( Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 9 )
मैं तो उसे ऐसे ही पकड़े रहना चाहता था पर अब ये करना ठीक नहीं था...... मैं धीरे धीरे शालिनी को नीचे उतारने लगा....उतारते वक़्त मेरे हाथ फिरसे शालिनी की मांसल गुदाज , गद्दे जैसी गांड़ पर आ रुके.. शालिनी को मेरे खड़े लंड का अहसास भी हो रहा था....उसने झट से अपने आप को मुझसे दूर किया.. मेरी सांस भारी हो रही थी और थोड़ा सा हांफ भी रहा था... शालिनी ने जब ये देखा तो...
शालिनी- आप ठीक तो हैं ना ??...रुकिए मैं पानी लेके आती हुं..
शालिनी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी और ना ही मैं ...इसलिए वो पानी लेने के बहाने से किचन में भाग गयी....
मैं बेड पर बैठ गया और अपना लंड अड्जस्ट करने लगा... शालिनी जब किचन से पानी लेकर वापस आ रही थी तब उसनेे मुझे अपना लंड दबाते हुए देखा तो वो शरम से पानी पानी हो गयी...उसने मुझको पानी दिया... शालिनी मेरे सामने खड़ी थी और मेरे खड़े लन्ड को घूर रही थी ,,, ।
मैं :- (पानी पीते हुए.......) फिट हूं मैं भी ,,,, अभी भी तुम्हें मैं... बचपन की ही तरह उठा लेता हूं ।
शालिनी :- अच्छा ,,,, भाई जी आप तो सुपर हिट हो सुपर फिट बाड़ी भी है आपकी ,,,, चलिए जी, अब सोते हैं...11.30 बज गए है....
मैं :- रुको तो बेबी ...अभी तो तुम्हें बाहों में उठाया है ...अब जरा गोद में भी तो बिठा लूं ,,,,
और मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया ।।
शालिनी को शायद यकीं नहीं हो रहा था की मैंने जानबूझ कर ऐसा किया... शालिनी ही क्या...मुझको खुद पे यकीं नहीं हो रहा था कि की मैंने ये कहते हुए शालिनी को अपनी गोद में बिठा लिया है... शालिनी जब बैठी तो उसकी पीठ मेरी तरफ थी...मेरे हाथ उसकी कमर के इर्द गिर्द थे.... मुझको जैसे ही उसकी मांसल गांड का स्पर्श अपने लंड पे हुआ मेरा लंड हरकत करने लगा...
शालिनी को भी मेरे खड़े लंड का स्पर्श अपनी गांड पे साफ़ साफ़ महसूस होने लगा.... शालिनी अब थोड़ा सा साइड से टर्न हुई...जिसकी वजह से उसकी चुचियां फिर से मेरे चेहरे के पास आ गयी...वो भलीभांति जानती थी की इस समय मैं बस उसके जिस्म को छूने के बहाने ढूंढ रहा हूं ।
पर मैं ऐसे खुलकर ऐसा कुछ करूंगा, इसपे शालिनी को यकीं नहीं हो रहा होगा ।
शालिनी ने हल्के से उठने की कोशिश की तो मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघ पे रख दिया...जब शालिनी उठने की कोशिश कर रही थी तब उसकी नरम गांड दो तीन बार मेरे हलब्बी टाइट लंड से रगड़ गयी... जिससे मेरा लंड और भी जोश में आ गया.... शायद शालिनी को ये सब अच्छा तो लग ही रहा था पर बहुत अजीब फील हो रहा हो मेरी तरह .... कुछ देर बाद
शालिनी :- प्लीज़ अब छोड़िये मुझे...ये क्या कर रहे हो आप ,, आ सी ई ई ??
मैंने उसकी जांघ पे हाथ का दबाव बनाया ...
मैं :- कुछ नहीं बेबी...बचपन में तुम्हे मैं ऐसे ही गोद में लिया करता था । और आगे अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया,,
शालिनी मुझको ऐसे इमोशनल होते हुए देख शांत हो गयी.... शालिनी ने घूमे हुए अपना एक हाथ मेरे गले में डाला और दूसरे हाथ को मेरे चेहरे पे रखा....
हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और शालिनी उस मूमेंट में बह गयी...और उसी हालात में उसने मुझे गले लगा लिया... शालिनी मेरी गोद में बैठी हुई थी जिसके वजह से मेरा चेहरा सीधा चुचियों के ऊपरी हिस्से पे दब गया... शालिनी ने क्या किया इसका अहसास उसे तब हुआ जब उसे अपनी गांड पे फिरसे मेरा लंड खड़ा होते हुए महसूस हुआ...
मैंने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और शालिनी को कस के गले लगा लिया...और थोड़ा सा शालिनी को पकड़ के खुद भी अड्जस्ट हो गया... मैंने अपने गाल शालिनी की चुचियों पे एक दो बार दबा लिए....और नीचे से अपना लंड उचका के शालिनी की गांड़ पर रगड़ रहा था ।।
शालिनी की हालत फिर से खराब होने लगी....उसकी पहले से ही गीली चूत और भी गीली होने लगी होगी ....
मेरे गरम लंड का स्पर्श उसे अपनी बुर के आस पास हो रहा था...अगर वो निक्कर और पैंटी ना होती...लंड सीधा उसकी बुर पे रगड़ रहा होता....उसकी धड़कन बढ़ने लगी थी....उसकी सांसे तेज हो रही थी....जिसकी वजह से उसकी चुचियां जिसपे मेरा चेहरा था...वो तेजी से ऊपर नीचे होने लगी...
शालिनी की टी-शर्ट गले के पास कुछ ज्यादा ही खुल गई थी,, शायद जब मैंने उसे उठाया था तब खींचा तानी में उसके गोरे गोरे स्तन भी उपर से खुल गए थे । मैंने अपना गाल उसकी चुचिया जो लगभग अधनंगी हो चुकी थी उसको सहला रहा था। वो अब मुझसे दूर होना चाहती थी पर...उसे वो सब अच्छा लगने लगा था...उसे बहुत मजा आ रहा था... तभी तो वो मुझे रोक नहीं रही थी ।।
मैं धीरे धीरे उसकी ऊपर नीचे होती चुचियों पे अपने गाल दबा रहा था...और नीचे से थोड़ा अपनी गांड़ को उठाया और लंड को शालिनी की गांड पे रगड़ा... शालिनी को एक झटका सा लगा और वो हल्का सा उठ खड़ी हुई ।
मुझसे अपने को हल्का सा अलग किया... मुझको लगा की मैंने बेवजह ही ऐसा क्यू किया .... मेरे पास और मजे करने का मौका था लेकिन मैं भी क्या करता...जब लंड खड़ा हो जाता है तो उसे रगड़ना मज़बूरी हो जाती है... मैंने और शालिनी ने एक दूसरे को देखा...
शालिनी :- अब मुझे उठने दीजिये. उसकी आवाज में गज़ब की खनक थी .. और प्यास थी ... ।।
मेरे पास अब कोई बहाना नहीं था उसे रोकने का.. शालिनी बैठे बैठे ही दूसरी साइड सरक गयी...उसने देखा कि मेरा लंड पुरी तरह से तना हुआ है... मुझको पता था शालिनी जैसे ही उठेगी उसे वो दिखाई देने लगेगा... मैं तैयारी में था... मैंने झट से बेड पे रखा हुआ तकिया उठाया और अपने लंड को कवर कर लिया।।
हम दोनों बहुत गरम हो चुके थे। और चुप थे। क्या बात करें किसी को समझ नहीं आ रहा था...
शालिनी - भैय्या अब सोते हैं... ..
