Meri rundy mom leela part 3

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  ( meri rundy mom leela part 3 ) Pichli story me aap logo ne pada hoga kaise meri randi mallu mummy mere dost suresh se jamke chudwati haiiii aur ab suresh jab bhi mummy ka off hota , ghar pe aa jata tha aur meri chudakkad mummy ko jee bhar ke chodta tha. Aise ek din dono chudai kar rahe the ki tabhi. Suresh – meri jaan leela tumse kuch puchana hai. Mummy – bolo mera rajaaaaa Suresh – mera ek dost hai aur wo bhi tumhe chodana chahta hai. Mummy – ye kya bol rahe ho , ye nahi hi sakta. Suresh – meri baat tu sun meri raand.Wo mera jigri yaar hai aur usko maine tere baare me sab bata rakha haii. ✕Mummy ghabra ke suresh ko dhekhne lagii. Suresh – are ghabrane ki jarurat nahi hai meri leela raand.Maine bas use ye bataya hai ki maine ek aunty patayi hai aur usse chodta hu. Us din jo bra aur panty teri leke gaya tha , wo usne dekh li mere room me , isliye use batana pada ki wo bra aur panty kaha se aayi. Ab wo mujhse roj request karta hai tujhe chodne ke liye meri randiii....

Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 12

   ( Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 12 )
मैं - ह ह हा बोलो" घबराहट के कारण हकला जाता हूं।

शालिनी - अरे तुम इतना घबरा क्यूँ रहे हो भाई... और वो मेरा चेहरा देख कर मुस्करा देती है, मेरा डर कम हो जाता है।

मैं- नहीं यार घबरा नहीं रहा हूँ" 

शालिनी - यार जबसे वो दोनो वीडियो देखें हैं ना भाई तब से बड़ा अजीब सा लग रहा है,, ये सब है क्या ? प्लीज़ फ्रेन्ड ... 
और वो नज़र नीची करके कार्नर में देखने लगी ।

मैं- तुम्हें अब क्या जानना रह गया है स्वीटू ?

शालिनी- बहुत कुछ .... वो लड़का जैसे तेज़ तेज़ करता है तो दर्द नहीं होता है क्या ?

मैं- हिलाने से दर्द नहीं होता है, हर लड़का अपनी कामाग्नि को शांत करने के लिए हिलाता है, इसे मुठ मारना भी कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में masturbation कहते है" 

शालिनी यह सुनकर हैरान रह जाती है, उसे यह बात बिलकुल पता नहीं थी। शायद उसकी बुर में भी अचानक सरसराहट पैदा हो गई थी,उसे अब इन बातों के बारे में सुनना बहुत अच्छा लग रहा था।

शालिनी -" क्या तुम भी हिलाते हो उतनी ही तेज हाथ से ?"

मैं - यार, इस टापिक को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है अब बताने मे ...

शालिनी- भूल गये तुम मेरे गुरु हो और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, भाई जी मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से मैं पूछ नहीं सकती हूँ, एक तुम ही तो हो जिससे मैं बात कर सकती हूँ ...

शालिनी के इस तरह के सीधे सवाल सुनकर मैं हिल गया लेकिन शालिनी की बात भी मुझे ठीक लगी,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो, 

मैं बेड के कोने पर बैठा था और सामने शालिनी बेड पर उकडू बैठ कर मेरी बातों को ध्यान से सुन रही थी, मेरी नज़र शालिनी की टांगो के बीच में चली जाती है, बुर बाली जगह निक्कर गीला हो गया था, मैं समझ गया कि शालिनी की बुर पानी छोड़ रही है। 


मैं -" हाँ यार, करता हूँ कभी कभी?"



शालिनी यह सुनकर शरमा जाती है।


शालिनी -"अच्छा ,,यह ..यह काम करते क्यूँ है, मतलब हिलाते क्यूँ हैं?"

मैं अब बिना झिझक बोलने लगा

मैं -" जब एक्साइट हो और सेक्स करने का मन होता है तो हाथ से हिला कर लड़के मजा ले लेते हैं, जिन लड़को की शादी हो जाती है या उनकी गर्ल फ्रेंड होती है वो सेक्स कर लेते हैं उनको हिलाना नहीं पड़ता" 

शालिनी बड़े गौर से सुनती है और मुस्करा कर बोलती है

शालिनी -"अच्छा इसका मतलब तुम्हारा मन सेक्स करने के लिए करता है इसलिए तुम हिलाते हो " 

मैं- "हाँ बेबी,, लेकिन यह काम तो लड़कियां भी करती हैं देखा नहीं था वीडियो क्लिप में .....

