हो गयी कि ठीक है कल की पार्टी मे वो ज़रूर आएगी.

ये सुन कर रमण की बाँछें खिल गयी.

पार्टी मे आरती क़यामत बन कर आई हुई थी आज उसने एक बहुत ही ट्रांसपेरेंट साड़ी स्लीव्लेस्स ब्लाउस के साथ पहनी हुई थी. सभी लोग आ गये और पार्टी को इंजोय करने लगे रमन ने आरती का सभी से परिचय करा दिया ,रमन के दोस्तों की नज़र तो आरती से हट ही नही रही थी क्योंकि बाकी जो भी लड़कियाँ पार्टी मे थी ,उनको वो लोग चोद ही चुके थे,आरती उनके लिए नया टारगेट थी,रमन ने पहले ही उनको समझा दिया था कि आरती के साथ कोई भी बदतमीज़ी नही करेगा नही तो वो बदतमीज़ी उनको भारी पड़ सकती है,पर आरती का रूप देख कर तो खुद रमन का मन फिसल रहा था,वो खुद आरती को इंजोय करना कह रहा था.

तब रमण ने मनु को बुलाया और प्रिया को बुला कर कहा कि यार तुम दोनो तो एक ही स्कूल मे और एक ही क्लास मे हो तो दूर-2 क्यों हो वो तो आपस मे फ्रेंड ही होंगे और अगर नही हैं तो आज से बन जाओ,फिर उसने दोनो को कहा कि एंजाय करो पार्टी को यार.दोनो ने एक दूसरे को स्माइल किया तो रमन वहाँ से चला गया.अब वो दोनो आपस मे बाते करने लगे प्रिया ने कहा कि वो मनु के बारे मे समझती थी कि मनु अपने आप को बहुत हीरो समझता है इसलिए वो उससे बात नही करती थी पर अब पता चला कि ऐसा कुछ नही है,आज से वो दोनो पक्के दोस्त हैं,मनु को जैसे मन माँगी मुराद मिल गयी,ये उसके लिए सबसे बड़ा गिफ्ट था,जो उसे मिला था.


इधर वैसे तो आरती सबसे बाते कर रही थी फिर भी कुछ खाली-2 महसूस कर रही थी,तभी अपने हाथ मे 2 ग्लास ले कर रमन आ गया और उसने एक ग्लास आरती को ऑफर किया कि भाबी जी लो आज की पार्टी की खुशी मे ,आरती ने कहा कि नही वो ड्रिंक नही करती तब रमन ने कहा कि ये बियर है,तो भी आरती ने कहा कि बाहर नही पीती ,

तब रमन ने कहा कि भाबी जी आप लगता है आप हमे अपना नही समझती जो ये कह रही हैं,इतने मे मनु और प्रिया भी वहाँ आ गये और मनु ने कहा कि मम्मी कोई बात नही यहाँ सब अपने ही हैं इसलिए थोड़ा बहुत पी लोगि तो कोई फरक नही पड़ेगा,उसके ये कहने पर आरती मान गयी,अब पार्टी अपने पूरे योवन पर थी इतने मे डॅन्स शुरू हो गया और सब डॅन्स करने लगे,रमन और उसके दोस्त तो आरती से चिपकने को तैयार थे पर अभी कोई कोशिस सारे का सारा खेल खराब कर सकती थी,इसलिए सब आराम से थिरक रहे थे,फिर डॅन्स रुकने पर सबने दूसरा राउंड बियर का शुरू कर दिया,इसके बाद तो हर कोई जो मर्ज़ी करने लगा आरती को भी इन सब के बीच मे मज़ा आने लगा.

दूसरी तरफ मनु तो प्रिया से चिपका ही जा रहा था और वो भी मनु को पूरी लिफ्ट दे रही थी,दोनो जनो ने बियर मे थोड़ी-2 सी विस्की भी डाल ली थी,इसलिए सुरूर ज़्यादा ही हो गया था,अब डॅन्स शुरू होने पर दोनो जने चिपक कर नाचने लगे और एक दूसरे के अंगो को भी महसूस करने लगे,पार्टी अपने पूरे शबाब पर थी,सब ही शराब और शबाब मे डूबे हुए थे ,सलीम और महेश तो दोनो लेडी टीचर को ले कर दूसरे कमरो मे चले गये अब वहाँ पर सिर्फ़ 6 लोग ही थे,

आरती को भी थोड़ा सा नशा हो रहा था इस बीच मे उसे संभालने के बहाने और डॅन्स के बहाने रमन ने आरती के मम्मों को दबा कर मज़ा ले ही लिया,आरती को भी रमन के मम्मे दबाने पर बहुत मज़ा आया.पर उसने ये जाहिर नही होने दिया,और आ कर एक कुर्सी पर बैठ गयी वहीं पर मनु और प्रिया भी अपनी मस्ती मे मस्त थे पर उन दोनो ने आरती के आने का कोई ध्यान नही दिया और अपनी मस्ती करते रहे तब आरती ने ही कहा कि मनु अब देर बहुत हो गयी है हमे घर चलना कहिए,तो मनु ने घड़ी मे टाइम देखा रात के 12 बजने वाले थे उसने रमन से कहा कि अब हमे घर जाना चाहिए तो रमन ने कहा कि इस टाइम उन लोगों को कोई साधन नही मिलेगा और फिर उन्होने थोड़ी पी भी रखी है इसलिए वो ही उन्हे उनके घर छोड़ देगा.

तब रमन ने अपने साथी टीचर को कहा कि वो उन तीनो जनो को घर छोड़ने जा रहा है वहीं से वो घर चला जाएगा वो सब भी यहाँ से अब घर चले जाएँ और कल दिन मे आ कर यहाँ के साफ सफाई करवा दें.

अगले दिन जब रमन मनु को पढ़ाने के लिए आया तब मनु ने पूछा कि क्या रमन ने किसी की ऐसे ली है जो कि शादी शुदा होते हुए भी उससे चुदवा चुकी हो,तो रमन ने कहा की यार शादी शुदा औरते ज़्यादा सेक्सी होती हैं क्योंकि वो सेक्स के मज़े ले चुकी होती हैं,इसलिए उनमे सेक्स की भूक भी बहुत होती है,और वो एक्षपीरियंस होने के कारण खोल कर चुदवाती हैं,ये सुन कर मनु ने पूछा कि क्या कोई औरत है रमन की नज़र मे रमन ने कहा कि अभी तो नही है,पर वो कोशिस मे है,अगर कोई मनु की नज़र मे है तो वो भी कोशिस करे.

ये सुन कर मनु ने कहा कि वो कोशिस करेगा,जब रमन उसके लिए प्रिया का जुगाड़ कर रहा है तो वो भी देखेगा,कोई उसकी मम्मी की सहेली हुई तो,तभी आरती उन लोगों के लिए नाश्ता ले कर आ गयी,आज गर्मी के कारण आरती ने बहुत पतली नाइटी पहनी हुई थी,जिसमे की काफ़ी कुछ नज़र आता था और वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी,वो भी वहीं बैठ गयी तब रमन उसकी भरपूर जवानी का रस्पान करने लगा,तभी रमन ने कहा की भाबी जी आप डॅन्स तो बहुत गज़्जब का करती हो,कल पार्टी मे तो आपने कयामत कर दी थी. ये सुन कर एक बार को तो आरती शर्मा गयी पर फिर वो बोली कि ऐसा कुछ नही है,ये तो आप मुझे सिर्फ़ चढ़ाने के लिए कह रहे हो,तब रमन ने कहा कि आप कहे तो ये बात मनु से भी पूछ सकते हैं,मनु एक बार को तो सकपका गया क्योंकि आज तक मनु ने अपनी मा को सेक्स की नज़र से नही देखा था,पर जब रमण ने ये बात कही तो उसने रमण की हां मे हां मिला दी,

ये सुन कर तो आरती और शर्मा गयी और उसके गालो पर हया की लाली फेल गयी,और उसकी साँसे तेज़-2 चलने लगी,आरती के मोटे-2 मम्मे सांसो के साथ तेज़ी से उठने बैठने लगे,वैसे भी आज आरती ने नाइटी झीनी सी पहनी हुई थी जिसमे से उसके मोटे-2 मम्मे साफ नज़र आ रहे थे,आरती का ये रूप मनु ने पहली बार देखा था,मनु ने आज रमन के कहने पर पहली बार अपनी मा को सेक्स की नज़र से देखा और रमन और मनु की सेक्स की बाते वैसे ही उसकी लुल्ली को खड़ा कर रही थी और ये सब देख और सोच कर उसकी लुल्ली पूरे शबाब पर आ कर लंड बन कर खड़ी हो गयी,ये बात रमन ने तुरंत महसूस कर ली,वो समझ गया कि आज का दाव ठीक पड़ गया है,अब आगे बढ़ा जा सकता है.


आरती ये सब सुन कर वहाँ से जल्दी से बाहर आ गयी,आरती के कमरे से बाहर जाने से मनु के लंड को थोड़ा सा सुकून मिला,तब रमण ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यार मनु मैं सच कह रहा था ना उस दिन तुम्हारी मम्मी उस साड़ी मे गज़्जब की सेक्सी लग रही थी,ये शब्द सुन कर एक बार को तो मनु को गंदा सा फील हुआ और झटका लगा ,पर तुरंत ही रमन समझ गया और उसने बात आगे संभालते हुए कहा कि यार तुम्हारी मा सच मे बहुत ही सुन्दर है,पार्टी मे सब तुम्हारी मम्मी की तारीफ ही कर रहे थे,तब मनु के चेहरे के भाव कुछ ठीक हुए,

बाकी आज रमन ने मनु के दिल मे अपनी मा के प्रति सेक्स का बीज बो ही दिया था

अब रमन और मनु आपस मे खुल कर सेक्स की बाते करने लगे थे,रमन को पता तो था ही कि मनु प्रिया को चोदना चाह रहा है,पर उसको मौका और जगह की बहुत प्राब्लम होती थी,फिर भी वो कोशिस कर ही लेता था,पर मौका नही मिल रहा था,रमन जब भी प्रिया को चोदता था तो उससे पूछ ही लेता था कि अब मनु और उसके बीच मे कैसा चल रहा है,इधर अब आरती ने घर मे अपने आप को सेक्सी रखना शुरू कर दिया था ,वो अब नये से नये आउटफिट या नाइटी जिसमे शरीर का एक-2 कटाव नज़र आता था घर मे रमन के सामने पहन-ने लगी थी.

मनु ने भी ये नोट किया कि उसकी मा कितनी सेक्सी है,अब कभी-2 जब प्रिया को चोदे कई दिन हो जाते थे तब मनु का लंड अपनी मा के सेक्सी कटाव देख कर खड़ा हो जाता था,मनु को भी अपनी मा को ताड़ने मे मज़ा आता था,पर वो इस-से ज़्यादा कोई कोशिस नही करता था.

एक दिन जब मनु को प्रिया से मिले कई दिन हो गये तब रमन ने मनु से पूछा कि आज कल प्रिया और उसका अफेर कैसा चल रहा है और वो मज़े ले रहा है ना,मनु ने बहुत ही मायूस हो कर कहा कि रमन भैया क्या बताऊ आज कल प्रिया मिलती तो है पर उसकी चूत नही मिल पा रही,वो मारने के लिए जगह ही नही मिलती क्या करू?

रमन ने कहा हां यार ये तो तुम्हारे साथ प्राब्लम है,पर इस बारे मे मे तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ,मनु ने कहा भैया आप ही कोई मदद करो ना,आपने ही तो प्रिया से मेरी फ्रेंडशिप करवाई है,अब आप ही कोई ऐसी जगह का इंतज़ाम बताओ जहा पर मैं और प्रिया मज़े कर सकें.

मनु की इस दशा पर रमन बहुत ही खुश हुआ पर अपनी खुशी को मन मे दबा कर उसने कहा कि मैं कोशिस करता हूँ किसी जगह के बारे मे,तब मनु ने कहा भैया आपको अपना वादा तो याद है ना?

रमन ने कहा ये भी कोई भूलने वाली बात है,पर ऐसा करते हैं कि कल शाम को कोई पिक्चर देखने साथ मे चलते हैं,जिस-से कि बात आगे बढ़ सके ,मनु ये सुन कर बहुत खुश हुआ,पर फिर रमन ने अपना पासा फेंका कि अगर उन दोनो के साथ रमन अकेले जाएगा तो वो ठीक नही रहेगा क्योंकि फिर वो दोनो उसकी मौजूदगी मे कुछ नही कर पाएँगे,पर प्रिया अकेले भी मनु के साथ जाने को राज़ी नही होगी,तब रमन ने कहा कि यार मनु तुम अपनी मम्मी को साथ मे क्यों नही ले लेते,इससे प्रिया को भी प्राब्लम नही होगी और मेरे को भी भाभी जी की कंपनी हो जाएगी,मनु ने कहा ये तो बहुत बढ़िया आइडिया है,मैं मम्मी से बात करता हूँ,मनु जल्दी से अपनी मम्मी के पास जाता है और उसको कल के मूवी के प्रोग्राम के बारे मे बताता है,पर आरती मूवी के लिए जाने से मना कर देती है,वो कहती है कि उसको जाना है तो वो चला जाए,पर वो नही जाना चाहती.


तब मनु रमन को जा कर ये बात बताता है और कहता है कि अगर वो जा कर उसकी मम्मी से चलने को कहेगा तो मम्मी चल सकती हैं,रमन कहता है कि वो कोशिस करेगा,इतने मे ही आरती उनके लिए नाश्ता ले कर आ जाती है और रख कर जाने लगती है,रमन कहता है कि क्या उससे कोई ग़लती हो गयी जिसकी वजह से आजकल आरती उनके पास बैठती भी नही,आरती कहती है ऐसी तो कोई बात नही है,फिर रमन कहता है तो फिर आप भी हमारे साथ बैठिए,आरती कहती है कि वो तो ये सोच कर नही रुकती थी कि उसके होने से उनको पढ़ाई मे डिसटरबन्स फील होती होगी,रमन कहता है कि भाभी जी आप ने ये क्या बात कह दी? अरे आप जहाँ पर भी होंगी वहाँ तो हर चीज़ बढ़िया ही होगी ना,फिर वो मनु से कहता है कि क्या उसको कोई प्राब्लम है अगर उसकी मम्मी यहाँ बैठे तो,मनु कहता है सर ऐसा हो ही नही सकता कि उसको मम्मी के पढ़ने से कोई प्राब्लम हो.

इन सब बातों के बीच मे आरती वहीं बैठ जाती है,आज आरती ने एक बढ़िया सा सूट डाला हुआ था जिसमे कि वो गुलाब के फूल की तरह से लग रही थी,फिर बातो का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए रमन ने कहा कि भाभी जी आपने कल की पिक्चर के लिए मना क्यों कर दिया,तब आरती ने कहा कि वो इस उमर मे उनके साथ चल कर क्या करेगी.

तो फिर रमन ने कहा कि क्या भाभी जी अभी आप की उमर ही क्या है,आप तो बहाने बना रही हो आप को देख कर कोई कह सकता है कि आप एक 18 साल के बच्चे की माँ हो,आप तो अभी बिल्कुल जवान हो,अगर आप को हमारे साथ चलने मे इसके अलावा कोई एतराज़ है तो वो बताओ,अरे आप साथ चलोगे तो मुझे ही कंपनी हो जाएगी ,कोई समझेगा कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को मूवी दिखाने लाया हूँ,आरती के गालो पर ये सुन कर लाली आ गयी और मन ही मन बहुत खुशी महसूस हुई,पर ऊपरी तौर पर उसने कहा कि आप तो मेरी खिंचाई कर रहे हो,रमन ने कहा कि ऐसी कोई बात नही है,मनु ने भी कहा चलो ना मम्मी अब तो सर भी कह रहे हैं,तो फिर आरती कल पिक्चर के लिए चलने को मान गयी.

अगले दिन पिक्चर देखने का प्रोग्राम प्रिया के साथ भी पक्का कर लिया गया.


                    ( Maa ki masti ) 


अगले दिन सुबह से ही आरती बहुत एक्शाइटेड थी ,उसके कानों मे बार-2 रमण की कही हुई बाते गूँज रही थी,और वो बार-2 मुस्करा रही थी,पर दिल मे थोड़ा सा डर भी था मनु को ले कर,पर मनु ने तो खुद ही मूवी के लिए चलने को कहा था,इसलिए कोई खास मुश्किल नही थी,रात को ही आरती ने अरविंद को बता दिया था कि कल वो और मनु मूवी देखने जाएँगे उसने कहीं भी अरविंद से रमन का जिकर नही किया था,उसने सोचा कि अगर बात आएगी तो वो कह देगी कि घर से तो वो ही गये थे रास्ते मे वो दोनो भी मिल गये थे.

इधर आज मनु सोच रहा था कि कई दिन के बाद प्रिया का इतना साथ मिल पाएगा और फिर रमन भैया ने कहा ही है कि वो बात को आगे बढ़ाएँगे,तो वो भी खुश था.आरती ने मनु से पूछा कि वो उनके साथ चलने मे ऑड ना लगे तो उसको क्या पहन-ना चाहिए तब मनु ने कहा कि वैसे तो मम्मी तुम कुछ भी पहनती हो आपको बहुत सूट करता है पर आज के दिन तो कोई जीन्स और टॉप ही पहनो,जिससे कि ऐसा सच मे लगे कि आप रमन भैया की गर्लफ्रेंड हो.आरती ने सुन कर मनु से कहा कि मनु मज़ाक मत करो,तो मनु ने कहा कि इसमे हर्ज़ ही क्या है मैं आपनी गर्लफ्रेंड प्रिया और आप आपने बाय्फ्रेंड रमन के साथ मूवी देखने जा रहे हैं.ये तो बहुत बढ़िया है.

आरती ने मनु के कहे अनुसार एक जीन्स और उसपेर एक नया टाइट टॉप पहन लिया,शाम को रमन का फोन आया कि वो लोग कब पहुँच रहे हैं तो मनु ने कहा कि वो तैयार हैं वो टाइम पर आ जाएँगे,तो रमन ने कहा कि वो उन लोगो को पिकप करने आ रहा है वो तैयार रहें क्योंकि उनको पिकप करके वो प्रिया को भी लेगा तब सब चलेंगे,मनु ने कहा ठीक है.

रमन अपनी कार ले कर मनु के घर आ गया,आरती जब घर से बाहर मनु के साथ आई तो एक बार तो रमन के होश उड़ गये आरती जीन्स और टॉप मे क़यामत बनी हुई थी और टॉप उसके जिस्म से ऐसे चिपक रहा था कि उसकी गोलाईयों का साइज़ पूरे का पूरा नज़र आ रहा था,रमन ने आते ही कहा कि क्या आज आपका कहीं बिजली गिराने का इरादा है,रमन आजकल मनु के सामने ही मनु की मा से फ्लर्ट करने लगा था,

इस-से आरती को कई बार तो अज़ीब सा लगता था पर जब मनु को कोई एतराज़ नही था तो फिर वो भी कुछ ज़्यादा नही बोलती थी,आरती और मनु बाहर आए तो रमन ने आगे बढ़ कर आगे का कार का दरवाज़ा खोल तो आरती पीछे बैठने लगी,रमन ने कहा भाभी जी ये ग़लत बात है,जब आप मेरे साथ हो तो मेरे साथ ही आगे बैठो ना,मनु ने कहा कि ये भी ठीक है,इस तरह से आरती और रमन आगे और मनु पीछे बैठ गये,फिर उन लोगों ने प्रिया को लिया और पिक्चर हॉल पर आ गये,यहाँ पर टिकेट रमन ने पहले ही ले रखी थी तो वो सब अंदर चले गये और जा कर सीट्स पर बैठ गये तब वहाँ पर पहले मनु फिर प्रिया फिर आरती और लास्ट मे रमन इस तरह से बैठ गये.


पिक्चर शुरू होने पर हॉल मे अंधेरा हो गया,रमन मनु और प्रिया का तो मूवी मे कोई इंटेरेस्ट था ही नही वो तो सिर्फ़ मज़े लेने आए थे,इसलिए अंधेरा होते ही मनु और प्रिया ने तो चूमा चामि शुरू कर दी,पर इस-से आरती को बहुत दिक्कत लग रही थी तब रमन ने कहा कि भाभी जी क्या बात है आप पिक्चर नही देख रही क्या कोई प्राब्लम है ,फिर आरती ने कहा कि ऐसा है कि आगे भी सीट खाली हैं वहाँ चलते हैं,रमन तो चाहता ही यही था,वो आरती के साथ आगे की सीट्स पर आ गया,कुछ देर मे ही वो दोनो मूवी देखने लगे,तब हिम्मत करके रमन ने अपना हाथ आरती के हाथ पर रख दिया,पहले तो आरती ने सोचा कि शायद ग़लती से रख गया है,पर जब रमन अपने हाथ से आरती के हाथ को दबाने लगा तो उसने रमन की तरफ देखा,रमन ने भी आरती की तरफ देखा,आरती ने रमन से कहा कि ये आप क्या कर रहे हो,

रमण ने हिम्मत करके कहा कि अपनी गर्लफ्रेंड का हाथ अपने हाथ मे ले रहा हूँ,आरती ने कहा कि ऐसे मत करो,मनु देख लेगा रमन ने कहा कि वो नही देखे गा वो तो प्रिया के साथ बिजी है,और जब वो दोनो बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड हैं तो हाथ तो हाथ मे रख ही सकते हैं,ये सुन कर आरती ने अपने आप को ढीला छोड़ दिया,रमन ने सोच चलो आज एक और टारगेट अचिव हो गया,मनु के बाद अब आरती भी कुछ-2 चेंज हो रही है.


उस दिन के वाक़ये से मनु और प्रिया मे अंडरस्टॅंडिंग बढ़ ही गयी,और रमण भी आरती के करीब आ रहा था,अब मनु बहुत खुस था और वो रमण का बहुत अहसानमंद था,ये बात अगले दिन जब रमण ट्यूशन के लिए उसके घर आया तो उसने रमण को कही,रमण ने कहा कि दोस्ती मे ऐसा कुछ नही होता वो तो उसके लिए जो भी कर सकता है किया.

मनु ने कहा कि भैया पेर आप ने मुझे जो मौका दिया वो फिर कब मिलेगा,रमण ने कहा कि मेरे भाई ज़्यादा जल्दी मत करो,जो तुम कहते हो वो भी मिल जाएगा,बस थोड़ा सा तसल्ली करो,ज़्यादा जल्दी मे काम खराब ही होता है.

फिर वो पढ़ाई मे लग गये,इतने मे आरती कमरे मे आई,आज आरती घर के कॅषुयल कपड़ों मे ही थी,कल के वाक़ए के बाद वो रमण को कोई मौका नही देना कहती थी,इसलिए उसने नाश्ता रखा और चली गयी,पर रमण जब तक वो आँखों से ओझल नही हो गयी रमण आरती को ही देखता रहा.

रमण ने मनु से पूछा कि क्या उसकी मम्मी कुछ नाराज़ है क्या जो बिना कुछ बोले ही चली गयी,मनु ने कहा कि ऐसी तो कोई बात नही है,मम्मी तो मूवी से आने के बाद बहुत ही खुस थी,तो रमण ने कहा फिर आज क्या हुआ,मनु ने कहा कि मैं बाद मे मम्मी से पूछूँगा.

इसके बाद लाइफ रूटिन से चल रही थी,अब आरती रमण के आइ कॉंटॅक्ट से बचने की कोशिस करती थी.पर रमण अपना सारे का सारा कनसेन्रेशन आरती पर ही रखे हुए था,इसलिए वो कोशिस करता था कि कैसे आरती की कंपनी ज़्यादा से ज़्यादा एंजाय की जाए,पर अरविंद के डर की वजह से ज़्यादा कुछ नही कर सकता था.

इस बीच मनु का जनमदिन नज़दीक आ गया ,मनु ने रमण को उसका वादा याद दिलाया,रमण ने कहा कि तुम चिंता मत करो मुझे अपना वादा अच्छी तरह से याद है,तुम तो पार्टी की तैयारी करो,फिर क्या था वैसे भी ये मनु का 18अर्रहवाँ जनमदिन था इसलिए उसके पापा ने पार्टी तो देनी ही थी.



                 ( Maa ki masti ). ( Part 2 )

फिर वो दिन भी आ गया,जिसका मनु को इतना इंतेज़ार था,आज के दिन उसने अपने सभी दोस्तों को पार्टी मे इन्वाइट किया हुआ था,और वो बहुत खुस था,सबसे पहले सुबह-2 आरती ने आ कर मनु को जनमदिन विश किया फिर तो जैसे कि फोन बंद ही नही हुआ.

रात को पार्टी मे मनु बहुत ही जॅंच रहा था,आज आरती ने भी एक बहुत ही सेक्सी गाउन पहना हुआ था,जो कि बॅकलेस था और जिसमे आरती का जिस्म सोने की तरह से चमक रहा था,सभी की नज़रे आरती पर ही अटक रही थी,एक बार तो मनु भी अपनी मा को देखता ही रह गया,और ये भूल गया कि आरती उसकी मम्मी है,उसका लंड आरती को इस रूप मे देख कर बिल्कुल तन गया था.

फिर जब सब लोग आ गये तो केक काटा गया,केक काट कर मनु ने सबसे पहले आपनी सेक्सी मा को खिलाया फिर बाकी सब के साथ शेअर किया,जब केक कट गया तो सबसे पहले अरविंद ने सबको शांत रहने को कहा और फिर अपनी जेब से एक छोटा सा गिफ्ट पॅक निकाल कर मनु को दिया,और उस-से कहा कि वो अपने पापा के गिफ्ट को खोल कर देखे सभी लोग उत्सुकता के साथ मनु के हाथ की तरफ देखने लगे.जब मनु ने गिफ्ट रॅप खोला तो अंदर से एक छोटी सी डिब्बी निकली,सबने सोचा कि कोई ब्रसलेट वगेरह होगा ,पर जब वो डिबी खुली तो अंदर से एक केयरिंग निकला,जिसमे कि मनु की नई बाइक की चाबी थी,मनु तो मारे ख़ुसी के उछल पड़ा,उसके पापा ने उसको कोई भी हिंट नही दिया था कि वो मनु को बर्तडे पर उसकी मनपसंद बाइक देने वाले हैं,मनु जल्दी से घर के बाहर आया तो बिल्कुल गेट के सामने नयी यामेहा के लेटेस्ट मॉडेल की बाइक खड़ी थी,मनु की आँखे फटी की फटी रह गयी,जब उसको उसके दोस्तों ने गिफ्ट के लिए कंग्रेजुलेट किया तो उसे होश आया,वो दौड़ के अंदर गया और अपने पापा से चिपक गया.



Maa ki masti



आज के दिन मनु के लिए ख़ुसीयो की कोई इंतेहा ही नही थी,फिर वो पापा से अलग हो कर अपनी मम्मी के पास गया और अपनी मा को अपने गले से लगा लिया,आरती के मोटे-2 मम्मे मनु की छाती मे रगड़ खाने लगे,ये मनु को भी महसूस हुआ कि उसकी छाती मे कुछ गरम चीज़ लग रही है,फिर वो अपनी मा से अलग हुआ.

इसके बाद वो सभी लोग पार्टी एंजाय करने लगे,जब मनु रमण से मिला तो उसने रमण से पूछा कि उसके गिफ्ट का क्या हुआ,रमण ने कहा कि मेरे भाई कुछ इंतेज़ार करो यहाँ पर वो गिफ्ट नही दिया जा सकता,तुम एक दो दिन इंतेज़ार करो,पार्टी मे सभी मस्त थे मनु और उसके दोस्तों ने बहुत एंजाय किया प्रिया भी पार्टी मे बहुत सेक्सी बन कर आई हुई थी मनु ने प्रिया के साथ खूब मस्ती और डॅन्स किया,फिर पार्टी ख़तम होने पर सभी अपने-2 घर चले गये.
अगले दिन जब रमण मनु के घर आया तो मनु और रमण मनु के कमरे मे आ गये,फिर कल की पार्टी की बाते होने लगी,रमण ने कहा कि मनु तुम्हारी किस्मत का तो जवाब नही ,कल तुम्हारे पापा ने तुम्हे इतना शानदार गिफ्ट दिया है,मनु ने कहा रमण भैया वो तो ठीक है पर इस गिफ्ट का फ़ायदा तो तब है ना जब मेरी कोई गर्लफ्रेंड मेरे साथ बाइक हो,नही तो क्या फायेदा.रमण ने कहा यार तुम बहुत जल्दिबाजी करते हो मैने तुम्हे कहा तो है कि ऐसा ही होगा.तुम मुझ पर विश्वास करो.

फिर बात कल पार्टी मे आए हुए लोगों के बारे मे होने लगी,तो रमण ने कहा कि कल पार्टी मे तुम्हारी गर्लफ्रेंड प्रिया तो बहुत सेक्सी लग रही थी,पूरी पार्टी की नज़र उसपेर ही अटकी थी,या फिर वो कुछ ठहर कर बोला ,कि तुम्हारी मम्मी भी कल की पार्टी मे गजब ढा रही थी,उनकी ड्रेस तो इतनी शानदार थी कि उसपेर से नज़र ही नही हट-ती थी,मनु भी रमण की इस बात से सहमत था,पर अपनी मा के बारे मे ऐसे खुले विचार व्यक्त करने मे उसको शरम आ रही थी,पर ये सच था कि उस दिन उसकी मा उसको भी गजब की सेक्सी लग रही थी,ये बात रमण भी भाँप गया और उसने कहा कि यार तुम्हारी मम्मी की ड्रेस सेन्स कमाल की है,ये तो मानते हो ना,मनु ने कहा कि हां वो जो गाउन मम्मी ने पहना था वो मम्मी पर बहुत ही जॅंच रहा था,तब रमण ने आगे कहा कि तुम्हारी मम्मी तो प्रिया से भी सुंदर लग रही थी,मनु ने कहा हां उस दिन मम्मी उस ड्रेस मे गजब की हसीन लग रही थी,रमण ने देखा कि अब मनु लाइन पर आ रहा है,तब रमण ने कहा कि प्रिया भी शॉर्ट स्कर्ट मे बहुत सेक्सी लग रही थी,अब तुम बताओ कि उस दिन तुम्हारी मम्मी और प्रिया मे कौन ज़्यादा सुंदर और सेक्सी लग रहा था?

अब मनु सोच मे पड़ गया कि क्या जवाब दे उसका दिल तो कह रहा था कि कह दे प्रिया मेरी मा के सामने कुछ भी नही लग रही थी,और मेरी मा तो गजब की सेक्सी लग रही थी,पर वो जवाब नही दे पा रहा था.

तब रमण ने ही कहा कि मनु अगर तुम बुरा ना मानो तो जो मेरे को लगा वो मे बोलता हूँ,तुम्हारी बर्तडे पार्टी मे तुम्हारी मम्मी ही सबसे ज़्यादा सुंदर और सेक्सी लग रही थी,अब मनु ने भी सोचा कि इसमे क्या शरमाना जब रमण ने सच्चाई कह ही दी है तो फिर उसने भी कहा हां भैया आप सच कह रहे हो.

इतने मे आरती नाश्ते के साथ आ गयी,आरती वहाँ पर ही बैठ गयी,फिर रमण ने कल की पार्टी का टॉपिक छेड़ दिया ,वो बोला भाभी जी मुझे तो पता ही नही था कि आप इतनी ज़्यादा सुंदर हो कल वाली ड्रेस मे तो आप बिल्कुल हूर की परी लग रही थी.आरती ने कहा क्या आप भी जब देखो मेरी झूठी तारीफ ही करते रहते हो,जबकि मन ही मन वो बहुत खुस हो रही थी.रमण ये बात ताड़ गया,उसने कहा नही भाभी जी आप को मे सच कह रहा हूँ,बल्कि अभी मैं और मनु ये ही बात कर रहे थे कि उस दिन पार्टी मे सबसे सुंदर कौन लग रहा था,तो हम दोनो का ही ये मान-ना था कि उस दिन की पार्टी की जान आप ही थी.मनु ने कहा हां मम्मी रमण भैया सही कह रहे हैं,आप की ड्रेस का तो जवाब ही नही था,रमण ने कहा कि आप को मेरी बात ग़लत लगती है तो मैं उस पार्टी मे अपने मोबाइल से खींची हुई फोटो भी दिखा सकता हूँ,तब आरती ने कहा कि अच्छा चलो दिखाओ.


Maa ki masti



रमण ने पार्टी मे आरती की बहुत सारी फोटो खींची थी,पर उन मे से सबसे ज़्यादा सुंदर और सेक्सी लगने वाली फोटो एक अलग फोल्डर मे डाल ली थी,उस ने अपना मोबाइल निकाला और वो फोल्डर खोल कर आरती के हाथ मे दे दिया,तब मनु ने कहा कि रमण भैया मुझे भी फोटो देखनी हैं ,मुझे भी दिखाओ ना तब रमण ने कहा तुम अपनी मम्मी के साथ ही देख लो ना,आरती ने कहा कि बेटा तुम भी आ जाओ दोनो देख लेते हैं,मनु ने कहा कि ठीक है.

आरती ने जब पहली ही फोटो देखी तो वो खुस हो गयी उस फोटो मे वो गजब की सुंदर लग रही थी,फिर उस ने जल्दी से आगे की फोटो देखनी शुरू की जैसे-2 वो आगे बढ़ रही थी फोटो मे वो और सेक्सी लग रही थी,ऐसे लगता था कि रमण ने सारी पार्टी मे सिर्फ़ उसकी ही फोटो खींची हैं वहाँ पर उसकी हर ऐंगल से खींची हुई फोटो थी,किसी-2 फोटो को तो इस ऐंगल से खींचा गया था कि गाउन मे से क्लीवेज़ के साथ-2 मम्मों का भी बहुत सा भाग नज़र आ रहा था,मनु अपनी मम्मी को इस रूप में देख कर गरम होने लगा.मनु ने अपनी मम्मी से कहा कि मुझे नही पता था मम्मी की आप इतनी सुंदर हो,ये तो रमण भैया की खींची हुई फोटोज से पता चला कि आप इतनी सुंदर और सेक्सी भी हो.

आरती के गाल शरम के मारे लाल हो गये,उसने कहा कि रमण क्या पूरी पार्टी मे तुम मेरी ही फोटोज खींच रहे थे,यहाँ और किसी की भी फोटो नही है,तब रमण ने कहा कि वो कोई फोटोग्राफर का काम कोई नही कर रहा था,उसको तो जो सबसे अच्छा लगा वो उसी की फोटो खींच रहा था.

ये सुन कर आरती और लाल हो गयी,तब रमण ने गरम लोहे पर चोट करते हुए कहा कि मुझे नही पता था कि आप आजकल की मॉर्डन ड्रेस मे इतनी सेक्सी लगती हो,मनु ने भी कहा हा मम्मी आगे से आप ऐसी ही ड्रेसस खरीदा करो,आरती ने कहा कि वो तो हर तरह की ड्रेस पहनती है,अगर तुम लोगों को ये अच्छी लगी तो आगे से कोशिस करेगी कि मॉर्डन ड्रेसस ही खरीदे.

आरती अब खुलती जा रही थी,पहले उसको लगा कि मनु उसके बारे मे क्या सोचेगा ,पर जब मनु ही ये कह रहा है तो फिर कोई बात ही नही है,हर औरत अपने आप को सेक्सी और सुंदर ही दिखाना कहती है,और वो कहती है कि सामने वाला उसको देखे और उसकी तारीफ करे,पर बोलने मे शरमाती है,रमण ये बात अच्छी तरह से जानता था,इसलिए वो आरती की खुल कर तारीफ कर रहा था आरती को भी अपनी तारीफ सुनने मे मज़ा आ रहा था 

रमण ने कहा भाभी जी आप को तो मॉडलिंग करनी चाहिए इतनी सेक्सी फिगर होने के बावजूद आप ऐसे क्यूँ रहती हैं आरती ने कहा कि बस भी करो आप तो मेरे ही पीछे पड़ गये हो ,मनु को भी इन बातो मे मज़ा आ रहा था ,वैसे भी अपनी मा की इतनी सेक्सी फोटोज देख कर उसका लंड खड़ा हो चुका था,इसलिए उसको इस तरह से रमण का अपनी मा से बात करने मे बड़ा ही मज़ा आ रहा था,और इन बातो से उसके लंड का तनाव बढ़ता जा रहा था

रमण ने मौका अच्छा समझ कर कहा कि इस सॅटर्डे को वो भी मनु के जनमदिन की ख़ुसी मे अपने कोचैंग सेंटर मे एक पार्टी रख रहा है,उस पार्टी मे आपने ज़रूर आना है,साथ मे अरविंद जी को भी लाना है,जबकि रमण को पहले से ही पता था कि उस दिन अरविंद सहर मे नही है,पर ये बात उसने जान कर कही थी,तब आरती ने कहा कि उस दिन तो अरविंद यहाँ नही होगा इसलिए उन लोगों का आना मुश्किल है,पर मनु ज़रूर आ जाएगा,तब रमण ने कहा कि भाभी जी अगर अरविंद जी नही हैं तो आप तो हैं आप ही मनु के साथ आ जाना

आरती ने कहा कि नही ऐसे अच्छा नही लगता,तब मनु ने कहा कि मम्मी आप को चलने मे क्या प्राब्लम है पापा से मे इजाज़त ले लूँगा,इस बात पर आरती ने कहा कि फिर वो चल चलेगी.

रात को जब वो सब खाना खा रहे थे तब मनु ने अरविंद से कहा कि पापा रमण भैया मेरे जनमदिन की ख़ुसी मे सॅटर्डे को अपने कोचैंग सेंटर मे एक पार्टी रख रहे हैं और इस पार्टी मे आपको और मम्मी को भी इन्वाइट किया है.अरविंद ने कहा कि बेटे मे तो फ्राइडे को ही काम से बाहर जा रहा हूँ,इसलिए मे तो आ नही पाउन्गा पर तुम लोग ज़रूर चले जाना.मनु खुस हो गया वो जो चाहता था वैसे ही हुआ था.


Maa ki masti 


सॅटर्डे की सुबह मनु को रमण ने एक पॅकेट दिया और कहा कि इसमे उसकी मा के लिए एक गिफ्ट है,मनु ने पूछा कि इसमे है क्या,तब रमण ने कहा कि आज के फंक्षन के लिए एक ड्रेस है,अपनी मम्मी से कहना कि आज रात को ये ही पहन कर आएँगी

मनु अंदर गया और जा कर अपनी मम्मी को रमण का दिया हुआ पॅकेट दिया,तब आरती ने पूछा कि ये क्या है,तब मनु ने कहा कि आप ही देख लो रमण भैया ने आप के लिए दिया है,इतने मे रमण का फोन आरती के मोबाइल पर आ गया,रमण ने पूछा कि गिफ्ट कैसा लगा,तब आरती ने कहा कि अभी उसने खोल कर नही देखा है,तब रमण ने कहा कि आप खोल कर देखो,मे होल्ड करता हूँ,जब आरती ने पॅकेट खोला तो उसमे एक बहुत ही सुन्दर स्कर्ट और साथ मे मॅचिंग टॉप था

आरती ने कहा कि इसका क्या मतलब है,तब रमण ने कहा कि उस दिन आपने ही तो कहा था कि आप भी नये-2 प्रकार की मॉर्डन ड्रेस पहनना कहती हैं,तो मैने सोचा कि आज की पार्टी मे अगर आप ये पहनेंगी तो बहुत सुन्दर लगेंगी,आरती ने कहा वो तो ठीक है पर ये ड्रेस तो बहुत ही ज़्यादा अल्ट्रा मॉर्डन लग रही है और फिर मनु भी साथ होगा तो उसको भी अजीब लगेगा,तब रमण ने कहा कि ऐसा कुछ नही है,वो भी अपनी मा को सुंदर और सेक्सी रूप मे देखना चाहता है,उस दिन मनु खुद ही तो कह रहा था,इसलिए उसको कोई फिकर करने की ज़रूरत नही है

आरती तो दिल से चाहती ही थी कि वो ये ड्रेस पहने,पर मनु के कारण थोड़ा सा शर्मा रही थी,पर जब रमण ने कन्विन्स किया तो वो मान गयी.