शालिनी ने ही उस ख़ामोशी को तोड़ा ...कल रात शालिनी के सोने के बाद मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे चिपका कर सो गया ,,,
अगले दिन सुबह शालिनी नार्मल बिहेव कर रही थी...ये देख कर मैने ये सोचा की या तो शालिनी को मेरे उसकी बुर चोदने के इरादे का पता नहीं चल रहा है या पता है फिर भी वो अनजान बन के मजे ले रही है.... ।।
मैंने सुबह जब शांति से विचार किया तब मैंने बहुत सोचा और ये तय किया की अब मैं कम से कम दिन में तो शालिनी से थोड़ा दूरी बना के रहूंगा,,, क्यू की ये सब बहुत ज्यादा हो रहा था। इस सब के चक्कर में कहीं शालिनी की पढ़ाई ना डिस्टर्ब हो जाए ,,,
लेकिन जब एक बार ऐसा कुछ होता है .. तो होते रहने का दिल करता है...... एक बार कोई मर्द किसी औरत को छू लेता है तो दोनों ही एक दूसरे से ज्यादा देर दूर नहीं रह सकते और शालिनी पर कयामत के जैसे जवानी आयी थी,, उसका रुक पाना नामुमकिन हो गया था...कलरात जो भी हुआ था उससे मेरी हिम्मत और भी बढ़ गयी थी।
आज शालिनी पहले दिन कालेज में क्लास अटेंड करने के लिए जाने के लिए तैयार हो रही थी, मुझे कई बार शालिनी के शरीर को हल्के फुल्के अंदाज में टच करने का सुबह सवेरे मौका लगा । आज शालिनी ने ब्लैक कलर की टी-शर्ट के साथ ब्ल्यू शार्ट जींस पहनी थी,, उसके अंदर पर्पल कलर की ब्रा पहनी थी जिसकी एक पट्टी देख कर मैंने जाना,, गौर से देखने पर ब्रा अपना पूरा शेप दिखा रही थी,, शालिनी की मस्त चूचियां और गजब ढा रही थी ।
ये अजब खेल हो रहा था हम दोनों के बीच,,, दोनों को पता है कि अब हम दोनों सिर्फ भाई बहन नहीं रहे,,,, मगर ये भी नहीं पता कि क्या हो गये हैं ,,,.... प्रेमी-प्रेमिका..... पिछले दिनों से जैसे हो रहा था और अब ये रुकने वाला भी नहीं था,,,
लेकिन मैं भी जो खुद शालिनी को अपनी तरफ से उकसा रहा था जानबूझकर ,,, मेरे में अभी भी इतनी हिम्मत नहीं हुई थी कि मैं शालिनी को सीधे सीधे छू लूं बिना किसी बहाने के ,,
जो भी भाई या बहनें इस तरह के रिलेशनशिप में रहे हैं या रहना चाहते हैं, उनको पता है कि ये इतना आसान नहीं है सगी बहन को एक झटके में चोद देना ,,, अब आग तो दोनों तरफ लगी थी किसी को कम और किसी को ज्यादा ......
पहल कौन करेगा,,, लाज शर्म का ये आखिरी पड़ाव कब और कैसे पार होगा ,,, लेकिन जैसा भी चल रहा है,, बहुत मजेदार है ।।
,,, कहां मैं चूचियों की एक झलक पाने को तरसता रहता था । और अब मेरे हाथों से इतनी हसीन चूचियां मसली जा रही हैं वो भी इतनी गोरी स्पंची, और परफेक्ट साइज ३४बी की चुचियों को अपने गिरफ्त में लेने के लिए बस एक छोटे-से बहाने की जरूरत है बस..... चूचियां हाथ में .... कुछ दिन बाद शायद बहाने की जरूरत भी ना रहे और ये रसीले उरोज हमेशा हमेशा के लिए मेरे हो जाएं ।
शालिनी ने नाश्ता वगैरह का काम बहुत स्पीड में निपटाया और मेरे साथ ही अपने बैग को लेकर बाईक से कालेज के लिए निकल पड़ी । बाईक पर हम दोनों के बीच हवा जाने की भी जगह नहीं थी इतना चिपक कर बैठ गई थी शालिनी बात करने के बहाने से , खैर,,, मुझे तो दिन भर की एनर्जी मिल गई थी उसकी चूचियों की रगड़ से अपनी पीठ पर ,,,
कालेज पहुंच कर गेट के पास मैंने शालिनी को बाईक से उतारा और बेस्ट ऑफ लक और गुड डे बोल कर मैं भी अपने काम पर निकल पड़ा ।
शालिनी को जाते हुए पीछे से देखने से ही मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया और मैं बाईक लेकर वहां से निकल लिया । दिन में मैंने कई बार शालिनी से बात की और काफी सारे जोक, हंसी-मजाक वाले और उन्हीं में कुछ डबल मीनिंग चुटकुले मैंने उसके मोबाइल पर भेजे
तीन बजे वो आटो से घर को आ गई,, ।।
न्हीं्ं्ं्ं्ं्््््््ं्््््््ं्ं
और चार बजे के आसपास उसके रिप्लाई मैसेज आने शुरु हुए ,,, मतलब शालिनी ने सारे मैसेज पढ़ लिए हैं ,,, अब मैंने उसे काफी सारे फनी वीडियो भी भेज दिये , उसने उनको देखकर रिप्लाई किया और हल्की फुल्की चैटिंग करने के बाद मैंने उसे वीडियो काल कर दी,,,,
मुझे उसको देखें बिना अब चैन नहीं आ रहा था ।
मैं- हाय बेबी, क्या कर रही हो ?