शालिनी- हां, लड़कियां भी करती हैं बट

मैं -"लड़कियां ऊँगली करती है" 

शालिनी हैरान रह जाती है क्योंकि उसने तो कभी ऊँगली की ही नहीं।

शालिनी- "क्या ऊँगली करती हैं,जब सेक्स करने का मन होता है तब" 

मैं-"हाँ बेबी, तुम नहीं करती हो कभी , कभी-कभार 

शालिनी अब तक काफी हॉट फील कर रही थी,जीवन में पहली बार उसे कुछ कुछ हो रहा था,जो बड़ा आनन्दायक लग रहा था शालिनी को ।

मैं- " नहीं यार, मैंने आज तक ऐसा कभी नहीं किया" 

मैं-" तुमको सेक्स करने का मन नहीं करता कभी" 

शालिनी -'अब तक तो कभी नहीं किया लेकिन वो वीडियो क्लिप देखने से पता नहीं क्यूँ बड़ा अजीब सा लग रहा है मुझे" 


मैं - अरे यार, इससे पहले जब तुमने मूवी में उस राजा भैया और दीदी को सेक्सुअल हरकतें करते देखा तो कुछ अजीब सा महसूस किया था तुमने ...

अब मेरा लंड जोर जोर से झटके मार रहा था, फ्रेन्ची में तम्बू बन गया था जिसे शालिनी देख रही थी।

शालिनी -"नहीं मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ था, मजा आ रहा था बस उनकी हरकतें देख कर ,क्या कोई कमी है मुझमे" 
शालिनी थोड़ा सा घबराती हुई बोली।

मैं - नो नो बेबी, कमी तो नहीं है यार, अगर कमी होती तो तुम्हारा पानी नहीं निकलता वहां से, स्खलन तो हो रहा है तुमको" 

मैंने शालिनी की बुर की ओर इशारा करते हुए बोला, शालिनी यह देखकर शर्मा गई ,,

शालिनी- "धत् बड़े बेशरम हो ...अपनी ही बहन की ओर इशारा कर रहे हो ....

मैं- यार, इसमें अब शर्म कैसी तुम मेरी शिष्या हो तो सटीक जानकारी तो देनी ही पड़ेगी, और और एक बार रात को भी तुम्हारे वहां से पानी निकल रहा था" 

शालिनी - तुमने देखा था पानी निकलते हुए,पता नहीं कब से ये प्रॉब्लम हुई है,किसी डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा क्या?" 

मैं- अरे नहीं यार, डॉक्टर की जरुरत नहीं है, एक बार तुम ऊँगली कर लो,सारा पानी एक बार में ही निकल जाएगा,फिर बार बार नही निकलेगा" 

मेरी ऐसी खुल्लमखुल्ला बातें सुनकर शालिनी शर्मा जाती है

शालिनी- नहीं भाई, मुझे डर लगता है, ऊँगली अंदर जाएगी तो दर्द होगा" 


मैं उसकी बचपने भरी बातें सुनकर हंसने लगा और माहौल को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की



मैं- तो शादी के बाद क्या करोगी तुम जब पेनिस अंदर जाएगा, तुम अपना डर अभी ख़त्म कर लो तो अच्छा है बाद में परेशानी होगी,ऊँगली तो फिर भी छोटी होती है और लड़कियां तो केला,मूली गाजर और पता नहीं क्या क्या डालती हैं" 

शालिनी- व्हाट ? पेनिस अंदर कैसे जायेगा इतनी सी जगह में, पागल कुछ भी बोल देते हो ...

मैं- अरे यार, असली सेक्स में पेनिस लड़की की वजाईना के अंदर ही जाता है.... 

शालिनी- हूं ... नहीं यार, ये सब मुझसे नहीं होगा , मुझे डर लगता है 

मैं - हे बेबो , ऊँगली करने में तो मजा आता है, देखा नहीं था वीडियो में, ऐसा करो, तुम बाथरूम में जाकर एक बार ऊँगली करके आओ, वरना तुम्हारी पैन्टी और निक्कर ऐसे ही गीली होती रहेगी ,,,