शाम को आरती पार्टी के लिए जब तैयार हुई तो वो जब ब्रा के ऊपर टॉप पहन-ने लगी तो टॉप ब्रा पर सूट नही कर रहा था,उस टॉप मे ब्रा पहन-ने की कोई गुंजाइश नही थी,अब आरती ने सोचा कि क्या किया जाए,पर जब कुछ नही सूझा तब उसने सोचा कि कोई बात नही है,और अपनी ब्रा हटा कर सिर्फ़ टॉप पहन लिया,टॉप स्लीव्लेस्स और सिर्फ़ मम्मों से शुरू होने वाला था फिर उसने स्कर्ट पहन कर जब अपने आप को शीशे मे देखा तो वो एक बार तो खुद को भी नही पहचान पाई.कि ये वो है या कोई और है.वो उन कपड़ों मे गजब की सेक्सी और कम उमर की लग रही थी.

इतने मे बाहर से मनु ने अपनी मा को आवाज़ दी कि मम्मी जल्दी करो चलना नही है क्या,तब आरती थोड़ा सा झिझकति हुई कमरे से बाहर आई,बाहर निकलते ही जैसे ही मनु की नज़र अपनी मम्मी पर पड़ी,तो उसकी तो आँखें फटी की फटी रह गयी,आज तो उसकी मा गजब का सेक्सी माल लग रही थी,उसका लंड अपनी मा को इस रूप मे देखते ही खड़ा हो गया,वैसे भी आज मनु को पहली बार चूत चोदने को मिलने वाली थी ,इस ख़याल से ही उसका लंड बैठ नही रहा था,ऊपेर से उसकी मा को इस रूप मे देख कर तो वो पॅंट फाड़ कर बाहर आने को तैय्यार था,अगर आरती उसकी मा नही होती और आज मनु को प्रिया की चूत ना मिलने वाली होती तो वो आज जरुुर् अपनी मा आरती को चोद ही डालता.

जब आरती ने देखा कि मनु आँखें पड़े उसको देखता ही जा रहा है,तो वो और ज़्यादा शर्मा गयी,और उसके चेहरे पर हया की लाली आ गयी.

फिर उसने मनु को कहा कि मनु ऐसे क्या देखे जा रहे हो,क्या तुम्हे ये ड्रेसस्स अच्छी नही लग रही.
तब मनु ने कहा कि मम्मी मुझे तो आज आपकी तारीफ करने के लिए शब्द ही नही मिल रहे,मे सोच रहा हूँ कि आज तक आपने अपना ये रूप कहाँ छुपा रखा था.

मनु की ये बात सुन कर आरती और शर्मा गयी और बोली कि अगर तुम ऐसा बोलॉगे तो मे अपनी ड्रेस चेंज कर लूँगी.

मनु ने जल्दी से कहा कि मम्मी प्लीज़ ऐसा मत करना,आज इस ड्रेस मे आप बहुत ही शानदार लग रही हो,बल्कि सच-2 बोलूं तो बहुत ही सेक्सी लग रही हो,आप की उमर भी बहुत कम लग रही है इसलिए प्लीज़ ऐसा गजब मत करना,आज की पार्टी मे सब सिर्फ़ आपको ही देखेंगे,और आज की पार्टी की जान आप ही होगी


Maa ki masti



इन सब बातो से आरती को अजीब सा तो लग रहा था पर मज़ा भी आ रहा था,आज उसका बेटा ही उसको सेक्सी बता रहा है ,ये सोच कर वो मन ही मन बहुत खुस हो रही थी.

फिर मनु ने कहा कि मम्मी आज हम दोनो मेरी नयी मोटरसाइकल पर चलते हैं.

आरती ने कहा नही बेटे हम लोग ऑटो से चल चलेंगे.

मनु ने कहा कि नही आज जब मेरे जनमदिन की पार्टी है तो मे आपने जनमदिन के तोहफे पर क्यों ना जाउ
.
आरती बोली वो तो ठीक है पर इस ड्रेस मे मुझे तुम्हारे साथ बाइक पर बैठने मे बहुत दिक्कत होगी.

मनु बोला मा ऐसा कुछ नही है आप बैठो तो सही कोई प्राब्लम नही होगी.

फिर मनु ने बाइक निकली,और आरती मनु के पीछे बाइक पर बैठी,पर बाइक की सीट स्लॅंट होने की वजह से वो आगे हो गयी और ग्रिप नही बन पाई,तब मनु ने कहा कि मम्मी आप मेरे साथ होकर मुझे कस कर पकड़ लो फिर कोई डर नही लगेगा,आरती ने ऐसे ही किया,पर इस-से उसको मनु को कस कर पकड़ने से उसके शरीर का काफ़ी वजन मनु पर आ गया,और मनु को शरीर मे गर्मी महसूस होने लगी,फिर मनु ने बाइक स्टार्ट की और वो लोग रमण के कोचैंग सेंटर पर आ गये.

वहाँ पर रमण उन लोगों का ही वेट कर रहा था,जब उसने आरती को मनु के पीछे इस पोज मे देखा तब उसका लंड एकदम से तन-तनाने लगा.

आरती जैसे ही बाइक से उतर कर खड़ी हुई रमण तो उसको देखता ही रह गया,तब मनु ने कहा कि रमण भैया मेरी मा को ऐसे मत देखो,तब रमण की तंद्रा भंग हुई.

रमण ने कहा भाभी जी आप तो आजकल जब भी मिलती हैं आपकी उमर और कम से कम होती जा रही है,

आरती ने कहा हटो भी आप सब लोग मिल कर मुझे ऐसे ही चढ़ाते रहते हो,वहाँ मनु भी यही कह रहा था,अब आप भी.

रमण ने कहा तो इसमे ग़लत क्या है,आप लग ही ऐसी रही हो कि आप पर से नज़र ही नही हट रही ये ड्रेस तो जैसे आप ही के नाप से आप ही के लिए बनी है,ऐसा लग रहा है.

आरती बोली तो इसमे मे क्या करूँ आप ने तोहफा भेजा था और कहा था तो फिर पहन कर तो आना ही था.

रमण ने मन ही मन सोचा अच्छा ऐसा है तो मैने ग़लती कर दी मुझे इसको नंगा आने के लिए कहना चाहिए था.

पर बाहर से रमण ने कहा कि माइ प्लेषर,जो आप ने मेरी बात का मान रखा और मेरे तोहफे को इतना महत्व दिया.कि वो आपके जिस्म पर आ सके.

फिर वो लोग अंदर आ गये,जहाँ काफ़ी लोग आ चुके थे,सब मनु और उसकी मम्मी का इंतेज़ार कर रहे थे.
सभी की नज़रे एक बार तो आरती पर ही अटक रही थी,फिर सब ने मनु को विश किया.


इतने मे प्रिया भी वहाँ आ गयी और उसने आगे बढ़ कर मनु को हग कर लिया और उसको फिर से बर्तडे विश किया,प्रिया आज की ड्रेस मे बॉम्ब लग रही थी,आज की रात वो किसी अप्सरा की तरह से सज और संवर कर आई थी.


Maa ki masti


मनु तो भौचक्का रह गया प्रिया को देख कर,आज उसकी लाइफ मे क्या हो रहा था वो समझ नही पा रहा था,एक तरफ तो उसकी खुद की मम्मी आइटम बनी हुई थी दूसरी तरफ प्रिया आइटम बॉम्ब बनी हुई थी,ये बर्तडे उसको ता जिंदगी याद रहने वाला था.

फिर पार्टी की शुरुआत करते हुए रमण ने कहा कि अब सबसे पहले मनु केक काटेगा,फिर पार्टी आगे बढ़ेगी.

मनु ने केक काटा और सबसे पहले अपनी मम्मी फिर प्रिया और फिर रमण को खिलाया,फिर प्रिया ने भी केक का एक टुकड़ा मनु को खिलाया और हाथ मे लगी हुई क्रीम को मनु के चेहरे पर लगा दिया.

पार्टी शुरू हो चुकी थी सब अपनी-2 मस्ती मे लग गये ड्रिंक्स और स्नॅक्स का दौर शुरू हो गया म्यूज़िक भी बजने लगा.
मनु ने रमण को एक साइड मे ले जा कर पूछा कि आगे क्या करना है,रमण ने कहा कि बस अब थोड़ा-2 खा पी लो फिर तुम अपना गिफ्ट खोल लेना,और एक आँख दबा कर बोला कि पीछे किसी भी कमरे मे प्रिया को ले जाना और मज़े करना.


मनु की तो ये सुन कर बाँछें खिल गयी,वो जल्दी से प्रिया के पास चला गया,और फिर वो दोनो बाते करने लगे,फिर मनु ने प्रिया को एक ड्रिंक ऑफर की जो उसने ले ली,अब दोनो मज़े से सीप करने लगे,बीच-2 मे मनु प्रिया पर हाथ भी फेर रहा था,प्रिया को रमण ने पहले से ही अपने साथ शामिल कर रखा था और कह रखा था कि आज की रात को वो मनु को अपनी चूत का मज़ा दे दे.

जिस-से कि उसके लिए भी थोड़ा सा आगे बढ़ना आसान हो जाए और मनु अपनी मम्मी की लेने मे रमण की मदद कर दे.
इस सब के बीच रमण आरती से चिपका हुआ था,और उसके साथ ही उसको ड्रिंक्स मे कंपनी दे रहा था,उसने आरती की बियर मे थोड़ी सी विस्की उस दिन की तरह से मिला दी थी,जिस-से की आरती को जल्दी ही सुरूर आने लगा था.

इतने मे वहाँ म्यूज़िक पर डॅन्स शुरू हो गया और मनु प्रिया को ले कर डॅन्स करने लगा,रमण ने भी आरती को डॅन्स करने को कहा ,थोड़ी झिझक के बाद वो भी रमण के साथ डॅन्स करने लगी,डॅन्स करते-2 मनु प्रिया के अंग-2 से मज़े लेने लगा और वो भी मनु को अपने जिस्म के पूरे मज़े दे रही थी.

कुछ देर के बाद म्यूज़िक एक बार बंद हुआ तो सबरुक गये फिर ड्रिंक्स का दौर शुरू हो गया,अब तो प्रिया की आँखें बंद होने लगी थी,कुछ यही हाल आरती का भी हो रहा था,म्यूज़िक दुबारा शुरू होने पर मनु प्रिया को ले कर डॅन्स करने लगा और फिर थोड़ा सा साइड हो कर प्रिया को ले कर पीछे एक कमरे की तरफ चल दिया.

रमण ये देख रहा था जैसे ही मनु वहाँ से गया रमण ने आरती को डॅन्स के लिए कहा और उसको ले कर डॅन्स करने लगा ,पर नशे के कारण आरती रमण से चिपकी जा रही थी और रमण का तो आज भाग्य ही खुल गया था,वो आरती से चिपक कर उसके जिस्म से अपने जिस्म को रगड़ रहा था.



Maa ki masti


इधर मनु प्रिया को ले कर एक कमरे की तरफ गया और जैसे ही दरवाज़ा खोला तो अंदर पहले से ही सलीम एक लेडी टीचर की ले रहा था,वो लोग वहाँ पर पहले से ही चुदाई मे लगे हुए थे,मनु तो देखता ही रह गया,तब सलीम ने कहा कि यार देख क्या रहे हो तुम भी प्रिया को ले कर किसी दूसरे कमरे मे चले जाओ और वहाँ पर इसकी चूत मारो,यहाँ पर मुझे इसको पेलने दो और जाते-2 दरवाज़ा थोड़ा सा बंद कर देना.

मनु जल्दी से प्रिया को ले कर बाहर निकला और दरवाज़ा बंद कर दिया,फिर वो प्रिया को ले कर दूसरे कमरे मे आ गया.

अंदर आते ही मनु ने सबसे पहले कमरे को अंदर से बंद किया,फिर वो प्रिया से चिपक गया,और अपने होठ प्रिया के नरम और मुलायम गुलाबी होठों पर रख दिए,एक बार तो प्रिया के होठों की गर्मी से ही मनु पिघलने लगा,पर फिर अपने आप को संभाल कर वो प्रिया के कपड़े उतारने लगा,प्रिया भी अपने कपड़े उतारने मे मनु का सहयोग कर रही थी,फिर जब प्रिया पूरी नंगी हो गयी तब मनु ने भी अपने कपड़े जल्दी से उतार दिए.

दोनो जने नंगे हो कर आपस मे चिपक गये,मनु का तो ये पहला मौका था इसलिए वो जल्दी बाज़ी कर रहा था,पर प्रिया तो पहले से ही खेली खाई हुई थी ,उसको कोई जल्दी नही थी,वो आराम -2 से मनु के लंड को हाथ मे ले कर आगे पीछे करने लगी,मनु का लंड बुरी तरह से तना हुआ था,और थोड़ा सा आगे पीछे करते ही उसमे से पिचकारी निकल गयी,और उसका लोड्‍ा लूज हो गया.

अब तो मनु एकदम से हड़बड़ा गया कि ये क्या हो गया,पर प्रिया को तो मालूम था कि ये मनु का पहला चान्स है,तो उसने मनु को कहा कि कोई बात नही,उसका लंड अभी फिर से खड़ा हो जाता है और वो वहीं बैठ गयी और मनु के लंड को पहले अपनी उतारी हुई पैंटी से साफ किया फिर अपना मूह खोल कर अपने मूह मे ले लिया.

मनु की तो एकदम से साँसें अटक गयी,और वो सीधा सातवें आसमान पर पहुँच गया,लंड की चुसाइ से मनु का लंड फिर से तुरंत ही खड़ा होने लगा था.

प्रिया ने मनु के लंड को अपने मूह से निकाल दिया,क्यूंकी और ज़्यादा चूसने पर वो नया खिलाड़ी था उसका लंड फिर से झाड़ सकता था.


मनु ने फिर प्रिया की चुचियो को दबाना शुरू कर दिया था ,पर अब उसका लंड फिर से कड़क हो गया था,इसलिए उसने जल्दी से प्रिया को वहीं लिटाया,और फिर अपने लंड को उसकी चूत के मूह पर रख दिया,पर पहली बार होने के कारण उसे समझ नही आ रहा था कि इसको अंदर कहाँ और कैसे करना है,तब प्रिया ने मनु के लंड को अपने हाथ मे पकड़ा और अपनी चूत के मूह पर अच्छी तरह से फँसा दिया और उसको बोली कि अब तुम उपर से धक्का लगाओ,मनु ने ऐसा ही किया और उसका लंड थोड़ा सा प्रिया की चूत मे घुस गया,मनु को तो जैसे स्वर्ग का आनंद मिल गया पर तभी प्रिया ने कहा कि रुक क्यों गये अब ऑर तेज़ धक्का लगा कर इसको पूरे का पूरा चूत मे डाल दो.


Maa ki masti 



मनु को समझ नही आया कि अभी लंड और भी चूत के अंदर जाएगा,उसके लिए तो जितना अंदर चला गया था उतना ही बहुत था,पर जब प्रिया ने कहा तो उसने और तेज़ धक्का लगा कर अपना पूरा लंड प्रिया की भोसड़ा बन चुकी चूत मे डाल दिया 

जैसे ही मनु का लंड पूरा का पूरा प्रिया की चूत मे घुस गया ,मनु के तो आनंद का कोई हिसाब ही नही रहा,उसको लगा कि आज जिंदगी मे जो मज़ा मिला है वो तो सबसे ज़्यादा है,मनु का लंड प्रिया की चूत मे घुस कर उसकी चूत की गरमी को पूरी तरह से महसूस कर रहा था,मनु तो प्रिया से बिल्कुल ही चिपक गया था,उसको ना होश था और ना ही पता था कि अब आगे कैसे होगा.

तब प्रिया ने मनु से कहा ,कि मनु अब अपने लोड्‍े को थोड़ा सा बाहर निकाल कर फिर से धक्का लगाओ,और अंदर बाहर करो,मनु ने प्रिया की इंस्ट्रेक्षन को फॉलो किया तो चूत मे लंड के घर्षण से उसको और ज़्यादा मज़ा आया.

अब तो मनु और तेज़ी से लंड को आगे और पीछे करने लग गया.

प्रिया को भी आज एक कुँवारा और अनाड़ी लंड मिला था ,इसलिए उसको भी मज़ा आ रहा था.

अब वो दोनो अपनी चुदाई मे पूरी तरह से मस्त हो गये थे.

इधर बाहर रमण आरती से चिपका हुआ था,और आरती के थोड़ा सा सुरूर मे होने का पूरा फ़ायदा उठा रहा था,वैसे भी अब आरती को भी मज़े आ रहे थे और उसने पहले की तरह से शरमाना कम कर दिया था,वो भी रमण की चिपका चिपकी का फुल मज़ा ले रही थी

रमण आरती के टॉप के उपर से ही उसकी पीठ पर धीरे-2 हाथ फेर रहा था,और उसकी गोरी काया के मज़े ले रहा था,आरती भी धीरे-2 गरम होने लगी थी.

फिर अचानक से जैसे आरती को कुछ होश आया और उसने अपने आप को संभाला,और वो एक झटके से रमण से अलग हो गयी,रमण को भी झटका लगा और वो समझ गया कि आरती अभी इस सब के लिए तैयार नही है.

वो आरती से अलग हो गया ,और आरती ने एकदम से अपना सिर झुका लिया,पर आपस मे कोई कुछ नही बोल रहा था,तभी रमण आरती को ले कर आ कर बैठ गया.

तब आरती ने रमण से पूछा कि मनु कहीं नज़र नही आ रहा,कहाँ चला गया,रमण ने कहा कि यहीं कहीं होगा जाएगा कहाँ,आज वो भी अपनी बर्तडे पार्टी एंजाय कर रहा होगा

ये बात रमण की बिल्कुल सही थी,आज तो मनु सच मे अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी पार्टी को एंजाय कर रहा था

इस टाइम मनु और प्रिया दोनो एक दूसरे पर पड़े हुए थे,मनु तो आज दो बार झाड़ कर पूरा संतुष्ट हो गया था,पर प्रिया के साथ ऐसा नही था,उसको ज़्यादा मज़ा नही आया था,फिर भी वो मनु को ये शो नही कर रही थी.

फिर दोनो जने उठे और जल्दी-2 अपने कपड़े पहन लिए,और वहाँ से बाहर हॉल मे आ गये जहाँ पर पार्टी चल रही थी.

आरती की नज़र जैसे ही मनु पर पड़ी उसने पूछा कि मनु तुम कहाँ चले गये थे,मनु तो पहले ही तैयार था,उसने कहा कहीं नही बस यहीं इधर-उधर था

अब आरती ने कहा कि मनु देर बहुत हो रही है अब हम को आपने घर चलना चाहिए,मनु ने कहा कि ठीक है मैं रमण भैया से बोल कर आता हूँ.


मनु रमण के पास गया और बोला कि मम्मी अब घर जाने के लिए कह रही है,रमण ने कहा कि ठीक है,और वो भी मनु के साथ आरती के पास आ गया.


Maa ki masti


आरती रमण से बोली कि अब हम लोग चलते हैं,रमण ने कहा कि ठीक है मैं आप लोगों को छोड़ देता हूँ,तब मनु ने कहा कि रमण भैया उसकी कोई ज़रूरत नही है हम बाइक तो लाए ही हैं,उस पर ही चले जाएँगे.आप को तकलीफ़ करने की कोई ज़रूरत नही है.

रमण बोला कि तकलीफ़ की कोई बात नही ही पर क्यूंकी रात काफ़ी हो गयी है,और तुमने थोड़ी सी पी भी रखी है इसलिए कहीं तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो जाए.

मनु बोला कि भैया ऐसी कोई बात नही है,मैने बियर ही तो पी थी और उसको भी बहुत देर हो चुकी है,इसलिए आप परेशान ना हो.

रमण आरती से बोला कि भाभी जी मैं तो आप लोगों की सहूलियत के लिए बोल रहा था.
आरती ने कहा कि ऐसी कोई दिक्कत नही है,मनु आराम -2 से बाइक को ले जाएगा.

फिर मनु ने बाइक स्टार्ट की और आरती को बोला कि मम्मी बैठ जाओ,आरती को बैठने मे थोड़ी सी दिक्कत हुई,तो रमण ने आरती को बाइक पर बैठने मे मदद की ,उसका तो भाग्य एक बार फिर खुल गया,क्यूंकी आरती को बाइक पर मदद करने के बहाने एक बार फिर उसकी जवानी का छू कर मज़ा लेने का मौका जो मिल गया था.

अब वो सब लोग अपने-2 घर को चले गये. 

रास्ते मे आरती मनु के पीछे बैठी हुई थी और थोड़ा सा शराब और थोड़ा सा वासना का नशा होने की वज्जह से मनु से बिल्कुल ही चिपकी हुई थी,मनु भी आज पहली बार चूत मार के बहुत खुस था,और अपनी मा को इस रूप मे देख कर उसका लोड्‍ा फिर से तन गया था.

क्यूंकी जिसको एक बार चूत का मज़ा मिल जाए उसको तो फिर पता चल जाता है कि जन्नत यहीं पर है,फिर आरती सेक्सी तो लग ही रही थी,और आज मनु को याद आ रहा था कि रमण ने एक दिन कहा था कि जो मज़ा खेली खाई चूत मारने मे है वो नयी मे नही है,जैसे आज मनु के लंड को खून लग गया था तो उसको आपनी मा मे भी एक चूत ही लग रही थी,इस कारण से वो बाइक को बहुत ही धीरे-2 और मज़े से चला रहा था,क्यूंकी इस-से आरती के मम्मे मनु को पूरी तरह से महसूस हो रहे थे.और वो मम्मों की गरमी को महसूस कर रहा था.



फिर वो लोग अपने घर पहुँच गये,बाइक खड़ी कर के मनु ने आरती से कहा कि मा अब उतर जाओ,हम घर आ गये,आरती बाइक से उतरी तो उसका बॅलेन्स बिगड़ गया तब जल्दी से मनु ने उतर कर आरती को सहारा दिया ,इस सब के बीच मे मनु के हाथ अपनी मा को मोटे-2 मम्मों पर पड़ गये,पर उसने उनको हटाया नही,फिर जब आरती सीधी हो गयी,तब मनु ने अपने हाथ हटा कर आरती को अपने कंधे का सहारा दिया,और आरती को ले कर घर मे अंदर आ गया,आरती का काफ़ी वजन मनु पर ही था,और वो आरती के मज़े ले रहा था,आज मनु का अपनी मा के प्रति सोचने का नज़रिया बिल्कुल ही बदल गया था और वो अपनी मा की जवानी को पूरी तरह से भोगना चाह रहा था


Maa ki masti


फिर उसने आरती को ला कर उसके बेड पर लिटा दिया,आरती ने मनु को बोला कि बेटा अब तुम भी जा कर सो जाओ,देर बहुत हो गयी है,मनु ने कहा कि ठीक है मा.

पर मनु एकदम से आरती के बेडरूम से बाहर नही आया,और वहीं पर खड़ा हो कर आरती को इस सेक्सी रूप मे देखने लगा,इतने मे आरती की आँख खुल गयी और जब उसने देखा कि मनु वहीं खड़ा है तो उसने कहा कि बेटा तुम अभी तक गये नही,और यहाँ खड़े हो कर क्या देख रहे हो.

मनु बोला कि मा आज तुम मुझे बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही हो,इसलिए मे तुम को ही देख रहा हूँ.

आरती बोली बेटा अब तुम जाओ और मुझे भी सोने दो अगर मैं तुम्हे इतनी ही सुंदर लग रही हूँ तो कल दिन मे देख लेना.

फिर मनु आरती के कमरे से बाहर आ गया,और अपने रूम मे सोने चला गया.

आज की रात मनु को नींद नही आने वाली थी,आज जो भी कुछ हुआ वो आज रात को उसको परेशान करने वाला था.

वही हुआ,रात को जैसे ही मनु कमरे मे आ कर बिस्तर पर लेटा,तो उसकी आँखों के सामने प्रिया का नंगा बदन नाचने लगा,फिर वो आँखों से ओझल हुआ ही था कि,मनु की आँखों के सामने उसकी मा आ गयी,फिर उसको उस सेक्सी रूप मे देख कर मनु का लंड फन-फ़ना गया,उसने सपने मे ही आपनी मा के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया,इधर वो सपने मे आपनी मा की चुचियाँ दबा रहा था,और असल मे अपने लंड से मूठ मार रहा था,थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने पानी फैंक दिया,पानी निकलते ही मनु को जैसे होश आया कि वो क्या कर रहा था और क्या सोच रहा था.

उसने देखा कि उसके कपड़े खराब हो गये हैं वो उठा और जा कर अपने आप को साफ किया और सिर्फ़ अंडरवेर बदल कर पहन ली और वैसे ही सोने लगा,पर फिर से उसकी मम्मी उसकी आँखों के सामने आ गयी,अब वो क्या करे?

यही सोचते-2 उसका हाथ हां और ना करते-2 फिर लंड पर चला गया ,लंड महरमान फिर से खड़े और कड़े हो गये थे,वो फिर लंड पर हाथ चलाने लगा,पर इस बार उसने अंडरवेर हटा दिया,और फिर लंड से पानी निकल गया.

अब जा कर मनु को कुछ शांति मिली,पर लंड का हाल खराब हो गया था,आज पहले दो बार तो वो प्रिया के साथ झाड़ चुका था,और अब दो बार अपनी मा के नाम की मूठ मार कर उसके लंड मे दर्द होने लगा था.

फिर वो अंडरवेर पहन कर सो गया. 

सुबह मनु की आँख बहुत देर से खुली कल रात को देर से सोने के कारण और मूठ मारने के कारण आज उसको थकान महसूस हो रही थी,फिर भी वो बिस्तर से उठा और कपड़े पहन कर बाहर आया.

बाहर उसकी मा भी देर से ही उठी थी और वो अभी नाइटी मे घर के काम कर रही थी,मनु को देख कर वो बोली कि बेटा उठ गये आज बहुत देर तक सोते रहे.


मनु बोला कि हां मा आज नींद नही खुली,फिर स्कूल की तो आज छुट्टी ही है.फिर मनु की नज़र मा की नाइटी के खुले हुए गले पर गयी ,वहाँ से उसे अपनी मा के मोटे-2 मम्मे बाहर निकलने को तैयार नज़र आए,तो उसका लंड फिर खड़ा होने लगा.


                  ( Maa ki masti ). ( Part 3 )


मनु जल्दी से अपने कमरे मे आ गया,और सोचने लगा कि ये कुछ दिन से उसको क्या हो गया है,और वो क्यों आपनी मा को सेक्स की नज़र से देखने लगा है,कहीं उसका दिमाग़ तो खराब नही हो गया है,पर वो जितना आपनी मा की सेक्सी छवि को अपने दिमाग़ से निकालने की कोशिस करता वो उतनी ही ज़्यादा उसकी आँखों के सामने आ जाती.

पर अब उसको एक बार फिर से मूठ मारने की ज़रूरत महसूस होने लगी थी.वो जल्दी से बाथरूम मे घुस गया और अपने लंड को हिलाने लगा,वो अपनी मा के बारे मे सोच रहा था और अपना लंड हिला रहा था,उसे अपनी मा सेक्सी रूप मे सामने नज़र आ रही थी,वो अपना लंड तेज़-2 हिलाने लगा और फिर थोड़ी देर मे ही झाड़ गया.फिर वो लंड को और हाथों को धो कर बाहर आया.

अब मनु का नज़रिया अपनी मा के प्रति बिल्कुल बदल गया था और वो उसको एक सेक्स की देवी नज़र आ रही थी,पर वो अपनी सोच से आगे नही बढ़ सकता था,क्यूंकी वो हिम्मत उसमें नही थी.

तब मनु ने रमण को फोन किया,रमण ने फोन उठाया और पूछा कि मनु भाई क्या हाल चाल है,मनु ने कहा कि रमण भैया हाल चाल बढ़िया है और आप सूनाओ,क्या कर रहे हो,रमण बोला कि भाई आज तो रेस्ट कर रहा हूँ कल की पार्टी मे काफ़ी थक गया था तो आज तो रेस्ट ही करूँगा,और बोलो कैसे याद किया,क्या प्रिया की याद आ रही है.

मनु इस बात से थोड़ा सा शर्मा गया,वो बोला कि ऐसी कोई बात नही है,उसने तो ऐसे ही फोन मिला लिया था,अच्छा अब रखता हूँ ,कल तो आप आएँगे ही.

रमण बोला हां यार कल मिलते हैं

उधर रमण का भी हाल कुछ अच्छा नही था रात भर उसके सपनो मे आरती ही आती रही,और अब उसको लग रहा था कि अगर जल्दी से आरती उसको नही मिली तो उसका हाल खराब हो सकता है.

पर कल के आरती के हाव भाव से रमण को लग रहा था कि उसकी मंज़िल ज़्यादा दूर नही है,पर आरती अभी मनु के कारण थोडा सा झिझक रही है.

उसने सोच लिया था कि अब पहले मनु को अपने साथ अच्छी तरह से मिला कर उसको राज़ी करेगा फिर आरती को उसके बेटे के साथ मिल कर चोदेगा.


इसके लिए ही उसने मनु के सामने प्रिया नाम का चारा फेंका था,और मनु उस जाल मे फँस गया था,अब वो जैसे चाहेगा मनु को चला सकता था.


Maa ki masti


अगले दिन रमण सही टाइम पर ट्यूशन के लिए पन्हुंच गया,मनु भी उसका ही इंतेज़ार कर रहा था,आज तो आरती उसको नज़र नही आई,फिर वो अंदर आ गया.

मनु ने आते ही रमण को थॅंक्स बोला ,तो रमण ने कहा कि भाई ये किसलिए,तब मनु ने कहा कि आपने जो मेरे लिए फेवर किया और मुझे प्रिया की चूत दिलवाई ये उसके लिए है.

रमण ने पूछा कि भाई मज़ा आया कि नही,मनु बोला रमण भैया ये मेरे बर्तडे का सबसे बड़ा गिफ्ट था,जो आपने दिया था.

रमण ने पूछा कि उस रात को ठीक से किया था क्या,मनु बोला भैया आप ने जब मुझे पीछे कमरे मे जाने को कहा तो पहले मैं जिस कमरे मे गया वहाँ तो पहले से ही सलीम स्वाती मेडम की चूत मार रहा था.

ये सुन कर रमण ने कहा कि यार वो तो स्वाती की लेता ही रहता है,तुम्हे थोड़ा सा ध्यान रख कर जाना चाहिए था,फिर क्या हुआ?

मनु बोला फिर मे प्रिया को ले कर दूसरे रूम मे चला गया वहाँ कोई नही था वहाँ ले जा कर मे प्रिया को सही से बजाया,मुझे बहुत मज़ा आया.

रमण ने कहा तो फिर ठीक है तुम्हारा काम तो हो गया ना.

मनु बोला हां भैया और ये सब आप के कारण हुआ.

रमण ने कहा कि अब क्या प्रोग्राम है,अब प्रिया कब मिल रही है.

मनु बोला अभी तो कोई बात नही हुई है,जब भी होगी मे आपको ज़रूर बता दूँगा.

फिर रमण ने कहा की पार्टी तो तुम्हारी मम्मी ने भी अच्छी तरह से एंजाय की थी.

मनु बोला कि हां भैया वो जो ड्रेस आपने दी थी वो मम्मी पर बहुत अच्छी लग रही थी.

रमण बोला कि यार वो तो बस ऐसे ही ले ली थी,पर एक बात है उस ड्रेस मे तुम्हारी मम्मी सच मुच किसी भी हीरोइन से कम नही लग रही थी,मैं तो सच मे तुम्हारी मम्मी पर फिदा हो गया था.

मनु बोला कि ये क्या बोल रहे हो भैया.

रमण बोला कि यार तुम मेरी बात का बुरा मत मान-ना जो मेरे को लगा मैने तुम्हे बता दिया,अगर तुम्हे बुरा लगा तो मुझे माफ़ कर देना.

मनु बोला कि भैया ऐसी तो कोई बात नही है,जैसे मे आप को अपने दिल की सारी बातें बता देता हूँ ,ऐसे ही आपने भी अपने दिल की बात मुझे बताई है,तो इसमे कोई बुराई नही है.


रमण ये सुन कर बहुत खुश हो गया,उसको अब अपनी मंज़िल बहुत करीब नज़र आ रही थी




Maa ki masti 



रमण की ख़ुसी का कोई ठिकाना नही था,वो जैसा कह रहा था वैसा ही हो रहा था,मनु भी अब अपनी मा के बारे मे रमण से खुल कर बात कर रहा था.

फिर रमण बोला कि मनु भाई कई बार क्या होता है कि दिल की बात ज़ुबान पर तो आ जाती है पर सामने वाला बुरा मान जाता है,पर तुम ने ऐसा नही किया.

मनु बोला रमण भैया अब जब आप मेरे लिए इतना कर सकते हो तो फिर मे भी तो आपकी बात को समझ सकता हूँ.

ये सही है कि उस दिन मेरी मम्मी आपकी दी हुई ड्रेस मे बहुत ही सेक्सी लग रही थी,ऐसे मे अगर आपका दिल मेरी मा पर आ गया तो कोई बात नही है.

मैं ये बात मम्मी को नही बताने वाला.

रमण बोला थॅंक्स मेरे भाई.

पर आज आरती भाभी जी गयी कहाँ हैं?

मनु बोला कि वो अपनी सहेली के यहाँ किसी किटी पार्टी मे गयी हैं,आने ही वाली होंगी.

इतने मे बाहर का दरवाजा खुला और आरती अंदर आ गयी,वो उन दोनो को बाहर ही बैठा देख कर बोली कि क्या हुआ आज पढ़ाई नही कर रहे क्या.

तब रमण बोला कि आज मनु का पढ़ाई का मूड नही है,इसलिए हम परसो की पार्टी की बाते कर रहे थे.

आरती भी वहीं पर आ कर बैठ गयी,आज आरती ने एक चुस्त जीन्स और टॉप पहना हुआ था,वो इसमे भी सेक्सी लग रही थी,जैसा कि मैं पहले ही बता चुका हूँ,रमण और मनु के कहने के बाद आरती ने अपना ड्रेसिंग स्टाइल चेंज कर लिया था,और अब वो ज़्यादा से ज़्यादा फिट कपड़े पहनने लगी थी.

आरती ने कहा कि तुम लोग बैठो मे कुछ खाने को ले कर आती हूँ.

फिर वो चली गयी,तब रमण मनु से बोला कि यार तुम्हारी मम्मी तो आज भी बम लग रही है,मेरा तो ईमान खराब हो रहा है,मनु भी अब रमण के रंग मे रंग गया था,इसलिए उसका लंड भी अपनी मा को देख कर तन जाता था.

मनु बोला कि भैया ये आप क्या बाते कर रहे हो मम्मी ने सुन लिया तो अच्छा नही होगा.

रमण बोला वो तो ठीक है,ये बाते हम ही लोग आपस मे कर रहे हैं तुम्हारी मम्मी के सामने ये बाते हम नही करेंगे,पर तुम्हे मेरा एक फेवर करना होगा कि तुम मेरी बातों को सपोर्ट तो कर ही सकते हो,इस पर तो तुम्हे कोई एतराज़ नही है ना.

मनु बोला ठीक है भैया.

इतने मे आरती उसके लिए कुछ खाने पीने को ले कर आ गयी.

वो भी वहीं पर साथ मे बैठ गयी,रमण ने कहा कि भाभी जी कहीं बाहर गये थे क्या.

आरती बोली कि हां एक फ्रेंड के यहाँ किटी थी वहीं गयी थी.

रमण बोला तभी तो आप इतनी खूबसूरत लग रही हो.


आरती ये सुन कर शर्मा गयी और बोली आप तो हर टाइम मेरे ही पीछे पड़े रहते हो और मेरी झूठी तारीफ करते रहते हो.



Maa ki masti 


रमण बोला कि ऐसा आप को लगता है,आप हो ही इतनी सुंदर और फिर ये ड्रेस आप को और सुंदर बना देती है,आप उस दिन पार्टी मे तो बिजलियाँ गेरा रही थी,क्यों मनु मे सही कह रहा हूँ ना?

मनु बोला हां रमण भैया बात तो सही है उस दिन पार्टी मे सबकी नज़र मम्मी पर ही थी.

ये सुन कर आरती मन ही मन बहुत खुस हुई,पर बाहर से बोली कि वो तो आपकी दी हुई ड्रेस का कमाल था.

रमण बोला कि खाली ड्रेस से कुछ नही होता ,फिगर भी तो वैसी होनी चाहिए,बल्कि मैं तो कहूँगा कि ये उस ड्रेस की खुसकिस्मती थी कि वो आपके जिस्म पर थी.

आरती बोली बस-2 अब मेरी झूठी तारीफे मत करो.

रमण बोला कि ऐसे कोई बात नही है,मैं जो कह रहा हूँ सच और दिल से कह रहा हूँ.
मनु और मे ये ही बात कर रहे थे,कि आप की खूबसूरती का क्या राज़ है.

आरती बोली कि अब बस भी करो तुम लोग क्या मेरे पीछे पड़ गये हो.तुम लोग ऐसे बोलोगे तो मे फिर जा रही हूँ.

असल मे इन सब बातों से आरती के दिल मे हलचल मच रही थी,और उसको उस रात की बाते याद आ रही थी कि क्या-2 हुआ था,और कैसे रात को नशे मे रमण ने उसके साथ मज़े लिए थे,इन सब से उसकी खुद की हालत थोड़ी-2 खराब हो रही थी.

आरती की ये बात सुन कर दोनो जने बोले कि अब हम आपकी कोई बात नही करेंगे,आप नाराज़ ना हों.

फिर आरती ने पूछा कि मनु उस रात को तुम कहाँ चले गये थे मैं तुमको ढूंड रही थी,मनु आरती की ये बात सुन कर एकदम से सकपका गया,पर फिर सम्भल कर बोला कि मैं तो वहीं था कहीं नही गया था आप ही रमण भैया के साथ मस्ती से नाच रही थी.

आरती ये सुन कर चुप हो गयी,क्यूंकी सारी बाते तो उसको भी नही याद थी,इसलिए वो कुछ नही बोली.

फिर रमण बोला छोड़ो यार सब बाते उस दिन पार्टी मे आप लोगों को मज़ा तो आया ना.

दोनो ने कहा कि हां आप की पार्टी थी बड़ी मस्त.

मनु बोला कि भैया अब पार्टी कब दोगे.

रमण ने कहा कि जब भी तुम कहोगे ,तभी दे देंगे.तुम तो बस मोके तैयार करते रहो,पार्टी हूँ देते रहेंगे. 


इस तरह से अब रमण और मनु मे बहुत सी बाते साझा हो गयी थी,अब दोनो आपस मे लड़कियों और औरतो के बारे मे खुल कर बाते करते थे.




Maa ki masti 


एक दिन मनु ने कहा कि भैया आप कह रहे थे कि आप को थोड़ी मिच्योर औरते पसंद हैं,तो फिर जब स्वाती मेडम सलीम भैया से चुदवाती है,तो आप क्यों नही चोद्ते.

रमण बोला कि यार मैं उसकी ले चुका हूँ,पर अब उसकी चूत बहुत खुल चुकी है,और अब सलीम और महेश दोनो उसको चोद्ते रहते हैं तो मुझे ज़्यादा मज़ा नही आता.

