( Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 10 )
शालिनी ने रात का खाना बनाया और नहाने के बाद अपनी रात वाले रेगुलर कपड़े मतलब समीज और निक्कर में आ गई । काश इसने कल रात ये कपड़े पहने होते तो शायद मैं और भी मज़ा ले पाता।।
लेकिन यहां कौन सा शालिनी भागी जा रही थी,,, जो मज़े में कल कमी रह गई थी कोशिश करके आज रात को पूरी करने की इच्छा मेरे मन में कुलांचे भरने लगी । मगर कैसे आज क्या बहाना बनाऊं जिससे शालिनी के सेक्सी बदन का भोग लगाने का मौका मिल जाए ।।
शालिनी- भाई आप भी नहा लीजिए फिर खाना खाते हैं ।
मैं - हां,, हां,,, मैने खयालों की दुनिया से बाहर आकर जवाब दिया ।
बाथरूम में घुस कर दरवाजा बंद करते ही, हैंगर पर टंगी शालिनी की सुबह पहनी हुई पर्पल कलर की ब्रा और प्रिंटेड पैंटी नजर आ गई,, वो शायद उन्हें बाहर फैलाना भूल गई थी । फिर मेरे दिमाग में आया कि शालिनी ने अभी शाम को तो ब्लैक वाली ब्रा पहनी थी और मैने दरवाजा खोल कर बाहर बरामदे में देखा तो ब्लैक ब्रा रस्सी पर टंगी हुई थी,,,, मैंने बाहर आ कर काली ब्रा को छूकर देखा तो वो बिल्कुल सूखी थी ,,, मतलब
शालिनी ने मेरे वीर्य वाली ब्रा को फिर से बिना धुले हुए टांग दिया है,,,, ये सब देख कर मेरा मन कहने लगा .... मंजिल अब दूर नहीं है शालिनी के मन में भी अब सेक्स के खयाल आने लगे हैं,,, मुझे उसकी ब्रा में हस्तमैथुन करने में मजा आता है और शालिनी को मेरे हस्तमैथुन के बाद वीर्य से सनी हुई ब्रा पहनने में ....
मैं वापस बाथरूम में घुस गया और सबसे पहले मैंने शालिनी की पर्पल कलर की ब्रा उठाई और अपने लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया,,,, मैंने शालिनी की मस्त चूचियों को छुपाने वाली ब्रा को सूंघा भी और चाटा भी ,,,
मैं अपना लंड हिला रहा था और
अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् क्या चुचियां है शालिनी की उफ्फ्फ्फ्फ्फ इतने करीब से देखा-देखी और छूना.......
अह्ह्ह्ह मजा आ जाता है.... उम्म्म्म्म्म उसकी चूत भी कितनी मुलायम और चिकनी होगी..... स्स्स्स्स् और गीली भी .... उफ्फ्फ्फ्फ्फ अब तो वो भी मजे ले रही है अह्ह्ह्ह्ह्ह वो भी चाहती है स्सस्सस्स अब तो वो भी इतना गरम हो जाती है कि आजकल में चुदाई हो ही जायेगी ..... मुझसे ....उम्म्म्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह कितना मजा आएगा उसको चोदने में अह्ह्ह्ह्ह उसकी बड़ी बड़ी चुचिया दबाने में अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्सस्स
और
मैंने जल्दी जल्दी तेज हाथों से अपने लौड़े को आगे पीछे करते हुए उसकी ब्रा के दोनों कप्स को अपने गाढ़े वीर्य से भर दिया और फिर वैसे ही हैंगर पर उसकी ब्रा को टांग दिया ,,, और नहाने के बाद सिर्फ टावेल लपेट कर बाहर आ गया । मुझे अब जरा भी डर या संकोच नहीं था कि शालिनी उसे देखकर क्या सोचेगी ।।