शालिनी- वो पैन्टी मैंने पहनी ही नहीं है ।

शालिनी शर्मा रही थी,लेकिन फिर कुछ सोच कर बाथरूम में चली जाती है, 

अंदर जाकर शालिनी ने शायद निक्कर उतारकर कमोड पर टाँगे फेला कर चूत को मसला हो और शालिनी को हल्का हल्का सुरूर चढ़ा हो, शालिनी हौले हौले चूत को रगड़ती है,चूत से लगातार पानी रिस रहा होगा , शालिनी अपनी एक ऊँगली आराम से चूत में घुसेड़ती है,उसे ऐसा लगा जैसे पेनिस घुसेड़ दिया हो, शालिनी घुसेड़ती है फिर निकालती है ऐसा कई बार करने से उसे मजा आने लगा होगा और शालिनी जोर जोर से ऊँगली अंदर बाहर करने लगती है, शालिनी तेज तेज सिसकियाँ लेती है, कभी चिल्लाती है, दरवाजे के बाहर खड़ा मैं सब सुन रहा था। मैं बाथरूम के दरबाजे के बाहर से ही बोला .... 

मैं -" बेबो कैसा लग रहा है तुमको, 

शालिनी मेरी बात सुनकर बोलती है, शालिनी की सिसकियाँ बड़ी तेजी से चलने लगती है,कभी कभी उत्तेजना के मारे कमोड पर गांड़ भी उछाल दे रही थी।

शालिनी -"ह ह हाँ सच कहा भाईईईईई बहुत मममजा अ अ आ रहा ह ह है,मुझे कुछ हो रहा ह है सा .. गर" 
और शालिनी जीवन में पहली बार झड़ जाती है, बुर से पानी की पिचकारी छुट्ती है, बहुत सारा पानी निकलता है,ऐसा लग रहा था, शालिनी मूत रही हो। शालिनी का जिस्म ठंडा पड़ने लगता है, वो पानी से साफ़ करती है अपनी बुर और टाँगे, 

मेरा लंड भी झटके मार रहा था, मैं भी मुठ मारे बिना नहीं रह पाऊंगा ऐसा मुझे लगा। शालिनी बाथरूम से निकलती है, पसीने से लथपथ 
मेरी और शालिनी की नजरें मिलती है, और शालिनी शरमा जाती है।

मैं- मजा आया न बेबी , अब जब भी तुम्हारा मन करे तब कर लिया करो"

शालिनी- मुझे लगता था की दर्द होता होगा,पर वाकई में बहुत अच्छा लगा, वास्तव में तुम एक अच्छे गुरु हो ..

मैं- मान गई ना, अब तुम कमरे में जाओ, मुझे भी बाथरूम जाने दो,मेरा भी मन कर रहा है बहुत ....

मैं हँसते हुए बोला और शालिनी मेरे खड़े लंड की तरफ देखती है जो पूरा खड़ा हुआ था, 

शालिनी -"ओह्ह्हो जाओ जल्दी से कर लो ,,, हा हा 

मैं- क्या कर लू मेरी प्यारी बहना " 
मैंने मजाक करते हुए बोला और हँसने लगा....

शालिनी- इसको हिला कर शांत कर लो...

शालिनी मेरे खड़े लंड की ओर इशारा करती है, जो फ्रेन्ची में तम्बू बना हुआ था,

मैं जैसे ही बाथरूम में घुसा तो फिसल गया और फर्श पर पड़े पानी को हाँथ से छु कर देखा , थोड़ा गाढ़ा और चिपचिपा पानी पड़ा हुआ था, मैं समझ गया कि यह शालिनी की बुर से निकलने बाला कामरस है, बाथरूम का दरबाजा खुला हुआ ही था अब तक,,,
शालिनी ने मेरे फिसलने की आवाज सुनी और दौड़ कर आ गई

मैं- यह तुम्हारी बु .... सॉरी वजाईना से निकला हुआ पानी है,बहुत चिपचिपा और गाढ़ा है इसलिए फिसल गया" मैं हाथ पर लगे बुर के कामरस को दिखाते हुए बोला। शालिनी मेरे द्वारा बुर बोलने पर शर्मा जाती है, मैंने भी बुर शब्द पूरा ना बोलकर वजाइना बोल दिया था ।।

शालिनी- ओह्ह सॉरी यार, साफ़ करना भूल गई, तुम हाथ धो लो ये गन्दा है 

मैं- नो यार, यह गन्दा नहीं होता है,इसमें भी मेरे लिक्विड जैसे मदहोश करने वाली खुशबू है, मुझको तो यह पानी बहुत पसंद है, इसी पानी से में अपने पेनिस की मसाज करूँगा, मुझे झड़ने में आसानी होगी" शालिनी ये सुनकर हैरान हो जाती है।

शालिनी- ओह्हो भाई , ऐसा मत कर तुम्हें इंफेक्सन हो सकता है" ।

मैं- तुम्हें अगर परफ्यूम चाहिए हो तो अपनी ब्रा ...