मनु बोला तो क्या स्वाती मेडम को कोई एतराज़ नही है कि आप तीनों जने उसकी लेते हो.

अर्रे यार उसको तो बहुत मज़ा आता है,मैने तुम्हे पहले भी कहा था ना कि शादी-शुदा औरत की लेने मे कहीं ज़्यादा मज़ा है

मनु बोला अब आप कह रहे हो तो सही होगा.

रमण ने कहा और बताओ उस दिन के बाद प्रिया की ली या नही.

मनु बोला कहाँ भैया मौका और जगह दोनो नही मिलते.आप ही कुछ करो,या कोई और पार्टी दो तब जाके मौका मिलेगा.अब तो दिल बहुत कर रहा है.

इतने मे आरती कमरे मे आ गयी,वो उनके लिए नाश्ता लाई थी,आरती ने कहा कि और बताओ पढ़ाई कैसी चल रही है.

रमण ने कहा कि भाभी जी पढ़ाई बढ़िया चल रही है और आप बताए कैसी हैं.

आरती ने कहा कि मे तो ठीक हूँ.

रमण ने कहा कि लगता है आज कल कुछ नाराज़ हैं जो हमारे साथ बैठी ही नही.

आरती ने कहा कि ऐसी कोई बात नही है,बस थोड़ा सा घर का काम करती रहती हूँ,फिर वो वहाँ से चली गयी.

रमण उसको जाते हुए देखता रहा,मनु रमण को देखे जा रहा था,कि वो उसकी माँ को देख रहा है.

मनु ने कहा कि क्या देख रहे हो भैया.

रमण ने कहा कि यार मनु बुरा मत मान-ना मे तुम्हे पहले ही बता चुका हूँ कि तेरी मम्मी को देख कर मुझसे कंट्रोल नही होता,और मेरा दिल बहक जाता है,तू बुरा मत मानना.

मनु का नज़रिया तो काफ़ी दिनो से आपनी मा के प्रति बदल ही चुका था,उसको क्या बुरा लगता,फिर भी वो बोला कि कोई बात नही भैया,पर आप चाहते क्या हो.

रमण बोला कि यार मैं तेरी मम्मी से फ्रेंडशिप करना चाहता हूँ.

मनु ने कहा कि वो तो वैसे ही आपको अपना दोस्त ही समझती है,और वैसे ही ट्रीट करती है.

रमण बोला यार वो बात नही है मैं तो गर्लफ्रेंड बाय्फ्रेंड वाली फ्रेंडशिप की बात कर रहा हूँ.

मनु बोला कि भैया ये कैसे मुमकिन है,वो मेरी मा है,और फिर वो शादी शुदा भी तो हैं,पिता जी को पता चल जाएगा तो क्या होगा.

रमण बोला यार वो सब छोड़ ,अगर तुझे कोई अतराज़ नही है तो वो सब तो मॅनेज हो जाएगा.मे तेरे पापा को जानता हूँ,वो अपनी पोस्ट का फ़ायदा सिर्फ़ पैसे से ही नही अलग-2 तरीके से उठाते हैं,और ये तुम भी जानते हो.

मनु बोला इसका क्या मतलब है.

रमण ने कहा कि यार भोले मत बनो ,तुम्हारा बाप रिश्वत मे पैसे के अलावा कई बार नयी-2 लड़कियाँ भी अपनी पार्टी से माँगता है,और वो अपना काम निकलवाने के लिए तुम्हारे पापा की हर इच्छा पूरी करती हैं,तो जब तुम्हारा बाप बाहर इतना कुछ करता है ,तो तुम्हारी मा को सिर्फ़ खुश रहने का भी हक़ नही है.


मनु ने कहा कि भैया ये आप क्या कह रहे हो,ये सही नही हो सकता.



Maa ki masti


रमण ने कहा कि मेरे भाई ये सही है,मैं तुमसे झूठ नही बोल रहा.

मनु बोला फिर तो आपकी बात सही है अगर पापा ऐसा करते हैं तो माँ को भी आपने दिल को खुस रखने के लिए कुछ करने का हक है.

रमण बोला यही तो मैं भी कह रहा हूँ,मैं तुम्हारी मम्मी को पसंद करने लगा हूँ,अगर वो मेरे साथ कुछ टाइम खुश रहती है तो ,इसमे कोई बुराई नही है.मैं जनता हूँ कि अगर मैं थोड़ी सी कोशिस करूँगा और तुम मेरा साथ दोगे तो ये हो सकता है.

मनु बोला वो तो ठीक है,पर इस-से मुझे क्या मिलेगा.

रमण ने कहा कि यार मैने तुम्हारी सेटिंग प्रिया से करवा दी अब और क्या चाहिए.

मनु बोला कि भैया वो जगह वाली बात है ना.

रमण ने कहा कि एक बार मेरी सेटिंग तुम्हारी माँ से हो जाए तो मे तुम्हे और प्रिया को यहीं पर करने की छूट दिलवा दूँगा.


मनु जब रमण से अपनी मा के बारे मे यूँ खुल कर बाते कर रहा था,तो उसके ख़यालों मे प्रिया नही उसकी खुद की मा ही थी जो उसे नज़र आ रही थी.पर उसने ये रमण पर जाहिर नही होने दिया.

फिर मनु बोला कि भैया पर आप मम्मी को कैसे राज़ी करोगे अपने साथ दोस्ती के लिए.

रमण बोला कि वो सब मैं देख लूँगा पर बस मैं तुम्हे जैसे-2 कहूँ तुम वैसे ही करते रहना,कुछ टाइम तुम मुझे अपनी मा के साथ अकेले दोगे तो ये सब फिक्स हो जाएगा.


मनु ने कहा कि ठीक है.


Maa ki masti


अगली बार जब रमण मनु को ट्यूशन देने के लिए आया उस दिन पहले ही उसने मनु को फोन कर दिया कि वो आ रहा है,तो मनु कुछ देर के लिए बाहर चला जाए,कि जब रमण आए तो उसकी मा घर मे अकेली हो,मनु समझ गया और रमण के आने से थोड़ी देर पहले ही अपनी मा को बोला कि उसको कुछ बुक लानी हैं जो रमण भैया ने बोली हैं वो ले कर आता है,अगर रमण भैया आएँ तो वो उनको बिठा लेना.

आरती ने कहा कि ठीक है ,पर तुम जल्दी आ जाना.

मनु के जाने के थोड़ी ही देर बाद रमण आ गया,आरती ने दरवाज़ा खोला तो रमण ने कहा कि आज मनु कहाँ गया.

आरती बोली कि वो कह कर गया था कि आप ने कुछ बुक्स के लिए कहा है वो लेने जा रहा है ,जल्दी आ जाएगा ,आप बैठो वो आने वाला होगा.

आरती ने आज एक डीप गले की नाइटी पहनी हुई थी,जिसमे से उसका जिस्म छलक के बाहर आने को हो रहा था.रमण ने सोचा कि आज तो उसकी किस्मत ही खुल गयी है.

रमण अंदर आ गया,आरती ने कहा कि आप बैठो मे कुछ ले कर आती हूँ.

फिर आरती दोनो के लिए पीने को कोल्ड ड्रिंक ले कर आ गयी,रमण ने कहा कि भाभी जी आप फॉरमॅलिटी मत किया करो.

आरती बोली नही ऐसे कोई बात नही है.

फिर रमण और वो कोल्ड ड्रिंक पीने लगे,रमण ने कहा कि मनु ने बहुत देर लगा दी,आप भी मेरे साथ बोर हो रही हो.

आरती-अरे ये क्या कह रहे हो ऐसी कोई बात नही है.मुझे आपसे कोई बोरियत नही होती.

रमण ने कहा कि ऐसा है तो फिर आप हमारे साथ बैठी क्यूँ नही.

आरती अब क्या बोलती,कि वो लोग ऐसी -2 बाते करते हैं कि उसको वहाँ पर बैठने मे शरम आती थी.पर वो बोली नही.

फिर रमण ने कहा कि क्या आपको मेरो कंपनी अच्छी नही लगती.

आरती-नही ऐसे बात नही है,आप और मनु दोनो मिल कर जब मेरी खिंचाई करते हो ,इसलिए मे अब आप दोनो के साथ नही बैठती.

रमण-अर्रे मैने ऐसा कब किया.

आरती-वो जब पार्टी के अगले दिन आप और मनु बोल रहे थे तो मुझे ऐसा ही लगा.

रमण बोला कि भाभी जी आप क्या कह रही हो,ऐसा कुछ भी नही था,बल्कि मे तो मनु के सामने बोला नही ,उस दिन तो आप गजब की सेक्सी लग रही थी,और अगर आप अरविंद साब की बीवी नही होती,तो मे वहीं पर कुछ कर बैठता,सही कह रहा हूँ,मैने आपने आप पर कैसे कंट्रोल किया मैं ही जानता हूँ,उस दिन जो बिजली मेरे पर गिरी मे बता नही सकता.

ये सुन कर आरती शरम के मारे लाल हो गयी,और बोली ये आप क्या कह रहे हो.

रमण-आप को मेरी बात झूठ लग रही होगी ,पर ये सच है उस दिन आप मुझे बिल्कुल अप्सरा की तरह लग रही थी,उस ड्रेस मे आप का जलवा ही अलग था,मैने तो उस रात आपकी इतनी सारी फोटुस ली कि मेरे मोबाइल की मेमोरी ही जवाब दे गयी.

ये सुन कर आरती का लाल मूह और लाल हो गया.पर वो बोली कि ये आप क्या बोले जा रहे हो,ऐसी बाते करना ठीक नही है.


ये सुन कर रमण समझ गया कि आरती के दिल मे तो हां है,पर मूह पर जमाने और पति,बेटे की वजह से ना है,अब उसने इस हालत का पूरा फ़ायदा उठाने का मन बना लिया था.



Maa ki masti


रमण ने कहा कि भाभी जी ये मैं नही कह रहा ये तो मेरा दिल मुझसे कहलवा रहा है,इसमे मेरा कोई दोष नही है.आप हो ही इतनी हसीन कि कोई भी आप को उस रूप मे देखेगा तो आप का दीवाना हो ही जाएगा

अब तो आरती के मूह पर हया की लाली ने गजब कर दिया,और वो बोली कि मैं जा रही हूँ,जब मनु आएगा तो आप उसको पढ़ा देना.

रमण ने कहा कि भाभी जी आप ऐसे कहाँ नाराज़ हो कर जा रही हो,अगर आप को मेरी बाते इतनी बुरी लग रही हैं तो मैं अब कुछ भी नही बोलूँगा.

और रमण एकदम से चुप हो कर वहीं बैठ गया,आरती समझ गयी कि रमण ने उसकी बात का बुरा मान लिया है,इसलिए वो ही बोली कि मैं तो तुमको झूठी त्तारीफ करने के लिए मना कर रही थी,फिर मनु भी आनेवाला है,वो ये सब सुनेगा तो उसको कैसा लगेगा.अच्छा आपको इतना बुरा लगा तो मे आगे से आपको नही बोलूँगी,पर चलो अब उस पार्टी की फोटो तो दिखा दो.

रमण समझ गया कि उसका तीर सही निशाने पर जा रहा है,अगर वो थोड़ी सी कोशिस और करेगा तो आरती पके हुए आम की तरह उसकी झोली मे आ जाएगी,और इस मस्त जवानी का रस पीने का उसको मौका मिल जाएगा.पर अपनी चाल सही समय पर सही तरीके से चलनी होगी और मनु को साथ मिला कर रखना होगा,जिस-से कि आरती के मन मे बेटे का कोई डर ना रहे,और जब मनु साथ होगा तो उसके बाप से शिकायत ही कौन करेगा.

रमण ने अपना मोबाइल निकाला और जैसे उसने पिछली पार्टी की फोटुस मे से छाँट कर एक अलग ही फोल्डर मे आरती की खास-2 फोटो डाल ली थी ,इस बार भी ऐसा ही किया,फिर वो बोला कि लो भाभी जी आप खुद ही देख लो.

पर रमण ने वो फोल्डर निकाल कर नही दिया,आरती कोशिस करने लगी पर उसको कहीं भी फोटुस नही मिली,तो वो बोली कि रमण इसमे तो कहीं नही हैं.

रमण ती यही चाहता था इस बहाने वो जाके आरती के बगल मे बैठ गया और फिर उसके हाथ से मोबाइल ले कर उसने वो फोल्डर खोला जिसमे कि आरती की फोटुस थी.

फिर वो दोनो मिल कर फोटुस देखने लगे ,रमण ने कुछ फोटुस ऐसे ऐंगल से ली थी कि आरती की जवानी और भी उभर कर आ रही थी,आरती उन फोटुस को देख कर अंदर ही अंदर अपने पर बहुत खुस हो रही थी,कि वो इस उमर मे भी इतनी खूबसूरत और सबसे बड़ी बात सेक्सी लग रही है.एक फोटो मे उसका बेटा मनु भी उसको बहुत गरम नज़रो से देख रहा था,ये बात आरती ने भाँप ली.वो हैरान रह गयी कि मनु भी उसको ऐसी गंदी नज़र से देख रहा है,जैसे वहाँ पार्टी मे मौजूद सारे देख रहे हैं,वैसे कुछ दिनो से मनु का व्यवहार उसके प्रति कुछ बदल तो गया था,ये वो समझ रही थी,पर इसमे भी उसको मज़ा आता था,कि उसका खुद का बेटा उसको इस उमर मे भी हसीन समझता है.आरती बोली कि रमण ये सारी फोटुस तुमने और किसी को तो नही दिखाई.

रमण बोला देखा भाभी जी मैं ना कहता था कि आप बिल्कुल सेक्सी हैं और मेरी इस बात को ये फोटुस साबित कर रही हैं,ये फोटुस मैने और तो किसी को नही पर मनु को दिखाई थी.

आरती ये सुन कर एकदम से परेशान हो गयी.

ये बात रमण समझ गया,इसलिए आगे बोला ,ये फोटुस देख कर मनु बहुत खुस हुआ और बोला कि रमण भैया आप देख रहे हो मेरी मम्मी इस उमर मे भी जवान लगती हैं.

ये सुन कर आरती को बहुत इतमीनान हुआ कि मनु ने इन फोटुस को देख कर बुरा नही माना.और वो खुद बड़ा खुश हुआ है,इसका मतलब है कि उसको खुद अपनी मम्मी सेक्सी रूप मे पसंद है.


रमण बोला भाभी जी मैने पहले भी कहा है और आज फिर कह रहा हूँ कि आप तो ऐसी ही सेक्सी ड्रेसस पहना करो.



Maa ki masti



आरती बोली वो तो ठीक है पर मनु क्या सोचेगा.

रमण बोला वो तो खुद ही चाहता है कि आप कम से कम हमारे साथ तो बिल्कुल फ्रेंड्ली रहें.

इन सब बातों के बीच आरती जो कि रमण से बिल्कुल सटी हुई बैठी थी,उसको अंदर ही अंदर कुछ-2 होने लगा था,वैसे भी रमण ने अपना काफ़ी सारा वजन आरती पर डाल रखा था,और वो फोटुस दिखाने के बहाने आरती से चिपका जा रहा था,उसका खुद का लोड्‍ा पॅंट फाड़ कर बाहर आने को तैयार था.

आरती की चूत से भी इन गरम -2 बातों के कारण पानी सा निकल रहा था,और वो गर्मी महसूस कर रही थी.

रमण की बात सुन कर वो बोली कि अगर मनु को कोई भी ऐतराज नही है तो वो तो घर मे ऐसी मॉर्डन ड्रेस पहन ही सकती है.

रमण बोला अगर आप को शक़ है तो मे मनु से पुछवा दूँगा.

आरती जल्दी से बोली कि नही नही ऐसी कोई बात नही है,और मुझे आप की बातों का यकीन है,मैं कोशिस करूँगी.

अब तो रमण का दिल बल्लियों उछलने लगा था,कि ये मुर्गी उसके जाल मे आ रही है.

फिर इतने मे ही मनु बाहर से आ गया,और उसने उन दोनो को साथ-2 बाते देख लिया,आरती एकदम से घबरा गयी,ये बात मनु भी ताड़ गया,इसलिए माहौल को हल्का करने के लिए बोला कि रमण भैया तुम मेरी मम्मी के साथ क्या कर रहे हो.

रमण बोला कि यार वो उस दिन पार्टी मे जो फोटुस खींची थी वो दिखा रहा हूँ.

मनु बोला अर्रे भैया उस पार्टी की मा की फोटुस तो बहुत ही शानदार आई थी,अच्छा है कि तुम मम्मी को दिख रहे हो,पर पापा को मत दिखना ,नही तो वो आपकी और मेरी दोनो की पिटाई कर देंगे,कि उनकी बीवी की इतनी खूबसूरत और सेक्सी फोटुस तुम लोग क्यूँ देख रहे हो,और हां रमण भैया ये फोटुस मुझे भी मैनल पर सेंड कर देना.

रमण ने कहा कि यार उस दिन दिखा तो दी थी अब क्या करोगे.

मनु बोला कि भैया वो फोटुस ऐसी हैं कि एक बार क्या कई बार देखने पर भी मन नही भरता.क्यों मम्मी मैं सही कह रहा हूँ ना,रमण भैया ने आपको हर ऐंगल से शूट किया है,आप लग भी जबरदस्त सेक्सी रही हो.

अब तो आरती क्या बोल सकती थी,वो बोली कि क्या सच मे उस दिन मैं तुमको इतनी पसंद आ रही थी.

मनु बोला और नही तो क्या,अगर आप मेरी मा नही होती तो आप को बताता कि आप मुझे कैसी लग रही थी.

आरती सब समझ रही थी,और वो बात को आगे नही ले जाना चाहती थी,नही तो पता नही मनु क्या-2 बोल सकता था,इसलिए वो चुप ही रही.


पर यहाँ से रमण ने बात को आगे बढ़ाया,और बोला कि यार तुम बताओ तो सही.हमे भी तो पता चले कि तुम क्या कह रहे हो.



Maa ki masti



मनु कुछ नही बोला और आरती की दूसरी तरफ आ कर बैठ गया और कहा कि वो भी फोटुस फिर से देखगा.

आरती अब दोनो के बीच सॅंडविच बनी हुई थी,और दोनो जनो के लंड आरती के जिस्म की गर्मी और गरमा गरम फोटो देख कर फूले हुए थे.

तीनो जने फोटो देख रहे थे,पर रमण के हाथ थोड़ी-2 हरकतें भी कर रहे थे,पर मनु के साथ मे बाते होने के कारण कुछ कह नही पा रही थी.पर रमण और मनु तो आपस मे मिले हुए ही थे ,उनको कोई प्राब्लम ही नही थी.

कुछ फोटुस के बाद एक फोटो मे आरती की क्लीवेज़ ज़्यादा नज़र आ रही थी,उसको देख कर मनु बोला कि माँ देखो आप क्या खूब लग रही हो,आरती एकदम से लाल हो गयी.पर बोली कुछ नही.

ऐसे ही मनु और रमण आरती की अलग -2 फोटुस के बारे मे बातें कर रहे थे,पर आरती ज़्यादा रिप्लाइ नही कर रही थी,ये बात रमण समझ गया,कि मनु के कारण आरती ज़्यादा नही बोल रही,तो वो बोला कि ठीक है अब मे चलता हूँ और ये सब की सब फोटुस मैं मनु तुम्हे मैनल कर दूँगा.

मनु ने कहा कि ठीक है भैया.

अगले दिन रमण ने मनु को आरती की फोटुस वाला फोल्डर मैनल कर दिया,पर उसके साथ-2 रमण ने कुछ मेच्यूर औरतो की सेक्सी फोटुस और कुछ सेक्सी कहानियो के लिंक यानी राजशर्मास्टॉरीज भी मैनल मे थे.

मनु ने जब मैनल खोली तो उसने अपनी मम्मी की फोटो के साथ उन फोटुस को भी देखा,उसका लंड तो एकदम तन-तना गया,उसने अपने लंड को बैठाने की कोशिस की तो वो और ज़्यादा बढ़ने लगा,फिर मनु ने वो कहानी वाला राजशर्मास्टॉरीज का लिंक खोला उन कहानियो मे मेच्यूर शादी शुदा औरते अपने किसी जान पहचान वाले से मज़े लेती हैं ,उन कहानियो को पढ़ कर तो मनु का हाल बहुत बुरा हो गया,अब उसको मूठ मारने की ज़रूरत महसूस हो रही थी,उसने पहले जा कर अपने कमरे का दरवाजा अच्छी तरह से बंद किया,फिर आ कर अपनी पॅंट नीचे करके अपना फॅन-फनाता हुआ लंड बाहर निकाला,पर जैसे ही उसने उसको हाथ लगाया ,उसको अपने लंड मे दर्द सा महसूस हुआ,फिर भी उसने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू किया,मनु कहानी पढ़ता जा रहा था और मूठ मारता जा रहा था,तभी अचानक उसके हाथ से पता नही क्या हुआ और वो पेज तो हट गया और उसकी मम्मी की सेक्सी फोटो उसकी आँखों के सामने आ गयी,इस टाइम तक मनु का लंड इतना तन चुका था कि अब उसके लिए रुकना मुश्किल था,और अपनी मा को इस सेक्सी फोटो मे देख कर तो वो और पागल हो गया और अपनी मा को ही अपने ख़यालों मे अपने लंड के नीचे ले कर चोदने लगा और आरती के नाम की ही मूठ मारने लगा,वो देख रहा था कि उस मा उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही है,और वो अपनी मा को चोदे जा रहा है,उसका मज़ा इस ख़याल से ही बढ़ गया और उसको ज़्यादा मज़ा आने लगा,और मनु के लंड ने पानी छोड़ दिया,वो एकदम पानी निकलते ही अपने आप को हल्का महसूस करने लगा,मनु का हाथ अपने लंड से निकले हुए पानी से चिप चिपा हो रहा था,पर उसकी इतनी हिम्मत नही हो रही थी,कि वो उठे और हाथ को धो ले.वो वैसी ही हालत मे वहीं पड़ा रहा,जब उसका खुमार पूरा उतर गया तब उसको सामने स्क्रीन पर अपनी मम्मी की फोटो देख कर ध्यान आया कि उसने अपनी मा के नाम की मूठ मारी है,वो दिल ही दिल मे अपने आप पर गुस्सा हुआ,कि ये उसने क्या किया.

फिर वो उठा और जा कर बाथरूम मे अपना हाथ और लंड धो कर आया,वापिस आ कर उसने पहले सामने की स्क्रीन से अपनी मा की फोटो को हटा दिया,पर उसके दिल मे हलचल तो हो ही गयी थी.


फिर मनु कहानी को दुबारा से खोलता है और पढ़ना शुरू करता है,तभी उसे ख़याल आता है कि अगर वो इस साइट के होम पेज पर जा कर और कहानी पढ़े तो.मनु जो साइट के होम पर जाता है वो साइट राजशर्मास्टॉरीजडॉटकॉम थी,वहाँ पर उसको और बहुत से लिंक मिलते हैं,वो वहाँ पर इन्सेस्ट स्टोरीस वाला लिंक खोलता है,वहाँ पर तो घर मे ही आपस मे चुदाइ की कहानी भरी हुई थी,वो एक कहानी पर क्लिक करता है जिसमे कि मा और बेटे की चुदाई की कहानी थी,उस कहानी को पढ़ कर उसका लंड तुरंत फिर से तनाव मे आने लगता है,और वो कहानी पढ़ते-2 कहानी मे लड़के की जगह खुद को और मा की जगह अपनी मम्मी आरती को इमॅजिन करने लगता है,अब तो मनु को कहानी का मज़ा और भी बढ़ जाता है,एक दो बार तो वो इस ख़याल को अपने दिमाग़ से झटकने की कोशिस करता है,पर जब भी वो ऐसा करता है तभी वो ख़याल और ज़्यादा तेज़ी से उसके दिमाग़ मे घर करने लगता है,वो कहानी पढ़ कर हैरान है कि कैसे एक सगा बेटा अपनी ही सग़ी मा को चोद सकता है,पर फिर उसका दिमाग़ ही जवाब देता है कि जिसकी मा उसकी मा आरती जैसी सेक्सी औरत हो वो तो आपनी मा चोदे बिना रह ही नही सकता.



                 ( Maa ki  masti ) ( part 4 )


मनु सोचता है कि क्या वो भी ऐसे ही अपनी मा को चोद सकता है,पर उसको कोई रास्ता समझ मे नही आता,तब बस वो ख़यालों मे ही आपनी मा की चूत मे अपना लंड डाल-2 कर उसकी चुदाई करता रहता है,तभी मनु का लंड दूसरी बार पानी छोड़ देता है.

इस बार वो आराम से उठ कर अपने आप को साफ करता है और बिस्तेर पर जा कर लेट जाता है,और अपनी आखें बंद कर लेता है,पर आँखें बंद करते ही आरती आ कर उसकी आँखों के सामने खड़ी हो जाती है,वो आँखें खोल देता है,पर कमरे मे तो कोई भी नही है,अब मनु का दिल नही मानता,और वो फिर आ कर अपना लॅपटॉप ऑन करता है और फिर से वो ही साइट ओपन करता है,इस बार कहानी दूसरी है ,पर है मा और बेटे की चुदाई की ही कहानी,इस कहानी मे मा को बेटा और उसका दोस्त दोनो मिल कर चोदते हैं,अब तो गॅंग बॅंग के नाम पर मनु का लोड्‍ा फिर से खड़ा हो जाता है,पर उसके लंड मे बार-2 मूठ मारने से थोड़ा सा दर्द भी हो रहा है,पर कहानी के मज़े के सामने उसको इस बात की कोई परवाह नही है,अबकी बार तो मा की दोनो के साथ जम कर चुदाई हो रही है,वो वहाँ पर भी आरती को ले आता है और बेटे की जगह खुद को महसूस करता है,तब वो सोचता है कि तीसरा कौन होगा,तभी मनु के दिमाग़ मे आता है कि उसकी मा को तो रमण फसाना ही चाह रहा है ,तो तीसरा बंदा रमण इमॅजिन करता है,अब तो मज़ा ही बढ़ जाता है,जब मनु और रमण दोनो मिल कर आरती को चोद रहे हैं तो मनु के मज़े का कोई ठिकाना नही है.

अचानक से मनु के दिमाग़ मे एक बात कोंधती है कि क्यों ना रमण उसकी मा को जल्दी से फसा ले और इस काम मे वो रमण की मदद कर ही रहा है,और जैसे रमण कह रहा था कि मनु जब उसकी मदद करेगा तो बदले मे भी कुछ करेगा,तो वो प्रिया के साथ और मौका दिलवा देंगे.

वो सोचता है कि प्रिया की तो मिल ही चुकी है,उसके लिए तो मौके आते ही रहेंगे,पर अगर वो अपनी मा को फसाने मे रमण की मदद के बदले मे रमण से अपनी मा को चोदने का जुगाड़ करने को कहेगा,तो रमण शायद मना नही करेगा,और उसको भी एक और चूत मिल जाएगी,वो भी घर मे ही,उसका जब दिल चाहेगा अपनी मा को चोद सकेगा,और जब आरती उसके साथ होगी तो प्रिया को भी जब मर्ज़ी घर पर ला कर चोदा जा सकेगा.

अब तो मनु का हाथ अपने लंड पर और ज़्यादा तेज़ी से चलने लगता है,पर क्यूंकी उसका लंड अभी थोड़ी देर पहले ही 2 बार झाड़ा था इसलिए उसका पानी ही नही निकल रहा था,पर जब से उसके दिमाग़ मे रमण के साथ मिल कर अपनी मा की चूत को बजाने का ख़याल आया था ,उसका लंड झड़ने को तैयार हो रहा था,और तभी मनु का पानी फिर से निकल गया
आज शाम को मनु तीन बार झाड़ चुका था,पर उसका दिल था कि मान ही नही रहा था,अब वो क्या करे वो यही सोच रहा था.कैसे करके वो ये बात रमण से कहे,हालाँकि रमण तो खुद ही उसकी मा को फाँसना चाह रहा है,और इस काम मे उसकी मदद भी ले रहा है,पर उसके बदले मे वो मनु को प्रिया की चूत मारने के लिए जगह का बढ़िया जुगाड़ करने का वादा उसने किया है,पर अब वो अपनी मा की चूत को उस काम के बदले मे मारना चाह रहा था.

पर अब मनु ने सोच लिया था कि वो कैसे भी करके रमण से अपनी मा की चूत मारने का जुगाड़ करेगा.

ये सोच कर मनु के दिल को तसल्ली मिल गयी.

मनु अब अपने कमरे से बाहर आया ,तो उसने देखा कि उसकी मा ने नाइटी पहन रखी थी,और वो खाना बना रही थी,उसको आज अपनी मा हर दिन के मुक़ाबले ज़्यादा सेक्सी लग रही थी,पर वो ज़्यादा कुछ नही कर सकता था ,कारण कि उसका बाप घर पर ही था.

इस समय उसकी कोई भी हरकत उसको मुसीबत मे डाल सकती थी,इसलिए वो बस दूर से ही अपनी माँ को निहार रहा था,पर ऐसे कि उसकी नज़रे अपनी मा की नाइटी को फाड़ कर अपनी मा के सेक्सी जिस्म का एक्स्रे कर रही थी,तभी आरती की नज़र मनु पर पड़ी और उसने मनु को आवाज़ दी और अपने पास बुलाया.

आरती ने कहा कि आज वो स्कूल से आने के बाद कहाँ था,और क्या कर रहा था,मनु एकदम से अपनी मा के सवाल से हड़बड़ा गया,कि क्या जवाब दे.


फिर उसने सोच समझ कर जवाब दिया कि एग्ज़ॅम्स नज़दीक आ रहे हैं और आज रमण भैया ने नही आना था तो वो स्टडीस कर रहा था,ये सुन कर आरती बहुत खुश हुई और मनु का गाल प्यार से थप-थपाया



Maa ki masti 

मनु को अपनी मा के हाथों का स्पर्श अपने गाल पर बहुत ही अछा लगा,फिर आरती ने टेबल पर खाना लगा दिया,और मनु को कहा कि वो और उसके पापा खाने के लिए खाने की टेबल पर आ जाए.

मनु अपने पापा को ले कर टेबल पर आ गया,और वो सब खाना खाने लगे,फिर अरविंद ने मनु से कहा कि मनु बेटे तुम्हारी स्टडी कैसे चल रही है,मनु ने कहा कि पापा बढ़िया चल रही है,रमण भैया के पढ़ाने का स्टाइल बहुत ही बढ़िया है,और इस बार के एग्ज़ॅम्स मे आपको फर्स्ट आ कर दिखाउन्गा.

अरविंद मनु की ये बात सुन कर बहुत खुस हुआ,फिर बोला कि आरती देखो रमण हमसे मनु की ट्यूशन के बदले मे कोई ट्यूशन फीस नही लेता,और फिर भी मनु की पढ़ाई पर इतना ध्यान देता है,इसलिए तुम भी उसका पूरा-2 ख़याल रखा करो,हमारे यहाँ उसको किसी भी किसम की तकलीफ़ नही होनी चाहिए.

मैने रमण को कई बार फीस के लिए कहा है पर वो सुनता ही नही,ना ही ऑफीस मे उसका बाप रमेश कुछ बताता है,इस कारण हमारा फ़र्ज़ है कि उसका अच्छी तरह से ध्यान रखे,वैसे मैने उसको फीस ना लेने के कारण कई बार अलग-2 गिफ्ट्स दिए हैं ,पर उसका पॅशन ऐसा है कि कहना ही क्या.

आरती बोली कि आपको फिकर करने की कोई ज़रूरत नही है,मैं रमण का और उसकी ज़रूरतो का ध्यान रखती हूँ,और वो जब भी आता है उसको बिना नाश्ता किए जाने नही देती,इसलिए आप को फिकर करने की ज़रूरत नही है,फिर मैं भी देख रही हूँ कि रमण हमारे मनु की पढ़ाई का इतना ध्यान रख रहा है ,तो ये तो हमारा फ़र्ज़ है ही.

मनु आपने मा बाप की ऐसी बातें सुन कर बहुत खुस हुआ,इसका ये मतलब है कि अब उसके पिता जी को तो रमण पर पूरा भरोसा है ही,और उसकी मा भी रमण से बहुत इंप्रेस है,अब रमण और वो मिल कर आरती को आसानी से फँसा सकते हैं.

अगले दिन मनु जब स्कूल से घर आया तब उसने देखा कि आज उसकी मम्मी ने एक बहुत ही मॉर्डन ड्रेस पहनी हुई थी,तब वो अपनी मम्मी से बोला कि मम्मी आज आप कहीं जा रहे हो क्या.

आरती-नही मुझे तो कहीं नही जाना,पर तूने ये क्यों पूछा.

मनु-आप ने आज बहुत नयी ड्रेस पहनी हुई है और मेकप भी किया है,इसलिए मुझे लगा कि आप कहीं बाहर जा रहे हो.

आरती बोली वो तो वैसे ही आज मैने सोचा कि तुम लोग रोज मेरे पीछे पड़े रहते हो कि मे मॉर्डन ड्रेस मे ज़्यादा अच्छी लगती हूँ,और परसो भी तुम लोग ही इन्सिस्ट कर रहे थे कि मैं घर मे वो ड्रेसस क्यों नही पहनती,तो मैने सोचा कि आज तुमको सर्प्राइज़ दिया जाए.

मनु ताड़ गया कि आज तो उसकी मा उन दोनो जनो पर बिजलियाँ गिराने वाली है.

आरती आगे बोली कि अगर तुमको मेरा ये ड्रेस पहन-ना अछा नही लगा तो मैं बदल लेती हूँ.

मनु जल्दी से बोला कि ऐसी कोई बात नही है मा,मैं तो आपको इस ड्रेस मे देख कर बहुत खुस हूँ,और मुझे मालूम है कि रमण भैया भी जब आपको इस रूप मे देखेंगे तो बहुत ही खुस होंगे.आप इन कपड़ों मे बहुत सुंदर लग रही हो.

आरती बोली बस-2 तुम्हे और कोई काम नही है क्या?

मनु ने कहा कि आप तो हमेशा ऐसे ही कहती हो,चलो मैं आपको आपकी रमण भैया ने जो फोटुस दोनो बार खींची हैं दिखाता हूँ.

आरती ने कहा कि वो तो मैने देख रखी हैं.

मनु-अर्रे मे आपको वो फोटुस अपने लॅपटॉप पर लार्ज करके दिखाता हूँ,मोबाइल के मुक़ाबले कंप्यूटर की बड़ी स्क्रीन पर आप क्या खूब लग रही हो.


ये कह कर मनु अपना लॅपटॉप वहीं सोफे पर ले आया,और फिर उसने वो फोल्डर खोले जो रमण ने उसको भेजे थे.पर वो पहले ही उसमे से दूसरी फोटो हटा चुका था.


Maa ki  masti 


अब दोनो मा बेटे सोफे पर साथ-2 बैठ कर फोटुस देखने लगे,वो इतनी चतुराई से खींची गयी थी कि उन फोटुस मे आरती अपने कम कपड़ों से भी और कम मे नज़र आ रही थी.

ये देख कर आरती शरमा रही थी,वो बोली कि मनु अब बस करो.

मनु बोला क्या मा आप इतनी सुन्दर हो ये तो मुझे रमण भैया की फोटोग्रफी से ही पता चला.आप तो बिकुल हेरोइन की तरह लग रही हो.आप को देख कर मेरा भी दिल आप पर आ रहा है.

आरती बोली धत ,कुछ तो शरम करो,मैं तुम्हारी मा हूँ.

मनु-ये ही तो पंगा है,कि आप मेरी मा हो.

वो दोनो जने इन बातों मे लगे हुए थे कि दरवाजे की घंटी बजी,मनु बोला लगता है कि रमण भैया आ गये हैं.

आरती ने कहा कि तुम गेट खोलो मैं आती हूँ.

मनु ने कहा कि मम्मी आप ही खोलो ना आप को इस ड्रेस मे देख कर रमण भैया भी खुस होंगे.

आरती ने जा कर गेट खोला,तो गेट पर ही रमण का तो मूह खुल का खुल रह गया आरती लग ही ऐसी रही थी.

आरती ने कहा कि अब अंदर नही आना क्या?

रमण को जैसे एकदम से होश आया,और वो अंदर आ गया.मनु रमण की शकल देखे जा रहा था,वो बोला कि भैया क्या हुआ आपको?

रमण उसके पास गया और धीरे से बोला कि यार मनु ये आज तुम्हारी मम्मी को क्या हुआ है,कहींजा रही है क्या?

मनु ने कहा कि आपको भी शॉक लगा ना,ऐसे ही मुझे लगा था,जब मे स्कूल से आया,मैने पूछा तो बोली कि तुम ही लोग कहते हो कि ऐसे बनके रहने पर मैं अच्छी लगती हूँ,इसलिए मैं तो तुम्हे खुस करने के लिए ये कपड़े पहन कर तैयार हुई थी.

रमण ने कहा वो तो बहुत बढ़िया बात है.

तभी आरती नाश्ता ले कर आ गयी,और बोली कि रमण कैसे हो?

रमण ने कहा कि भाभी जी मेरे पर तो आज बिजली ही गिर गयी है,अब मैं कैसा हो सकता हूँ.

ये सुन कर आरती हँसने लगी और बोली कि अब बस भी करो ऐसी तो मैं कुछ खास भी नही लग रही.

रमण ने कहा कि ये तो देखने वाले से पूछो कि आप क्या लग रही हो.क्यों मनु?

मनु कुछ नही बोला

फिर उन लोगों ने नाश्ता किया और फिर मनु और रमण मनु के रूम मे पढ़ाई के लिए आ गये.

रूम मे आ कर रमण ने मनु से कहा कि तुम्हारी माँ तो बहुत चेंज हो गयी है.

मनु बोला कि हां भैया मुझे भी ऐसा ही लग रहा है,कि वो आपमे इंटरेस्ट ले रही हैं,पर मेरे सामने शायद कुछ नही बोल पा रही.

रमण ने कहा कि तुम्हे मेरी मैनल मिल गयी थी क्या?

मनु ने कहा कि वो तो कल ही मिल गयी थी,मे अभी वो फोटुस ही अपनी मम्मी को दिखा रहा था.

रमण ने कहा कि सारी दिखा दी क्या ?

मनु-अर्रे नही भैया मुझे भी पता है कि क्या दिखना है और क्या छुपाना है.

रमण ने कहा कि फिर भाभी जी ने क्या कहा .

मनु-वो तो कुछ नही बोली पर चहरे से लग रहा था कि वो फोटुस उनको भी बहुत पसंद आई हैं.


रमण ने कहा तो फिर ठीक है,अब मैं अपनी फ्रेंडशिप वाली बात तुम्हारी माँ से कर सकता हूँ.


Maa ki masti


मनु बोला देख लो भैया कहीं गड़बड़ ना हो जाए,वैसे तो कल ही पापा मम्मी को कह रहे थे कि वो आपका पूरा ध्यान रखे.

रमण ने कहा ये तो और भी बढ़िया है.वैसे भी मुझे लग रहा है कि अब कोशिस करने पर तुम्हारी मम्मी मेरे साथ फँस सकती है.अब तो बस मोका देख कर बात करनी है.फिर रमण मनु को पढ़ा कर चला गया.

रमण के जाने के बाद आरती ने मनु से कहा कि तुम्हारे सर कुछ कह रहे थे क्या?

मनु ने कहा नही तो वो कुछ भी नही बोले.

आरती ये सुन कर बहुत मायूस हो गयी,ये मनु ने भी नोट किया.

फिर उसने रमण को फोन पर ये सारी बाते बता दी.