शालिनी पीछे कमरे में बुक्स वगैरह देख रही थी और मैंने उसे आवाज दी कि खाना लगाओ ,, हम बेड पर ही खाते थे अक्सर,,,
मैं वैसे ही सिर्फ टावेल लपेट कर ही बैठा रहा.... मैं अब इतना उतावला हो रहा था शालिनी के लिए कि अब मैं उसे अपना लंड किसी बहाने से दिखाना चाहता था,,,, लेकिन मैं ये चाहता था कि शालिनी को ये लगे कि मेरा लन्ड उसको धोखे से दिख रहा है मैं जानबूझकर नहीं दिखा रहा हूं,,,
खाना खाते हुए हम दोनों बातें करते रहे और मैंने टावेल को इस तरह तिरछा किया कि मेरे सामने बैठी हुई शालिनी को वो दिखाई दे जाए ... मेरा लन्ड खड़ा हो ही रखा था पहले से ,,,,,,
कुछ देर बाद शालिनी की नजर मेरे दोनों पैर के बीच उपर की ओर निशाना साधते हुए मेरे लौड़े पर पड़ गई,,,, अब उसके चेहरे का रंग बदल रहा था और वो थोड़ा सा नजर इधर उधर करके फिर से मेरे लौड़े को देख रही थी ,,, मेरा लन्ड और झटके लेने लगा और मैंने थोड़ा सा ऊपर की ओर हिल कर शालिनी के लिए लन्ड को देखना और आसान कर दिया ।
हम दोनों ही खाना खाते हुए बात करते रहे और शालिनी ने उठकर प्लेट वगैरह हटाई और किचन में जाकर काम करने लगी । मैं शालिनी को अपना लौड़ा दिखाने में कामयाब रहा और शालिनी ने भी नजर भर कर उसे देखा था ,,,
मैंने टावेल हटाकर आज कई दिनों बाद शालिनी की शापिंग की हुई व्हाईट फ्रेन्ची पहली बार पहनी और उपर कुछ नहीं पहना , मेरे नंगे सीने पर एक भी बाल नहीं था,,,,और लेटकर टीवी देखने लगा ।
पहले मैं बड़ी फुल साइज की अंडरवियर पहनता था या फिर नंगा ही रहता था घर में शालिनी के आने से पहले ,,,
शालिनी मेरे से कुछ दूर पर बर्तन साफ कर रही थी और मैं लेटकर अपने लंड को फ्रेन्ची में दबा कर एडजस्ट कर रहा था,, मगर मेरे हलब्बी टाइट लंड को इसमें छुपाना नामुमकिन था खैर मैं छुपाना चाहता भी नहीं था, बस ये चाहता था कि शालिनी को ये सबकुछ प्यार में लगे और प्यार से लगे,,,
कोई जोर जबरदस्ती ना हो जो कुछ भी हम दोनों में हो रहा था वो धीरे धीरे प्यार से ही हो रहा था। सफेद वी शेप अंडरवियर में मेरे लौड़े की फूली हुई नसें भी गौर से देखने पर दिख रहीं थी
और तभी शालिनी ने कमरे में आ कर एक नजर मुझ पर डाली और पानी की बोतल मेरे पास रख कर मुस्कुराते हुए पीछे कमरे में चली गई ।।
उसे थोड़ा काम था पढ़ाई का शायद ..... शालिनी अपने काम में बिजी थी। इधर मैं उसके शरीर को छूने का मौका नहीं मिलने के कारण थोड़ा बेचैन हो रहा था.... ।।
मैं बहुत ही लो वोल्यूम में टीवी चैनल बदल रहा था और किसी सेक्सी गाने की तलाश में चैनल बदलता ही रहा.... असल में टीवी पर मेरा ध्यान ही नहीं था,,, तभी मेरी नजर सामने रखी हुई ठंडे तेल की शीशी पर पड़ी और ......
मैंने शालिनी को आवाज दी ,,,
शालिनी- जी आई.....
और एक पल में ही वो मेरे सामने खड़ी थी,,, मैं अभी भी लेटा था पीठ के बल और इस समय मेरा लन्ड नार्मल ही था तो भी ऐसी चढ्ढियों में लंड का आकार प्रकार अलग ही दिखाई देता है,,,
शालिनी- क्या हुआ भाई?