शालिनी- नहीं नहीं ,यू आर टू मच नाटी ...

मैंने उसकी एक नहीं सुनी और बाथरूम का दरबाजा बंद करके फ्रेन्ची से लंड को आज़ाद करके शालिनी के कामरस को अपने लंड पर लगा कर मसाज करते हुए और तेज तेज मुठ मारने लगा, शालिनी का चूतरस मेरी उत्तेजना और बढ़ा देता है और कुछ ही देर में मैं झड़ गया और सफाई करने के बाद रूम में आ गया ।


मैं पसीने से लथपथ हो गया था और शालिनी के पास बेड पर उसके बगल में लेट गया,,, कूलर की ठंडी हवा में कुछ आराम मिला , शालिनी काफी रिलैक्स लग रही थी, हम लोगों में काफी देर तक कोई बात नहीं हुई ।

ये अभी अभी जो हम दोनों ने किया था उसके बाद हम दोनों के बीच प्रेमी-प्रेमिका वाले प्यार के होने की संभावना लग रही थी और आगे क्या होगा हम दोनों शायद यही सोच रहे थे ,,, अभी तो रात के नौ बजे थे .... मतलब अभी तो 


"रात बाकी बात बाकी"



कुछ देर बाद मैंने टीवी आन कर दी और गाने देखने लगा ,, 
कुछ देर ऐसे ही नार्मल बातें करते हुए हम सो गए ।

सुबह सवेरे से आज मेरा मन बड़ा चंचल और उतावला हो रहा था कि अब गाड़ी पटरी पर है और अपनी रेल जल्दी ही शालिनी की पटरी यानी बुर पर दौड़ सकती है ,,,, मगर कैसे ....

हम दोनों नाश्ता करने के बाद फ्री बैठकर पेपर पढ़ रहे थे और मैंने धीरे धीरे बातों का सिलसिला बढ़ाया 

मैं- यार तुमने अपनी पैड वाली ब्रा नहीं पहनी अब तक किसी दिन ।

शालिनी- अरे भाई अचानक कैसे याद आ गई .. 

मैं- स्वीटू मेरा मन तो तुम्हें पेंटी ब्रा में देखने का है बस ... मैं बेशरम हो कर बोल गया।

शालिनी- ओह्ह भाई ...मेरी वो ब्रा और पेंटी तो बहुत छोटी हैं, उन्हें तो पहनने का मन ही नहीं करता" 

मैं- लेकिन उसने तो ब्रा और पेंटी तुम्हारे साइज़ की दी थी,34 साइज़ था , लगता है तुम्हारी चूचियों का साइज़ बढ़ गया है।।

शालिनी- धत् पागल.... चूचियाँ बोलते हैं शर्म नहीं आती,कल बाथरूम में भी आपने बु .... बोला था,में समझ गई थी तुम क्या बोलना चाहते थे ... ही ही हंसते हुए

मैं- ओह्ह्ह बेबी, इनको चूचियाँ ही बोलते हैं और इसको बुर .... 

शालिनी- ओह्ह्ह कितना गन्दा बोलते हो,,, तुम पक्का बेशरम हो , चूंची को बूब्स और बुर को वजाईना बोला करो ... वैसे तुम अपने पेनिस को क्या बोलते हो ?? 

मैं- लंड बोलता हूँ इसको, और मुझे तो शुद्ध देहाती भाषा बोलना अच्छा लगता है" 

शालिनी- तुम पागल हो एक दम और तुम मुझे भी बेशरम बना कर छोड़ेगे" लंड ...

मैं- पागल नहीं हूँ मैं ,, इतना प्यार करने वाला भाई तुमको नहीं मिलेगा कहीं,जो तुमको ज्ञान भी दे" हा.... हा ...

शालिनी- "हाँ तुम तो गुरु हो ही मेरे अब ...

मैं- अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में कुछ नहीं दोगी ??

शालिनी- हाँ तो बोलो मेरे गुरु जी,आपको क्या चाहिए?"