अगली बार जब रमण ट्यूशन के लिए आया तो उस दिन आरती ने सिंपल नाइटी ही पहन रखी थी,रमण ने कहा कि भाभी जी आज क्या हुआ आज आप तैयार नही हुई,आरती ने कहा ऐसी कोई बात नही है वो तो बस ऐसे ही है.

रमण ने कहा कि भाभी जी मनु कहाँ है वो बोली कि अपने रूम मे पढ़ रहा है,तब रमण बोला कि भाभी जी आप बुरा मत मान-ना उस दिन आप गजब की सेक्सी लग रही थी,पर मे मनु के सामने ज़्यादा कुछ नही बोला,पर आज मैं आप के लिए पिक्चर की 2 टिकेट लाया था,आप चलेंगी मेरे साथ मूवी देखने .

आरती मन ही मन खुश हो गयी,पर बोली कि मैं कैसे जा सकती हूँ,मनु क्या सोचेगा.

रमण ने कहा कि उसकी आप चिंता मत करो मैं उसको समझा दूँगा.

फिर रमण मनु के पास उसके रूम मे गया और सारी बाते उसको बता दी और बोला कि अब मैं और तुम्हारी मम्मी मूवी देखने जा रहे हैं तुम पीछे से सब संभाल लेना.

आरती अपने रूम मे थी तभी रमण ने गेट पर नॉक की तो उसने पूछा कि कौन है,
रमण ने कहा कि मैं हूँ और मनु को मैने कह दिया है,आप रेडी हो जाओ.

आरती ने कहा कि हम लोग आएँगे कब तक क्यूंकी मनु के पापा भी आने वाले होंगे तो अच्छा नही होगा.

रमण ने कहा कि तो फिर ऐसा करते हैं कि कल चलते हैं ,तो जल्दी चल कर जल्दी आ जाएँगे.

आरती ने कहा हां ये ठीक रहेगा,तो रमण बोला कि ठीक है मैं 1 बजे आप को पिक अप कर लूँगा आप तैयार रहना,और कोई बढ़िया सी ड्रेस पहन कर रखना.

ये कह कर रमण मनु के पास आ गया,और मनु को उसकी मा से हुई बातों के बारे मे बताया.मनु ने कहा कि भैया आपकी तो सेट्टिंग हो गयी,अब आगे क्या करना है.



रमण ने कहा कि करना क्या है,अब कल मैं तुम्हारी मम्मी को तुम्हारी ही बाइक पर मूवी दिखाने ले जाउन्गा,तुम्हारा क्या ख़याल है सही रहेगा ना.


मनु ने कहा हां ये तो बहुत बढ़िया रहेगा.


Maa ki  masti 


रमण तो फिर ठीक है मैं चलता हूँ और कल मिलते हैं. 

अगले दिन आरती सुबह से ही बहुत एक्शिटेड थी,आज वो रमण के साथ मूवी देखने जाने वाली थी,ये बात मनु को तो पता थी,पर उसके बाप अरविंद को पता नही था कि उसकी बीवी आज उसको बताए बिना किसी और के साथ मूवी देखने के लिए जाने वाली है.

मनु ने अपनी मम्मी से मूवी देखने के बारे मे कोई बात नही की वो अपनी मा को जताना नही चाहता था,कि उसको पता है कि आज वो रमण के साथ बाहर जा रही है,फिर वो तैयार हो कर अपने स्कूल चला गया.

अरविंद भी रेडी हो कर और ब्रेकफास्ट करके ऑफीस के लिए निकल जाता है.

अब उन सबके जाने के बाद आरती का हाल खराब हो जाता है,वो मन ही मन सोचती है कि उसको रमण के साथ जाना चाहिए या नही अगर किसी ने देख लिया तो क्या होगा?और वो रमण के साथ जा ही क्यों रही है?

अब तो आरती का दिल अज्जीब सी कशमकश मे फँस गया था कि वो करे तो क्या करे?कल तो उस टाइम जब रमण ने उसको पिक्चर के लिए पूछा था ,तब वो बहुत गरम थी और उस टाइम तो उसने हां कर दिया था पर अब आरती का दिल बहुत घबरा रहा था,और वो सोच रही थी कि रमण को मना कर दे या कोई बहाना बना दे.

ये सब सोच कर आरती ने हिम्मत करके रमण को उसके मोबाइल पर फोन मिलाया,जैसे ही रमण ने फोन उठाया और हेलो बोला आरती की ज़ुबान फिर एक बार बंद हो गयी कि वो रमण को क्या बोले?

फिर रमण ने दुबारा हेलो कहा और पूछ कौन है ,भाभी जी आप हैं क्या दूसरी तरफ या मनु ?

अब आरती ने कहा कि हां वो बोल रही है,ऐसा था कि आज उसको अपनी तबीयत कुछ अच्छी नही लग रही,इसलिए वो आज उसके साथ जो मूवी देखने जाने वाली थी वो नही जा पाएगी.

ये सुन कर रमण के अरमानो पर तो एकदम से पानी फिर गया,कहाँ तो उसने क्या-2 सपने देख रखे थे कि आज पिक्चर देखते हुए वो आरती के साथ क्या -2 मस्ती करेगा ,कहाँ सारे का सारा प्रोग्राम ही कॅन्सल होने वाला है,अब वो क्या करे?


फिर रमण ने हिम्मत करके आरती से पूछ कि भाभी जी आपकी तबीयत को हुआ क्या है,ज़्यादा कोई दिक्कत है तो मैं आ जाता हूँ और आपको डॉक्टर के पास ले चलता हूँ.


Maa ki masti



आरती ने कहा कि नही ऐसी कोई बात नही है,बस सिर मे कुछ दर्द सा महसूस हो रहा है और शरीर भी कुछ गिरा-2 लग रहा है,इसलिए ये प्रोग्राम किसी और दिन के लिए रख लेते हैं,प्लीज़. आप बुरा मत मान-ना.किसी और दिन चलते हैं.

ये कह कर आरती ने फोन काट दिया,अब रमण जो सुबह से बहुत ही जॉली मूड मे था उसका तो एकदम से फ्यूज़ ही उड़ गया,कहाँ तो उसने प्लानिंग कर रखी थी कि आज मर्डर-2 की टिकेट्स ला रखी हैं,वहाँ पर आरती जो कि किसी सेक्सी ड्रेस मे होगी,उसको र्थोड़ा सा गरम करेगा और फिर उसकी सोई हुई भावनाए जो कि मनु के सामने होने के कारण बाहर नही आती थी उनको भड़काएगा और उस-से मज़े लेगा,ज़्यादा नही तो आज वो आरती के मम्मे तो दबाएगा ही,और फिर जब मनु की मोटरसाइकल पर उसको ले जाएगा तो बार-2 ब्रेक लगा कर उसके मम्मे फील करेगा,तो आरती भी थोड़ा और ज़्यादा खुल जाएगी,फिर आगे बढ़ने के लिए रास्ता बन जाएगा.

पर उसके सारे अरमानो पर पानी पड़ गया था,अब तो आरती को फँसाने के लिए दुबारा से कोई और चारा लगाना पड़ेगा,है तो वो भो तैयार पर पता नही कहाँ पर क्या अटक रहा है?पता नही कैसे ऐसे ही केएलपीडी होती रहेगी.

ये सोच कर रमण ने सोचा कि अब की बार मनु को भी प्लान मे खुल कर कोई रोल देना होगा,जिस-से कि आरती की जीझक भी ख़तम हो जाए और जैसे वो और मनु खुल गये हैं वैसे ही वो और आरती भी खुल जाएँ

अब रमण ने सोचा कि आगे जो भी करना है वो पूरी तरह से प्लॅनिंग करके ही करेगा,ऐसे जल्दी मे कोई भी कदम उठाने से बनी हुई बात बिगड़ सकती है,आज ट्यूशन ना होने के बावजूद उसने मनु से मिलने की तैयारी कर ली ,ताकि वो उस-से बात करके आगे क्या करना है ये तय करेगा,जिस से कि आज जो हुआ है वो आगे फिर कभी ना हो.

ये सब सोच कर उसने मनु को उसके मोबाइल पर आज जो हुआ वो एसएमएस के द्वारा बता दिया,और स्कूल के बाद मिलने का भी लिखा.

मनु स्कूल से सीधा घर गया,घर पर उसने अपनी मा को कहा कि रमण भैया आज भी ट्यूशन के लिए आएँगे.कोई लेसन रह गया था जो कि कल क्लास टेस्ट के लिए ज़रूरी है.

ये सुन कर आरती जो कि इतमीनान से बैठी थी उसको एक झटका लगा ,क्यूंकी वो तो सोच रही थी कि आज के दिन तो उसको रमण का सामना नही करना पड़ेगा,क्यूंकी आज तो मनु की क्लास ही नही है,अब आरती सोचने लगी कि रमण का सामना कैसे करेगी,और क्या कहेगी कि उसने उसके साथ जाने के लिए क्यों मना किया,अब तो आरती फिर एक कशमकश मे पड़ गयी.

ये बात मनु भी भाँप गया,पर वो बोला कुछ नही,वो चाहता था कि पहले पूरी बात का पता रमण से चले फिर आगे क्या करना है ये सोचा जाएगा.

चाहता तो मनु ये था कि उसकी मा जल्दी से जल्दी रमण के साथ सेट हो जाए जिस-से कि मनु को भी कुछ तो प्रिया के साथ मस्ती करने का मौका मिले ही और सबसे बड़ी बात है कि उसका खुद का दिल आज कल अपनी मा पर फिदा था और वो ये चाहता था कि रमण तो उसकी मा से मज़े ले ही ,वो भी अपनी मा की चूत मार सके.

आल कल तो ये हाल था कि आरती कोई भी आउटफिट पहनती थी,अगर उसमे उसकी थोड़ी सी भी क्लीवेज़ नज़र आती थी तो उसी टाइम मनु का लंड अपनी मा की चूत के नाम पर सलामी देने लगता था.वो अब अपनी मम्मी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था,और उसके नाम की मूठ मारने लगा था.

आरती आज के दिन रमण का सामना नही करना चाहती थी ,इसलिए वो जल्दी से रेडी हो कर मनु से कहती है कि आज वो अपनी एक सहेली के यहाँ जा रही है.


मनु तो सब समझ रहा था कि आरती मनु का सामना नही करना चाहती है इसलिए वो यहाँ से जा रही है,पर ये उसके लिए भी अच्छा था ,क्यूंकी उसके ना होने पर वो दोनो आपस मे आराम से बाते कर सकते थे,और आगे के प्लान के बारे मे सोच सकते थे.


Maa ki masti



आरती के घर से जाने के कुछ ही देर के बाद रमण आ गया,उसने आते ही मनु से पूछा कि उसकी मम्मी कहाँ है,तब मनु ने बताया कि वो तो अपनी किसी सहेली के यहाँ गयी है,रमण भी समझ गया कि आरती किसलिए गयी है.

अब आगे क्या करना है ये उन दोनो को ही सोचना था इसलिए वो दोनो अंदर आ गये.

तब मनु ने रमण से पूछा कि आज असल मे हुआ क्या था जो उसकी मम्मी उसके साथ जो मूवी देखने जाने वाली थी वो प्रोग्राम कैसे कॅन्सल हो गया.

रमण ने मनु को कहा कि ये तो पक्का उसको भी नही पता कि क्या हुआ ही ,उसके पास तो बस सुबह फोन आया कि आज उसकी मम्मी की तबीयत ठीक नही है,इसलिए वो उसके साथ मूवी देखने नही जा सकेगी,इसके आगे कोई बात ही नही हुई और आरती ने फोन रख दिया,अब वो आरती को फोर्स तो नही कर सकता था ना कि वो उसके साथ पिक्चर के लिए ज़रूर चले.

मनु ने कहा कि इसका मतलब है कि मम्मी अभी भी थोड़ा सा जीझक रही है और उनको थोड़ी सी घबराहट है कि क्या होगा इसलिए वो नही गयी.

तब रमण ने कहा कि ऐसा ही मुझे लग रहा है,पर यार अब आगे क्या करना है,ये बहुत सोच समझ कर करना है.

मनु ने कहा कि भैया आप ही कोई तरकीब सोचो मैं तो हर तरह से आपके साथ हूँ.

रमण ने कहा कि अभी तो मुझे कोई तरकीब नही सूझ रही पर आगे कुछ सूझा तो मैं बताउन्गा,तब तक हमे घर मे तुम्हारी मम्मी को ये फील नही होने देना है कि मुझे उनके फिल्म के लिए ना जाने से कोई गिला शिकवा है.

अगले दिन जब रमण ट्यूशन के लिए आया तब आरती घर पर ही थी,आज वो घर पर तो थी,पर रमण से नज़रे नही मिलाना चाह रही थी,जबकि रमण सब कुछ नॉर्मल ही शो कर रहा था.

तो जब रमण और मनु के लिए आरती नाश्ता ले कर गयी तब रमण ने आरती को कहा भाभी जी नमस्ते और आप की तबीयत कैसी है.

आरती ने कहा कि ठीक है,और वो बाहर आ गयी ,रमण भी आगे कुछ नही बोला.

ऐसे ही 2-3 हफ्ते निकल गये,अब आरती नॉर्मल हो गयी थी और रमण भी आरती से हाय हेलो करता रहता था,कि उसको कोई बात अज्जीब ना लगे.

तब रमण ने आरती को भी अपने साथ नाश्ते के लिए कहा और बोला कि भाभी जी आज तो आप भी हमारे साथ बैठ जाओ,आरती भी कुछ अलग ना लगे इसलिए वहाँ पर बैठ गयी और वो सब वहीं नाश्ता करने लगे.

इस तरह से लाइफ दुबारा से पटरी पर आ गयी थी,अब फिर से रमण आरती से मज़ाक करने लगा था,और मनु भी उनकी बातों मे शामिल होता ही था,अब आरती ने दुबारा से कुछ भड़कीले कपड़े पहन-ने शुरू कर दिए थे,उसको ये तो पता ही था कि रमण की उस पर नज़र है,इस बात का वो भरपूर मज़ा लेती थी,पर मनु के कारण थोड़ा खुल नही पाती थी.

तब एक दिन अरविंद को ऑफीस के काम से 2-3 दिन के लिए टूर पर जाना था,और दिन भी थर्स्डे था,तो मनु ने ये बात रमण को बता ही दी थी.

रमण जब ट्यूशन के लिए आया तब उसने वैसे ही पढ़ाई के बीच आरती से बाते की और मनु से कहा कि यार आज कल काफ़ी दिन हो गये कही बाहर जा कर पार्टी वागरह किए हुए.

मनु ने कहा कि भैया पढ़ाई से टाइम ही नही मिल रहा,तो फिर क्या करें.ऐसा करते हैं कि सॅटर्डे को पापा यहाँ नही हैं कही मूवी के लिए चलते हैं.


रमण ने तब कहा कि ये भी ठीक है,तब उसने कहा कि भाभी जी आप भी चलोगि क्या परसूं रात को मूवी देख कर आते हैं,बहुत दिन हो गये हैं अब तो



Maa ki masti.


आरती ने कहा कि नही वो नही आएगी,उसका मन नही कर रहा कहीं बाहर जाने का.

तब एकदम से मनु ने कहा कि भैया जब मम्मी बाहर नही जाना चाहती तो क्यों ना यहीं घर पर ही रात को मूवी देखें और यहीं पर डिन्नर करें ,पापा तो होंगे नही तो हम सब यहीं पर सॅटर्डे नाइट एंजाय करते हैं ना.

रमण ने कहा कि यार ये तो वोंडरफुल्ल आइडिया है,पर तुम्हारी मम्मी को कोई एतराज़ नही होना चाहिए ,वैसे भी हम उनकी बात तो मान ही रहे हैं,तो आप क्या कहती हो भाभी जी फिर सॅटर्डे की रात बाहर ना जा कर यहीं पर एंजाय करें.

आरती ने कहा कि इसमे उसको कोई एतराज़ नही है,वो तो उनको बाहर जाने से भी मना नही कर रही अगर वो लोग कहीं बाहर जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं.

रमण ने कहा कि ऐसे नही चलेगा भाभी जी जब हम यहाँ घर पर ही मूवी और डिन्नर का प्रोग्राम रख रहे हैं तो आप को भी शामिल होना ही होगा तभी मज़ा आएगा.

फिर मनु ने भी कहा कि हां मम्मी जब हम सब यहाँ पर ही मज़े करेंगे तो आप को तो शामिल होना ही है.और वो अपनी मम्मी से ज़िद करने लगा.

तब आरती ने कहा कि ठीक है जब तुम लोगों की यही इच्छा है तो कोई बात नही.

ये सुनते ही मनु खुस हो गया.

खुस तो रमण उस-से भी ज़्यादा था पर दिखा नही रहा था.

अब ये तय हो गया कि वो लोग शनिवार की शाम को ही मूवी देखेंगे और डिन्नर ऑर्डर करके घर पर ही डिन्नर भी कर लेंगे.

अगले दिन रमण ने मनु को ये ज़िमेदारी दी कि वो अपनी मा को कहे कि रात के टाइम वो कोई बढ़िया और सेक्सी ड्रेस पहने पर उसको राज़ी कैसे करना है ये काम मनु को ही करना था.


अब सारी ज़िमेदारी मनु पर आ गयी थी,कि वो कैसे अपनी मा को हॅंडेल करता है और परसों रात को क्या होता है?

अगला सारा दिन मनु इसी टेंशन मे रहा कि मम्मी को कैसे राज़ी करूँ कि वो कुछ सेक्सी स्टफ पहन कर उन लोगों की शाम का मज़ा दुगना कर दें,वो इसी सोच मे था कि मा को कैसे रेडी करे ,तभी उसे एक तरकीब सूझी कि क्यों ना मा को पहले कि पार्टी की फोटुस दुबारा से दिखाई जाएँ जिस-से कि वो कुछ तो फ्री महसूस करे,तब उसने अपना लॅपटॉप निकाला और ड्रॉयिंग रूम मे जहाँ उसकी मम्मी बैठी थी वहीं आ कर बैठ गया और वो फोटुस देखने लगा.

आरती की नज़र जैसे ही अपनी फोटुस पर पड़ी वो बोली कि मनु ये तुम क्या देख रहे हो?

मनु बोला कि कुछ खास नही मम्मी वो रमण भैया ने जो आपकी फोटुस खींची थी,उन सब को मॅनेज कर रहा था,आप भी देख लो एक बार फिर से.

आरती वहाँ पर आके उसके साथ बैठ गयी,तब मनु ने वो फोल्डर खोला जिसमे कि उसकी मा की कुछ सेक्सी तरीके की फोटुस थी,जो कि रमण ने ली थी.

आरती उन फोटुस को देख कर एकदम से लाल हो रही थी,ये मनु भी देख रहा था,इसलिए वो बोला कि मम्मी आप इन सब ड्रेसस मे क्या कमाल लगती हो आप इनको फिर से पहना करो ना.

आरती ने कहा कि वो तो उस दिन पार्टी मे रमण ने कहा तो पहन ली थी,वैसे वो ऐसे ड्रेसस कभी-2 ही पहनती है.

मनु ने कहा कि ये सब आप के उपर बहुत सूट करती हैं और इनको पहन कर आप बहुत सुंदर भी तो लगती हो.


आरती ने कहा कि ठीक है अब कभी ऐसे मौके पर पहन लेगी.




Maa ki masti

मनु यही तो चाहता था,वो तुरंत बोला कि कल शाम को जब रमण भैया आएँगे तब आप ऐसी ही कोई बढ़िया आउटफिट पहन-ना.

आरती ने कहा कि नही घर पर इस ड्रेस का क्या काम.ये तो किसी पार्टी वगेरह मे ही अच्छी लगती हैं.

मनु-तो वो ही तो है कल हमारे घर पर ही है,पर है तो पार्टी ही जिसमे मे आप और रमण भैया शामिल होंगे,और रमण भैया को भी अच्छा लगे-गा .

आरती ने कहा कि ऐसा रमण ने कब कहा.

मनु-वो तो हमेशा ही कहते हैं कि आप बहुत सुंदर हैं,और वो आपको पसंद भी करते हैं.

आरती-मनु ये तुम क्या कह रहे हो,ये ठीक नही है.

मनु-इसमे क्या बुरा है,वो तो आपसे सिर्फ़ दोस्ती ही करना कहते हैं,और कुछ नही कहते.उस दिन भी आप जब वादा करके उनके साथ मूवी देखने नही गयी तो उनको कितना बुरा लगा था,आपको पता भी है.

आरती-ये तो मुझे भी पाया है कि मैं उसको वादा करके उसके साथ नही गयी,तो रमण को बुरा तो लगा ही होगा,पर मेने सोचा कि जब तुम्हे ये पता चलेगा कि मे रमण के साथ अकेले मे मूवी देखने गयी हूँ ,तो तुम क्या सोचोगे.

मनु-इसमे सोचने की क्या बात है,मैं भी तो अपने दोस्तों के साथ मूवी देखने जाता हूँ.

आरती-पर ये अलग है,ऐसे में अगर तुम्हारे पिता जी को पता चल गया तो क्या होगा.

मनु-अरे वो खुद बाहर क्या-2 करते हैं आपको बताते हैं क्या,फिर जब उनको बाहर मस्ती करने का हक़ है तो आपको क्यूँ नही.

आरती-तो तुम्हे मेरे रमण के साथ मूवी जाने के बारे मे सब पता था,और तुम्हे कोई एतराज़ नही था.

मनु-आरे वो तो रमण भैया ने मुझे बता ही दिया था,और फिर मैने कहा ना कि अगर आप को कहीं किसी के साथ कोई ख़ुसी मिलती है तो इसमे मुझे क्या एतराज़ होगा.

आरती-मुझे लगा कि तुमको बुरा लगेगा और तुम अपने पिता जी से कह दोगे इसलिए मेने पिक्चर का प्रोग्राम कॅन्सल कर दिया था.

मनु-आरे मा अब तो आपको पता चल गया कि मुझे आप की किसी बात से कोई प्राब्लम नही है तो फिर आप क्यूँ घबरा रही हो,और अब इसी बात पर प्लीज़. कल शाम को कोई बढ़िया सी ड्रेस पहन लेना कि रमण भैया की आपसे नाराज़गी भी दूर हो जाए,और आपको भी अच्छा लगे

ये सब बातें सुन कर आरती के दिल मे एक हलचल सी मच गयी,अब उसको मालूम था कि उसके बेटे मनु को भी उसकी और रमण की दोस्ती से कोई एतराज़ नही है,बल्कि वो तो खुद कह रहा है कि आरती को भी अपनी ख़ुसी के लिए थोड़ी सी आज़ादी लेनी चाहिए,और वो खुद कह रहा है कि वो और रमण दोस्ती कर लें तो फिर वो भी आगे बढ़ सकती है.

अब आरती इस टेंशन से मुक्त थी कि मनु क्या सोचगा,अब तो वो खुद कल शाम का इंतेज़ार कर रही थी,कल के लिए क्या तैयारी करनी है और क्या-2 घर मे चाहिए वो बस ये ही सोच रही थी.

और आरती ने सोच लिया था कि वो अब रमण को पहले से ज़्यादा लिफ्ट देगी,इसलिए कल पहन-ने के लिए कोई बढ़िया आउटफिट भी चाहिए,जिसमे कि उसका बेटा मनु भी बुरा ना फील करे और वो रमण को भी खुश और टिस्स कर सके.

अगले दिन रमण सही ट्यूशन के टाइम पर मनु के यहाँ पहुँच गया,मनु ने रमण को देखते ही कहा कि भैया आप जल्दी नही आ गये.

रमण ने कहा कि नही पहले हम रोज़ अपने टाइम पर जो ट्यूशन होती है उसकी पढ़ाई करेंगे और उसके बाद शाम को एंजाय्मेंट का प्रोग्राम एंजाय करेंगे.

ये सुन कर मनु ने कहा कि ये ठीक नही है,आज तो छुट्टी होनी चाहिए थी,पर तभी आरती बोली जो उन दोनो की बातें सुन रही थी कि रमण ये तुम सही कह रहे हो पहले पढ़ाई के टाइम पढ़ाई फिर बाद मे दूसरे सब काम.

आरती ने अभी तो दिन मे पहन-ने वाली नाइटी ही पहनी हुई थी,क्यूंकी वो भी रमण को इतनी जल्दी आना एक्सपेक्ट नही कर रही थी,और वो सोच रही थी कि रमण तो शाम को ही आएगा तभी चेंज कर लेगी,पर रमण का ये बिहेवियर उसके दिल को छू गया कि जब पढ़ाई करनी है तब और कोई काम नही करना ,इस-से उसके दिल मे रमण के प्रति और ज़्यादा आकर्षण उत्पन्न हो गया.



Maa ki masti 


रमण और मनु रूम मे आ गये,मनु बोला ये क्या भैया आप भी ना सारा मूड खराब कर देते हो,

रमण ने कहा कि यार तुम समझोगे नही ये जो औरतें होती हैं ना और वो भी खास कर वो जब ये देखती हैं कि आदमी इतना सिंकेयर है तो वो बहुत खुस हो जाती हैं,तुमने देखा नही मेरी ये बात सुन कर कि पहले पढ़ाई फिर और काम ,तुम्हारी मम्मी कितनी खुस हो गयी.

चलो अब वो सब छोड़ो और बताओ कि कल क्या प्रोग्रेस हुई,तुम्हारी मम्मी से कोई बात हुई या नही.

मनु ने कहा कि मेरी बात तो हुई है मम्मी से पर मे आप को बताने नही वाला,जो भी बात हुई है उसका मतलब आपको बाद मे समझ आ जाएगा,आप इंतेज़ार करो

वैसे आज देखने के लिए आप कौन सी मूवी लाए हो?

रमण ने कहा कि वही है जो उस दिन देखने जाने वाले थे,मर्डर-2

मनु बोला -वाउ ये ही मूवी तो मुझे भी देखनी थी.

रमण-पर अगर तुम्हारी मम्मी रेडी ही नही हुई तो फिर मूवी का क्या मज़ा आएगा.

मनु ने कहा वेट आंड वाच

तभी आरती उनके रूम मे नाश्ता ले कर आ गयी,तो वो दोनो चुप हो गये.

आरती नाश्ता दे कर चली गयी,तब रमण ने कहा कि आज की पढ़ाई कर लें फिर मूवी देखते हैं,

मनु बोला ओके.

इधर आरती उन लोगों को नाश्ता देने के बाद अपने रूम मे आ गयी,फिर उसने सोचा कि अब कपड़े चेंज कर लेने चाहिए,पर क्या पहन-ना है वो ये डिसाइड नही कर पा रही थी,फिर उसने एक ड्रेस निकाली जिसमे कि बदन छुपने के साथ-2 दिखाई भी देता था,बल्कि छुपाने से ज़्यादा दिखाई ही देता था,और साथ मे रेड कलर की ब्रा और पैंटी भी निकाली,फिर वो शवर ले कर आई और थोड़ा सा मेकप करके तैयार हो गयी.

इस बीच रमण और मनु भी पढ़ाई से फारिग हो गये,तब रमण ने कहा कि यार मनु तुम तो कह रहे थे वेट आंड वाच उसका क्या हुआ.

मनु बोला अभी तो वेट ही किया है थोड़ी देर मे वाच भी कर लेना.

अब वो दोनो ड्रॉयिंग रूम मे आ गये,रमण ने डीवीडी निकाल कर मनु को दी वो बोला की पहले कुछ कोल्ड ड्रिंक वागरेह पी लेते हैं.

उसने आवाज़ लगाई मम्मी हमारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाना,जब आरती कोल्ड ड्रिंक ले कर रूम मे आई तो रमण की आँखे तो खुली रह ही गयी मनु का भी लोड्‍ा खड़ा हो गया,आज आरती इन कपड़ों मे गजब की हसीन लग रही थी,और जवानी उसके शरीर से टपक रही थी,रमण तो आरती का ये रूप देख कर पलक झपकाना ही भूल गया,और उसका मूह खुला का खुला रह गया.

उधर यही हाल कुछ-2 मनु का भी था,वो तो अपनी मा को इस सेक्सी रूप मे देख कर खुस हो गया.

आरती उन दोनो का ये हॉल देख कर एकदम से झेंप सी गयी,पर मन ही मन बहुत खुस भी हुई और अपनी सुंदरता पर बहुत खुस हुई.

फिर जब उसने देखा कि ये दोनो तो एकदम ऐसे हो गये हैं कि कोई आवाज़ ही नही निकाल रहे तो उसने ही कहा कि कोल्ड्ड्रिंक नही पीनी क्या?तब उन दोनो की तंद्रा टूटी,और बोले क्यों नही .

फिर आरती भी वहीं बैठ गयी,रमण तो उसको ही देखे जा रहा था,वो बोला कि भाभी जी आप भी हर बार कोई ना कोई नया ही रूप ले कर आती हो,

आरती ने कहा कि क्या हुआ,

रमण ने कहा की क्या नही हुआ,आज तो आप गजब ढा रही हो,ऐसे ही अगर आप मेरे सामने आती रही तो मेरा क्या होगा.

मनु ने भी कहा कि हां मा आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.

आरती-अब तुम दोनो मेरी तारीफ ही करते रहोगे या कुछ लोगे भी.और अब क्या प्रोग्राम है ये भी तो बताओ.

रमण बोला कि प्रोग्राम तो वो ही है,भाभी जी जो उस दिन डिसाइड किया था पहले यहीं पर मूवी देखते हैं फिर यहाँ पर ही डिन्नर मॅंगा कर डिन्नर करेंगे.

आरती ने कहा की ठीक है फिर मूवी तो लगाओ.

रमण ने मनु को कहा कि यार अब पिक्चर शुरू करो.

आरती बोली कि तुम लोग पिक्चर लगाओ,मैं तब तक कुछ स्नॅक्स ले आती हूँ,

रमण नेकहा हां ये ठीक रहेगा,चलो मे भी आप के साथ चलता हूँ,और वो भी खड़ा हो गया और आरती के साथ किचेन मे आ गया.

आरती ने कहा कि तुमको आने की क्या ज़रूरत थी मैं ला तो रही थी,रमण बोला कि वो बात नही है,मैं मनु के सामने बोलना नही चाह रहा था,आज आप को देख कर मेरे दिल मे कुछ-2 हो रहा है,आप इतनी सुन्दर लग रही हो कि मेरा दिल कर रहा है कि आप को चूम लूँ.

आरती ये सुन कर एकदम से शर्मा गयी,और उसके गाल पर लाली आ गयी,वो बोली धत्त ये तुम क्या कह रहे हो.

रमण ने कहा कि वही कह रहा हूँ जो मेरे दिल ने मुझे कहने को कहा,अब तो मुझ से सबर ही नही हो रहा था,इसलिए आपके पीछे यहाँ पर आया हूँ,कि मनु के सामने आप को भी शरम आएगी.


आरती- आरे नही ऐसी कोई कोशिस भी mat karna 

             ( Maa ki masti ) ( part 5 )


फिर आरती अरविंद की विस्की की बोतल निकाल कर लाती है तब तक मनु भी 3 ग्लास ले आता है,आरती 3 ग्लास देख कर बोली कि ये 3 ग्लास क्यों लाए हो?मनु ने कहा की आप नही लोगि क्या.

आरती-नही मैं ये नही लूँगी,तब रमण ने कहा कि ठीक है फिर कोई भी ये नही लेगा आप वो बोतल ही निकाल लाओ अब तो कुछ ठंडी हो गयी होंगी,आरती बोली कि हां ये ठीक है,फिर वो पहले कुछ स्नॅक्स लाई,और फिर वो बियर भी ले आई

इस बीच मनु ने टेबल पर सब कुछ अरेंज कर के रख दिया,जब आरती वापिस आई तो रमण ने कहा कि भाभी जी अब बियर पीने मे तो आपको कोई एतराज़ नही है ना.

आरती बोली ऐसी तो कोई बात नही है तुम लोगों का साथ देने के लिए मे भी थोड़ी सी ले ही लोंगी.

ये सुन कर रमण ने कहा कि ठीक है मैं आप के लिए भी डालता हूँ,और फिर तीनो जने धीरे-2 बियर के साथ स्नॅक्स लेने लगे,पर इस चुप्पी को मनु ने तोड़ा और बोला कि रमण भैया मूवी बड़ी अच्छी थी,हेरोयिन तो जबरदस्त लग रही थी.

रमण ने कहा कि कहाँ यार भाभी जी के आगे तो वो हेरोयिन पानी भरती है,आज जिस रूप मे भाभी जी हैं उनके आगे वो क्या लगती है,क्यों मैं सही कह रहा हूँ ना.

ये सुन कर मनु ने कहा कि हां भैया आज तो मम्मी भी किसी भी हेरोयिन को मात दे रही है,आरती जो अभी तक ये सब सुन रही थी अब बोली कि ये तुम लोग क्या फालतू की बाते कर रहे हो ,मूवी के बीच मे मैं कहाँ से आ गयी.

रमण बोला कि सच मे भाभी जी ये हेरोयिन क्या चीज़ हैं, ऐसी हेरोयिन आपकी नेतुरल खूबसूरती के आगे पानी भरती हैं.अगर आप भी इनकी तरह से आउटफिट्स पहनो ना तो आप इनसे कहीं ज़्यादा स्मार्ट और सेक्सी लगोगी.

आरती आरे बस-2 ये कुछ ज़्यादा ही हो रहा है.

मनु-नही मम्मी रमण भैया सही कह रहे हैं,आप भी ऐसी ड्रेसस ले आओ और पहनो तो आप इन सब से ज़्यादा सेक्सी लगोगी.

आरती हट बदमाश तू भी आज कल बहुत बोलने लग गया है.

इतने मे रमण ने कहा कि अब मग खाली हो गये आप बाकी की बोतल भी ले आओ.आरती उधर बियर लेने गयी ,इधर रमण ने सबके मग्स मे थोड़ी-2 विस्की डाल दी,जब आरती बोलल्स ले आई तो उसने जल्दी से उसी विस्की मे बियर भी मिला दी.

फिर ड्रिंक्स का नया दौर शुरू हो गया,रमण ने कहा कि भाभी जी आज आप ने हमे कंपनी दे कर जो हमारे उपर अहसान किया है,मैं बता नही सकता.आप के साथ बैठ कर मूवी देखने मे बहुत मज़ा आ या.

आरती सब समझ रही थी कि रमण कौन्से मज़े की बात कर रहा है,वैसे आज उसको भी रमण के यूँ किस करने से जो अनुभूति हुई थी,उसका जवाब नही था,और वो इसीलिए अब भी वहीं बैठी थी.

रमण ने बात एक बार फिर मूवी की तरफ मोड़ दी और कहा कि आज कल हेरोयिन इतनी सुंदर नही होती सारा कमाल तो मेकप का ही होता है,और रही सही कसर कपड़े पूरी कर देते हैं.

मनु -आप बात तो सही कह रहे हो भैया.आप क्या कहती हो मम्मी?

आरती-मैं क्या कहूँगी तुम लोग जो कह रहे हो सही है.

रमण -तो आप भी मानती हैं ना कि अगर आप भी ऐसे ही मेकप करेंगी और ऐसे ही कपड़े पहनेंगी तो आप इन से ज़्यादा सुन्दर लगेंगी.

अब आरती पर तोड़ा -2 शराब का सुरूर चढ़ने लगा था और फिर अपनी सुंदरता के बारे मे किसी से भी सुन-ना किस औरत को अच्छा नही लगता,आरती बोली कि शायद ऐसा ही हो.

रमण-तो फिर ये तय रहा कि आगे से आप घर पर ऐसे ही सुंदर बन कर ही रहेंगी,मनु देख लो अब भाभी जी ने तुम्हारे सामने हामी भरी है,अब ये मना नही कर सकती.

मनु-हां मा आप अब ऐसे ही आउटफिट पहना करो,बल्कि मे तो कहूँगा कि ये शुरुआत आप अभी से करो.

रमण-सही बात है,आप अभी कोई ऐसा आउटफिट पहन कर आओ जो इस फिल्म की हेरोयिन से मिलता हो.


आरती अब तक कुछ-2 मस्ती मे आ ही गयी थी,वो बोली कि तुम लोग सही कह रहे हो मैं कोई इन हेरोइनो से कम थोड़ी हूँ,मैं भी इतनी सेक्सी लग सकती हूँ,मैं अभी आती हूँ कपड़े बदल कर.


Maa ki masti 


आरती वहाँ से निकल कर अपने रूम मे आ गयी,आज वो बहुत खुस थी,और थोड़ी नशे मे भी थी,इसलिए रूम मे आते ही उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए,अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी मे थी,उसने फिर अपनी आल्मिरा मे से ड्रेस देखनी शुरू की,वहाँ पर बहुत सारी वेस्टर्न ड्रेसस थी जो बहुत सुंदर-2 थी,पर उनमे से एक भी अल्ट्रा मॉडर्न नही थी,जैसे कि फिल्म की हेरोयिन ने पहनी थी,फिर वो अपने उन कपड़ों मे देखने लगी जो पुराने थे,उनमे उसे एक मिक्री मिनी स्कर्ट और बॉब्बी स्टाइल टॉप नज़र आया,जिसकी स्लीव्स नही थी,उसने वो निकाल लिया पर अब जब वो टॉप पहनने लगी तो वो उसको फँस ही नही रहा था,फिर उसने किसी तरह से पहन लिया हालाँकि वो बहुत छोटा था और उसमे उसके मम्मे समा नही रहे थे,पर अब दूसरी प्राब्लम शुरू हो गयी,उसमे से उसकी ब्रा पूरी ही नज़र आ रही थी,और उस ड्रेस की शो खराब कर रही थी,अब वो क्या करे,तो उसने वो टॉप उतार दिया पर कोई और ड्रेस नही मिल रही थी,इसलिए पहन-ना तो कुछ था ही तब एक ही उपाय था कि वो अपनी ब्रा उतार दे तो आरती ने अपनी ब्रा भी निकाल दी ,ब्रा के निकलते ही उसके मोटे-2 चुचे एकदम से जैसे जॅंगल से कबूतर निकलते हैं,ऐसे बाहर आ गये.

अब आरती ने वो टॉप दुबारा पहन लिया,अब तो वो उस टॉप मे ऐसे लग रही थी कि कोई फिल्मी हेरोयिन भी क्या होगी,और उपर से ब्रा ना होने की वजह से उसकी मोटी-2 चुचियाँ तो टॉप को फाड़ कर बाहर आने को उतारू थी,वैसे भी कुछ तो शराब का नशा और कुछ वासना के नशे के कारण उसकी चुचियाँ और भी ज़्यादा फूल गयी थी.

अब आरती ने वो मिक्री मिनी स्कर्ट डाली,तो वो तो बिल्कुल जानदार माल नज़र आ रही थी,फिर उसने अपने आप को शीशे मे देखा तो जो प्राब्लम टॉप के साथ थी वो ही स्कर्ट के साथ भी थी,पर टॉप के लिए तो उसने ब्रा ही उतार दी थी,पर अब अगर वो स्कर्ट जिसमे से उसकी पैंटी बाहर नज़र आ रही थी वो पैंटी हटा ती है तो उसकी चूत ज़रा सा झुकने पर ही खुल कर नज़र आ सकती थी,उसने सोचा कि पहले ट्राइ करती हूँ कि पैंटी हटाने से कैसा लगता है,पर जैसे ही पैंटी हटाई गजब हो गया अब तो वो बिल्कुल ही नंगी लग रही थी,फिर उसने वहाँ पर उसी आल्मिरा मे देखना शुरू किया तो उसको वहाँ पर ही एक बहुत छोटी और पुरानी पैंटी मिल गयी जो कि स्कीन कलर की भी थी,उसने सोचा कि ये ट्राइ कर लेनी चाहिए,जब वो पहनी तो वो उसको ठीक लगी,अब आरती ने अपने उपर थोड़ा सा मेकप किया और फिर अपने आप को दुबारा शीशे मे देखा तो एक बार तो वो खुद ही अपने आप को नही पहचान पाई. 