शालिनी- अभी तो लेटी हुई हूं भैय्या और टीवी देख कर आपके मैसेज पढ़ रही थी ।।
शालिनी ने मोबाइल ऐसे पकड़ रखा था कि सिर्फ उसका चेहरा ही दिखाई दे रहा था,,, हल्का सा मोबाइल हिलने पर मुझे उसके नंगे कंधे पर ब्रा की काली स्ट्रिप दिखाई पड़ गई , मतलब शालिनी ने उपर सिर्फ ब्रा पहन रखी है और नीचे भी क्या सिर्फ पैंटी ,,,, आह,,,
मेरे लौड़े में सनसनाहट सी होने लगी और मैं उसे ब्लैक कलर की ब्रा में देखने को उत्सुक हो गया,,, कोई बहाना बनाकर मोबाइल फुल लेंथ पर आ जाता तो मजा आ जाता । बात करते करते मेरे दिमाग में स्ट्राइक किया कि सुबह तो शालिनी ने पर्पल कलर की ब्रा पहनी थी और अब यह ब्लैक कलर की ब्रा में लेटी है .....
ओहो... तो मतलब उसने मेरे हस्तमैथुन की गवाही देती मेरे सूखे बीज से महकी हुई अपनी काली ब्रा पहनी है । और और उसने इसे धोया भी नहीं था कई दिनों से ।
मतलब मतलब मेरे वीर्य से सनी हुई ब्रा पहनकर शालिनी लेटी हुई है तो क्या शालिनी को मेरे हस्तमैथुन करने और वीर्य उसकी ब्रा में लगाने के बारे में पता है और वो उसे पसंद भी कर रही है??
मैं अब जल्द ही अपना काम निपटाते हुए घर पहुंचना चाहता था ।।
मैंने शालिनी से झूठ बोला कि मैं देर से घर आऊंगा और
मैं - कुछ लाना हो तो बता दो ?
शालिनी- नहीं भैया बस आप आ जाओ लाना कुछ नहीं है ,,,,अच्छा एक चॉकलेट लेते आना । अब मैं सोने जा रही हूं जब आप आएंगे तभी जागूंगी वैसे कितने बजे तक आएंगे ।।
मैं - आठ तो बज ही जाएंगे ।
अच्छा जरा मोबाइल मेरी टेबल की तरफ करो मुझे उस पर अपना कुछ पेपर देखना है और शालिनी ने उठ कर टेबल की तरफ मोबाइल करने के चक्कर में मुझे अपनी रसीली चूचियों को काली ब्रा में एक झलक दिखला ही दिया और पैंटी उसने शायद प्रिंट वाली पहनी हुई थी हल्की झलक पाकर ही मैं निहाल हो गया । मैं शालिनी की चूचियों को पहले भी ब्रा में कैद हुए देख चुका था और तब उसने खुद दिखाया था ,,,
मैं पांच बजे ही ये सोचकर घर के लिए निकला कि शालिनी अभी तक सो रही होगी और मुझे दीदार हो जायेगा उसके मखमली बदन का ।
मैं अपने ही घर में दबे पांव लाक खोलकर अंदर आया और बहुत धीरे से गेट बंद कर दिया,,,,
सामने कमरे में कूलर फुल स्पीड में चल रहा था और दरवाजा खुला था मतलब शालिनी सो रही है । और मैं दबे पांव अंदर कमरे में आ कर धीरे से कुर्सी पर बैठ गया और शालिनी के सफेद रोशनी में चमक रहे गोरे बदन पर काली ब्रा और पैंटी,,,
उसकी पर्पल कलर वाली ब्रा साइड में पड़ी हुई थी ।
चूचियां पहाड़ की चोटी की तरह उपर उठती बैठती हर सांस के साथ ,,,, नीचे अंदर की ओर धंसा हुआ सपाट पेट,,, उसके नीचे छोटी सी पैंटी से सिर्फ उसका योनिछेत्र ही ढका था पीछे के हिप्स पर तो आधी से अधिक गांड़ का हिस्सा खुला ही था । मैंने आज जीभर कर शालिनी के इस यौवन को निहारा,, उसके कुछ फोटो भी ले लिया मौका देख कर ,,