मैं- (थोड़ा सा सीरियस होकर) पहले प्रोमिस करो,जो मांगूगा वो दोगी" 

शालिनी कुछ देर पहले सोचती है फिर हाँ कर देती है ।

शालिनी- हाँ बोलो ...क्या चाहिए,मिलेगा बस वो मेरे पास होना चाहिए " 


मैं- वो वो .. मैं ना ... आज हम-दोनों साथ में नहाते हैं बचपन की तरह ..

शालिनी ये सुनकर चौंक जाती है।

शालिनी- यार भाई .. यह मुझसे नहीं होगा" 

मैं- तुमने वादा किया है मुझसे" 

शालिनी बहुत देर सोचती फिर हाँ बोल देती है ।

शालिनी- ठीक है, कब ?"

मैं- अभी और प्लीज एक रिक्वेस्ट और ..

शालिनी- अब और क्या ?

मैं- वो बेबो .. वो तुम वो .. पैड वाली ब्रा पैंटी भी पहन लेती तो .. प्लीज़ ...


शालिनी - ( कुछ सोच कर मुस्कुराते हुए) ठीक है फ्रेन्ड, पहले मैं बाथरूम में पहन कर आती हूँ, अभी तो पहनी नहीं है मैंने"

और वो उठकर ब्रा और पेंटी निकालने लगती है,

शालिनी- भाई, ये छोटी सी है और इसमें सबकुछ दिखता है, ये नहीं" 

मैं- प्लीज़ बेबी,, यही पहनो" 

शालिनी मान जाती है और बाथरूम में अपने कपड़े उतार कर ब्रा पेंटी पहन लेती है । शालिनी बाहर आने में शर्मा रही थी, बाहर खड़ा मैं बैचेनी से शालिनी का इंतज़ार कर रहा था। शालिनी शर्माती हुई दरबाजा खोल देती है । 



मैं जैसे ही बाथरूम में घुसा सिर्फ फ्रेन्ची में और मैं प्यासी नज़रो से शालिनी के मदमस्त जिस्म को देख कर झकझोर जाता हूं, सफ़ेद दूधिया जिस्म पर लाल पैडेड कसी हुई ब्रा जिसमे उसकी चुचियां समा नहीं पा रही थी, उसका कोमल पेट और उसकी नाभि चार चाँद लगा रही थी, जैसे ही नज़र पेंटी पर गई तो लण्ड ने फ्रेन्ची के अंदर बगाबत सुरु कर दी, मेरा लंड झटके के साथ संघर्ष करने लगा और फ्रेन्ची से आज़ादी पाने के लिए जंग छेड़ देता है, शालिनी की पारदर्शी पेंटी में उसकी कोमल अनछुई चूत की दरार साफ़ झलक रही थी, पेंटी इतनी छोटी थी कि सिर्फ बुर की दरार ही छुपी हुई थी,गोल और गदराई गांड साफ़ दिखाई दे रही थी, मैं कुछ इंच दूर से आँखें फाड़े शालिनी के जिस्म को निहार रहा था, शालिनी बेचारी खड़ी शरमा रही थी।

शालिनी- तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी बहन को इस तरह आँखे फाड़े देख रहे हो... अब मुझे शर्म आ रही है भाई.. जल्दी से नहा लो ।

मैं अचानक से होश में आया 

मैं- रुको तो सही फ्रेन्ड, बाकई में तुम तो बहुत हॉट हो,सेक्सी हो, तुम्हारी चूचियाँ देख कर मेरा मन ललचा रहा है,मन कर रहा है इन्हें निहारता रहूं, और ये तुम्हारी लाल पैंटी पुरे बदन को और ज्यादा कामुक बना रही है ।

मेरा लंड फ्रेन्ची में तम्बू बना हुआ था जिसे शालिनी देख लेती है।

शालिनी- "कितने बेशरम हो तुम, अपनी ही फ्रेन्ड के बूब्स देख कर तुम ललचा रहे हो और तुम्हारा लालच तुम्हारी चढ्ढी में तम्बू बनकर मुझे डरा रहा है ... ही ही ही ... शालिनी मेरे लंड की ओर इशारा करती है।

मैं- ओह्ह फ्रेन्ड,,, मेरा लंड ही नहीं पूरा रोम रोम खड़ा है तुम्हारी सुंदरता देख कर" 

शालिनी लंड शब्द सुनकर फिर शर्मा जाती है।

शालिनी- छी ...कितना गन्दा बोलते हो तुम, लंड की जगह पेनिस भी तो बोल सकते हो ... 

शालिनी हल्की कामुक मुस्कान के साथ बोली
हम दोनों अभी भी एक दूसरे से हल्का सा दूरी बनाए हुए बाथरूम में खड़े हुए थे!!