आरती ने जब खुद को शीसे मे देखा तो वो खुद को ही बहुत हॉट लग रही थी,वो अपने आप पर ही फिदा हो रही थी,फिर भी आरती ने अपनी ड्रेस के हिसाब से अपने आप को और भी बढ़िया तरह से मेकप किया,आज आरती अपने आप को जितनी सुंदर वो थी उस-से भी ज़्यादा खूबशूरत दिखाना चाह रही थी,वो सेक्सी ड्रेस के साथ-2 मेकप मे भी एक सेक्सी पुट ले आई.अब तो वो हवा मे उड़ रही थी,फिर जब उसको लगा कि अब बाहर चल कर उन दोनो लोगों को दिखाना चाहिए कि वो भी किसी भी सेक्सी हेरोयिन से कम नही है तो वो बाहर आ गयी ,और सीधे ही ड्रॉयिंग रूम मे पहुँच गयी,जहाँ वो दोनो ही बैठे थे और बियर चुसक रहे थे और आपस मे बातें भी कर रहे थे,



हालाँकि उनका टॉपिक लड़कियाँ ही था,वो आपस मे आज आरती के बारे मे ही बातें कर रहे थे,कि वो अब धीरे-2 उनके रंग मे रंग रही है,और मनु बता रहा था कि उसने कैसे अपनी माँ को आज को पार्टी को पूरी तरह से एंजाय करने के लिए तैयार किया था,मनु ने रमण को बताया कि अब उसकी माँ भी कह रही है कि कोई उसके साथ थोड़ा फ्लर्ट करे,और आज रमण के पास पूरा मौका है कि वो उसकी माँ के साथ फ्लर्ट करके उसको एंजाय कर सके.


रमण भी इस बात को समझ रहा था कि आज जैसा मौका फिर हाथ नही आने वाला,इसलिए वो भी तैयार था कि कैसे भी करके आज आरती से फुल मज़े ले ही लिए जाएँ ,इसलिए उसने मनु को बोल कर उसका हॅंडीकॅम और डिजिकम दोनो मंगवा लिए थे और उनको सॅट करके तैयार कर लिया था,आज रमण ने जो रिस्क आरती को किस करके लिया था अगर आज वो इस-से आगे नही बढ़ा तो ये मौका फिर उसको नही मिलने वाला था,ये रमण अच्छी तरह से जानता था,और फिर जब बेटा खुद अपनी मा को उस-से चुदवाने को तैयार है और माँ भी चुदने के लिए राज़ी है तो फिर उसकी तो पाँचो उंगलियाँ घी मे और लंड चूत मे घुसने को तैयार ही है.


Maa ki  masti 



आरती कमरे मे तो आ गयी पर वो दोनो तो अपने आप मे ही बीज़ी थे तब उसने आगे आ कर कहा कि अब बताओ तुम लोग कि मैं कैसे लग रही हूँ,वो दोनो आरती की आवाज़ सुन कर उसकी तरफ देखते हैं तो उन की ज़ुबान तो तालू से ही चिपक जाती है और मूह खुला रह जाता है साथ ही साथ आँखें जो हैं वो फॅट जाती हैं,इस टाइम उन दोनो की हालत देखने लायक थी वो दोनो तो आरती के इस सेक्सी रूप को देख कर हक्के बक्के ही हो जाते हैं .

जब वो दोनो कुछ भी नही बोलते और आरती को सिर्फ़ देखते ही रहते हैं तब आरती ने बोला कि क्या हुआ क्या मैं सुंदर नही लग रही,तब जा कर उन दोनो को होश आता है,तब रमण बोला कि आप तो सुंदर क्या पता नही उससे भी कही ज़्यादा लग रही हो,बल्कि आज तो आप आरती भाभी जी ही नही लग रही,किसी स्वर्ग लोक की अप्सरा की तरह से लग रही हो.

उधार मनु ने जब अपनी मा को इस सेक्सी रूप मे देखा तो उसका लंड एकदम से अपनी पॅंट मे खड़ा हो गया,उसको अपनी माँ के मोटे-2 मम्मे उसके टॉप से बिल्कुल ही बाहर नज़र आ रहे थे,उसका दिल कर रहा था कि इन मोटे-2 मम्मों को पकड़ के खूब दबाऊ और इनमे से दूध निकाल लूँ,पेर आरती क्यूंकी उसकी माँ थी इसलिए वो ऐसा कुछ नही कर सकता था,पर दिल की सोचों ने ही उसके लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर दिया था.

मनु बोला कि मा अब तो तुम जॅक्वलिन फर्नॅंडेज़.से भी कहीं ज़्यादा सुंदर और शानदार लग रही हो,वो तो तुम्हारे इस रूप के आगे कुछ भी नही है.

रमण का लंड भी आरती को ऐसे सेक्सी और नंगे रूप मे देख कर खड़ा हो गया था,और उसको ये विश्वास भी हो गया था कि आज की रात तो आरती की चूत का स्वाद उसके लंड को ज़रूर मिल ही जाएगा.

तब मनु ने आगे बढ़ कर अपनी माँ का हाथ पकड़ लिया और फिर उसके गालों पर एक चुम्मा ले लिया,ये देख कर रमण बोला कि ये तुम ने क्या किया,तब मनु बोला कि माँ आज इतनी सुंदर लग रही है कि मैं आपने आप को उसकी चुम्मि लेने से नही रोक सका,तब रमण ने कहा कि सुंदर तो भाभी जी मुझे भी लग रही हैं तो क्या मैं भी उनकी चुम्मि ले सकता हूँ,आरती ये सुन कर शरमा गयी पर मनु बोला कि ये तो आपकी मर्ज़ी है,मुझे तो जैसा लगा मैने किया.


अब ये तो रमण को खुला निमंत्रण था कि वो आगे बढ़े और आरती को किस करे और वो ऐसे मौके खोता नही था,इसलिए जैसे ही मनु ने ये कहा वो आगे बढ़ा और उसने आरती को कस के पकड़ लिया और उसके गरमा गरम लाल-2 होठों पर अपने सुलगते हुए होठ रख दिए और उसको किस करने लगा,आरती भी एकदम से समझ नही पाई कि ये क्या हुआ पर जब तक उसको समझ आता तब तक रमण के होंठ उसके होंठों से चिपक गये थे और वो उनको चूसने लगा था,आरती को इसमे मज़ा तो आ रहा था पर क्यूंकी उसका बेटा मनु भी सामने बैठा था इसलिए वो अपने आप को छुड़ाने की कोशिस करने लगी पर रमण ने उसको अपनी मजबूत बाजुओ के घेरे मे ले रखा था इसलिए वो छूट नही पाई,तभी रमण ने अपने होंठ आरती के होठों से हटा लिए और उसको अपनी बाहों की क़ैद से आज़ाद कर दिया.


Maa ki  masti


इधर जब रमण ने आरती को किस करना शुरू किया तो ये देख कर मनु का लोड्‍ा तो पॅंट को फाड़ कर बाहर आने को छटपटाने लगा ,तब उसका और कोई बस नही चला तो वो अपने हाथ को पॅंट के उपर से ही लंड पर ले गया और उसको सहलाने लगा,मनु को रमण के द्वारा अपनी माँ को किस करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कह रहा था कि रमण इससे भी ज़्यादा कुछ करे.

जब रमण आरती को पकड़ कर किस कर रहा था तब उसके हाथ भी आरती के जिस्म का मुआयना कर रहे थे,और उसको बड़ा ही मज़ा आ रहा था,और उसकी इस हरकत से आरती के जिस्म का तापमान भी बढ़ता जा रहा था,पर सारा कारण ये था कि मनु भी वहीं बैठा था और चाहे कितना भी खुलापन हो पर इतना नही था कि आरती अपने बेटे के सामने ही खुल कर अपना जिस्म किसी को भी सोन्प दे,इसलिए वो ज़्यादा कुछ भी नही कर रही थी.

तो जब रमण ने आरती को बंधन से आज़ाद कर दिया तो पहले तो आरती ने बहुत गहरी-2 साँसें ले कर अपने आप को व्यवस्थित किया,फिर वो सोचने लगी कि ये रमण ने उसके साथ क्या किया तो उसका चेहरा शरम से लाल गुलाबी हो गया,वो रमण से बोली कि ये तुमने क्या किया तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे ऐसे किस करने की.

तब रमण बोला कि वो तो जो उसके दिल मे था उसका इज़हार कर रहा था,यही बात तो मनु ने कही थी,इसलिए उसने वही किया जो उसको उसके दिल ने कहा,

आरती ये सुन कर चुप हो गयी ,मनु ने कहा कि मम्मी रमण भैया सही कह रहे हैं,

आरती बोली कि हां तुम दोनो ही सही हो,तुम दोनो ऐसे हरकतें करोगे तो मैं यहाँ से जा रही हूँ.

रमण-आरे भाभी जी आप तो नाराज़ हो रही हैं आप लग ही ऐसे रही थी कि मैं आपने आप को आपको किस करने से नही रोक सका,इसलिए ये हो गया आगे से ऐसा नही होगा,पर ये सच है कि मैं आज आपको देख कर आपने आप पर काबू नही रख पा रहा हूँ,अच्छा चलो इसी ख़ुसी मे एक एक पेग और हो जाए.मनु ने भी कहा कि हां आज मेरी मम्मी की जवानी की खुशी मे एक-2 और हो ही जाए.पर पहले ऐसा करते हैं कि अपने कैमरे से अपनी मा के इस नशीले रूप की कुछ फोटुस ही ले लो.मनु ने कहा कि हां ये ठीक है,मुझे भी याद रहेगा कि मेरी मम्मी इस उमर मे भी इतनी सेक्सी लग रही है,मैं फोटो लेता हूँ,ये कह कर उसने झट से अपना डिजिकम निकाला और अपनी मा की फोटुस लेने लगा,आरती को कुछ भी कहने और सुनने का मौका ही नही मिला.

आरती बोली कि नही अब और नही वैसे ही ज़्यादा हो गयी है,इसलिए ही तुम लोग ऐसी हरकतें कर रहे हो.

रमण और मनु एक साथ बोले कि नही ये शराब का नही आपके रूप का नशा है,जो कि हमारे उपर चढ़ गया था,अब एक-2 पग लेने से ये ठीक हो जाएगा.

मनु ने भी कहा कि प्लीज़ मम्मी मान जाओ आज आपकी इस सेक्सी सुंदरता के नाम ही एक जाम हो जाए.

इतना कहने पर आरती मान गयी और बोली कि बस एक ही और लेंगे,उसके बाद नही.

दोनो ने कहा कि ठीक है

दोनो की हालत इस टाइम बहुत ही टाइट हो रही थी,दोनो पूरी तरह से गरम थे,बल्कि दोनो नही तीनो ही आरती भी तो पूरी तरह से चदासि हो रही थी,उन दोनो के लंड तो बुरी तरह से तने ही हुए थे,साथ ही साथ आरती के मम्मे भी तने हुए ही थे और उसकी चूत से भी पानी टपक रहा था,इस टाइम उसकी चूत मे बहुत खुजली हो रही थी.

रमण ने जल्दी से तीन पेग बनाए और इस बार भी उसने चुपके से तीनो मे विस्की भी मिला दी थी,जिससे कि थोड़ा सुरूर और बढ़ जाए,और फिर उसने सबको कहा कि अपने -2 ग्लास ले लो तब आरती को उन दोनो ने अपने बीच मे बैठा लिया,

बैठने पर आरती की मिनी स्कर्ट और उपर को चढ़ गयी और उसकी स्किन कलर की छोटी सी पैंटी पूरी तरह से बाहर आ गयी,जिसमे की उसकी चूत भी नही छुप रही थी.फिर वो तीनो धीरे-2 ड्रिंक करने लगे,थोड़ी ही देर मे वो पेग ख़तम हो गया रमण ने बिना पूछे ही एक और पेग तैयार कर दिया,फिर नया दौर शुरू हो गया,अब तीनो का सुरूर बढ़ गया था,तभी रमण ने अपना हाथ आरती की नंगी जाँघ पर रख दिया और उसको धीरे-2 उपर को ले जाने लगा,आरती भी ये महसूस कर रही थी,पर उसको भी मज़ा आ रहा था,अब तो उसने अपने बेटे मनु की तरफ भी देखना उचित नही समझा,और वो भी मज़े लेने लगी,ये देख कर मनु भी अपनी मा से बिल्कुल सट गया,और वो भी अपनी मा के जिस्म की गर्मी को लेने लगा.



Maa ki masti

आरती रमण के हाथ फेरने पर बहुत गरम होती जा रही थी,और उसका नशा भी बढ़ता जा रहा था,जो कि शराब के साथ-2 वासना का भी था,रमण का हाथ अब सरकते-2 आरती की पैंटी तक पहुँच गया था,वो लोग आपस मे बातें भी किए जा रहे थे,

मनु ने कहा कि मम्मी आज तो अपने कमाल कर दिया आपने तो अच्छी- हीरोइनो को मात कर दिया,आपका ये ड्रेस तो बहुत ही स्टयूनिंग है.

रमण बोला कि हन भाभी जी आप को तो इस रूप मे देख कर मज़ा ही आ गया,तब तक रमण का हाथ आरती की पैंटी के बिल्कुल उपर पहुँच गया था,और वो उसको उपर से दबाने लगा था,अब आरती से सहन नही हो रहा था,तो उसने एक ज़ोर की आह भरी,उसके ऐसा करते ही रमण ने अपना हाथ आरती की पैंटी से हटा लिया.पर जब उसने देखा कि उस सिसकी के बाद आरती ने कुछ भी विरोध नही किया तो वो अपना हाथ फिर से आरती की जाँघ पर ले गया,

मनु ये सब देख रहा था,और मज़े ले रहा था,उसको अपनी मा के साथ रमण के सेडक्षन करने पर बहुत ही मज़ा आ रहा था,और इस कारण उसका लंड बहुत टाइट हो रहा था,और वो कह रहा था कि बात इस सब से आगे बढ़े,इसलिए वो देख कर भी अपनी मा के साथ जो हो रहा था उसको अनदेखा कर रहा था.



वैसे भी अब आरती और रमण इतना आगे बढ़ चुके थे कि अब पीछे लौटना मुश्किल था.उधर अब मनु से भी अपने आप पर कंट्रोल नही हो रहा था,पर आरती अभी शराब और वासना के नशे मे भी ये नही भूली थी कि उसका बेटा मनु भी यहीं है,और इस वजह से वो बहुत ज़्यादा उत्तेजना नही दिखा पा रही थी.

ये बात रमण को समझ आ गयी ,फिर उसने मनु को इशारा किया कि वो रूम से बाहर चला जाए जिस-से कि आरती भी खुल कर वासना का खेल खेल सके,मनु रमण का इशारा समझ गया और बोला कि मुझे तो अब नींद आ रही है,अब मैं तो अपने कमरे मे जा रहा हूँ,अभी आप लोग और मस्ती करना चाहो तो आपकी मर्ज़ी है,मैं तो सोने चला,ये कह कर मनु ने किसी की भी प्रतिक्रिया का इंतेज़ार किए बिना उठा और कमरे से बाहर चला गया.

मनु के बाहर जाते ही रमण का जो हाथ अभी तक आरती की जाँघ पर ही था वो वापस उपर की ओर चल पड़ा और धीरे-2 फिर से पैंटी पर पहुँच गया,और फिर रमण ने अपना दूसरा हाथ जिसमे कि ग्लास था ,ग्लास को टेबल पर रख कर खाली किया और आरती के कंधे पर से दूसरी तरफ ले जा कर उसके मम्मों पर रख दिया,मम्मे तो आरती के वैसे ही टॉप को फाड़ कर बाहर आने को तैयार थे ही ,रमण का हाथ जैसे ही उन पर रखा गया,वो और भी तेज़ी से उपर नीचे होने लगे,तब रमण ने आरती की पैंटी को एक साइड किया और अपनी उंगली सीधे ही बिना कोई मौका गँवाए उसके स्वर्ग द्वार मे डाल दी,

जैसे ही रमण की उंगली आरती की चूत मे घुसी आरती की एकदम से तेज़ सिसकियाँ निकालने लगी,पर उसको एक बार को होश भी आया कि वो ये क्या कर रही है,फिर आरती ने नज़र उठा कर कमरे मे दौड़ाई तो कमरे मे रमण और उसके अलावा और कोई नही था,इसका मतलब सॉफ था कि मनु कमरे से बाहर जा चुका था,और अब उसके लिए मैदान साफ था,तब उसने सोचा कि जब मनु को सब कुछ पता होने पर भी अपनी मा की रमण से चुदाई पर कोई एतराज़ नही है,तो फिर वो ही क्यों अपनी भावनाओं का गला घोंटे,इसलिए उसने भी सब कुछ भुला कर इस आनंद का मज़ा लेने की सोच ली,और अपनी आँखें बंद करके रमण की उंगली को अपनी चूत मे महसूस करने लगी.

उधर मनु भी साला पक्का मादरचोद था ,वो आज अपनी मा की चुदाई की ब्लू फिल्म लाइव ही अपनी आँखों से देखना चाहता था,इसलिए ही उसने ज़्यादा ड्रिंक भी नही की थी,और अपनी बियर मे विस्की मिलाने ही नही दी थी,जिस-से कि होश मे रहे और सारी फिल्म को अपने होश हवास मे रह कर अपनी आँखों से देख सके,तो इससे वो ज़्यादा नशे मे नही था,और बाहर से कमरे मे हो रहे सारे घटना क्रम को बहुत उत्सुकता से देख रहा था.अंदर जब रमण ने अपनी उंगली आरती की फुद्दि मे डाली तो आरती की सिसकियाँ तो निकली ही साथ ही साथ मनु के मूह से भी एक आह निकली,और उसे ऐसा लगा कि अब बर्दाश्त नही होगा अगर उसने अपने लंड को पॅंट से बाहर नही निकाला तो,इसलिए उसने अपनी पॅंट खोल कर नीचे कर दी और अपना लंड जो इतना कड़क हो गया था कि उसकी नसें भी उस पर चमक रही थी और दर्द भी कर रहा था अपने अंडर वेअर से बाहर निकाला,लंड पर हाथ रखते ही उसमे से एक दर्द की लहर उठी और फिर लंड ने अपना पानी निकाल दिया,जैसे ही लंड मे से पानी निकला उसका तनाव कुछ कम हुआ और उसमे दर्द भी कम हो गया,पर लंड पूरी तरह से बता नही,क्यूंकी लंड को भी मालूम था कि पिक्चर अभी बाकी है.


अंदर हाल ये था कि आरती की आँखें तो वासना की खुमारी मे बंद हो गयी थी और रमण के एक हाथ की उंगली उसकी चूत के अंदर घुस कर उसकी चूत का अंदर से मुआयना कर रही थी,और दूसरा हाथ जो कि आरती की चुचियों पर था अब वो टॉप के उपर से ही उसके मम्मों को बुरी तरह से दबा रहा था,आरती की मदहोशी भी बढ़ती जा रही थी,और वो अब वासना की आग मे पिघल रही थी,तभी रमण ने  
अपने होंठ आरती के नरम नाज़ुक होठों पर रख दिए और वो उनको चूसने लगा,आरती ने भी इस बार प्रतिक्रिया मे रमण के होठों को चूसना शुरू कर दिया,अब आरती पूरी तरह से जोश मे आ चुकी थी,और उसकी चूत मे खुजली बढ़ती जा रही थी.


अब रमण ने अपने दोनो हाथों से आरती के मम्मों को दबाना शुरू कर दिया था,और आरती ने भी अपने दोनो हाथ रमण के जिस्म पर फिराने शुरू कर दिए थे,अब दोनो जने डूब कर किस कर रहे थे,और दोनो की जिभें भी आपस मे एक दूसरे के साथ खेल रही थी,फिर दोनो अलग-2 हो गये और रमण ने आरती के टॉप को खींचना शुरू कर दिया आरती ने भी उसको सहयोग किया और अपने दोनो हाथ उपर कर दिए,जिस-से कि उसका टॉप उसके शरीर से अलग हो गया और उसकी गोल-2 मोटी-2 चुचियाँ एक दम से तन कर बाहर आ गयी ,उस समय ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने उनमे हवा भर दी हो और वो 36 से 40 हो गयी हैं



Maa ki masti


रमण आरती के मम्मे देखते ही उन पर टूट पड़ा और उनको फिर से बुरी तरह से हॉर्न की तरह से दबाने लगा,फिर उसने आगे बढ़ कर अपने होठ उसकी चुचियों पर रख दिए और वो उनको चूसने लगा,मम्मों की चुसाइ से आरती की आँखें और गुलाबी हो गयी,और वो मदहोशी मे अपना सिर इधर उधर पटकने लगी थी,अब उससे बर्दाश्त नही हो रहा था,और वो कह रही थी कि रमण उसको बुरी तरह से रोन्द दे,और उसको मसल कर उसकी चूत को फाड़ दे,अब उसके अरमान जो उसने छुपा रखे थे वो पूरी तरह से भड़क गये थे,उसका पति घर पर नही था और बेटा उसको खुद ही चुदवाने के लिए मौका दे कर वहाँ से चला गया था,तो वो हर तरह से आज़ाद थी,अपनी मन की इच्छा को पूरा करने के लिए.

उसने रमण का सर अपनी चुचियों से हटा कर उसको नीचे की तरफ धकेला तो रमण समझ गया कि अब आरती क्या चाह रही है

रमण को जब आरती नीचे की तरफ धकेलने लगी तो रमण ने आरती के मम्मों को चूसना छोड़ दिया और नीचे हो कर अपना मूह पैंटी के उपर से ही आरती की चूत पर रख दिया,आरती की चूत की महक ने एक बार तो रमण को इतना मदहोश कर दिया कि उसके होश ही उड़ गये और वो बेहोश सा हो गया,तब आरती ने उसका सिर पकड़ कर तेज़ी से अपनी चूत पर दबाया तब वो वापस होश मे आया,फिर उसने अपने हाथ आगे कर के पहले उसकी पैंटी के कपड़े को हल्का सा साइड किया और उसकी चूत की महक को अपनी नाक से सूंघने लगा,आरती से अब सबर नही हो रहा था,और वो चाह रही थी कि रमण उसकी चूत को चूसे चाटे और खा जाए,तो जब रमण सिर्फ़ उसकी चूत की महक ही ले रहा था,तब आरती का सबर जवाब देने लगा और उसने रमण को बोला कि ये तुम क्या कर रहे हो मेरे अंदर आग लगी हुई है,और मेरी ....... आह सुलग रही है,इसका कुछ करो.

रमण बोला इसका ही तो इलाज़ करना है पर इसमे से जो महक आ रही है,वो ही मुझे इतना मदहोश कर रही है कि मेरा दिल उसको छोड़ ही नही रहा ,और मैं इसको सिर्फ़ सूँघे ही जा रहा हूँ.

आरती बोली अब इसको सूंघना छोड़ो और इसको चूसो और खा जाओ.

रमण-किसको

आरती आरे इसी को जिसको सूंघ रहे हो.

रमण -भाभी जी जब आप मेरे साथ यहाँ तक आ गयी हैं तो अब शरमाना छोड़ो और इसको-2 मत करो इसका नाम लो ये क्या है.

आरती- अर्रे साले जब तू नाम ही सुन-ना चाहता है तो सुन ,साले तो मेरी चूत को चूस ले ,और चूत को खा जा यही मेरे से सुनना चाहता है ना तू.

रमण -ये हुई ना बात अब आप जब मुझे ऐसे बोलेंगी तो मेरी क्या मज़ाल है कि मैं आप को तृप्त ना करूँ.

ये कह कर रमण ने आरती को वहीं पर सोफे पर ही लिटा दिया और फिर उसी पैंटी को उतारने लगा,आरती ने भी अपने चूतड़ उँचे करके अपनी पैंटी उतारने मे उसकी मदद की,और आरती की पैंटी जैसे-2 नीचे जा रही थी वैसे-2 आरती की सुंदर चूत रमण के सामने आती जा रही थी


जैसे ही आरती की पैंटी चूत के नीचे आई,रमण की आँखों ने झपकना बंद कर दिया,आरती की चिकनी चूत देख कर वो सब कुछ भूल गया,आरती ने आज ही अपनी चूत के बाल साफ किए थे,क्यूंकी वो खुद ही अपनी चूत कुटवाना चाहती थी,ये उसकी छुपी हुई इच्छा थी,इसलिए उसने चूत को खूब चिकना किया हुआ था,और जब इतनी चिकनी मक्खन जैसी चूत रमण के सामने आई तो वो अपने होशो हवाश खो बैठा,आज उसका इतने दिन का सपना जो पूरा होने जा रहा था,जब उसने उस चूत को खूब निहार लिया तब वो झुका और उसने सबसे पहले आरती की चूत का एक गहरा चुंबन लिया,फिर अपनी जीभ निकाली और चूत को चाटना शुरू किया,चूत पहले से ही रस से भरी हुई थी,और उसका पानी बाहर तक छलक रहा था,इसलिए जैसे ही उसकी जीभ ने चूत को छुआ,तब आरती के शरीर मे भी एक अज्जीब से मदहोशी और करेंट दौड़ गया और रमण को एकदम नमकीन स्वाद मिला ,जो उसके लिए अमृत जैसा था,फिर वो चूत को पहले उपर से ही कुत्ते की तरह से चाटने लगा,पर जब उपर स्वाद आना बंद हो गया तब उसने अपने हाथ की उंगलियों से उसकी चूत को पकड़ा और उसके छेद को खोला तब अंदर से चूत का गुलाबी छेद जो फूल और पिचक रहा था दिखने लगा,उसकी चूत मे अंदर लबा-लब पानी भरा हुआ था और वो बहुत हसीन लग रही थी,जब रमण उसको निहारने ही लगा .

आरती से सबर नही हुआ और वो बोली कि अब क्या मेरी चूत को ही निहारते रहोगे इसमे अपनी जीभ डाल दो ना अब सहन नही हो रहा,तब रमण ने दोनो तरफ से चूत के छेद को और फेलाया और अपनी पूरी की पूरी जीभ एक ही बार मे उसकी रसीली चूत मे घुसा दी,पर जैसे बाल्टी मे पानी भरा हो और उसमे कुछ डालो तो पानी बाहर छलक जाता है,ऐसे ही आरती की चूत से भी उसका रस बाहर छलक गया,तब रमण ने अपनी जीभ बाहर निकाली और पहले जो रस बाहर छलक गया था उसको चाट कर सॉफ करने लगा,जब वो सारा रस साफ हो गया तब उसने फिर से धीरे-2 अपनी जीभ आरती की चूत मे घुसनी शुरू की,पर इस बार वो बाहर से ही चपड-2 चाट-ता जा रहा था,क्यूंकी वो उस अमृत की एक भी बूँद बर्बाद नही करना चाहता था.

Maa ki masti


इधर अंदर आरती और रमण की रस लीला चल रही थी,उधर बाहर से मनु ये सब अपनी आँखों से साफ-2 देख रहा था,और बेचेन होता जा रहा था,उसके लंड ने एक बार तो पानी गिरा दिया था,पर वो ढीला बिल्कुल नही हुआ था,वैसे भी उसको पता था कि आज उसको अपनी मा की लाइव ब्लू फिल्म देखने को मिलने वाली है,तो इसलिए उसके लंड का तनाव कम होने का नाम ही नही ले रहा था,जब एक बार झड़ने के बाद उसके लंड ने थोड़ी सी राहत ली और जो दर्द उसके लौडे मे हो रहा था,वो थोड़ा सा कम हुआ तब उसको होश आया,और अब उसने अपनी पॅंट को बिल्कुल ही अपने शरीर से अलग कर दिया,उसने सोचा कि जब अंदर मा ही नंगी हो रही है तो फिर वो भी आज का सारा नज़ारा नंगे हो कर आराम से देखेगा,पर जब वो पॅंट को निकाल रहा था तब उसका हाथ पॅंट मे पड़े हुए कैमरे पर पड़ा,और उसको ध्यान आया कि डिजिकम तो उसकी जेब मे ही पड़ा है,उसने वो निकाल कर अपने हाथ मे ले लिया,

अंदर कमरे मे उन लोगों ने कोई भी लाइट बंद नही की थी और वो दोनो ही बिल्कुल खुले आम वासना का खेल खेल रहे थे,क्यूंकी उनको किसी के आने का तो कोई डर ही नही था,इसलिए मनु ने भी अपना कॅमरा निकाल कर अंदर की तरफ कमरे मे चल रही लाइव फिल्म की फोटो खींचना शुरू कर दिया,जब उसने अपने कैमरे को अपनी माँ की चूत पर ज़ूम किया तो वो बिल्कुल उसकी आँखों के सामने आ गयी और उसको ऐसे महसूस हुआ की वो बिल्कुल उसके ही आगे है,उसको अपनी मम्मी की चूत का गुलाबी छेद भी नज़र आ रहा था,क्यूंकी अंदर रमण ने उसको खोल रखा था और वो उस छेद को ही निहारे जा रहा था,तब मनु को भी मौका मिल गया अपनी मा की नंगी चूत को साफ-2 देख सके,अपनी मा की नंगी चूत को यूँ अपने सामने देख कर उसके मूह मे भी पानी आ गया,और उसका दिल भी अपनी मा की चूत का रस पीने के लिए बेताब हो गया,पर अभी ये संभव नही था,इसलिए वो उस बात को छोड़ कर फिर से अपने कैमरे से आपनी मा की चूत की तस्वीरें लेने लगा,फिर उसने अपने कैमरे को थोड़ा उपर करके अपनी माँ के मोटे-2 मम्मों पर ज़ूम किया और वो उनकी भी फोटो लेने लगा,आज तो मनु की लॉटरी ही लग गयी थी,उसकी माँ ऐसे नंगी सिर्फ़ मिनी स्कर्ट पहन कर सोफे पर पड़ी हुई थी,और उसका टीचर उसकी ही माँ की जवानी के मज़े ले रहा था,और वो इन सब को अपनी नंगी आँखों से और अपने कैमरे की आँखों से देख रहा था,इस सब से उसका लंड फिर से बहुत कड़क हो गया,बल्कि ऐसे हो गया कि अगर उस टाइम कोई उस पर चोट करे तो वो बिल्कुल टूट कर बिखर जाए वो इतना कड़क हो गया था.


अब मनु ने कैमरे को एक हाथ मे ले कर दूसरे हाथ से अपने लौडे को संभालना शुरू किया तो वो बहुत ही गरम हो रखा था,वो अपने लंड पर अपना हाथ आगे पीछे करने लगा,पर अब वो बहुत जल्दी झड़ना नही चाहता था,इसलिए उसने लंड पर अपने हाथ को धीरे-2 ही उस पर फिराया,पर इस-से उसको कोई तसल्ली नही मिल रही थी

मनु इतना गरम हो गया था कि अब उसका लंड उसके कंट्रोल मे ही नही था,और ना चाहते हुए भी अब उसका हाथ अपने लंड पर तेज़-2 आगे पीछे होने लगा था,और उसका दूसरा हाथ पहले से ही अपनी मा की चूत की चुसाइ की फोटो खींचने मे लगा हुआ था,अब मनु के लंड ने दुबारा से उल्टी करने की तैयारी कर ली थी,और उसके लंड और जिस्म की नसें फिर से बुरी तरह से खिंच गयी थी,फिर ग़लती उसकी भी नही थी अंदर सीन ही इतना गरमा-गरम चल रहा था,उसकी माँ सोफे पर टाँगे चौड़ी करके और अपनी चूत खोले लेटी हुई थी और रमण उसकी चूत को अपने दोनो हाथों से खोल कर अपनी जीभ से चाटे ही जा रहा था,और इस चटाई से उसकी मा बहुत तेज़ी से सिसकियाँ ले रही थी और तरह-2 की वासनामई आवाज़ें निकाल रही थी,अब मनु से सहन नही हुआ और उसके लंड ने फिर से पिचकारी छोड़ दी,और जैसे ही उसके लंड ने पानी छोड़ा उसके मूह से एक तेज़ आह निकली,आह मम्मी के नाम की.

मनु की आवाज़ तो बहुत तेज़ थी,पर अंदर तो उस-से भी तेज़-2 आवाज़ें आ रही थी,इसलिए मनु की आवाज़ उन आहों मे ही दब गयी,पर मनु ने जब अंदर नज़र डाली कि उसकी आवाज़ से किसी को कुछ भी सुनाई नही दिया है तो वो वहीं पर फर्श पर बैठ गया,दो बार जल्दी-2 झड़ने से उसके अंदर ताक़त की उसको कुछ कमी महसूस हो रही थी,पर अंदर जो चल रहा था,वो उसको चैन से नही बैठने देने वाला था.


इधर अंदर रमण अब आरती की चूत मे अपनी पूरी की पूरी जीभ डाल कर उसको तेज़ी से चूस रहा था,और आरती तरह -2 की आवाज़ें निकाले जा रही थी,अब रमण से भी सहन नही हो रहा था,तब उसने भी अपनी पॅंट को एक हाथ से ढीला किया और अपनी पॅंट को थोड़ा सा नीचे कर के अपने लंड पर अंडरवेर के उपर से ही हाथ रखा,तो उसका लंड ऐसे झटके मारने लगा जैसे कि वो बिफ़्फ़र गया हो कि उसको अब तक चूत मे क्यों नही डाला,पर रमण ने उस पर धीरे-2 हाथ फेर कर जैसे उसको समझाया कि अभी जितनी तसल्ली करेगा आगे उतना ही मज़ा आएगा,फिर वो अपनी जीभ से ही आरती की चूत को इतनी तेज़ी से चाटने लगा कि जैसे उसकी चुदाई कर रहा हो,अब आरती भी उपानी चूत को उपर उठा कर रमण के मूह पर दबा रही थी,और बड-बड़ा रही थी कि इसको खा जाओ इसको फाड़ डालो अब मुझसे सहन नही हो रहा,तभी उसका जिस्म एकदम तन गया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया,रमण को तो ऐसा लगा कि जैसे चूत मे बाढ़ ही आ गयी हो,पर वो फिर भी उसको चाटता ही रहा और वो सारा पानी पी गया,अब आरती को अपना जिस्म कुछ हल्का महसूस हो रहा था,और एक बार पानी निकल जाने से उसका नशा जो कि शराब और वासना का मिला जुला था कुछ काम हो गया था.



Maa ki masti 



जब आरती की चूत का सारा पानी निकल गया तब उसने अपनी हालत की तरफ देखा तो एक बार तो उसके होश उड़ गये कि वो कहाँ है और क्या कर रही है,ऐसे नंगी हालत मे वो किसी गैर मर्द के आगे कैसे लेटी हुई है,अब उसको अपने आप पर शरम आने लगी और वो सोफे से उठने की कोशिस करने लगी,पर रमण था कि वो अब भी उसकी चूत को चाटे ही जा रहा था,इस कारण वो उठ नही पा रही थी,तब उसने रमण का सिर पकड़ कर उसको साइड किया,अब रमण को समझ आया कि आरती का पानी निकल गया है,और उसकी मस्ती एक बार शांत हो गयी है.

पर रमण तो पुराना खिलाड़ी था उसको पता था कि अगर अभी इसको छोड़ा तो बाद मे ये चुदवाने मे फिर से नखरा करेगी,इसलिए वो आरती की चूत को अपनी जीभ से चाटे ही जा रहा था,जिस-से कि वो फिर से जोश मे आ जाए और इस बार रमण उसकी चूत मे अपना मूसल घुसा कर उसकी कुटाई कर ही दे.

आरती ने जब देखा कि रमण तो उसकी चूत पर से हट ही नही रहा तो वो रमण को बोली कि रमण ये तुम क्या कर रहे हो,हटो यहाँ से ,पर रमण ने तो जैसे कुछ सुना ही नही और वो और तेज़ी से अपनी जीभ आरती की चूत मे आगे पीछे करने लगा,अब आरती को भी फिर से मज़ा आने लगा और उसको फिर से जोश आ रहा था.

फिर आरती ने जब सारी सेचुयेशन के बारे मे दुबारा से सोचा तो उसको लगा कि अब जब वो यहाँ तक आ ही गयी है और इस हालत मे रमण के सामने पड़ी है तो अब उसको भी सब कुछ भूल कर अपनी जवानी का मज़ा ले ही लेना ,चाहिए,अब और ज़्यादा शरमाने से कुछ भी नही होगा,और फिर जब एक बार वो रमण के सामने नंगी हो ही गयी तो अब यहाँ से वापस लौटना नामुमकिन है.

ये सोच कर आरती ने भी अपने विरोध को छोड़ दिया और अब वो रमण के साथ सहयोग करने लगी,जब रमण ने देखा कि अब आरती का विरोध बंद हो गया है और वो सपोर्ट कर रही है,तो उसने भी अपना सिर उसकी चूत से उपर किया और आरती की आँखों मे झाँक कर देखा तो उसको वहाँ पर वासना ही नज़र आई,तो वो फिर उसकी चूत पर झुक गया.

आरती भी जो अब तक कुछ नशे मे ही मस्ती कर रही थी अब पूरे होश मे चूत की चुसाइ का मज़ा ले रही थी,अब उसको अपनी चूत की चुसाइ से कोई एतराज़ नही था,और अब जो उसकी सिसकियाँ थी वो पहले से ज़्यादा रोमांचित करने वाली थी,वो जब रमण के कानो मे पड़ी तो रमण समझ गया कि अब आरती ने सारी स्थितियो को कबुल कर लिया है और अब वो अपनी चूत की चुदाई मे भी उसका सहयोग करेगी


जब रमण ये समझ गया कि अब आरती पूरी तरह से सब समझ कर चुदने के लिए तैयार है तो उसने अपना मूह उसकी चूत पर से हटा लिया,पर उसका पूरा मूह आरती की चूत के रस से भीगा हुआ था,और वो रस उसके पूरे मूह पर लगा हुआ था,रमण ने अपने मूह को फिर आरती के मूह के पास किया तो आरती को उसके मूह से अपनी ही चूत की भीनी-2 खुसबू आ रही थी,तो जब रमण ने अपना मूह आरती के मूह के पास किया तो उसने भी अपना मूह आगे करके रमण के मूह को चूम लिया,फिर दोनो ने अपने होठ आपस मे मिला दिए ,जब आरती ने उसके होठों को चूसा तो उसे अपनी ही चूत के रस का नमकीन स्वाद आया,तो एक बार तो उसे अच्छा नही लगा पर जब रमण उसके होठ चूस्ता ही रहा तो उसको भी वो स्वाद अच्छा लगने लग गया और वो अपनी ही चूत के रस को चूसने लगी,फिर उसने अपने होठ रमण के होठों से अलग किया और वो रमण के सारे मूह पर लगे हुए चूतरस को अपनी जीभ से चाटने लगी,अब तो आरती को मज़ा आने लगा था,और वो रमण के सारे चेहरे को ही अपनी जीभ से चाटे जा रही थी,रमण भी समझ गया कि आरती को अपनी चूतरस का स्वाद पसंद आ गया है तो उसने आरती की पैंटी जो कि साइड मे पड़ी हुई थी,और आरती के चूतरस से बुरी तरह से भीगी हुई थी,उसको उठा कर चूत वाले हिस्से को आरती के मूह पर लगा दिया,आरती को पहले तो समझ नही आया कि ये क्या है,पर फिर जब उसको समझ आया तो उसने अपनी जीभ निकाली और उस गीली कच्छि पर लगा दी ,कच्छि का कुछ हिसासा आरती की नाक के पास भी था तो कच्छि की खुसबू आरती की नाक मे भी जा रही थी,जो आरती को दुबारा मदहोश करती जा रही थी,और वो फिर से वासना के नशे मे आपने होश खोने लगी थी.