मैं- मेरा सिर दर्द कर रहा है,,
शालिनी-तो प्लीज़ आप दवाई ले लीजिए।
मैं- अरे नहीं,,, दवाई नहीं ,, वो माम ने एक तेल दिया है उसे लगा कर थोड़ी सी मालिश कर दो,,, बस अभी ठीक हो जाएगा ।।
ये सुन के शालिनी को मन में हँसी आ गयी ...उसे थोड़ा अजीब तो लगा होगा पर मन में कही न कहीं वो खुश भी हुई कि मैं उसके लिए कैसे तड़प रहा हूं .....और क्या क्या बहाने बना रहा हूं..
शालिनी:- अ..वो.. भैय्या..मै
मैं :- ओह्ह्ह कोई बात नहीं ...मैं खुद ही लगा लेता हु... थोड़ा तो आराम मिलेगा...तुम अपना काम कर लो,,,
मैंने ऐसा बोला तो शालिनी पिघल गयी...उसे लगा होगा सिर की मालिश करने में क्या बुराई है...दस मिनट में मालिश कर दूंगी...
शालिनी :- नहीं नहीं भाई...मैं वो ये सोच रही थी कि...जाने दीजिये आप लाईये तेल....
मैं :- तुम्हे कोई प्राब्लम तो नहीं...मतलब की तुम्हारा काम??
शालिनी :- काम हो ही गया है...बाकी सुबह कर लुंगी मैं यही सोच ही रही थी...वो मुझे नींद भी आ रही थी...
मैं यहाँ नीचे बैठ जाता हूं तुम बेड पे बैठ जाओ... ये ठीक रहेगा ।
मैंने देखा शालिनी ने आज एक थोड़ी टाइट समीज पहनी थी..अंदर ब्रा तो वो नहीं पहनी थी...और नीचे निक्कर पहना था... ब्रा नहीं पहनी थी तो क्या पैंटी भी नहीं पहनी होगी ये सोच के मेरे मन में लड्डू फूटने लगे...
और मैंने देखा कि उसके निप्पल कड़क होने लगे थे... जिसकी वजह से उसके समीज के पतले कपड़े से साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था की उसके निप्पल खड़े है... मैं नीचे बैठ गया... शालिनी मेरे सिर के पीछे बेड पे बैठ गयी... और हमारे ठीक सामने तो अलमारी में लगा आदमकद आइना था... हम दोनों उसमे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे...
मैंने अपने पैर फर्श पर लंबे किये और अपने दोनों हाथ अपने लंड को छुपाने के हिसाब से अपनी फ्रेन्ची पर रखे हुए थे.... मैं शालिनी के दोनों पैरों के बीच बेड पे पीठ टिकाए बैठा हुआ था...
.... शालिनी की नंगी जांघे मेरे कंधो से टकरा रही थी।
शालिनी ने कुछ तेल मेरे सिर पर डाला और कुछ अपने हाथ पे लिया और धीरे धीरे मालिश करने लगी... शालिनी के मुलायम हाथों का स्पर्श जैसे ही मेरे सिर के बालों को हुआ तो मेरा रोम रोम रोमांचित हो उठा... और मेरा लंड अंगड़ाई लेने लगा...जिसको मैंने हाथों से थोड़ा दबा दिया...
मैं :- आहा हा ..ह्म्म्म कितना अच्छा लग रहा है...
शालिनी:- क्या भाईजी ??
तुम्हारे मुलायम हाथ....
शालिनी बस थोड़ा मुस्कुराई....शालिनी ने आईने में देखा कि मैं अपने लंड को लगातार धीरे धीरे दबा रहा हूं .. तो उसकी हँसी निकल गयी।
शालिनी:- ह्म्म्म... स....
और वो अपने निचले होंठ को अपने दांतों से काट रही थी .....
शालिनी धीरे धीरे मालिश करने लगी... मैं अपना सर थोड़ा थोड़ा पीछे लेके जा रहा था...
मैं :- शालिनी थोड़ा जोर लगा के करो...सर में तेल नहीं लगाना है सिर्फ ,,,, थोड़ा दबाना भी है...