मैं शालिनी के एक दम करीब होकर उसके बदन की खुशबू लेने लगा, तो मैंने देखा कि मेरे सूखे हुए वीर्य के धब्बे साफ साफ दिखाई दे रहे थे उसकी ब्रा के कप्स में ।
शालिनी का एक हाथ सीधा और दूसरा उसकी पैंटी के ऊपर था .... शायद ये भी सहला रही हो अपनी बुर .... और सहलाते सहलाते हुए सो गई होगी ,,, ।
रसगुल्ला सामने है मगर खा नहीं सकते वाली हालत हो रही थी,, लेकिन ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा शायद इस रसगुल्ले को चूस चूस कर खाने के लिए इसी उद्देश्य और उम्मीद से मैंने उसे हाथ नहीं लगाया ।
इच्छा तो कभी नहीं भरती उसके बदन को देख कर लेकिन काफी समय बाद मैं बाहर बरामदे में आकर खड़ा हुआ तो देखा कि वो लाल ब्रा भी मेरे वीर्य के धब्बों को अलग दिखा रही थी,,, शालिनी ने उसे भी धोया नहीं था और बाकी सारे कपड़े वो हर रोज धुल लेती थी ।। शालिनी भी कुछ कुछ हरकतें करने लगी है ,,
मैंने कुछ संयमित होकर बरामदे से ही आवाज लगाई ,,
शालिनी,, बेबी ,, और बोलते हुए कमरे में आ गया तभी शालिनी की आंखें खुली और सामने मुझे देख कर थोड़ा सा चौंक कर उठ कर बैठ गई ।
मगर पिछली बार की तरह हड़बड़ाई नहीं और ना ही अपने बदन को मुझसे तुरंत छुपाने की कोशिश भी नहीं की ,, बल्कि मुझ पर बिजली गिराते हुए उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आंखों को भींचा और उसकी चूंचियां और उछल कर ब्रा से बाहर निकलने को हुई ,, और आंखों से हाथ हटाते हुए बोली ....
शालिनी- भाई,,,, आप .... रात ज्यादा हो गई क्या ?
मैं - नहीं मैं ही थोड़ा जल्दी आ गया ,,,
और शालिनी कुछ और सोच पाती उससे पहले मैंने उसकी फेवरेट चाकलेट को उसके हाथ में पकड़ा दिया और उसनेे पकड़ते हुए थैंक्स ब्रो बोला ।
मैं उसे ज्यादा से ज्यादा देर तक ब्रा पैंटी में ही रखना चाहता था । शालिनी ने भी कोई जल्दबाजी नहीं की और मैंने चाकलेट का रैपर निकाल कर सीधा उसके होंठों के पास लगा दिया और वो खाने लगी,,, दो बाइक खाने के बाद शालिनी ने मुझे भी चाकलेट खिलाई और आराम से बेड से उतर कर पीछे कमरे में कपड़े पहनने के लिए चली गई ,,,
पीछे उसकी पैंटी उसकी गान्ड की दरार में घुस गई थी और उसके लहराते हुए कदम,,, लेकिन वो बिंदास होकर पेश आ रही थी ,,,,
ये एक तरह से उसके कान्फीडेन्स को भी दिखाता था ,,,
मैंने भी चेंज कर लिया और शालिनी इस बार टी-शर्ट के साथ कैप्री पहनकर किचन में चाय बनाने लगी ।।।
हम दोनों में बिना बातों के ही बातें हो रहीं थीं,,, आंखों ही आंखों में ,,,
Agla bhag (
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