पर रमण जानता था कि ये नशा जो है मदहोशी का है और इस नशे मे जो चुदाई होगी उस चुदाई का मज़ा बड़ा ही जबरदस्त होगा,इसलिए वो चाहता था कि अब आरती पूरी तरह से उसके रंग मे रंग जाए,इसलिए ही उसने आरती को उसकी ही कच्छि चटानी शुरू की थी,अब आरती अपनी कच्छि को आगे से पूरी तरह से मूह मे ले कर चूस रही थी,और उसको उसमे बहुत मज़ा आ रहा था.

इधर बाहर मनु अब अंदर का नज़ारा देख कर दुबारा होश मे और जोश मे आ रहा था,अब उसका लंड अंदर अपनी मा की हरकतें देख कर दुबारा तनाव मे आ गया था.अब मनु फिर से अपने पैरो पे खड़ा हो गया था,और फिर से अंदर के नंगे नज़ारे को देख रहा था,पेर अब वो सिर्फ़ कमेरे से फोटो खींचने पे ही ज़ोर दे रहा था,आज तो उसकी लॉटरी ही लग गयी थी,कि उसको अपनी ही माँ की इतनी सारी नंगी फोटो खींचने का मौका मिल रहा था 

मनु का लंड अब फिर से तनाव मे आ गया था,और अब वो फिर से फूंकारने लगा था.


अंदर अब रमण और आरती दोनो बहुत एक्शिटेड हो गये थे,और रमण जानता था कि अब अगर आरती की बुर मे लंड नही डाला तो वो एक बार फिर से झाड़ सकती है,और उपर से उसका खुद का लंड अब उसको तंग कर रहा था,और वो अब किसी बिल मे घुसना चाह रहा था,इसलिए अब रमण ने आरती के मोटे-2 मम्मों को भी हॉर्न की तरह से दबाना शुरू कर दिया था


Maa ki masti





फिर रमण ने आरती के पूरे शरीर पे चुंबनो की बौछार कर दी,तब तक आरती भी बहुत गरम हो गयी थी और अब वो गर्मी उसकी बर्दाश्त से बाहर हो रही थी,उसकी चूत मे इस टाइम खलबली मची हुई थी,और इसको सिर्फ़ रमण का लंड ही शांत कर सकता था,इसलिए अब उसने अपना हाथ नीचे ले जा कर अंडरवेर के उपर ही रमण के लंड पर रख दिया,आरती का हाथ जैसे ही रमण के लंड के उपर टच हुआ,एकदम से रमण के लंड ने फूँकार सी मारी,और उसमे बहुत कडपन आ गया,तब रमण ने भी अपना एक हाथ नीचे ले जा कर अपनी अंडरवेर को थोड़ा सा नीचे किया और अपने तने हुए लंड को उसके बंधन से आज़ाद कर दिया,और आरती के हाथ को अपने लंड पे ले जा कर रख दिया,आरती को ऐसा लगा कि जैसे कोई बहुत गरम चीज़ उसके हाथ मे आ गयी है,पर उसने फिर भी लंड को नही छोड़ा,और उधर रमण के लंड को जैसे ही आरती के मुलायम हाथों का स्पर्श मिला वो और ज़्यादा भड़क उठा.

अब आरती से बिल्कुल बर्दाश्त नही हो रहा था,तो उसने रमण से कहा कि रमण अब कुछ करो मेरी चूत मे आग जैसी लग रही है,इसको कैसे भी करके शांत करो,रमण बोला भाभी जी ये तो अब मेरे साँप के आपके बिल मे जाने से ही शांत होगी.

आरती -तुम कुछ भी करो पर अब मुझ से मेरी चूत की खुजली सही नही जा रही,इसको ख़तम कर दो.

रमण-फिर तो आपको मेरा ये मूसल अपनी चूत मे लेना होगा,और वो यहाँ सोफे पर मुश्किल है.

आरती-तो चलो फिर बेडरूम मे चलते हैं.

रमण-ठीक है,और उसने पहले अपनी पॅंट को अपने से अलग किया ,और अपना अंडरवेर ठीक किया ,फिर आगे बढ़ कर आरती को अपनी बाहों मे उठा लिया,आरती ने सिर्फ़ स्कर्ट डाली हुई थी,बाकी के कपड़े वहीं पर बिखरे पड़े थे.

रमण-अब कहाँ को चलें,आरती ने उसको अपने बेडरूम की तरफ चलने का इशारा किया,तो वो उधर ही चल दिया.

इधर बाहर से मनु ये सब देख रहा था,और सुन भी रहा था कि अब उसकी मा को बहुत गर्मी चढ़ गयी है और अब वो अपनी चूत मरवाना चाहती है,वो ये सोच कर बहुत एक्शिटेड हो गया कि अब माँ की लाइव चुदाई देखने को मिलेगी,ये सोच कर तो उसके हाथ पैर काँपने लगे की अब आगे तो बहुत ही शानदार सीन आने वाला है,उसने जब देखा कि रमण ने आरती को अपनी बाहों मे उठा लिया है और वो उसके बेडरूम की तरफ जा रहा है,तो उसने अपनी अंडरवेर बिल्कुल ही निकाल दी और वो नीचे से बिल्कुल नंगा हो गया.

तब तक रमण आरती को ले कर उसके बेडरूम मे जा चुका था.


इसलिए मनु जल्दी से ड्रॉयिंग रूम मे आया और वहाँ से सबसे पहले आपनी मा की कच्छि उठाई,फिर उसने उसको अपनी नाक पर लगाया,और सूंघने लगा,उसकी खुसबू तो उसको भी मदहोश कर रही थी,फिर उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और जहाँ से उसकी माँ चूस रही थी वहाँ पर ही अपनी जीभ लगाई,जैसे ही जीभ वहाँ टच हुई एक करेंट सा उसके शरीर मे दौड़ गया,वहाँ से उसको एक नमकीन स्वाद चूसने को मिला,अब तो मनु का लंड फिर से उस-से बग़ावत करने लगा था,और अब वो फिर से अककड़ गया था.



                   ( Maa ki masti ) ( part 6 )




मनु समझ गया कि अब अगर उसने फिर से अपने लंड को नही झाड़ा तो वो नही मानेगा तो उसने अपनी मा की कच्छि को चूस्ते हुए मूठ मारनी शुरू कर दी,तभी उसकी नज़र अपनी मा के टॉप पर गयी तो उसने झट से उसको उठा लिया और फिर उसको अपने लंड पर रख लिया,उसको एक बार ऐसा महसूस हुआ कि जैसे उसकी मा ही उसके साथ हो,ये सोच कर उसने टॉप को ही अपने लंड पर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया,अब हालत ये थे कि आरती की कच्छि उसके मूह मे थी और टॉप उसके लंड पर था,और वो सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी मा के नंगे जिस्म की कल्पना कर रहा था,कि जैसे उसका लंड ही उसकी मा की चूत मे हो और तभी वो झाड़ गया,इस बार उसके लंड ने सारा पानी अपनी माँ के टॉप मे ही छोड़ दिया था.

जब मनु का लंड झाड़ गया तब उसने अपने लंड को अपनी मा की कच्छि से ही साफ कर लिया,फिर उसको होश आया कि वो तो यहाँ खड़ा है और इतने मे तो उसकी माँ अंदर चुद ना गयी हो,वो जल्दी से अपनी माँ के रूम की तरफ जाने लगा ,तभी उसकी नज़र वहीं पर रखे हॅंडकॅम पर गयी,जो वो पहले ले कर आया था,पर अभी काम मे नही आया था,अब उसने सोचा कि मा की फोटुस तो कमेरे से ले ही ली हैं ,अब तो मा की चुदाई की ब्लू फिल्म इस-से बना ली जाए,ये सोच कर उसने हॅंडकॅम उठा लिया और अपनी माँ के रूम की तरफ चल दिया.

अंदर रमण ने आरती को अपनी गोदी से उतार कर बिस्तेर पर लिटा दिया था,और अब वो अपने कपड़े उतार रहा था,पर उसने आरती की मिनी और सेंडल नही उतारे,जब वो बिल्कुल नंगा हो गया तो वो आरती के पास आ गया और फिर से उसके मम्मे चूसने लगा,तब आरती ने कहा कि अब इनको बाद मे चूस लेना ये कहीं भागे नही जा रहे ,पर एक बार पहले आपना ये मोटा लंड मेरी चूत मे बाड़ दो,जिस-से कि मेरी चूत मे जो आग लग रही है वो कुछ ठंडी पड़ जाए.

रमण ने कहा कि वो तो ठीक है,अगर उसकी ये ही इच्छा है तो पहले ये ही सही ये कह कर उसने अपने मोटे लंड को आरती की चिकनी चूत पर रखा और एक करारा धक्का मारा,आरती की चूत पहले ही चटाई और चुसाइ से इतनी गीली हो रखी थी कि जैसे ही रमण ने शॉट मारा उसका पूरे का पूरा लंड एक बार मे ही आरती की चूत मे घुस गया,और जैसे ही वो जा कर उसकी चूत के अंदर लास्ट मे टकराया तो एकदम से आरती के मूह से चीख सी निकल गयी.

तभी मनु भी बाहर तक आ गया था ,तो उसने जैसे ही अपनी माँ की चीख सुनी वो एकदम से अपने आप को रोक नही पाया और कमरे मे घुस गया,पर जब उसने देखा कि वो चीख तो उसकी माँ ने मज़े के कारण मारी थी,तो वो वहीं रुक गया,उसने देखा कि बिस्तेर पर उसकी माँ टाँगें चौड़ी करके आँखें बंद करके लेटी हुई है और रमण उसके उपर चढ़ कर उसकी जम कर चुदाई कर रहा है.

तभी रमण की नज़र भी मनु पर पड़ी और उसने देखा कि मनु नीचे से पूरी तरह से नंगा है और अब उसका लंड अपनी माँ की चुदाई देख कर फिर से खड़ा हो रहा है,और उसके दूसरे हाथ मे हॅंडकॅम है तो उसने मनु को आँख मारी और इशारा किया कि अगर वो चाहे तो अपनी माँ की फिल्म बना ले.

मनु रमण का इशारा समझ गया,पर उसको पता था कि अगर वो ऐसे ही कमरे मे खुले आम अपनी मा की चुदाई को शूट करेगा तो,जब उसकी माँ की नज़र उस पर पड़ेगी तो शायद वो इस-से आगे ना बढ़े और फिर वो इस सब से महरूम हो जाए ,इसलिए उसको कहीं पर भी थोड़ा सा छुप कर ही फिल्म बनाना सही रहेगा,तो वो थोड़ा सा पीछे हो कर पर्दे के पीछे छुप गया और वहाँ से ही शूट करने लगा.


इधर आरती ने उस चीख के बाद से तेज़ी से सिसकना शुरू कर दिया था,और रमण के मूसल लंड को अपनी चूत मे अड्जस्ट कर लिया था और अब आँखें बंद करके उसके हर धक्के का मज़ा ले रही थी,और धक्कों का जवाब अपनी कमर उछाल-2 कर धक्कों से ही दे रही थी.साथ ही साथ अब मज़े के कारण उसकी आहें भी तेज़ हो गयी थी और वो बड-बड़ाने भी लगी थी,जैसे कि आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरे सनम आज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज तुमने मुझे खुस कर दियाआआआआआ अब तुम मेरी चूत को चाहे फाड़ डालो या इसका भोसड़ा बना दो,अब तुमको रोज़ ही ऐसे ही मुझे ठोकना होगा,आज तो मेरी चूत की आग को ठंडा कर दो. हेययीयीयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैआइयैयीयीयियी रजाआआ

रमण बोला हां मेरी जानेमन अब मैं रोज़ ही तुझे ऐसे ही ठोकुन्गा ,अब तो मुझे भी रोज़ ही तेरी चूत मारने को चाहेयेगि,नही तो मेरे लंड की प्यास ही नही बुझेगी,मेरी रानी.

अब दोनो जनो ने अपने धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया था,अब दोनो ही झड़ने के करीब आ गये थे,वैसे तो रमण इतनी जल्दी शायद नही झाड़ता पर क्यूंकी अभी तक उसका पानी एक बार भी नही निकला था और उसकी उतेज़ना इतनी बढ़ी हुई थी कि जैसे ही उसका लंड पहली बार आरती की चूत मे घुसा था वो तो तभी झड़ने के लिए तैयार था,वो तो उसने आपने आप पर कंट्रोल करके अभी तक अपने लंड को झड़ने से रोका हुआ था,पर जब आरती भी झड़ने वाली थी तो उसने सोचा कि अब उसको भी एक बार इसके साथ ही झाड़ जाना चाहिए.


ये सोच कर रमण ने अपने धक्को की स्पीड तेज़ कर दी,तभी आरती ने रमण से कहा रमण अब मेरा निकलने वाला है,रमण बोला तो ठीक है जानेमन मैं भी तुम्हारे साथ-2 आ रहा हूँ,और ये कह कर आरती ने एक तेज़ सिसकी मारी और अपनी दोनो टाँगें जो अब तक खुली थी उनसे रमण को बुरी तरह से जाकड़ लिया,तभी रमण ने भी उसकी चूत मे अपना पानी गिरा दिया.दोनो जने साथ-2 झाड़ रहे थे और उनके रस आपस मे मिल कर आरती की चूत मे इकट्ठा हो रहे थे.


Maa ki  masti


 इधर मनु उनकी बातें तो सुन ही रहा था साथ ही साथ उनकी मूवी भी बनाए जा रहा था,अब उसका लंड दुबारा से कड़ा हो चुका था,पर अब तक वो 3 बार झाड़ चुका था,इसलिए कोई जल्दी नही थी,फिर उसको ये तो पता ही था कि ये रास लीला आज सारी रात चलनी है,और आज की रात उसके पास अपना माल निकालने के कई मौके आएँगे,इसलिए वो सिर्फ़ मूवी शूट करने पर ही ध्यान दे रहा था.

अब जब रमण के लंड का सारा पानी आरती की चूत मे गिर गया तो,वो आरती के उपर से हट गया,उसका लंड अब थोड़ा सिकुड के आरती की चूत से बाहर आ गया,वो दोनो के मिले जुले रस से बुरी तरह से भीगा हुआ था.अब दोनो जने बिस्तेर पर साथ-2 लेट कर लंबी-2 साँसे लेने लगे.

थोड़ी देर बाद जब दोनो की साँसें कुछ ठीक हुई तो रमण ने फिर से आरती के मम्मों को पकड़ लिया,आरती ने कहा कि क्या तुम्हारा मन अभी भरा नही.

रमण-अर्रे जिसके पास आपके जैसी हसीना हो उसका कभी मन भर ही नही सकता,मेरा बस चले तो मैं हमेशा ही आपकी चूत मारता ही रहूं,और कभी अपना लंड इस चूत मे से निकालु ही नही.

आरती-अच्छा जी,ऐसा है क्या,मैं तुम्हे इतनी पसंद हूँ क्या?

रमण-और क्या आप तो मुझे शुरू से ही बहुत पसंद हो,और मैं शुरू से ही आपको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता था.

आरती-ये बात तो पहले मुझे मनु ने भी कही थी,कि तुम मुझसे दोस्ती करना चाहते हो.तो क्या ये सब बाते तुम मनु से भी कर लेते हो,और अब जो हमारे बीच हुआ है ,ये भी क्या तुम मनु को बताओगे.

रमण-अर्रे भाभी जी

आरती-अब तुम मुझे भाभी मत बोलो

रमण-ठीक है मेरी रानी ,सच तो ये है कि इन सब बातों मे मनु मेरा राज़दार है,और आज जो मौका हम को मिला है उसमे भी मनु ने हमारा साथ दिया है,और अगर आगे भी हम को सबसे ये सब छुपा कर रखना है तो उसको तो शामिल करना ही पड़ेगा.

ये सब सुन कर आरती एक बार तो सन्न रह गयी.तब रमण ने कहा कि मेरी जान तुम क्या सोच रही हो?

आरती कुछ देर तो चुप रही,फिर बोली तो इसका मतलब है कि मनु को सब बातों का पता है,अब मैं उस-से आँखें कैसे मिला पाउन्गि,आख़िर वो मेरा बेटा है.

रमण-इसमे कुछ भी दिक्कत नही है,वो तुम्हारा बेटा है तो क्या हुआ,है तो वो भी एक आदमी ही और जैसे तुम्हे देख कर मेरा दिल धड़कता है ऐसे ही उसका भी धड़कता है,तो अगर मैं तुमसे मस्ती कर सकता हूँ तो फिर उस-से क्या दिक्कत है.

आरती बहुत देर तक चुप ही रही,अब वो क्या बोले वो ये ही सोच रही थी,उसकी ज़ुबान उसके तालू से चिपक गयी थी,ये सुन कर कि मनु को पता है कि वो इस समय रमण से चुदवा रही है.

रमण समझ रहा था कि इस समय आरती के दिल मे क्या चल रहा है और वो कह रहा था कि आरती भी ये मान ले कि मनु से उसको कोई प्राब्लम नही है,जिस-से कि वो लोग आगे बेख़टके घर मे चुदाई कर सकें,पर इतनी जल्दी से आरती का ये स्वीकार करना मुश्किल था.

रमण ने आरती का ध्यान वहाँ से हटाने के लिए अब फिर से आरती के जिस्म से खेलना शुरू कर दिया था,पर आरती बहुत ज़्यादा साथ नही दे रही थी

तब रमण ने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया,और फिर उनको चूसने लगा,जब वो इतनी कोशिस कर रहा था,तो कुछ तो असर आना ही था,और अब आरती को फिर से धीरे-2 मस्ती चढ़ने लगी थी और वो भी अब आहें भरने लगी थी और सिसकियाँ लेने लगी थी,अब रमण को समझ आ गया कि आरती अब फिर से मूड मे आ रही है तो वो उसकी चुचियों को और तेज़ी से चूसने लगा था,फिर उसने अपनी दो उंगलियाँ आरती की चूत मे डाल दी,आरती की चूत अभी भी रमण और उसके रस के कॉकटेल से भरी हुई थी और कुछ रस बाहर भी छलक रहा था,जब रमण ने अपनी उंगली उसकी चूत मे डाली तो आरती के मूह से एक ज़ोर की आह निकली और उसकी चूत मे से रस और बाहर को गिर गया.


Maa ki masti



फिर रमण ने अपनी उंगलियों को थोड़ा सा उसकी चूत मे घुमाया और फिर निकाल कर आरती के मूह मे ले जा कर डाल दी,आरती को एक बार तो वो कॉकटेल का स्वाद अज्जीब सा लगा और वो बोली कि ये क्या कर रहे हो.

रमण बोला कि जानेमान ये तो तुम्हारी चूत और मेरे लंड के प्रेमरस का कॉकटेल,(यानी कि कॉक का टेल कॉकटेल)इसको चाटो इसका स्वाद अमृत जैसा लगेगा,ये सुन कर आरती ने उसकी उंगलियो को मूह मे ले ही लिया और उसके बाद उसको भी उसमे स्वाद आने लगा और वो उसको चूसने लगी,अब आरती पूरी मस्ती मे आ गयी थी,फिर रमण ने दुबारा से आरती की चूत मे उंगली डाली और इस बार अपनी उंगली पर पहले से बहुत ज़्यादा रस लगा कर उसके मूह मे डाला इस बार आरती ने खुद उसका हाथ पकड़ लिया और उसकी उंगलियाँ चूसने लगी,जब वो चपड-2 करके रमण की उंगलियाँ चूस रही थी तो रमण ने मनु को इशारा किया कि वो भी बाहर आ जाए,मनु उसका इशारा समझ कर बाहर रमण के पास आ गया,आरती तो उस टाइम रमण की उंगलियो से कॉकटेल ही चूसे जा रही थी,तब रमण ने मनु को उसकी एक चुचि को दबाने का इशारा किया.

अब सीन ये था कि रमण एक हाथ से आरती की चुचि दबा रहा था और उसका दूसरा हाथ आरती के मूह मे था,और मनु अपने दोनो हाथों से अपनी ही मा की चुचि को दबा रहा था,जब आरती को ये समझ मे आया कि अब कोई और भी उसकी चुचि को दबा रहा है तो उसने आँखें खोल कर और पलट कर देखा कि ये तो उसका खुद का बेटा मनु ही है,ये देखते ही उसका शरीर एकदम से ठंडा पड़ गया और उसने सभी तरह की हरकतें बंद कर दी.

रमण ने जब ये देखा तो वो बोला कि जानेमन क्या हुआ?

आरती पहले तो कुछ भी नही बोली,और चुप चाप पड़ी रही,फिर बोली कि मनु तुम यहाँ क्या कर रहे हो?

रमण-अर्रे जानेमन अब इस-से क्या शरमाना इसको तो सब पता ही है,और अगर हम इसको अपने साथ नही मिलाएँगे तो फिर हम भी मस्ती नही कर पाएँगे.

आरती-पर मैं इसके साथ ये सब नही कर सकती.आख़िर ये मेरा बेटा है.

रमण-तो क्या हुआ,अगर ये तुम्हारा बेटा है तो ,है तो ये भी एक मर्द ही ना,और देखो ये तुम से कितना प्यार करता है,जब इसने खुद ही तुमको मेरे से चुदवाने का मौका दिया है तो फिर इसका भी यो कुछ हक़ बनता है,फिर अगर ये हमारे साथ रहेगा तो घर मे ही तुम्हे दो-2 लंड का स्वाद हमेशा मिलता रहेगा,फिर ये किसी को बताएगा भी नही,और हम मिल कर मस्ती कर सकेंगे.

आरती-पर मेरा दिल नही मानता,कि मैं अपने बेटे के साथ ये सब करूँ.

रमण-तुम समझ क्यों नही रही,तुम एक बार को ये भूल जाओ कि ये तुम्हारा बेटा है,फिर इसके लंड पर नज़र डालो,ये कह कर रमण ने मनु का नंगा लंड निकाल कर आरती के सामने कर दिया,अब लंड महाराज तो जोश मे थे ही और जब उनको अपनी मा की चूत मरने का मौका मिलने वाला था तो वो और भी जोश मे आ गये,तो जैसे ही रमण ने उसको आगे किया और आरती का एक हाथ पकड़ के उसके हाथ को मनु के लंड पर रखा तो वो और भी ज़्यादा फूल गये,अब जब आरती ने अपने बेटे का इतना मोटा लंड देखा तो एक बार तो उसकी आह ही निकल गयी,पर फिर भी उसने कुछ नही बोला,तो रमण बोला जब इतना मोटा लंड घर मे ही मौजूद रहेगा तो तुम जब चाहे इसको अपनी चूत मे ले सकती हो,और किसी को पता भी नही चलेगा.

तब आरती ने अपने दिल मे सोचा कि अब जो होना था वो तो हो ही चुका है,और अब तो मनु ने भी मुझको रमण से चुदवाते हुए देख ही लिया है तो अब छुपाने को तो कुछ बचा ही नही है,फिर अब उसको भी ये मान ही लेना चाहिए कि वो खुद भी तो अब अपने बेटे के इतने मोटे लंड को देख कर अब उस-से चुदवाना ही चाहती है


Maa ki masti


आरती ने अब अपने दिल को समझा लिया कि अगर उसको अपनी जवानी के मज़े लेने हैं और घर मे मौज करनी है तो फिर,मनु को तो साथ रखना ही पड़ेगा और वो तो तभी साथ देगा जब उसको कुछ मिलेगा,और वो जो चाहता है वो आरती ही उसको दे सकती है,इसलिए ये तो अब खुद उसपेर ही निर्भर है कि वो क्या करे.

ये विचार दिमाग़ मे आते ही आरती ने अपना मन पक्का कर लिया कि अब वो अपनी जवानी का फुल मज़ा लेगी,और उसके लिए अब अपने बेटे का लंड भी अपनी चूत मे ले लेगी,तब उसने अपने हाथ को मनु के लंड पर धीरे-2 आगे-पीछे करना शुरू कर दिया,जब रमण ने ये देखा कि आरती ने अब हालत को समझ लिया है,और अब वो सब कुछ करने को तैयार है तो ,उसने मनु को कहा कि लो यार अब तुम भी इस जवानी के मज़े लो.

मनु का लंड हालाँकि आरती के हाथ मे था और वो अपनी मा के नरम मुलायम हाथ के स्पर्श से और ज़्यादा उत्तेजना महसूस कर रहा था,पर मन के किसी कोने मे अभी भी थोड़ी सी झिझक मा -बेटे वाली बाकी थी,इसलिए वो इतना खुल कर आरती के साथ वो सब नही कर पा रहा था.

ये बात रमण भी समझता था कि अभी पहली ही बार मे दोनो ही मा-बेटे मे कुछ झीजक तो रहेगी ही,पर जब एक बार बेटे का लंड मा की बुर की सैर कर लेगा तो सारी शरम हया ख़तम हो जाएगी,और फिर खुल कर वासना का खेल होगा.

रमण के लंड मे अब तनाव बढ़ता जा रहा था,और अब वो फिर से आरती की चुदाई करने की तैयारी कर रहा था,अब आरती भी धीरे-2 सब कुछ समझ कर रंग मे आने लगी थी और अब उसका हाथ लगातार ही मनु के लंड पर आगे-पीछे हो रहा था,और उसकी सिसकियाँ बढ़ती जा रही थी.

अब मनु को भी अपनी मा के लंड को मसल्ने से और आहें भरने से जोश बढ़ रहा था,और उसने अपनी मा की चुचियो को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था,तभी उसने झुक कर अपनी मा के मम्मे को चूसना शुरू कर दिया,जैसे ही मनु ने अपना मूह आरती के मम्मे पर रखा आरती को फिर से करेंट सा लगा,क्यूंकी चुदाई एक अलग अहसास है,पर अपने बेटे से ही चुदाई बिल्कुल ही दूसरा अहसास है.

और ये बात रमण को भी समझ आ रही थी कि अब जो आरती ही नही उसका भी जोश इतना बढ़ गया है,वो मा-बेटे के वासना के खेल के कारण है,और इसमे उसी बात का प्रभाव सबसे ज़्यादा है,कि वो ये देख रहा है कि कैसे एक जवान बेटा अपनी ही माँ के मम्मों को चूस रहा है.

अब जो रमण ने आरती की चूत मे उंगलियाँ डाली तो उसको उसमे पहले से कहीं ज़्यादा गर्मी महसूस हुई,उसने इस बार अपने हाथ के साथ-2 आरती का हाथ भी पकड़ कर उसकी ही चूत मे डाल दिया,एक साथ 4-4 उंगलियाँ जैसे ही आरती की चूत मे गयी वो तो एकदम से पानी ही छोड़ने लगी,और झाड़ गयी.


इस बार रमण ने अपना अंडरवेर जो वहीं पड़ा था उठाया और उसको एक तरफ से पकड़ कर आरती की चूत मे घुसा दिया,और उस-से आरती की चूत के रस को काफ़ी सारी मात्रा मे सोख लिया,फिर उसने वो अंडरवेर उसी साइड से आरती की नाक के पास लगाया,तो वो उसकी खुसबू से मदहोश सी हो गयी,तब रमण ने उस हिस्से को आरती के मूह मे डाल दिया,तो आरती उसको बुरी तरह से चूसने लगी,उसको अब कॉकटेल चाटने मे पहले से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.जब उसमे से रस आना कम हुआ तो रमण ने आरती का वो वाला हाथ जो उसने चूत मे डाला था पकड़ा और उसकी वो उंगलियाँ उसके मूह मे डाल दी,अब तो आरती वासना के नशे मे पागल हो गयी थी,और अनप-शनाप बोलने लगी थी.अब मेरी चूत को फाड़ दो,इसका भोसड़ा बना दो,आज मैं अपने ही बेटे का लंड अपनी चूत मे लूँगी,आजा मेरे बेटे अपनी माँ की चूत मार ले और मादरचोद बन जा.

ये सब सुन कर मनु का जोश तो सातवें आसमान पर ही जा पहुँचा था ,और अब वो फिर से झड़ने को तैयार था,अब आरती भी उसके लंड पर हाथ तेज़ी से चला रही थी,तभी मनु एक बार फिर झाड़ गया,और उसके रस ने आरती के हाथ को भर दिया,जो कि आरती ने जल्दी से अपनी नाक के पास ले जा कर देखा,तो उसको उसमे से बहुत ही मादक खुसबू आई,फिर उसने अपनी जीभ से अपने हाथ को चाटना शुरू कर दिया,उसको उसका स्वाद बहुत ही अच्छा लग रहा था,और वो मनु के सारे रस को अपनी जीभ से चाट -2 कर सॉफ कर गयी

अब मनु का लंड झाड़ कर ढीला हो गया था,और आज की रात मे वो इतनी बार झाड़ गया था कि अब खुद भी कुछ थकान महसूस करने लगा था,तो इस कारण वो झाड़ कर वहीं अपनी मा के पास ही बिस्तर पर गिर गया,और हाँफने लगा.


पर तब तक रमण का लंड तन कर बहुत कड़क हो गया था,और झटके मारने लगा था,अब रमण से सबर नही हो रहा था,और कुछ-2 यही हाल आरती का भी था,तो अब आरती ने रमण के लंड को पकड़ कर अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया.




Maa ki masti



रमण समझ गया कि अब इसको फिर चुदाई की तमन्ना हो रही है,और अब वो भी फिर से चुदाई के लिए तैयार था,इसलिए उसने भी तुरंत ही देर ना करके अपने को आरती के शरीर पर चढ़ा लिया और तब आरती ने उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर लगा दिया,इस बार जैसे ही रमण ने धक्का मारा तो आवेश की वजह से उसका लंड साइड मे हो गया और लंड चूत मे ना जा कर बाहर ही रह गया,तब आरती ने दुबारा से रमण का लंड पकड़ा और इस बार अपनी चूत को थोड़ा सा खोल कर उसके लंड का सुपाडा उसने अपनी चूत के खुले हुए मूह पर फिट कर दिया और रमण को बोला कि अब धक्का लगाओ.इस बार रमण ने जैसे ही धक्का लगाया उसका लंड आरती की चिकनी चूत की गहराई मे पूरा उतर गया.

जैसे ही रमण के लंड ने आरती की चूत के आख़िर मे जा कर टक्कर मारी वैसे ही उसकी बहुत ज़ोर की सिसकारी निकल गयी,जैसे ही उसने इतनी तेज़ सिसकारी ली वैसे ही मनु ने उठ कर देखा तो उसकी मा रमण के लंड के नीचे दबी हुई,अपनी चूत मरवा रही थी,ये देख कर मनु को फिर से जोश आ गया,और उसने अपने आप को उठा कर अपनी मा की बगल से सटा लिया.

जैसे ही मनु आरती के बदन से सटा तो आरती ने उसकी तरफ देखा तो वो अपनी मा को बहुत ही प्यार और वासना वाली नज़र से चुदाई करते देख रहा था,ये देख कर आरती का जोश और बढ़ गया,और वो और तेज़ी से अपनी कमर उठाने लगी थी,तभी मनु ने अपना हाथ बढ़ा कर अपनी माँ के मम्मों को पकड़ लिया.

जैसे ही मनु का हाथ आरती के मम्मों पर गया,उसका लंड अब फिर से खड़ा होना शुरू होने लग गया,अब मनु ने आरती की एक चुचि को मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया,अब तो आरती के मज़े की इंतेहा ही हो गयी,उपर से उसका प्रेमी उसको हुमच-2 के चोद रहा था,और उसका बेटा उसकी चुचि को चूस रहा था,तो आरती के आनंद का तो कहना ही क्या था,और वो मज़े मे पागल हुई जा रही थी,और बहुत सेक्सी-2 आवाज़ें निकाल रही थी.

जब मनु का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया तो उसने आरती की चुचि को अपने मूह से निकाल दिया पर अभी तो रमण ही उसकी मा को चोदे जा रहा था,इसलिए उसका मौका तो अभी आने वाला नही था,पर उसका लंड तो फिर से तन-तना गया था,और अब की बार वो अपना माल बाहर निकाल कर बर्बाद नही करना चाहता था,इसलिए उसने थोड़ा सा बैठ कर अपने लंड को अपनी मा के मूह के पास किया,फिर उसने आपनी माँ आरती का मूह अपने लंड की तरफ घुमाया.

जब आरती ने मनु के लंड को अपने मूह के इतने पास बिल्कुल खड़ी हुई हालत मे देखा तो वो सब कुछ समझ गयी,पर इस-से पहले कभी उसने कोई भी लंड अपने मूह मे ले कर नही चूसा था,इसलिए उसको थोड़ी सी झिझक हो रही थी,पर फिर उसने सोचा कि आज जब उसने इतनी बार लंड के रस को कई तरह से चाटा है तो इसमे भी कोई परेशानी नही होनी चाहिए,फिर उसके अलावा वो अब अपने बेटे के लंड को देख कर मोहित भी हो रही थी,और सोच रही थी कि अब इसका स्वाद ले ही लेना चाहिए,ये सोच कर आरती ने अपना मूह खोला और मनु के लंड को अपने मूह मे ले लिया

आरती ने अब मनु के मोटे लंड को अपने मूह पर लगाया,तो एक बार तो उसको लगा कि उसके होठ ही जल गये,क्यूंकी मनु का लंड था ही इतना गरम,फिर उसने अपना मूह अच्छी तरह से खोला और उसके लंड के सुपाडे को अपने नरम होठों मे दबा लिया,जैसे ही उसने ये किया तो मनु की भी सिसकी निकल गयी,फिर आरती ने धीरे-2 उसको अपने मूह मे ले कर चूसना शुरू किया ,जैसे की वो कोई आइस कॅंडी वाली आइस्क्रीम चूस रही हो,और उसका फ्लेवर धीरे-2 मज़े ले के ले रही हो,फिर उसने मनु के लंड को अपने मूह से निकाल कर बाहर से चाटना शुरू कर दिया.

इधर रमण के धक्कों की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी,और अब जो अपनी मंज़िल के करीब था,पर आरती का ध्यान तो अपने बेटे के मूसल पर ही था,तो उसने कहा जान इधर भी तो कुछ करो,और अपनी कमर को उछालो,या सिर्फ़ इसके लंड को ही चुस्ती रहोगी,इसको तो तुम जब भी चाहो ले सकती हो,ये तो तुम्हे हर टाइम मिलता रहेगा.


आरती ने कहा कि वो तो ठीक है,पर अभी तो सबर नही हो रहा था,चलो पहले तुमसे ही मज़े ले लूँ,फिर इसको आराम से लूँगी,ये कह कर उसने मनु के लंड को छोड़ दिया और उसके हाथों को अपनी चुचियों पर रख दिया,और खुद रमण के धक्कों का जवाब धक्कों से देने लगी.



Maa ki masti



थोड़ी ही देर मे दोनो अपनी मंज़िल के नज़दीक पहुँच गये,तो रमण ने कहा कि जान मे आ रहा हूँ,आरती बोली मैं भी तुम्हारे साथ ही झड़ने वाली हूँ,और ये कह कर दोनो तेज़ी से धक्के लगाने लगे.

मनु को अपनी माँ की चूत मे लग रहे धक्के बहुत ही अच्छे लग रहे थे,और वो ये सोच रहा था कि कुछ टाइम के बाद उसका खुद का लंड भी इसी प्यारी और चिकनी छूट मे गोते लगाएगा,ये सोच-2 कर ही उसका तन बदन और ज़्यादा रोमांचित हो रहा था,और उसका लंड ज़ोर-2 से झटके लेने लगा था.

तभी वो दोनो जने एक साथ आवाज़ करते हुए झड़ने लगे और एक दूसरे से बुरी तरह से चिपक गये,मनु बिचारा वैसे ही अलग हो गया था,जब उन लोगों ने अपनी रफ़्तार बढ़ाई थी,तो वो साइड से देख कर ही मज़े ले रहा था.वो दोनो जने पसीने मे लत-पथ एक दूसरे से चिपके हुए थे,और आरती की चूत रमण के वीर्य का एक -2 कतरा अपने अंदर समेट कर चूस रही थी,और उसकी चूत को बहुत ठंडक मिल रही थी.

फिर जब आरती की चूत ने रमण के वीर्य की हर बूँद निचोड़ ली तो वो दोनो अलग -2 हो कर लेट गये,और तेज़-2 साँसें लेने लगे.

पर मनु तो सिर्फ़ अपनी मा को ही देखे जा रहा था,आरती पसीने मे भीगी हुई नंगे बदन उसको किसी जादुई हसीना की तरह से अपनी तरफ खींच रही थी,इस टाइम जो आरती की साँसों के साथ-2 उसके मम्मे उपर-नीचे हो रहे थे मनु तो उनको ही देखे जा रहा था,और अपनी मा के हुस्न की तरफ और ज़्यादा आकर्षित हो रहा था,वो सिफ स्कर्ट और सेन्डेक पहने हुए ही बिस्तर पर पड़ी थी,और उसकी चूत से दोनो जनो के रस की कॉकटेल बाहर आ रही थी,मनु तो सिर्फ़ उसको ही निहारे जा रहा था.

जब आरती की नज़र मनु पर पड़ी और उसने देखा कि मनु ऐसे आसक्ति से उसको देखे ही जा रहा है तो उसको भी अपने बेटे पर बहुत प्यार आया,और उसने इशारे से मनु को अपने पास बुलाया और अपने नंगे शरीर से उसको चिपका लिया,जैसे ही आरती ने मनु को अपने शरीर से चिपकाया मनु को मोटा लंड आरती की चूत पर दस्तक देने लगा,पर आरती अभी और चुदाई नही करवा सकती थी,इसलिए उसने मनु के लंड को अपनी चूत की चुम्मि लेने दी,और उसको अपने शरीर से चिपका कर ही लेटी रही.

थोड़ी देर तो मनु आरती से ऐसे ही चिपका रहा,उसको भी अपनी मा के नंगे बदन से चिपक कर असीम आनंद आ रहा था,पर अब उसको अपने शरीर पर पड़े हुए कुछ कपड़े भी भारी लग रहे थे,क्यूंकी वो अपनी मा के मम्मों को अपने शरीर से ही महसूस करना चाहता था,इसलिए उसने थोड़ा सा अपनी मा से अलग हो कर अपने बचे हुए कपड़े भी उतार दिए,और इस तरह से वो बिल्कुल मदरजात नंगा हो गया,और फिर अपनी मा के नंगे बदन से चिपक गया,अब उसको जो मज़ा आ रहा था उसका वर्णन नही किया जा सकता,अब आरती के मोटे-2 बूब्स उसके सीने मे दबे जा रहे थे,और उसको उनकी गर्मी का अहसास हो रहा था,तब तक आरती की साँसें भी संयंत हो गयी थी,और उसको भी अपने बेटे के नंगे शरीर से चिपक के एक अलग ही रोमांच का अनुभव हो रहा था.

अब मनु का लंड आरती की चूत पर पहले से ज़्यादा ठोकर मारने लगा था,और ये आरती को महसूस हो रहा था,पर अभी वो सिर्फ़ मनु से उप्पेरी मज़े ही लेना चाहती थी और फिर कुछ देर के बाद अपनी चूत उस-से मरवाना चाहती थी,वो खुद अब ये कह रही थी कि आज रात को ही मनु उसको चोद कर सारे बंधन तोड़ दे ,जिस-से कि आगे के लिए कोई शर्मो हया ना रहे,और फिर मा-बेटे हमेशा खुल कर घर मे वासना का नंगा खेल खेल सकें.