शालिनी :- ओके भाई .....
शालिनी अब थोड़ा जोर लगाने लगी और थोड़ी चम्पी करने लगी जिसकी वजह से बिना ब्रा की उसकी चुचियां उछलने लगी... मैं ये नजारा आईने में देख रहा था.... मेरा लंड ये देख के और भी जोर मारने लगा... शालिनी का ध्यान जब आईने पे गया और देखा की मैं उसकी उछलती हुई चुचियों को आँखे फाड़ के देख रहा हूं तो वो शरमा गयी...
एक अजीब सी लहर मेरे दिल में उठी जो सीधा मेरे लौड़े पे जाके खत्म हुई... मेरे लन्ड में प्रीकम का पहला बून्द आ गया था...
मैं- शालिनी थोड़ा आगे सरको ना...ये बेड मेरे गर्दन को चुभ रहा है....
शालिनी न चाहते हुए भी थोड़ा आगे सरक आयी.... शालिनी अब बिल्कुल बेड के कार्नर पे बैठी थी और पैर फैले होने के कारण उसकी बुर आगे की ओर आ गयी थी,,,,,, मैंने झट से अपना सर पीछे किया और अपने सर का पिछला हिस्सा शालिनी की बुर पे निक्कर के उपर से रख दिया....
जैसे ही उसने वो महसूस किया वो अपने आप ही थोड़ा आगे खिसक गयी... मेरा सर उसकी बुर से बस कुछ ही दुरी पे था. मुझको ये समझ आ गया की शालिनी थोड़ा आगे खिसक चुकी है... मैंने आईने में देख के अंदाजा लगा लिया की मेरा सर शालिनी की बुर से कितनी दूरी पे है। मैंने शालिनी के हाथ पकड़ लिये और अपने फोरहेड पे रख दिए।
मैं :- यहाँ पे दबाओ थोड़ा....बहुत दर्द कर रहा है।
मेरे हाथ हटाने की वजह से मेरे लंड का
उभार शालिनी को ऊपर से साफ़ दिखाई देने लगा। शालिनी उसे आँखे फाड़ के देखने लगी। ये चीज मैंने आईने में देख ली.... मैंने दुबारा अपना हाथ लंड को छुपाने के लिए नहीं रखा...शालिनी मेरा खड़ा लंड देख के और भी उत्तेजित होने लगी थी। शालिनी अब थोड़ा जोर लगा के मेरा सर दबा रही थी जिससे मैं जानबुझकर अपना सर पीछे ले जा रहा था.... ।।
शालिनी की तो जैसे जान ही मुंह में आ गयी...वो गरम होने लगी थी... मैं उसके चेहरे के हाव भाव देख रहा था... मुझे शालिनी की फूली हुई चूत का मुलायम अहसास साफ़ साफ़ हो रहा था। मैंने अपना सर अड्जस्ट करने के बहाने से एक दो बार शालिनी की चूत पर और दबा दिया। शालिनी को मजा आने लगा था...
वो भले ही कितनी भी कोशिश करती रही हो मुझसे दूर रहने की पर जब भी वो करीब आ जाती तो शालिनी को काबू रखना दिन ब दिन मुश्किल होते जा रहा था। मैने बहुत बढ़िया चाल चली थी...क्यू की अब शालिनी जब भी मेरा सर दबाने के लिए जोर डालती मैं अपना सर पीछे ले जा के जोर से शालिनी की बुर पे दबा देता...शालिनी की हालत बहुत ख़राब हो चली थी...अब शालिनी भी अपनी गांड़ को थोड़ा सरका के अपनी बुर को मेरे सर पर दबाने लगी थी...
शालिनी की फूली हुई मुलायम बुर के स्पर्श को पाकर मैने अपनी आँखे बंद कर ली ...उसकी बुर का इस तरह महसूस करने का मेरे लिए यह पहला मौका था भले ही बीच में कपड़े की एक दीवार थी मेरे सिर और शालिनी की बुर के बीच में,,,, मैंने फिर से अपने हाथ अपने लंड पर रख लिए और थोड़ा थोड़ा उसे दबाने लगा।
शालिनी ने जब ये देखा की मैं बेशर्म हो कर उसके सामने ही लंड को मसल रहा हूं तो उसकी बुर और पानी छोड़ने लगी होगी .... मुझे लगने लगा की उसकी निक्कर अब गीली होने लगी है.... वो क्या करे उसे शायद कुछ समझ नहीं आ रहा था।
मुझे लगने लगा कि ऐसे ही थोड़ी देर चलते रहा तो हम दोनों ऐसे ही झड़ जायेंगे ।।
शालिनी - भाई ईईईई ....बस हो गया क्या?? मेरे हाथ दर्द करने लगे हैं...
मुझको तो लग रहा था कि ये सब कभी खत्म ही ना हो पर अब मेरी मज़बूरी थी...
मैं :- हां...ठीक है...अब आराम है मुझे।।
मैं फर्श पर ही सीधा बैठा रहा और पीछे मुड़ा..मुड़ते ही मेरी नजर पहले शालिनी की बुर की तरफ़ गयी .. मुझेे वहां कुछ गीला सा दिखा.. एक धब्बा जेसे......पहले तो मुझे लगा की तेल का होगा पर अगले ही पल मुझे समझ आ गया की वो तेल नहीं है... शालिनी ने झट से अपने पैर पास कर लिए क्यू की वो देख रही थी की मैं उसकी बुर को बड़े गौर से देख रहा हूं...
ओह्ह्ह्ह्ह इसका मतलब शालिनी की बुर ने पानी छोड़ दिया था और उसकी बुर गीली हो गयी थी..,मतलब उसे ये सब अच्छा लग रहा है.....उसे मजा आ रहा था....ह्म्म्म्म तो चलो कुछ और करते है...
मैं :- ह्म्म्म .... शालिनी बहूत अच्छा मस्साज किया तुमने... अब चलो मैं भी तुम्हारे सर में तेल लगा देता हूं.....बड़ा अच्छा तेल है...फ्रेश हो जाओगी... बेबी तुम ...भी ...और नींद अच्छी आएगी ।।
शालिनी शायद समझ गयी की मैं अब और कुछ हरकत करने वाला हूं....अभी मेरा मन नहीं भरा था ....
शालिनी:- नही भाई जी ठीक है...
मैं :- क्या सोचने लगी ?? चलो बैठो नीचे मैं ऊपर बैठता हूं.....
शालिनी शरमाते हुए नीचे बैठ गयी... मैं ऊपर बेड पे बैठ गया... और उसके सर पे तेल डाल के धीरे धीरे मालिश करने लगा...ऊपर से शालिनी के बड़े गले की समीज से शालिनी की चुचियां आधी से ज्यादा दिखाई दे रही थी। गोल गोल बड़ी बड़ी गोरी चुचियों को देख के मेरा लंड फिरसे खड़ा होने लगा था...
शालिनी ने आईने में देखा की मैं उसकी चुचियों को ज्यादा से ज्यादा देखने की कोशिश कर रहा हूं.... . शालिनी को हल्की सी हँसी आ गई ..... शालिनी भी अब इस खेल का मजा ले रही थी या कुछ और चाहती थी.. और मुझे तड़पाने के लिए उसने जानबूझकर
धीरे से अपनी समीज का निचला हिस्सा पकड़ा और नीचे खींचने लगी...ब्रा नही होने के कारण समीज उसकी चिकनी चूचियों पे फिसलते हुए नीचे जाने लगा....शालिनी ये काम इतने धीरे कर रही थी की मुझको पता भी ना पड़े ...लेकिन अब मुझको शालिनी की चूंचियों का काफी हिस्सा साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मेरा लंड अब बेकाबू हो रहा था.... मैं थोड़ा आगे हुआ और शालिनी के सर को पीछे खींचा...और अपने लंड पे रख लिया....जैसे ही शालिनी को मेरे कड़क लंड का स्पर्श अपने सर पे हुआ उसने आँखे बंद कर ली ।
मेरा लन्ड भी फूल पिचक रहा था जिसका एहसास शालिनी को अपने सिर पर जरूर हो रहा होगा....