फिर मनु ने जोश मे अपने होंठ अपनी मा के नरम और नज़ूक गुलाबी होठों पर रख दिए और धीरे-2 उनको चूसने लगा,आरती भी इसमे उसका साथ देने लगी थी,और फिर उसने अपने मा के मूह मे अपनी जीभ डाल दी और अपनी मा की जीभ का स्वाद लेने लगा.

रमण साइड मे लेटा हुआ ये मा बेटे की नंगी मस्ती देख रहा था,और आज पहली बार ऐसे किसी सगे मा बेटे को अपने ही सामने नंगे हो कर आपस मे यौं चिपका देख कर अपने मे बहुत रोमांचित भी हो रहा था,आज तक ये सब सिर्फ़ उसने किस्से कहानियों मे ही पढ़ा था कि ऐसे इंसेस्ट चुदाई भी होती है,पर अपनी आँखों के सामने अपनी कल्पना को साकार होते देख कर तो उसको विश्वास ही नही हो रहा था. 

अब मनु की जीभ अपनी मा की जीभ के साथ खेल रही थी,और उसका लंड अपनी मा की फुद्दि पर ठोकर मार रहा था,अब दोनो जनो का शरीर फिर से तपने लगा था.अब आरती की चूत फिर से गरम हो रही थी,जबकि मनु का लंड तो पहले ही तना हुआ था,आरती को भी अंदर से एक अलग ही अहसास हो रहा था,आज पहली बार ही वो किसी दूसरे मर्द से चुदि थी,और उसके तुरंत बाद ही वो अब अपने ही सगे बेटे का लंड अपनी चूत मे लेने वाली थी,ये सोच-2 कर ही उसको एक रोमांच का अनुभव हो रहा था,कि अब मनु का मोटा लंड उसकी चूत का बॅंड बजाने वाला है.

फिर दोनो मा बेटे थोड़ा सा अलग हुए तो आरती ने मनु के लंड को अपने हाथ मे ले लिया,और उसको आगे-पीछे करने लगी,मनु अब बोला कि मा अब ऐसे मत करो अब इसको छोड़ दो,न



Maa ki  masti



रमण मा बेटे की ऐसे खुली और नंगी बातें सुन कर फिर से तैयार हाने लगा था,जब उसने मा बेटे को ऐसे खुल कर चोदा-चोदि की बातें करते हुए सुना तो उसका लंड भी फिर से खड़ा हो गया,और अब वो तनाव मे आ रहा था.अब उसके लंड को भी दुबारा से खुराक की ज़रूरत महसूस होने लगी थी. 

फिर रमण भी थोड़ा सा नज़दीक हो कर दूसरी तरफ से आरती से चिपक गया,अब तो आरती का हाल बयान करना मुश्किल था,एक तरफ से तो मनु उसका खुद का बेटा उस-से चिपका हुआ था,तो दूसरी तरफ से रमण भी उस-से चिपक गया था,और तीनो ही जने नंगे थे,उस समय कमरे का नज़ारा ऐसा था कि खुद काम देव भी देखे तो वहीं रह जाए.

अब आरती ने मनु के लंड को खींचना शुरू कर दिया था,क्यूंकी अब उसकी चूत बहुत गरम हो गयी थी,और उसको ठुकाइ की ज़रूरत महसूस होने लगी थी,और आरती चाहती थी कि अब एक बार मनु भी उसकी चूत का मज़ा ले ही ले.तो उसने मनु को अपने उपर आने का इशारा किया,मनु अपनी मा के इशारे को समझ कर आरती के उपर आ गया.

पर आरती की चूत तो पहले ही कॉकटेल से भरी हुई थी,तो अब मनु ने रमण की अंडरवेर जो नीचे पड़ी थी,वो उठाई और अपनी मा की चूत मे डाल दी,और उस-से अच्छी तरह से अपनी मा की चूत को अच्छी तरह से सॉफ करने लगा,ये करते हुए उसका मूह एक बार अपनी मा की चूत के बिल्कुल नज़दीक आ गया,तो उसकी नाक को अपनी मा की चूत से निकलती हुई मादक महक महसूस हुई,और वो मादक महक ऐसी थी कि उस-से मनु मदहोश हो कर अपने होश खोने लगा और उसको पता ही नही चला कि कब उसकी जीभ अपनी मा की चूत पर चली गयी,जैसे ही मनु की जीभ ने आरती की चूत को छुआ,तो आरती के शरीर मे करेंट दौड़ गया,और उसने अपना सिर थोड़ा सा उपर करके देखा तो उसका बेटा मनु मदहोश हो कर उसकी चूत को चाट रहा था.

रमण ने जब देखा कि मनु अपनी मा की चूत को ऐसे चाट रहा है तो उसको भी जोश आ गया और वो भी अपनी जीभ निकाल कर आरती की गरम चूत को चाटने लगा,अब तो आरती की हालत देखने वाली थी,2-2 जवान लड़के उसकी चूत को अपनी-2 जीभ से चाटने के लिए आपस मे जीभ से लड़ाई कर रहे थे,और उसकी चूत उन दोनो की जीभ के खुरदारे पन से और ज़्यादा प्यासी होती जा रही थी.

अब आरती अपनी कमर को उपर की तरफ उछालने लगी थी,तब रमण जो कि इस काम का पुराना खिलाड़ी था,उसने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया,जैसे ही रमण की जीभ आरती की चूत के अंदर घुसी उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो इतना छोड़ा कि उसकी चूत को भर दिया,तब रमण ने मनु को इशारा किया और अपने साथ आरती की चूत का रस चाटने को कहा,मनु को भी अपनी मा के चूत के रस का स्वाद बहुत शानदार लगा और वो सारे का सारा रस पी गये.


अब आरती तो झाड़ गयी थी,पर वो दोनो के लंड बिल्कुल तन-तनाए हुए थे,और वो दोनो ही अब उसकी चुदाई करना चाहते था,पर ये रमण भी जानता था कि वो अब तक आरती को 2 बार ठोक चुका है तो अब मौका मनु को ही मिलना चाहिए,फिर आरती उसकी माँ भी है तो वैसे भी मौका उसका ही बनता है,तो फिर वो दोनो ही आरती की चूत को फिर भी चाट-ते रहे और थोड़ी और चटाई से आरती मे फिर से जोश भर गया,और फिर वो बोली कि ये तुम दोनो क्या अब मेरी चूत को खा ही जाओगे,अब आ कर मेरी चूत मे अपना लंड डाल कर इसको चोदो भी.



Maa ki masti



तब रमण ने मनु को इशारा किया कि अब वो जा कर अपनी माँ की फुद्दि मे अपना लंड डाल दे,तो मनु उठा और आरती के उपर आ गया,पर क्यूंकी उसको ज़्यादा चुदाई का अनुभव नही था,तो नीचे से रमण ने उसके लंड को पकड़ कर आरती की चूत के खुले हुए मूह पर लगाया,और उसके सुपाडे को आरती की चूत मे फँसा दिया,फिर उसने मनु को कहा कि अब धक्का लगा दे यार और अपनी मा की चूत मे अपना लंड डाल कर इसको फ़तह कर ले,इसका भोसड़ा बना दे.

जैसे ही रमण ने मनु को इशारा किया और कहा कि डाल दे ,वैसे ही मनु ने अपना लोड्‍ा अपनी माँ की चूत मे बाड़ दिया,और उसका लंड आरती की चूत के गुलाबी छेद के अंदर जा कर गायब हो गया.

रमण देख रहा था कि कैसे मनु का लंड पूरे का पूरा आरती की चूत के गुलाबी छेद मे जाता है,जैसे ही मनु का लंड उसमे जा कर गायब हुआ,रमण का जोश और बढ़ गया,उधर जैसे ही मनु का पूरा लंड आरती की चूत मे गया आरती के मूह से बहुत मादक सिसकारी निकली,और वो मदहोश हो गयी,आज उसके खुद के बेटे ने उसकी चूत मे अपने लंड को बाड कर वहाँ पर अपनी मोहर लगा दी थी,इसलिए उसके आनंद का ठिकाना नही था.

अब मनु ने धीरे-2 अपनी कमर चलानी शुरू कर दी थी,और आरती भी उसका साथ दे रही थी,वो दोनो सब कुछ भूल कर मस्त हो कर चुदाई मे मशगूल हो गये थे,और आपस मे धक्के पर धक्का लगा रहे थे.

तब रमण से सबर नही हो रहा था,क्यूंकी वो दोनो माँ बेटे तो आपस मे चुदाई मे लगे हुए थे,पर वो अलग से बैठा था,तो फिर वो उठा और उसने अपने लंड को अपने हाथ से सहलाया ,जैसे ही उसने ये किया उसका लंड और ज़्यादा तन गया,तब वो आगे बढ़ा और उसने अपने दोनो पैर आरती के मूह के पास करे और फिर धीरे-2 अपने आप को और अपने लंड को आरती के नरम मुलायम होठों के उपर रख दिया,जैसे ही आरती को अपने होठ पर कुछ गरम रखा हुआ महसूस हुआ तो उसने अपनी आँखें खोल कर देखा तो रमण का मोटा लंबा तना हुआ लंड उसके होठों को छू रहा था,और उसका सुपाडा फूल कर लाल हो रहा था,तो आरती ने अपने होठ खोल दिए,आरती ने जैसे ही आपने होठ खोले रमण ने आपना लंड उसके होठों के बीच मे फँसा दिया.

पर उसका लंड इतना मोटा था कि आरती के होंठो मे समा नही पा रहा था,तो फिर आरती ने अपने मूह को पूरा खोल दिया,तब रमण ने आपने लंड को उसके मूह मे घुसा दिया,लंड मूह मे जाते ही आरती उसको भी चूसने लगी,अब तो आरती का हाल ये था कि नीचे से मनु उसकी चूत मार रहा था,और उपर से रमण उसके मूह को चोद रहा था,और आरती इस सब का मज़ा ले रही थी,आज जैसा मज़ा आरती को आ रहा था वैसा उसको जिंदगी मे कभी भी नही मिला था.

आज तो आरती को अपनी पूरी जिंदगी का सबसे खुशी वाला अनुभव हो रहा था,आज जो मज़ा उसको आ रहा था उसकी उसने कभी भी कल्पना तक नही की थी,और इस-से आगे के भी सारे रास्ते खुल जाने वाले थे.

अब मनु ने उपर से अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी थी,और वो झड़ने के बहुत नज़दीक था,नीचे से आरती भी उसका साथ दे रही थी और अब वो भी उसके साथ ही झड़ने की कोशिस कर रही थी,उपर से उसके मूह मे रमण का लंड भी अब झड़ने को तैयार था.

इस तरह से अब तीनी ही जने अपना-2 पानी छोड़ने वाले थे,और फिर सबसे पहले मनु ने अपने लंड का रस अपनी माँ की चूत मे छोड़ दिया,जैसे ही उसके लंड का गरम रस आरती की चूत के अंदर गिरा,वैसे ही मनु के रस की गर्मी से आरती की चूत ने भी अपना रस छोड़ दिया और इस तरह से दोनो माँ-बेटे एक साथ इकट्ठा ही झाड़ गये.

जब उन दोनो ने अपना-2 रस छोड़ दिया तो आरती ने रमण के लंड को चूसना छोड़ दिया,तब रमण ने अपना लंड आरती के मूह से निकाल लिया और अपने हाथ से ही मूठ मारने लगा और फिर उसने अपने लंड का रस आरती के मम्मों पर गिरा दिया और निढाल हो कर वहीं आरती के दूसरी तरफ गिर गया,अब एक तरफ तो मनु था बीच मे आरती जिसकी चूत और मम्मे लंड रस से भीगे हुए थे और दूसरी तरफ रमण था. 

वो तीनो जने चुदाई से इतना थक गये थे कि वहीं पर उसी पोज़ीशन मे सो गये,आज की रात उन तीनो को कभी भी नही भूलने वाली थी.

सुबह सबसे पहले आँख मनु की खुली उसको पेशाब का प्रेशेर बना हुआ था,तो वो जल्दी से उठ कर वॉशरूम मे चला गया,जब वो वहाँ पर हल्का हो रहा था,तो रात की चुदाई उसकी आँखों के सामने घूमने लगी,और पेशाब करते-2 ही उसका लंड फिर से कड़क होने लगा,और कुछ ही सेकेंड मे मनु का लंड तन कर तैयार था,फिर से चुदाई के लिए.


मनु अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर बाहर आया तो उसने देखा कि उसकी मा आरती बिस्तेर पर बिल्कुल नंगी सो रही है और उसके बगल मे ही रमण भी नंगा सो रहा है,अपनी मा को नंगा देख कर अब मनु का लंड फिर से उसकी चूत मे जाने के लिए कुलबुलाने लगा.मनु फिर अपनी मा के नज़दीक आ गया और उसने देखा कि रात की चुदाई के निशान आरती के जिस्म पर ज्यों के त्यों थे,आरती की चूत रात की चुदाई से थोड़ी सी फूल गयी थी,और उसमे लगी हुई कॉकटेल अब सूख गयी थी और ऐसे सूख गयी थी और ऐसे ही रात को जो रमण ने अपने लंड का पानी उसके मम्मों पर गिराया था वो सूख कर चमक रहा था.

ये देख कर मनु को पूरी तरह से जोश आ गया और वो बिस्तेर पर चाड कर अपनी मा के पास आ गया फिर उसने आरती के दोनो तरफ अपने पाँव किए और अपना तना हुआ लंड उसकी चूत पर रखा और एक तेज़ धक्का मारा,धक्के से लंड अंदर तो चला गया पर मनु क्यूंकी अभी अनाड़ी था तो उसने लंड को ऐसे चूत मे डालने से पहले बिल्कुल भी चिकना नही किया था और आरती की चूत भी सुखी हुई थी तो उसके लंड को खरोंच सी लगी और थोड़ा सा दर्द भी हुआ,उसके इस तरह से धक्का लगाने से आरती को भी अपनी चूत मे कुछ रगड़ता हुआ महसूस हुआ और उसकी आँख खुल गयी,उसने देखा कि उसका बेटा मनु उस पर चढ़ा हुआ है और अपना लंड उसकी चूत मे घुसा रहा है,तो वो समझ गयी कि सुबह-2 उसको ऐसे नंगा देख कर उसको फिर से जोश चढ़ गया है और वो उस पर चढ़ गया है.

उपर मनु फिर से धक्का लगा रहा था,तो आरती ने अपनी टाँगे फेला दी जिस-से कि मनु का लंड आराम से उसकी चूत मे चला जाए,उसके ऐसा करते ही मनु का पूरा लंड आरती की चूत मे समा गया,तो उसने नज़र उठा कर देखा तो आरती उसको ही देख रही थी और मुस्करा रही थी.

मनु भी अपनी मा को जगा हुआ देख कर मुस्करा दिया,आरती बोली -अरे तुझे बिल्कुल सबर नही है रात भर तो मुझे चोद्ते ही रहे और सुबह-2 आँख खुलते ही फिर शुरू हो गया,मनु ने कहा कि माँ तुम हो ही ऐसी कि तुम्हे ऐसे सोते हुए देख कर मुझे अपने आप पर बिल्कुल कंट्रोल नही हुआ और मैने अपना लंड तुम्हारी चूत मे डाल दिया.

आरती बोली तो इसका मतलब है कि तुम्हारी जब भी इच्छा करेगी तुम ऐसे ही करोगे


मनु बोला कि जब आपके जैसे सुंदरी घर मे ही हो तो किसका दिल नही करेगा.अब आप ऐसे लेटी थी तो मैने डाल दिया.

आरती बोली चलो ठीक है पर अब जल्दी करो सुबह हो गयी है और उठना भी है,तुम लोग रात भर मेरे को ऐसे ही रगड़ते रहे ,मेरा पूरा बदन दुख रहा है,तभी रमण जिसकी नींद उन लोगों की चुदाई से खुल गयी थी बोला कोई बात नही मेरी जान हम दोनो तुम्हारे बदन की जैसे कहोगी अंदर और बाहर से मालिश कर देंगे,हम हैं ही तुम्हारी सेवा के लिए.

आरती-बस-2 रहने दो मैं जानती हूँ तुम लोग मेरी क्या सेवा करोगे,और अब मनु जल्दी करके हट जाओ मुझे उठना भी है,और कामवाली भी आने वाली होगी. और ये जो तुम लोगों ने रात भर यहाँ पर गंदा किया है उसको भी उसके आने से पहले सॉफ करना ज़रूरी है,नही तो बात बिगड़ सकती है.


ये सुन कर मनु ने अपने धक्को की रफ़्तार तेज़ कर दी और नीचे से आरती भी अपनी कमर चलाने लगी,दिन की रोशनी मे माँ बेटे की चुदाई देख कर रमण का लंड भी फिर से तन गया और अब वो भी तैयार था आरती को चोदने के लिए,तभी मनु ने कहा कि माँ मेरा अब निकलने वाला है,तो आरती बोली कि ठीक है मेरा अभी नही आ रहा तुम अपना गिरा दो,ये सुनते ही मनु ने एक दो तेज़ धक्के लगाए और आरती की चूत के अंदर अपना गरम माल गिरा दिया.

इधर रमण ने अब आरती के मम्मे दबाने शुरू कर दिए थे और उसके मम्मे दबाने से आरती का जोश बढ़ रहा था,पर इतने मे मनु ने अपना रस ही गिरा दिया तो वो भी थोड़ी ठंडी हो गयी.

फिर मनु आरती के उपर से हट गया और वॉशरूम मे चला गया,उसके जाते ही रमण आरती के उपर आ गया,ये देख कर आरती बोली क्या तुम उसके हटने का ही इंतेज़ार कर रहे थे,अब तुम दोनो मुझे छोड़ो गे भी या नही.

रमण-बस मेरी जान अब मेरा काम भी करवा दो फिर मैं तुमको छोड़ दूँगा,ये देखो मेरा लंड तुम्हारी चूत के लिए कितना प्यासा हो रहा है,ये कह कर रमण ने आरती के हाथ को अपने लंड पर रख दिया,और जैसे ही आरती का मुलायम हाथ रमण के लंड पर रखा गया वैसे ही उसने झटके मारने शुरू कर दिए.



Maa ki  masti



आरती ने रमण के लंड को धीरे-2 सहलाना शुरू कर दिया और रमण भी आरती के मम्मों से खेलने लगा,अब दोनो ही जने गरम हो रहे थे और अब आरती को भी जल्दी नही लग रही थी,वो भूल गयी कि अभी तो कह रही थी कि काम वाली आने वाली है पर अब पहले उसको अपनी चूत की आग को ठंडा करना था फिर आगे कुछ और सोचना था.

कुछ देर तक दोनो आपस मे ऐसे ही मस्ती करते रहे ,फिर जब दोनो जाने अच्छे से गरम हो गये तो रमण ने आरती को घोड़ी के पोज मे कर दिया,आरती घबरा गयी कि ये अब उसकी गंद मारेगा,वो बोली कि नही मैं पीछे नही लूँगी.

रमण बोला कि मेरी जान घबराओ मत और देखती जाओ कि अब मैं क्या कर रहा हूँ,तब तक मनु भी बाहर आ गया था और वो भी देख रहा था कि रमण अब उसकी माँ की कैसे लेता है,वो भी आगे के लिए ये सब कुछ सीखना चाह रहा था.

फिर रमण ने अपनी उंगली आरती की चूत मे डाल दी आरती की चूत तो वैसे ही मनु के पानी से चिकनी हो रखी थी तो उसकी उंगली फॉरन अंदर चली गयी,फिर उसने अपनी उंगली निकाली और आरती के पीछे आ कर घुटनो के बल बैठ गया और अपना लंड आरती की पीठ को थोड़ा सा उपर करके उसकी चूत के मूह पर लगा दिया,और फिर एक करारा शॉट मारा ,एक ही बार मे रमण का पूरे का पूरा लंड आरती की चूत मे समा गया,पर इसमे आरती की चीख निकल गयी,वो बोली ये तुमने कहाँ डाल दिया,रमण ने कहा सही तो डाला है तुम हाथ लगा कर देख लो.

तब आरती ने अपना एक हाथ नीचे ले जा कर अपनी चूत पर लगाया तो देखा कि रमण का लंड गया तो चूत मे ही है,वो फिर बोली कि हां गया तो सही जगह है पर फिर इतना दर्द क्यों हो रहा है.

रमण ने कहा कि जान ऐसे पहली बार है ना तो थोडा सा लगता है पर अब ठीक हो जाएगा ये कह कर उसने धक्के लगाने शुरू कर दिए,अब उसके धक्के लगाने से आरती को दर्द की जगह मज़ा आने लगा था,और वो भी उसका सहयोग करने लगी थी.

उन दोनो की ऐसे पोज मे मस्त चुदाई देख कर मनु का लंड फिर से खड़ा हो गया वैसे भी आरती जो नशीली-2 आवाज़ें निकाल रही थी,उस-से तो किसी का भी लंड टनटना जाए और वो तो अपने सामने अपनी ही माँ को किसी दूसरे से कुतिया की तरह से चुदवाते हुए देख रहा था तो उसका तो खड़ा होना ही था.

जब आरती ने मनु के लंड का ये हाल देखा तो उसने मनु को अपने पास बुलाया और कहा कि मेरे बेटे का लंड फिर खड़ा हो गया ,अब मैं क्या करूँ कि ये मज़े ले सके,फिर उसने मनु से कहा कि ठीक है तुम अपना लंड मेरे मूह मे डाल दो,ये सुनते ही मनु के लंड ने झटके लेने शुरू कर दिए,फिर मनु भी पलंग पर आ गया और उसने अपना तना हुआ लंड आरती के मूह के पास कर दिया.

जैसे ही उसने लंड को आरती के मूह के पास किया आरती ने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके लंड को चाटने लगी,अब रमण उसको पीछे से चोद रहा था और आगे से उसने अपने बेटे मनु का लंड अपने मूह मे ले रखा था और वो दो-2 लंड के मज़े ले रही थी.

कुछ ही देर मे वो तीनो ही जने अपनी चरम सीमा पर पहुँच गये और झड़ने के नज़दीक आ गये,और उन्होने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी,सबसे पहले मनु बोला कि मा अब मेरा निकलने वाला है,और ये कह कर उसने आरती के मूह मे ही अपने लंड का पानी गिराना शुरू कर दिया,आरती भी मनु के वीर्य को किसी अमृत की तरह से सारे का सारा पी गयी.


फिर मनु वहाँ से हट गया अब वो दोनो हो चुदाई मे लगे हुए थे,इतने मे ही आरती ने कहा कि रमण अब बस करो मेरा होने वाला है,और मैं थक गयी हूँ,रमण ने कहा ठीक है जान मैं भी आ रहा हूँ और फिर वो दोनो भी झाड़ गये और हान्फते हुए रमण ने अपना लंड झाड़ कर आरती की चूत से निकाल लिया और निढाल हो कर बिस्तेर पर गिर गया,आरती भी घोड़ी बनी हुई पोज़ीशन मे ही फैल कर बिस्तेर पर गिर गयी,अब वो तीनो जने पूरी तरह से झाड़ कर संतुष्ट हो गये थे.



Maa ki masti 



                                    कुछ ही देर के बाद जब आरती की साँसें थोड़ी संयंत हुई तो वो सीधी हो कर उठी ,तभी उसकी नज़र अपनी बुर पर पड़ी,रात से जब से चुदाई हो रही थी उसने अपनी चूत को देखा ही नही था,वो तो बस उसमे लंड पे लंड लिए जा रही थी,अब जब उसको थोड़ा आराम मिला तो उसको अपनी चूत मे दर्द महसूस हुआ तो उसने अपनी नज़र अपनी चूत पर डाली,पर अपनी चूत की हालत देख कर उसके तो पसीने छूट गये,उसकी चूत इस टाइम ऐसे लग रहा था कि बुरी तरह से चोदने के कारण फट ही गयी है,वो बहुत फूली हुई नज़र आ रही थी,और उस पर जगह-2 लंड और चूत की कॉकटेल लगी हुई थी,और दाँतों के भी निशान थे,पर सबसे बड़ी बात ये थी कि अब उसमे दर्द की वजह से चीस चल रही थी.

अब आरती को समझ आया कि रात भर जो उसने मस्ती की है उसका फल उसकी चूत को भुगतना पड़ा है,और वो सूज गयी है.फिर उसने उठने की कोशिस की तो उसको पता चला कि चूत के साथ-2 उसका पूरा शरीर भी दुख रहा है और उसकी चीख सी निकल गयी,जब उसकी चीख निकली तो वो दोनो जो बिस्तेर पर पड़े हुए थे उठ कर बैठ गये,और रमण ने पूछा कि क्या हुआ जानेमन.

आरती बोली नही और कराहने लगी,तो रमण ने फिर से पूछा कि हुआ क्या है?तो आरती बोली कि हुआ क्या है ये देखो ये कह कर उसने अपनी चूत की तरफ इशारा किया,इसका तुम दोनो जनो ने क्या हाल कर दिया है.

ये देख कर रमण की हँसी छूट गयी,रमण को ऐसे हंसते देख कर आरती को और ज़्यादा मिर्ची लग गयी,वो बोली यौं हंस क्या रहे हो तुम दोनो जनो ने रात भर मे मेरी चूत को फाड़ डाला,अब मेरे से उठा भी नही जा रहा.

रमण ने कहा ये तो अच्छी बात है ना उठने की ज़रूरत ही क्या है,हम दोनो यहीं पर तुम्हारी सेवा करते रहेंगे.तुम तो बस हमे सेवा का मौका दे दो.

आरती-मैं सब समझती हूँ तुम्हारा इरादा,बस अब उठो यहाँ से और जा कर चेंज करो कभी भी कोई भी आ सकता है,और मैं भी जा कर कोई दवाई वगेरह लेती हूँ,ऐसे लेटी रहूंगी तो तुम्हारा कुछ नही पता है तुम फिर शुरू हो सकते हो.

ये कह कर आरती अपने दर्द को कंट्रोल करती हुई उठ कर वॉशरूम मे चली गयी,और वहाँ जा कर गरम पानी से अपने आप को साफ करने लगी.

इधर ये दोनो भी अब उठे और बारी बारी से फ्रेश हो गये और अपने कपड़े पहन लिए,जब आरती फ्रेश हो कर बाहर आने लगी तो उसने देखा कि उसने कपड़े नही लिए हैं,तो उसने बाहर झाँका तो वो दोनो वहीं थे,तब उसने टवल को ही अपने शरीर से लपेट लिया और बाहर आ गयी,अब इस समय दिन मे वो फ्रेश हो कर टवल मे लिपटी हुई एक गदराई हुई जवान माल लग रही थी और वो टवल भी उसकी मदमस्त जवानी को छुपाने मे असमर्थ था.

उन दोनो जनो की तो आरती को ऐसे देखते ही सीटी बज गयी,अब तो उन दोनो के लंड फिर से तनाव मे आने लगे थे.आरती ने जब देखा कि वो दोनो उसको खा जाने वाली नज़रो से घूर रहे हैं तो उसने जल्दी से कपड़े पहनना ठीक समझा ,क्यूंकी उसको उन दोनो की ही नियत खराब लग रही थी,और हो सकता है कि ये दोनो जने फिर से उसको ऐसे देख कर पेलना शुरू कर दें.

पर अब रमण से उसको ऐसे देख कर रहा नही गया और वो उठ कर आरती की तरफ गया,तो आरती ने कहा कि अब क्या हुआ,रमण ने कहा जान अब तुमको ऐसे मस्त रूप मे देख कर रहा नही जा रहा ,चलो अभी एक बार और हो जाए.

आरती-मैं सब समझती हूँ तुम लोगो को,अब बस करो मेरा शरीर बहुत दुख रहा है,रात भर मे भी तुम लोगों का दिल नही भरा क्या?

रमण-अर्रे जान इस चीज़ से कभी किसी का दिल भरता है क्या,ये तो जितनी मिलती है प्यास उतनी ही बढ़ती जाती है.

आरती-पर अभी नही अभी काम वाली भी आने वाली है और मेरे शरीर मे भी दर्द है.

रमण-पर ये तुम्हारी तूफ़ानी जवानी तो हमे बेचैन कर रही है,तुम इस टवल मे कहर ढा रही हो,मैं एक ही शर्त पर अभी तुम्हें छोड़ सकता हूँ जब तुम वादा करो कि मैं जब भी घर आऊंगा तुम ऐसे ही सेक्सी रूप मे मेरा स्वागत किया करोगी.

आरती-अच्छा भाई ठीक है मैं तुम्हे कम कपड़ों मे ही अच्छी लगती हूँ तो कोई बात नही जब भी तुम आओगे मे कम कपड़ों मे ही रहा करूँगी.

मनु-माँ ये तो कोई फेर बात नही हुई,जब रमण भैया के लिए आप ऐसा करोगी तो मेरे लिए क्यों नही?

आरती-अच्छा भाई जैसे तुम दोनो कहो मैं वैसे ही रहूंगी पर अभी तो मुझे छोड़ो.

जब आरती ने ऐसे कहा तो रमण ने आरती को छोड़ दिया,और अलग हो गया,फिर आरती ने उन दोनो को कहा कि अब तो मैने तुम्हारी बात मान ली है अब तो बाहर जाओ तुम दोनो.




                        ( Maa ki masti ) ( part 7 )



आरती के कहने पर वो दोनो जने कमरे से बाहर आ गये,और उनके बाहर आते ही आरती ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया.बाहर वो दोनो मनु के रूम मे आ गये,रमण और मनु दोनो जने आज बहुत खुश थे,रमण को तो जो उसने कहा था वो मिल गया था,और मनु भी अपनी मा को चोदने मे सफल हो गया था.

रमण ने मनु से कहा कि यार आज तो रात को मज़ा आ गया ,जो भी प्लान किया था वो सक्सेस्फुल हो गया,और मेरे साथ-2 तुम्हारे भी मज़े हो गये.

मनु-हां भैया आपने तो कल कमाल ही कर दिया मुझे नही पता था कि आप एक ही रात मे इतना आगे तक बढ़ जाओगे.

रमण-यार इसमे तुम्हारा भी तो रोल है,तुम सही टाइम पर बाहर चले गये नही तो तुम्हारी मम्मी शरमाने के कारण खुल नही पा रही थी.

मनु-पर भैया आप की टाइमिंग बहुत बढ़िया है,आप ने सही टाइम पर मुझे बुला भी लिया नही तो मुझे मज़े के लिए तरसना पड़ता.

रमण-आरे मेरे भाई ऐसा कैसे हो सकता है जब तुम ने मेरे लिए इतना किया तो मैं क्या तुम्हारे लिए ये भी नही कर सकता था,पर अब आगे के लिए तो तुम्हारे मज़े हो गये हैं,अब तुम्हारी माँ सारे दिन रात तुम्हारे साथ है तुम जब मर्ज़ी उसकी ले सकते हो.

मनु-बात तो आपकी सही है,पर इस काम में भी आप को मेरा गुरु बन-ना पड़ेगा तभी ये हो पाएगा.

रमण-मैं हमेशा ही तुम्हारे साथ हूँ पर तुम भी कहीं अपनी माँ के साथ मिल कर मुझे भूल मत जाना.

मनु-ये आप क्या कह रहे हो ऐसा हो ही नही सकता,पर हां अभी मम्मी को और भी ज़्यादा मस्का लगाना होगा,कहीं ऐसा ना हो कि अब उनको हमारे साथ कोई प्राब्लम हो.


रमण-नही-2 तुम बिल्कुल मत घबराओ अब तो हम जैसा कहेंगे वो वैसे ही करेंगी,क्यूंकी मज़ा खाली हमे ही नही उनको भी आया है,अभी तुमने देखा नही अगर कामवाली आने वाली नही होती तो अभी भी तुम्हारी मा हमारे साथ एक-2 राउंड और लगा लेती,पर हां अभी उनको और मनाना होगा कि घर पर वो तुम्हारे और मेरे सामने कपड़े ज़रा काम -2 ही पहने.



Maa ki masti


तभी आरती कपड़े पहन कर आ गयी,उसने देखा कि वो दोनो आपस मे बातें कर रहें हैं तो उसने कहा क्या बाते चल रही हैं.आरती की आवाज़ सुन कर दोनो ने आरती की तरफ देखा आरती ने अब गाउन पहन लिया था,और वो नहा कर और भी सुंदर लग रही थी,पर उन दोनो को तो ये देख कर शॉक लगा कि आरती ने उनकी बात ना मान कर गाउन के साथ-2 अंडरगार्मेंट्स भी पहन लिए थे,जबकि वो ये चाहते थे कि अब आरती उनके सामने कम से कम कपड़ों मे रहे.

तो रमण ने कहा कि तुम्हारी ही बातें हो रही थी जान पर ये क्या तुम तो इतने सारे कपड़े डाल कर आ गयी अब अगर हमारा मन करेगा तो इतने कपड़े उतारने पड़ेंगे.

आरती-इसलिए ही तो मैं ने कपड़े कम नही पहने तुम लोगों का क्या है कहीं भी मुझे देखा तो तुम्हारा तो हमेशा खड़ा रहता है वहीं पर डाल दोगे.

मनु-पर मम्मी अभी तो आप कह रही थी कि ऐसा नही करोगी.

आरती-मेरे बेटे रमण तुम नही समझोगे अभी काम वाली आएगी तो अगर उसने देखा कि मैं ऐसे कपड़ों मे घर मे हूँ तो अच्छा नही रहेगा,एक बार वो काम करके चली जाए तो तुम जैसे कहोगे वैसे ही रहूंगी.

मनु-वाउ मोम ये हुई ना बात.

आरती-अच्छा चलो अब आज तो मेरे बस की और करवाना नही है,अब मैं नाश्ता तैयार कर रही हूँ तुम लोग कर लेना,फिर आज जो तुमने मेरे साथ किया है उसके कारण मुझे आराम करना पड़ेगा.

ये कह कर आरती मनु के रूम से निकल गयी,तब रमण ने कहा कि अच्छा अब मे चलता हूँ जब तुम्हारी मम्मी ने कह ही दिया कि आज और कुछ नही होगा तो मैं रुक कर क्या करूँगा,और ये कह कर रमण वहाँ से निकल गया.

रमण के जाने का बाद मनु किचेन मैं आपनी माँ के पास आया और बोला मम्मी क्या बना रही हो,और पीछे से आरती से चिपक गया.

आरती नेपीछे मूड कर कहा कि ये क्या कर रहे हो,मैने अभी-2 तुम को क्या कहा था.

मनु-पर पहले काम वाली को आने तो दो,जब तक वो नही आती मैं ऐसे ही आप से चिपक के कुछ तो मज़े कर ही लूँ.

आरती-नही ऐसे मत करो अच्छा नही है फिर रमण क्या सोचगा कि अभी तो मैने उसके सामने मना किया और अब तुम ऐसे कर रहे हो.

मनु-पर रमण भैया तो चले गये.

आरती-अच्छा कब गया रमण

मनु-अभी-2 कह रहे थे कि आज तो आपने मना कर दिया फिर रुक कर क्या करेंगे.

तभी बाहर की बेल बजी और मनु ने जा कर दरवाजा खोला तो काम वाली आई थी,फिर मनु अपने रूम में चला गया.

जब काम वाली काम निपटा कर गयी और गेट बंद होने की आवाज़ आई मनु तुरंत बाहर आया,तो उसने देखा कि आरती अपने कमरे मैं सोई हुई थी,वो समझ गया कि अब उसकी मम्मी रात भर की चुदाई की थकान उतार रही है और वो भी अपने कमरे में जा कर सो गया. 

शाम को आरती मनु को उठाने उसके कमरे मैं आई तो मनु बेसूध पड़ा सो रहा था,तब तक आरती की थकान और शरीर का दर्द कुछ कम हो गया था,जब उसने मनु को ऐसे सोते हुए देखा तो उसके शरीर मैं फिर से खुमारी चढ़ने लगी,कहते हैं ना कि एक बार जिसको बाहर का खाने की आदत पड़ जाए वो हमेशा उसी चक्कर में ही रहता है,तो फिर आरती को एक शरारत सूझी वो अपने कमरे मैं गयी और जा कर नाइटी के नीचे से अपने अंडर गारमेंट्स निकाल दिए और अपने नंगे जिस्म पर सिर्फ़ एक पतली सी नाइटी डाल कर मनु के रूम में उसको जगाने के लिए आई.


आरती ने अब मनु के रूम में आ कर धीरे से मनु को कहा कि मनु बेटा उठो ना अब उठना नही क्या,कब से सो रहे हो.अपनी मा की आवाज़ सुन कर मनु की नींद खुली तो उसने अपनी आँखें खोल कर देखा और जैसे ही उसकी नज़र अपनी माँ के आध नंगे जिस्म पर पड़ी उसकी तो नींद ही उड़ गयी,आरती इस टाइम एक पतली सी नाइटी में उसके सामने खड़ी थी,जिसमें से उसके मोटे -2 मम्मे बाहर आने को तैयार हो रहे थे और नीचे उसकी सुडौल भारी-2 जंघें भी नंगी नज़र आ रही थी,वो नाइटी कुछ शॉर्ट थी,और वो किसी को भी सिड्यूस करने में समर्थ थी.


Maa ki masti



वैसे भी आरती के रूप का जलवा उस नाइटी में और ज़्यादा निखार के आ रहा था,तो अब तो मनु की आँखें अपनी माँ पर ही जम गयी और वो पालक झपकाना भी भूल गया,जब आरती ने उसको ऐसे अपने आप को घूरते हुए देखा तो वो मन ही मन बहुत खुस हुई कि उसके रूप का जादू इस नाइटी में उसको और भी कातिल बना रहा है,और वो मनु पे चल गया है,अब वो उसको चिडाने वाले अंदाज़ में बोली क्या उठोगे नही सोए ही रहोगे.

और ये कह कर वो बाहर आ गयी,जब आरती मनु के रूम से निकल गयी तब जा कर मनु का ध्यान भंग हुआ नही तो वो अपनी माँ के रूप का ही रस्पान किए जा रहा था,अब मनु जल्दी से उठा और वॉशरूम में जा कर मूह वगेरह धो कर बाहर आ गया.

बाहर आरती अब किचेन में थी वो रात के खाने की तैयारी करने लगी थी,मनु ने जब देखा कि उसकी माँ उस अध नंगी अवस्था में खाना बनाने की तैयारी कर रही है,तो वो उसके पास चला गया और फिर से पीछे से उस-से चिपक गया,और धीरे-2 उसके चुतडो पर हाथ फेरने लगा.

आरती को जब मनु का स्पर्श अपने शरीर पेर और फिर अपनी गान्ड पर महसूस हुआ तो उसको बहुत अच्छा लगा पर वो मनु से बोली कि ये क्या कर रहे हो मुझे काम करने दो.

मनु बोला कि मैं तुम्हे काम करने से कहाँ रोक रहा हूँ पर मैं भी तो अपना काम कर रहा हूँ,मुझे भी अपना काम करने दो.ये कह कर उसने अपनी माँ की नाइटी को थोड़ा सा उपर किया और अपनी माँ की चिकनी नंगी गान्ड पर हाथ फेरते हुए अपनी उंगली आरती की नरम गान्ड में घुसा दी.

जैसे ही मनु की उंगली आरती की गान्ड के अंदर गयी उसकी तो चीख सी निकल गयी,पर वो बोली कुछ नही और वैसे ही अपना काम करती रही ,अब मनु समझ गया कि उसकी माँ को भी उसका यूँ मस्ती करना अच्छा लग रहा है तो उसने अपनी उंगली को थोड़ा सा बाहर किया और फिर से अपनी माँ की गान्ड में पेल दिया अब की बार आरती के मूह से एक मादक सिसकारी ही निकली.

अब मनु समझ गया कि आरती भी मज़े कर रही है तो उसने अपनी उंगली को फिर से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और उसके ऐसे करने पर हर बार आरती बहुत मादक-2 सिसकियाँ लेने लगी,तब मनु ने अपना बरमूडा खोल कर नीचे गिरा दिया और अंडरवेर भी उतार दिया और अपना खड़ा हुआ लंड अपनी माँ की नंगी चिकनी गान्ड पर रगड़ने लगा


अपनी माँ की नरम गान्ड पर जब उसने अपना लंड रगड़ना शुरू किया तो वो तो तंबू की तरह से तन गया और उसमे से थोड़ा सा पानी भी निकलने लगा,उस पानी से उसके लंड का टोपा भी चिकना हो गया अब वो अपने लंड को वैसे ही अपनी माँ की गान्ड में लगा कर बिना अंदर किए ही आगे-पीछे करने लगा था,और इस-से आरती को भी बहुत मज़ा आ रहा था,जब वो अपने लंड को आगे करता तो आरती भी अपनी गान्ड को पीछे को धकेल रही थी.



Maa ki masti




मनु समझ गया कि आरती भी अब उसकी रागड़ाई का फुल मज़ा ले रही है,फिर उसने अपना हाथ आगे करके अब अपनी उंगली अपनी माँ की चूत के पास ले गया,पर वहाँ से तो इतना पानी टपक रहा था जैसे की उसकी माँ ने वहाँ पर सूसू कर दिया हो,फिर मनु ने पहले तो अपनी उंगली को अपनी नाक के पास ला कर सूँघा,तो उसमें से इतनी मादक खुसबू आ रही थी कि वो मदहोश ही हो गया और वो उंगली उसने अपने मूह में ले ली और उसको चूसने लगा ,उसको अपनी मा की चूत के रस का स्वाद इतना अच्छा लगा कि वो फिर से अपनी उंगली को अपनी माँ की चूत के पास ले गया पर इस बार उसने अपनी 2 उंगलियाँ आरती की चूत में डाल दी,जैसे ही मनु की उंगली आरती की चूत में गयी वो तो बिल्कुल ही मदहोश हो गयी और ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी,और उसकी सिसकारियो से मनु को भी जोश बढ़ गया,फिर उसने वो उंगलियाँ अपनी माँ की चूत से निकाली और एक बार फिर से अपनी नाक के पास ले जा कर पहले उसको सूँघा और फिर उन उंगलियो को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया,जिस तरह से वो चाट रहा था ऐसे लग रहा था कि वो चूत का रस ना हो कर अमृत हो.

अब आरती का ध्यान भी खाना बनाने पर ना हो कर अपनी चूत की आग पर ही था और वो भी कह रही थी कि अब मनु उसकी चूत की ठुकाई कर दे,तो उसने अपना हाथ पीछे करके मनु के लंड पर रख दिया,और फिर वो पीछे को घूम गयी अब आरती और मनु आमने-सामने थे,मनु का तना हुआ लंड आरती के हाथ में था और दोनो एक दूसरे को वासना भरी कामुक नज़रो से देख रहे थे 

अब आरती और मनु मा और बेटा दोनो आमने सामने खड़े थे मनु का तना हुआ लंड उसकी माँ आरती के नरम हाथों मैं था,और वो अपने हाथ को धीरे-2 मनु के लंड पर फिरा रही थी,मनु का लंड आरती के हाथों के स्पर्श से और ज़्यादा तना जा रहा था.

फिर मनु ने अपनी माँ की चुचियो को गाउन के अंदर हाथ डाल कर पकड़ लिया और उनको दबाने लगा,आरती को भी अपनी चुचियाँ मसलवाने में मज़ा आ रहा था,वो भी अब मनु के हाथों से चुचियाँ मसलवाने में आनंद ले रही थी,फिर मनु ने अपने हाथों से अपनी मा की छोटी सी नाइटी को उतार फेंका अब आरती किचन में मनु के सामने बिल्कुल ही नंगी खड़ी थी,और मनु ने भी सिवाए टीशर्ट के कुछ भी नही पहना हुआ था.

अब मनु ने अपनी माँ की चुचि को अपने मूह में ले लिया और खड़ा-2 ही उसको चूसने लगा ,आरती भी मज़े में एक हाथ से तो उसके लंड को सहला रही थी,पर दूसरे हाथ से अपनी चुचि को दबा कर मनु के मूह में डाल रही थी,अब वो दोनो ही वासना के नशे में डूब गये थे,अब आरती को लग रहा था कि उसकी चूत को अब तो मनु के लंड की बहुत ही ज़्यादा ज़रूरत हुई नही तो वो सहन नही कर पाएगी,तो उसने मनु से कहा कि बेटा अब बस भी करो क्या इनको ही चूस्ते रहोगे ,और अपने एक हाथ से मनु का हाथ पकड़ा और अपनी बहती हुई चूत पर ले जा कर रख दिया और बोली -इसका भी कुछ ख़याल करो ना.

मनु समझ गया कि अब उसकी माँ चुदवाने के लिए गरम हो चुकी है अब उसको अपना लंड मा की चूत में डाल देना चाहिए ,तो उसने कहा कि माँ क्या यहीं कर लें क्या?

आरती ने कहा और नही तो क्या अब यहीं पर मुझे चोद दो मेरी चूत में अपना ये गरम लंड डाल कर इसकी गर्मी को शांत कर दो.

मनु ने कहा कि ठीक है और फिर उसने अपनी टीशर्ट भी उतार दी और अपनी माँ को आगे करके किचन में ही सेल्फ़ के साथ ले जा कर खड़ा कर दिया आरती समझ गयी वो तो पहले ही बहुत खेली-खाई हुई थी कि मनु क्या चाहता है ,तो उसने भी घूम कर अपने आपको सेल्फ़ के सहारे झुका कर खड़ा कर लिया ,और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फैला दिया,और टाँगें खोल दी,अब पोज़ीशन ये थी कि आरती की खुली हुई चूत मनु को निमंत्रण दे रही थी कि वो अपने लंड को उसमें डाल कर उसको चोद डाले.

मनु ने अपने लंड को हाथ में लिया और आगे बढ़ कर अपने लंड को अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,उसकी चूत तो पहले ही रस के कारण चिकनी हो रही थी,इसलिए जैसे ही उसने धक्का लगाया तो उसका लंड सरक कर आरती की चूत में समा गया.

आरती ने जब महसूस किया कि मनु का लंड पूरे का पूरा उसकी चूत में घुस गया है तो उसको बड़ा मज़ा आया,और उसने एक बार हाथ पीछे ले जा कर देखा कि अब लंड बाहर तो नही है,जब उसने देखा कि पूरा लंड जा चुका है,तो उसने कहा कि मनु बेटा अब धक्के लगा कर मेरी चूत को जम कर चोदो,अब इसको चाहे फाड़ डालो मैं कुछ नही कहूँगी,पर इसकी आग को तुम शांत कर दो.

मनु बोला कि माँ तुम देखती जाओ अब मैं कैसे तुम्हारी चूत को चोद-2 कर इसका भोसड़ा बना दूँगा अब तो मैं सारे दिन और रात ही तुमको घर पर नंगा ही रख कर तुम्हारी चूत मारता रहूँगा,रमण भैया तो कभी-2 ही आएँगे अब मैं तुमको हर टाइम अपने लंड के नीचे ही रखूँगा.

आरती बोली ठीक है बेटा मैं भी अब घर में कपड़े नही पहनूँगी और जैसे तुम कहोगे वैसे ही रहूंगी,अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारी रंडी बन जाउन्गि,मुझे तुम लोगों ने जो चुदाई का आनंद दिया है वो कभी भी नही मिला.

मनु ने जब अपनी माँ के मूह से ये सब सुना तो उसका जोश और ज़्यादा बढ़ गया-वो बोला ठीक है माँ अब में तुमको घर में अपनी रंडी की तरह से ही ट्रीट करूँगा और मैं जो भी कहूँगा तुम वो सब फॉलो करना.

आरती-ठीक है बेटा पर तुम अभी बातें कम करो और मेरी चुदाई पर ज़्यादा ध्यान दो.


ये कह कर आरती अपनी कमर को आगे-पीछे करने लगी और अब मनु ने भी अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी थी,उसको इस बात की बहुत ख़ुसी थी कि अब उसकी माँ पूरी तरह से उसकी मुट्ठी में थी,अब वो जब चाहे घर पर उसको चोद सकता था,और वो भी अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए जैसे मनु चाहे करने को तैयार थी.

कुछ ही देर में मनु ने कहा कि माँ अब में झड़ने वाला हूँ,तो आरती ने कहा कि ठीक है कुछ देर रूको तो मेरा भी तुम्हारे ही साथ निकल जाएगा,मनु ने कहा कि ठीक है माँ,मैं कोशिस करता हूँ,और अब उसने अपनी रफ़्तार कुछ कम कर दी,पर आरती वैसे ही अपनी कमर को हिलाती रही ,कुछ ही देर में आरती बोली कि मनु अब अपनी रफ़्तार फिर से बढ़ा दो अब मैं भी झड़ने के लिए तैयार हूँ.


ये सुन कर मनु ने भी अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी,अब दोनो माँ-बेटे किचन में बहुत तेज़ी से चुदाई कर रहे थे और कुछ ही देर में दोनो जने साथ-2 झाड़ गये,झड़ने के बाद मनु ने अपना लंड अपनी माँ की चूत से बाहर निकाल लिया.

मनु के लंड को बाहर निकलते ही जैसे आरती की चूत का कॉर्क खुल गया और उसमें से दोनो के रस का मिक्स्चर बह कर बाहर आने लगा,आरती को अपनी जांघों पर कुछ रिस्ता हुआ लगा,तो उसने हाथ नीचे करके अपनी चूत पर लगाया,तो दोनो के रस का कॉकटेल उसकी उंगलियो पर लग गया,मनु ने ऐसा करते हुए देख लिया कि उसकी माँ की उंगलियो पर उसकी चूत का मिक्स्चर लगा हुआ है,तो उसने अपनी माँ का हाथ पकड़ कर उसको उसके ही मूह के पास ले गया,आरती समझ गयी कि मनु क्या चाहता है,वो मनु के इशारे को समझ गयी और उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियो को चाटना शुरू कर दिया,वो बहुत ही सिड्यूसिव तरीके से अपनी ही उंगलियो को चाट रही थी,ये देख कर मनु के लंड में फिर से हरकत होने लगी,अब आरती ने अपनी उंगलियो को अपने मूह में ले लिया और वो उनको चूसने लगी


Maa ki masti.



अब तो मनु को बहुत ही मज़ा आ रहा था,अब तो उसकी माँ उसके हर तरह के इशारे को समझ कर जैसे वो चाहता था वैसे ही कर रही थी,फिर मनु वहीं पर नीचे बैठ गया और उसने अपना मूह अपनी माँ की चुदि हुई चूत पर रख दिया और वो उसमे भरे हुए रस को चूसने लगा,आरती को भी अपनी चूत चुसवाने में मज़ा आ रहा था.

अब आरती के लिए खड़ा होना मुश्किल हो गया था,तो वो मनु से बोली कि मनु अब मेरे से खड़ा नही हुआ जा रहा.

तो मनु ने कहा कि कोई बात नही तुम यहीं पर लेट जाओ और ये कह कर उसने अपनी माँ को वहीं पर लिटा दिया,और फिर से उसकी चूत में मूह घुसा दिया और उसको चूसने लगा,आरती अब मनु की चुसाइ से बुरी तरह से सीसीयाने लगी थी,और अपनी कमर को उपर उछालने लगी थी.

फिर कुछ ही देर में आरती की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया,और उसकी चूत का पानी मनु ने सारे का सारा चूस लिया.

आरती कुछ ही देर में दो बार झाड़ चुकी थी अब उसकी टाँगों में इतनी ताक़त नही थी कि वो खड़ी हो सके तो उसने मनु से कहा कि अब मैं खाना नही बना सकती तुम बाहर से ही कुछ मॅंगा लो,मनु ने कहा कि ठीक है और उसने फिर बाहर से पिज़ा का ऑर्डर दे दिया,और फिर से किचन में आ गया वहाँ आरती वैसे ही नंगी हालत में फर्श पर लेटी हुई थी,ये सीन मनु को बहुत ही इरोटिक लगा और उसने अपनी माँ की इस हालत में फोटो खींच ली.

आरती की आँख खुली तो उसने देखा की मनु उसको देखे जा रहा है,तो वो बोली कि ऐसे क्या देख रहा है,मनु बोला माँ तुम ऐसे नंगी लेटी हुई बहुत सुंदर लग रही हो,तो इसलिए ही तुमको निहार रहा था.

आरती बोली अब बस भी करो और वो उठने लगी तो मनु ने उसको अपनी गोद मैं उठा लिया और उसको ले जा कर उसके बेड पर लिटा दिया.कुछ ही देर में वो सो गयी.

इस तरह से अब मनु की तो लॉटरी लग गयी थी,वो अब स्कूल से आने के बाद ज़्यादा समय अपनी माँ के साथ ही गुज़ारता था,और ऐसे ही रमण भी जब भी मनु को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आता था तो कम से कम एक बार तो आरती को ज़रूर ही चोद्ता था,अब आरती को भी चुदाई की इतनी आदत हो गयी थी कि वो घर में हर समय कम कपड़ों में ही रहती थी और ब्रा और पैंटी पहन-ना तो उसने तक़रीबान बंद ही कर दिया था.

जैसे ही उन दोनो जनो में से कोई भी उसको चोदना चाहता था वो हर समय तैयार ही रहती थी,एक तरह से हर टाइम उसकी चूत में किसी ना किसी के लंड का पानी बहता ही रहता था,क्यूंकी वो उसको सॉफ नही करती थी,उसको लंड के पानी को अपनी चूत में महसूस करके बहुत मज़ा आता था,अगर कभी भी उसको पैंटी पहननि पड़ती थी तो वो वैसे ही हालत में ही पैंटी पहन लेती थी और उसको बहुत मज़ा आता था.

रमण जब मनु को ट्यूशन पढ़ाने आता था तो वो आ कर उसकी गोद में बैठ जाती और फिर वहीं से उनकी मस्ती शुरू हो जाती थी और चुदाई पर जा कर ही रुकती थी,पर इस बीच में रमण मनु को वहीं पढ़ने की हिदायात दे कर दूसरे कमरे में ले जा कर आरती की चूत को अपने लंड की खुराक देता था.

इस तरह से अब आरती की चुदाई और मनु की पढ़ाई दोनो साथ-2 चल रही थी,पर कुछ दिनो से रमण को इसमे कुछ बदलाव करने की चाहत हो रही थी


और एक दिन जब रमण हमेशा की तरह से आरती की चूत मार रहा था,तो वो बोला कि जान आज तो कुछ अलग करने का दिल है.


Maa ki masti


आरती ने कहा क्या हुआ क्या मेरे से दिल भर गया तुम्हारा.

रमण-नही मैने ये कब कहा मैं तो आज तुम्हारी चूत के साथ-2 तुम्हारी गान्ड भी मारना चाहता हूँ,वैसे तो तुम्हारी चूत इतनी दिलकश है कि कोई सारी उमर भी चोद्ता रहे तो उसका दिल नही भरेगा,पर थोड़ा सा चेंज करने में ज़्यादा मज़ा आएगा.

रमण की ये बात सुन कर आरती एक बार तो घबरा गयी,वैसे तो उसने अपनी कई सहेलियो से सुन रखा था जो कि अपनी गान्ड मरवाती थी कि जैसा मज़ा चूत मरवाने में आता है उस-से कहीं ज़्यादा मज़ा गान्ड फड़वाने में आता है,और उसका दिल भी कई बार चाहता था कि वो रमण या मनु से कहे कि वो उसकी गान्ड मारें,पर वो बोलती नही थी,दिल के किसी कोने में उसको गान्ड मारने के दर्द का डर लगता था,इसलिए वो चुप रहती थी,पर आज जब रमण ने खुद उसकी गान्ड मारने का प्रस्ताव दिया तो उसकी ये दिली इच्छा उभर कर आ गयी,और वो समझ गयी कि आज उसकी गान्ड का भी उद्घाटन हो ही जाए गा.

पर कहते हैं ना वो औरत ही क्या जो एक बार में ही मान जाए तो वो बोली कि नही मैं अपनी गान्ड तुम्हारे इस गधे जैसे लंड से फड़वाने वाली नही हूँ,तुम बस मेरी चूत ही मारो.

पर आज रमण ने अपने दिल में ये फ़ैसला कर लिया था कि वो आरती की गान्ड को फाड़ कर ही रहेगा,तो वो बोला कि जानेमन तुम ये क्या कह रही हो तुम एक बार ले कर तो देखो अगर तुमको अच्छा नही लगा तो मैं ज़िद नही करूँगा,पर मेरी ये शर्त है कि तुमको मेरे से भी ज़्यादा मज़ा आएगा.

आरती ने कहा कि नही-2 ये नही हो सकता तुम्हारा ये लंड अगर मेरी कुँवारी गान्ड में गया तो ये तो फॅट ही जाएगी.

रमण समझ गया कि आरती ने आज तक अपनी गान्ड नही मरवाई है,और जैसे ही ये विचार उसके दिमाग़ में आया तो उसका लंड और ज़्यादा फन-फ़ना कर तन गया कि आज तो उसको कोरी गान्ड मारने को मिलने वाली है,और वो ये मौका किसी भी हालत में नही छोड़ने वाला था,तो उसने आरती को कहा कि डार्लिंग तुम एक बार ले कर देखो अगर तुम्हे ज़्यादा दर्द हुआ तो मैं नही करूँगा.

ऐसे रमण ने जब कई बार कहा तो आरती ने सोचा कि अब ज़्यादा नखरा नही करना कहिए कहीं ये गान्ड मारने का विचार त्याग ही ना दे तो वो बोली कि ठीक है पर अगर मेरे को ज़्यादा दर्द हुआ तो तुम आगे नही करना और अपना ये निकाल लेना.

रमण ने कहा कि ये मेरा प्रॉमिस है कि मैं तुम्हारे रोकते ही रुक जाउन्गा.(जबकि अंदर ही अंदर वो सोच रहा था कि एक बार तू ले तो ले साली फिर तो जब तक ये अंदर का पूरा दर्शन नही कर आएगा और अपना जाल नही चढ़ा देगा तब तक मैं तुझे छोड़ने वाला नही हूँ)पर बाहर से उसने ऐसा कुछ भी फील नही होने दिया.


फिर रमण ने आरती को उसके बेड पर उल्टा लिटा दिया और उसकी गान्ड के नीचे एक तकिया लगा दिया ,फिर अपनी एक उंगली उसकी गान्ड में डाली तो आरती की कसी हुई गान्ड में थोड़ा सा दर्द हुआ ,पर साथ ही साथ आरती को आनंद की एक मीठी अनुभूति भी हुई,और उसकी आह निकल गयी


Maa ki masti 



रमण को भी बहुत अच्छा लगा क्यूंकी उसकी गान्ड इतनी टाइट थी कि उसकी उंगली को भी अंदर जाने में परेशानी हो रही थी,फिर रमण ने अपनी उंगली निकाली और उसको अपनी नाक के पास ले जा कर सूँघा तो उसमे से बड़ी मादक खुसबू आ रही थी,फिर उसने वो उंगली अपने मूह में ली और उसको अपने थूक से अच्छी तरह से गीला कर लिया अब उसने आरती की गान्ड को थोड़ा सा फैलाया और अपनी उंगली फिर से उसकी गान्ड में डाल दी इस बार वो बहुत आराम से अंदर चली गयी,अब उसने अपनी दो उंगलियों को गीला करके अंदर डाला तो थोड़ी सी मेहनत से वो भी चली गयी ,फिर रमण ने उनको अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,कुछ ही देर में आरती की गंद 2-2 उंगलियाँ अंदर लेने लगी,अब रमण ने सोचा कि ये टाइम सही है,अब उसकी गान्ड मार ही लेनी चाहिए.

फिर रमण खड़ा हुआ और आरती की ड्रेसिंग टेबल से क्रीम की शीशी उठा लाया,अब उसने उस क्रीम को अच्छी तरह से आरती की गान्ड मे लगाया और छेद के अंदर तक उस-से मालिश की ,फिर उसने क्रीम अपने लंड पर भी बहुत अच्छी तरह से लगाई.अब उसने आरती की कमर को ताक़ीए से उपर उठा कर उसको कुतिया बना दिया और अपना लंड उसकी गान्ड के सुराख पर लगाया,और दोनो हाथों से उसको फैला कर अपना सुपाडा उसमें फँसा दिया,फिर उसने आरती की कमर को कस कर पकड़ा और एक धक्का लगाया,जैसे ही उसका लंड थोड़ा सा अंदर गया तो आरती को दर्द का अहसास हुआ और वो बोली कि रमण अभी रूको दर्द हो रहा है,आरती के ये कहने पर रमण थोड़ा रुक गया और अपने हाथ आगे ले जा कर उसकी चुचियो को मसल्ने लगा जब आरती को दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसकी सिसकारी निकलने लगी,रमण समझ गया कि अब आगे बढ़ना है और उसने फिर से पोज़ीशन बना कर अबकी बार एक तेज़ धक्का मारा और अपना आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में आरती की अन्चुदि हुई गान्ड में डाल दिया

जब रमण का आधे से ज़्यादा लंड एक ही झटके मे अंदर घुस गया,तो आरती की तो साँसें ही रुक गयी,और उसको ऐसा फील हुआ जैसे कि कोई गरम लोहे की रोड उसकी गान्ड में घुस गयी हो,और उसको अपनी गान्ड में इतनी तेज़ दर्द हुआ कि उसकी चीख ही निकल गयी.

जब आरती चीखी तो उसकी चीख मनु को भी सुनाई दी और उसका कुछ-2 ध्यान वैसे भी उस तरफ ही होता था ,जब भी रमण उसकी माँ को चोदने के लिए ले कर जाता था तो वो उनकी चुदाई के बारे में ही सोच-2 कर इतना गरम हो जाता था कि जैसे ही ट्यूशन ख़तम होती थी और रमण जाता था मनु वहीं पर अपनी अर्धनगन माँ की नाइटी उठा कर उसकी चुदि हुई गीली चूत में ही अपना लंड डाल देता था,ये उसका हर बार का रूटिन बना हुआ था.

तो जैसे ही आरती की चीख उसको सुनाई दी वो जल्दी से उठ कर अपनी माँ के बेडरूम में गया वहाँ जा कर देखा तो उसकी माँ कुतिया बनी हुई है और रमण उसकी गान्ड में अपना घोड़े जैसा मोटा लंड डाल रहा है,ये देख कर उसका तना हुआ लंड और तन गया,और वो वहीं पर खड़ा हो कर रह गया. 

इधर रमण के लंड से आरती की हालत खराब हो रही थी,वो उसको बोली कि हाई ये तुमने क्या किया जब मैने तुमको कहा था कि धीरे-2 डालना तो तुमने इतनी तेज़ धक्का क्यों मारा अब अपने लंड को बाहर निकालो मेरी जान निकली जा रही है.

पर अब रमण कहाँ उसकी सुनने वाला था,उसने कहा कि जान ऐसा क्या हो गया अगर अन्चुदि गान्ड में लंड जाएगा तो थोड़ा सा दर्द तो होगा ही,अभी कुछ देर सबर करो तेरा दर्द ख़तम हो जाएगा.रमण इस मौके को गँवाने वाला नही था वैसे भी.

मनु ने जब सुना कि रमण उसकी माँ की कुँवारी गान्ड को आज फाड़ रहा है तो उसको और भी ज़्यादा अच्छा लगा और अब उसको एक बात और लगी कि अब वो भी अपनी माँ के दोनो छेद का मज़ा ले सकेगा,इसलिए वो चाहता था कि रमण आज इस काम को बीच में ना छोड़े और आरती की गान्ड को एक बार अच्छी तरह से मार ले ,जिससे कि वो उसको मार सके,उसका लंड तो ये सोच-2 कर ही कड़क से कड़क हो रहा था कि अब उसकी माँ आरती की गान्ड मारने का मौका उसको मिला करेगा,वो तो कब से अपनी माँ की गान्ड का दीवाना था,पर उसकी हिम्मत ही नही होती थी ,पर आज उसकी दिली इच्छा पूरी होने वाली थी.



रमण कुछ देर तक उसी पोज़ मे आरती को लिए खड़ा रहा,फिर जब उसकी नज़र मनु पर पड़ी तो उसने उसको इशारे से अंदर बुला लिया ,जब मनु उसके पास आया तो उसने मनु से कहा कि मनु तुम अपनी माँ का दर्द कम करने के लिए आगे से उसके मम्मों को थोड़ा सा मस्लो,इस-से उसको राहत महसूस होगी.


मनु रमण की बात को समझ गया और बेड पर बैठ गया फिर वो आगे हो कर कुतिया बनी हुई आरती के मम्मों को मसल्ने लगा,जब उसका हाथ अपने मम्मों पर महसूस हुआ तो आरती ने उसकी तरफ देखा,आरती की आँखों में उस टाइम दर्द के कारण आँसू आ रहे थे,जब मनु ने अपनी माँ को ऐसे देखा तो उसको अपनी माँ पर बहुत दया आई,और वो रमण से बोला कि भैया आप अपना लंड माँ की गान्ड से निकाल लो माँ को बहुत दर्द हो रहा है.



Maa ki masti



रमण बोला -अर्रे यार तुम माँ बेटे कुछ देर के लिए सबर तो करो अगर अभी कुछ ही देर मे तुम्हारी यही माँ अपनी गान्ड उछाल-2 कर कहेगी कि अब मैं जब भी लंड लूँगी तो यहीं लूँगी,तुम देखना अभी इसको इतना मज़ा आएगा कि ये खुद ही अपनी गान्ड मारने को कहेगी.तुम बस जैसे मैने कहा है वैसे ही इसकी चुचियो को मस्लो इस-से इसका दर्द कम हो जाएगा.

ये सुन कर मनु फिर से अपनी माँ आरती के मम्मों को मसल्ने लगा ,फिर उसने आगे हो कर लेट कर अपनी माँ की एक चुचि को चूसना शुरू कर दिया,इस-से आरती को अपनी गान्ड मे दर्द कम लगने लगा और अब वो सिसकारियाँ भरने लगी,कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा ,जब आरती की सिसकारियाँ और तेज़ होने लगी तो रमण भी धीरे-2 अपने लंड को उतना ही अंदर अंदर-बाहर करने लगा,इससे आरती की गान्ड मे दर्द भी कम हो रहा था और थोड़ा सा चिकनाई होने से वो आ-जा भी आराम से रहा था.

अब रमण को लगा कि आरती भी अब रिदम में आ गयी है अब उसको और आगे बढ़ना चाहिए तो उसने फिर से एक बार आरती की कमर को ठीक से पकड़ा और इस बार के शॉट में अपना पूरे का पूरा लंड आरती की गान्ड मे पेल दिया,इस बार जब रमण ने धक्का लगाने से पहले आरती की कमर को पकड़ा था तो आरती समझ गयी थी कि अब रमण उसकी गान्ड को फाड़ कर ही मानेगा तो उसने अपनी चीख को पहले से ही काबू मे कर लिया था,और अपने दाँत पर दाँत रख कर मूह को बंद कर लिया था,और अपना ध्यान अपनी चुचि की चुसाइ की तरफ लगा दिया था,इसलिए उसको बहुत ज़्यादा दर्द का अहसास नही हुआ. 

जब रमण ने देखा कि इस बार आरती ने चीख नही मारी तो एक बार तो उसको ऐसा लगा कि कहीं उसने गान्ड की जगह आरती की चूत में तो लंड नही डाल दिया है,पर फिर जब उसने देखा कि नही लंड तो गान्ड मे ही गया है और वो भी पूरे का पूरा तो उसकी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा और अब वो अपनी कमर को धीरे-2 आगे पीछे करने लगा,कुछ ही देर में लंड आराम से अंदर-बाहर होने लगा और अब आरती को भी राहत के साथ-2 मज़े की अनुभूति होने लगी थी और वो भी रमण का साथ देने लगी थी.


जब मनु ने अपनी माँ को ऐसे मज़े लेते हुए देखा तो वो वहाँ से उठ गया और खड़ा हो कर अपनी माँ की गान्ड मराइ देखने लगा,उसको अपनी माँ की गान्ड मराइ देखने मे बहुत मज़ा आने लगा,और उसने अपना लंड निकाल लिया और उसको मसल्ने लगा,आरती ने जब उसको ऐसे करते हुए देखा तो अपने पास बुला लिया और उसके लंड को अपने मूह में ले लिया अब आरती पीछे से गान्ड मरवा रही थी और आगे से मनु का लंड चूस रही थी.


Maa ki masti


कुछ ही देर मे रमण ने अपने धक्को की स्पीड और तेज़ कर दी अब आरती भी पीछे को तेज़ी से धक्के लगा रही थी,और कमरे में खूब मादक सिसकारियाँ गूँज रही थी,तभी मनु अपनी माँ के मूह मे ही झड गया,और आरती उसके लंड का सारा रस पी गयी,अब रमण भी झड़ने को तैयार हो गया था,कुछ ही देर मे रमण ने अपना सारा माल आरती की गान्ड में ही गिरा दिया और आरती के उपर ही ढेर हो गया आरती भी वहीं पेर बेड पर ढेर हो गयी थी.

वो तीनों वहीं कमरे में रास लीला के बाद थक कर लेट गये,अब रमण आरती पर से हट गया था,और आरती वैसे ही लेटी हुई थी,और उसकी गान्ड में से रमण का माल बाहर आ रहा था,ये देख-2 कर मनु के लंड में फिर से हरकत होने लगी थी.पर अभी उसको पता था कि उसकी माँ अभी-2 गान्ड फटवा कर हटी है कुछ टाइम तक वो उसका लंड नही लेगी,इसलिए वो मन मार कर रह गया.

थोड़ी ही देर में रमण उठा और अपने कपड़े पहन-ने लगा,उसने देखा कि आरती की गान्ड का छेद अच्छी तरह से खुल चुका है,वो बोला जानेमन आज तो चुदाई में बहुत मज़ा आया.

आरती बोली-वो तो तुम्हे आना ही था ,आज तुमको मेरी कुँवारी गान्ड जो फाड़ने को मिली थी,पर तुम्हारे इस मोटे लंड ने मेरी गान्ड की हालत खराब कर दी,अब मेरी गान्ड में बहुत दर्द हो रहा है,पता नही मैं उठ भी पाउन्गि या नही.

रमण-आरे ऐसा कुछ नही होगा ,मनु अभी तुम्हारी गान्ड की गरम पानी से कुछ सिकाई कर देगा तो ठीक हो जाएगा दर्द,अच्छा अब मैं चलता हूँ.

और ये कह कर रमण चला गया,अब घर में माँ-बेटा ही रह गये थे.मनु ने पूछा माँ क्या बहुत दर्द हो रहा है,आरती ने कहा नही कुछ खास नही मैं तो ऐसे ही बोल रही थी,मुझे लगा कहीं वो रमण फिर से ना शुरू हो जाए,मैं अभी फ्रेश हो कर आती हूँ.


ये कह कर आरती उठी और बाथरूम में चली गयी,थोड़ी ही देर में आरती फ्रेश हो कर नाइटी पहन कर बाहर आ गयी,अभी उसको देख कर कुछ खास पता नही चल रहा था कि इसकी अभी-2 गान्ड फाडी गयी है,मनु भी समझ गया कि उसकी माँ को कुछ ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई है गान्ड मरवाने में तो ऐसे मैं वो भी उसकी गान्ड मार सकता है,ये सोच कर ही उसका लंड फिर से तन गया.



                     ( Final part ) ( maa ki  masti)


आरती ने भी देखा कि मनु का लंड तन गया है,और चुदाई के लिए तैयार हो गया है,पर अभी वो उसका लंड गान्ड मे लेने के मूड मे नही थी,तो वो मनु से बोली कि तुम्हारा तो ये तैयार है आ जाओ और इसको मेरी चूत मे डाल कर मेरी चुदाई करो,मेरी चूत में भी खुजली हो रही है.

मनु अपनी माँ की ये बात सुन कर थोड़ा सा निराश हो गया,वो तो आज अपनी माँ की नयी-2 गान्ड मारने की फिराक में था.

ये बात आरती को भी समझ मे आ रही थी,पर वो अभी अपनी गान्ड दुबारा नही मरवा सकती थी,इसलिए वो मनु को बोली कि बेटा अभी ऐसे निराश होने की क्या ज़रूरत है मैं या मेरी गान्ड कहीं भागी नही जा रही हैं,आज-2 रहने दो इसमे दर्द है,कल से तुम भी इसको खूब मारना मैं तुमको नही रोकूंगी.

ये सुन कर मनु खुश हो गया कि आज नही तो कल तो उसको अपनी माँ की गान्ड मारने को मिलने ही वाली है,और फिर उसने अपनी माँ की नाइटी उतार दी,नाइटी के नीचे तो आरती ने कुछ पहना ही नही था और वो नाइटी उतरते ही बिल्कुल नंगी हो गयी,जब से ये दोनो उसको चोदने लगे थे,उसको नंगे रहने मे बहुत मज़ा आने लगा था,और वो घर मे हर समय नंगा ही रहना चाहती थी,अब कपड़े तो वो किसी के आने पर या बाहर जाने पर ही पहनती थी,नही तो घर मे सिर्फ़ नाइटी मे ही घूमती रहती थी.

मनु को भी अपनी माँ के इस नंगे पन में बहुत मज़ा आता था,और वो रात दिन अपनी माँ को ऐसे ही देखना चाहता था,वो तो उसका बाप घर पर आता था,नही तो वो अपनी माँ को घर में हर समय ऐसे ही पसंद करता था.

आरती के नंगे होते ही मनु सबसे पहले उसकी गोद मे लेट गया और उसके मम्मों को चूसने लगा,आरती भी उसके सिर पर हाथ फेरने लगी और एक चुचि को प्कड़ कर उसके मूह में दे दिया ,जिस-से मनु को और मज़ा आने लगा,आरती की गोद में लेटे -2 ही मनु अपनी एक उंगली उसकी नंगी चूत में डाल देता है,तो आरती की सिसकारी निकल गयी और वो मदहोश होने लगी.

फिर आरती बोली कि ले बेटा आज अपनी माँ की चुचियो का सारा दूध पी जा,मैं कब से तुझको अपना दूध ऐसे ही गोद मे पिलाना चाहती थी,आज इनको निचोड़ ले ,हाई ये तू क्या कर रहा है,अपनी नंगी माँ की चूत में भी अपनी उंगली डाल रहा है और चुचि भी चूस रहा है,हाई बेटा आज तो मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा है.

कुछ ही देर मे मनु ने आरती की दोनो चुचियो को बुरी तरह से चूस लिया और वो उन पर अपने दाँत भी गढ़ा रहा था,जब भी वो उसकी चुचि को अपने दाँत से काट-ता था आरती की तेज़ सिसकारी निकल जाती थी.फिर वो थोड़ा सा घुमा और उसने अपना मूह वैसे ही हालत में अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,अब तो आरती के आनंद का कोई हिसाब ही नही रहा था,और वो आनंद के सागर में घूम रही थी,जब मनु उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था,तो उसने अपने पाँव थोडा खोल दिए जिस-से कि मनु को उसकी चूत चाटने में परेशानी ना हो.

मनु अपनी माँ की चूत को अब अपनी जीभ से अच्छी तरह से चाट रहा था,फिर वो उसकी चूत की दोनो पुट्टियो को अपने दाँतों से काटने लगा जब उसने आरती की चूत को ऐसे काटा तो आरती ने अपने पाँव बिल्कुल ही खोल दिए और वो अपना सिर इधर-उधर पटाकने लगी,और बड़बड़ाने लगी-साले आज क्या मेरी चूत को खा ही जाएगा क्या ,इसको अपने मूह मे भर ले और इसको ऐसे ही काट -2 कर खा जा,अब आरती को बहुत ही मज़ा आ रहा था,और उसकी चूत बहुत ज़्यादा पानी छोड़ने लगी थी,ऐसे ही करते-2 और पानी छोड़ते -2 ही मज़े -2 मे आरती का थोड़ा सा पिशाब भी निकल गया,जब ऐसा हुआ तो उसका अलग ही नमकीन स्वाद मनु को आया,और उसने उसको भी चूस लिया पर वो बहुत ही गरम लगा तो उसने अपना मूह हटा लिया पर आरती अब अपना मूत रोक नही सकी और उसने मनु का सिर पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर लगा दिया.



Maa ki  masti


मनु फिर से अपनी माँ की चूत के पास आया तो उसने देखा कि ये तो उसकी माँ पिशाब कर रही,और उसका दिल उसको पीने का नही था,पर क्यूंकी आरती उसके सिर को लगातार अपनी चूत पर ही लगा रही थी,फिर अपनी माँ की गुलाबी चूत से निकलते हुए मूत को देख कर उसकी वासना ने अंगडाई ली और उसका दिल किया कि इसको पी ही लेना चाहिए तो उसने अपना मूह अपनी माँ की पिशाब करती हुई चूत पर लगा दिया और वो आरती के सारे पिशाब को पी गया,जब वो मूत पी रहा था तो उसको वो अपने गले से पेट में जाता हुआ गरम-2 लग रहा था,जब उसने अपनी माँ का सारा मूत पी लिया तो आरती ने उसका सिर छोड़ दिया,अब आरती के जिस्म की आग भी थोड़ी सी कम हो गयी थी.

पर मनु ने जब देखा कि उसकी माँ का सारा मूत ख़तम हो गया तो वो उठा और उसने आपनी माँ को वहीं गीले बेड पर लिटा दिया और उसके मूह पर अपना मूह रख दिया,और जो आरती का पिशाब उसके मूह मे था वो सारे का सारा आरती के मूह में डाल दिया,अब बारी आरती की थी जब मनु ने ऐसे किया और उसका ही मूत उसको ही पिलाया तो उसको बहुत ही अजीब लगा पर मनु ने भी अपनी माँ का सिर कस के पकड़ रखा था और उसने भी अपने मूह का सारा मूत आरती के मूह में जाने तक उसका सिर नही छोड़ा.

अब दोनो मा-बेटे को मूत का ही नशा चढ़ गया था,और उन दोनो को चुदाई की इच्छा बहुत बढ़ गयी थी तो मनु ने जल्दी से अपनी माँ को लिटा कर उसके उपर आ कर अपना लंड एक ही धक्के में उसकी चूत में बाड़ दिया और जल्दी-2 धक्के मारने लगा,आरती भी उसके साथ-2 धक्के लगा रही थी,दोनो माँ बेटे जबरदस्त चुदाई में मगन हो गये और कुछ ही देर में दोनो झड़ने लगे.

जब दोनो जने अच्छी तरह से झड गये तो वहीं पर गीले बेड पर ही ढेर हो गये. 


और इसी तरह आरती रमण और मनु के साथ चुदाई करके अपनी प्यास बुझा लेती थी मनु भी खुश था कि अब उसे चूत के लिए कोई समस्या नही थी आरती की चुदास इतनी बढ़ चुकी थी कि वो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती थी बस इसी तरह उनकी जिंदगी मज़े से चलती जा रही थी . पर कहते हैं ना कि पाप का घड़ा जल्दी ही भर जाता है एक दिन अरविंद जल्दी घर आ गया और उसने आरती को रमण और मनु के साथ नंगी अवस्था में चुदाई करते हुए देख लिया . उस दिन अरविंद ने आरती और मनु की खूब पिटाई की . फिर आरती को तलाक़ देकर अपने से अलग कर दिया . ऐसी खबरें जल्दी ही फैल जाती है आरती ने आत्मग्लानी से आत्महत्या कर ली . मनु आज भी उस दिन को कोसता है जब उसे अपनी माँ के प्रति आकर्षण पैदा हुआ था ..







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