मैं - बेबी,,,ऐसे ही रहो...मैं तुम्हारा सिर अब अच्छे से दबा देता हूं....
शालिनी - ओके ,, भाई.... अच्छा लग रहा है, प्लीज़ कांटिन्यू ....
शालिनी का सिर पीछे आ जाने के कारण उसकी चुचियां ऊपर की ओर आ गयी थी...और शालिनी ने समीज को थोड़ा खींच के पकड़ा हुआ था इसलिए सिर्फ नि्प्पल्स ही समीज में छुपे हुए थे....और शालिनी ने अपनी छाती को जानबूझ के थोड़ा ऊपर की ओर उठा लिया....जिससे उसकी चुचियों का दिलकश नजारा मुझको मिल रहा था वो अदभुद था....
मैं उसे ऐसे देख के पागल हो गया.... अपना लंड उचका उचका के अपनी ख़ुशी जाहिर करने लगा.... मेरे लंड का उचकना शालिनी को फील हो रहा था....उसकी साँसे तेज होने लगी....धड़कने बढ़ने लगी....उसकी तेज साँसों के साथ ऊपर नीचे जाती उसकी अधनंगी चुचियों को देखकर मुझको होश ही नही रहा..... मैं शालिनी का सिर अपने लंड पे दबाने लगा.... शालिनी भी मजे से कड़क लंड का स्पर्श एन्जॉय करने लगी....कुछ मिनटों तक यही सिलसिला चलता रहा....
मैं :- अच्छा लग रहा है ना बेबी,,,, इस मालिश से तुम एकदम रिलैक्स हो जाओगी ....
सुहानी:- हां जी,,,...
उसने अपनी आंखें बंद ही रखी... शायद इस हालात में वो मुझसे नज़र मिला भी नहीं पाती ....
मैं :- मजा आ रहा है ,, बेबो,,??
शालिनी:- मजा ?? मतलब?? कैसा मज़ा ??
मैं जोश में होश खो बैठा था... और भूल गया था कि मैं अपनी ही सगी बहन के साथ इस हालात में हूं,,, इतना होने पर भी हम दोनों में अभी इतनी सेक्सी बातों का सिलसिला शुरू नहीं हुआ था,,,,।।
मैं :- वो..म में..मेरा...मेरा मतलब...
मेरी बात अधूरी ही रह गयी... क्यूंकि तभी कमरे के खुले दरवाजे से बरामदे की ओर से एक बड़ा सा कीड़ा शालिनी के हाथ पे आके बैठा और उड़ गया ... बड़ी तेज आवाज भी कर रहा था...
..शालिनी किसी और ही दुनिया में थी...वो आँखे बंद करे हुए थी...वो एकदम से डर गयी और हाथ से उसे झटक दिया और थोड़ा चिल्लाते हुए वो झटके से खड़ी हो गई। वो डर गयी थी और इधर उधर देखने लगी।
मैं भी जल्दी से अपने खड़े लन्ड का तम्बू दिखाते हुए बेड से उतर कर खड़ा हो गया,,, ये सब कुछ सेकंड में ही हो गया था ।
मैं :- क्या हुआ बेबी ?? क्यूं डर गयी क्या ?? कुछ नही एक कीड़ा था...बस..
रिलैक्स ...
शालिनी अब भी डरी हुई थी... मैं फिर से आगे हुआ और उसे बाहों में लिया और ...उसको अपने नंगे सीने से चिपका लिया ....
मैं :- अरे कुछ नही होता उससे...
शालिनी:- वो बड़ा ही अजीब फील हुआ हाथ पे...
शालिनी इधर डरी हुई थी और मैं अपने काम में लगा हुआ था.... मैने शालिनी को अपनी बाहों में कस लिया... शालिनी के बड़े बड़े कड़क निप्प्ल्स मुझको अपनी नंगी छाती पे महसूस हो रहे थे। नरम नरम चुचियों के स्पर्श से मेरा लंड जो थोड़ा सा मुरझा गया था....वो फिर से टाइट होने लगा.....इस बार मेरा लंड सही निशाने पर था...
क्यूंकी एक तो वो थोड़ा मुरझा गया था जिससे शालिनी को जब गले लगाया तब उसका फासला कम था लेकिन अब जब वो टाइट होने लगा था तब शालिनी की बुर के बहुत करीब हो गया था.... मैं शालिनी की पीठ पे हाथ घुमा रहा था.... और धीरे धीरे मैं अपने हाथ घुमाने का दायरा बढ़ा रहा था... नीचे कमर तक...फिर थोड़ा और नीचे शालिनी गांड के ऊपरी हिस्से पे हाथ घुमाने लगा....
शालिनी अब संभल रही थी...वो डर के ट्रैक से निकल कर वापस सही ट्रैक पे लौट आई थी... मेरा हाथ अपनी गांड़ को सहलाते हुए पाकर वो उत्तेजित होने लगी....वो चाहती तो मुझको दूर कर सकती थी पर उसे मजा आने लगा था... उसकी सांसों की गर्मी बता रही थी .....
मैं :- सब ठीक है..कुछ नहीं होता...इतना क्या डरना?
मैं शालिनी को अपने आप से और चिपकाते हुए बोला ...
शालिनी अब खुद मुझसे चिपकती हुई अपनी सांसों को सम्हाल रही थी ... मैंने मौके का फायदा उठाया और अपना लंड शालिनी की फूली हुई बुर से सटा दिया...., हम दोनों की लम्बाई में थोड़ा सा ही अंतर है जो आज बड़ा फायदा पहुंचा रहा था ।
शालिनी की आह निकलते निकलते बची....शालिनी भी शायद अब पीछे नही हटना चाहती थी...या उसे सच में पता ही नहीं है कि ये हम-दोनों में क्या हो रहा है... इसकी मंजिल कहां है ??
उसने भी अपनी बुर मेरे लंड की ओर थोड़ा बढ़ा दी...दोनों ही वासना में अंधे हो चुके थे.... लगभग दो मिनट हो चुके थे पर हम दोनों ही एक-दूसरे को छोड़ना नही चाहते थे...
लेकिन तभी वो कीड़ा फिरसे उड़ते हुए आया और शालिनी के हाथ पे बैठ गया... मैने झटके से उसे उड़ाया...लेकिन इस दरमियान मुझसे शालिनी की बाहों का घेरा छूट गया .... और शालिनी ये देख के हंस पड़ी...
शालिनी:- हा हा हा ....देखा मैंने नही कहा था...देखो आप भी डर गए ना??
शालिनी और मैंने देखा कि वो कीड़ा एक कोने में बैठा हुआ था.... और उसके रेंगने वाली जगह पर पानी जैसा थोड़ा गाढ़ा लिक्विड निकल आया था ,,,,
मैंने उस हरामी कीड़े को झाड़ू से मार कर बाहर बरामदे में फेंक दिया और मेरे पीछे ही शालिनी जाकर बाथरूम में घुस गई ।
मैं वापस आकर बेड पर लेट गया और सोचने लगा कि क
कीड़े की वजह से आज इतना हसीन सपना पूरा होते होते टल गया ,,,, मेरी सफ़ेद फ्रेन्ची में मेरे प्रीकम के दो स्पाट साफ दिखाई दे रहे थे ....
शालिनी बाथरूम से वापस आ कर उस कीड़े के लिक्विड को बड़े गौर से देखने के बाद मुस्कुराते हुए बोली --
भैय्या यही कीड़ा था शायद.... जिसे मैं कई दिनों से ढूंढ रही थी,,, यही मेरे अंडरगार्मेंट में कई दिनों से लिक्विड लगा रहा था... और भाई मैंने अभी देखा बाथरूम में मेरी पर्पल वाली ब्रा पर ऐसा ही ताजा लिक्विड लगा हुआ है जैसे अभी अभी लगाकर आया था... मैंने उसे अभी शाम को ही धुला था ...
और वो मेरे पास ही बेड पर लेट गई .......
Iska agla bhag dekhe ( next part 11 )
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