मैं- अरे फ्रेन्ड मैं गुरु हूँ तुम्हारा , और मेरे द्वारा बोले गए हर शब्द से एक प्रतिक्रिया भी होती है, अब देखो न मैने लंड शब्द बोला तो तुम्हारी बुर से पानी बहने लगा है, तुम्हारी पेंटी फिर से गीली हो गई है बेबी 

और शालिनी जैसे ही अपनी पेंटी देखती है तो हैरान रह जाती है, पेंटी भीग चुकी थी ।

शालिनी-" ओह्ह्हो भाई... तुम्हारी बातों में ये कैसा जादू है, इस तरह से यह गीली होती रही तो मेरे सारे कपडे गंदे होते जाएंगे हमेशा, क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा होता है, मतलब तुम्हारा भी गीला हो जाता है क्या" 

मैं अपनी फ्रेंची पर भी वीर्य लगा हुआ देखता हूं , फ्रेंची में मेरा लंड खड़ा हुआ था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई बन्दुक रखी हो फ्रेंची में, शालिनी देख कर स्तंब्ध रह जाती है, आँखे फाड़े कच्छे को देखती है,और अपनी कल्पना में लंड की लंबाई चौड़ाई का मापन करने लगती है शायद ।

मैं- "देखो फ्रेन्ड मेरा भी पानी निकला है, तुमको इस तरह देख कर, लेकिन तुम्हारी बुर से ज्यादा पानी निकल रहा है,मन करता है चाट लू जीव्ह डालकर" 

शालिनी यह सुनकर हैरान रह जाती है, बुर चाटने के नाम पर पानी और ज्यादा बहने लगा उसका और उसने शावर आन कर दिया और ...

शालिनी- ही ही .. हंसते हुए जी .. भाई क्या हुआ ...अपनी ही बहन की वो चाटने की बात कर रहे हो , बहुत गन्दे हो रहे हो तुम ... यह भी कोई चाटने की चीज है" 

मैं शावर के नीचे खड़े हो कर भीगने लगा, मगर शालिनी अब भी कार्नर में ही खड़ी थी , 

मैं- भाई नहीं अभी के लिए गुरु हूँ, तुम मेरी शिष्या हो, एक बात सच सच बोलो!

शालिनी- जी .. गुरु जी ...

मैं- क्या तुमको मेरी बातें सुनकर अच्छा लग रहा है ।

शालिनी सोच में पड़ जाती है और इस बीच पानी की फुहारों से हल्का हल्का वो भी भीग रही थी,,,

शालिनी- हूं ...अच्छा लग रहा है, तुम्हारी इन बातों में पता नहीं कैसा जादू है ,, 

मैं यह सुनकर खुश हो गया और उसे अपने पास शावर के नीचे हल्का सा खींच लिया और उसे भी भिगाने लगा । मगर मैंने अभी तक उसके शरीर को सेक्सुअल तरीके से छुआ नहीं था ।

मैंने साबुन उठाकर शालिनी के हाथ में देते हुए कहा कि मेरी पीठ पर लगा कर सफाई करो ..

उसके कोमल हाथों से अपनी पीठ की मालिश जैसे करने के कारण मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा था और मैं आगे घूम कर शालिनी की ब्रा में भीगी हुई चूचियों को देखते हुए बोला - आगे भी लगा दो ।।

उसने जल्दी-जल्दी मेरे सीने कंधे और पेट पर साबुन लगाया और मुझसे कहा - अब शावर आन कर दीजिए ...



मैंने शावर आन करके अपने आप को हल्का साफ किया और साबुन हाथ में लेकर बिना झिझक के शालिनी की मस्त चिकनी पीठ पर लगाने लगा , उसकी ब्रा की स्ट्रिप अटक रही थी वरना तो गर्दन से लेकर नीचे कमर की पैंटी तक मैं बदस्तूर अपने हाथ फिराता रहा,, 

अब मदहोशी में हम दोनों की सांसें तेज चल रही थी और बाथरूम में गर्मी बढ़ती जा रही थी और

मैं शालिनी से बोला- बेबी अपनी चूचियाँ दिखा सकती हो, और.... और बुर भी..

शालिनी फिर से चोंक जाती है,लेकिन आज आग शालिनी के जिस्म में भी लग चुकी थी, वो भी चाहती थी, मैं अब उसको चाटूं और बूब्स को मसलूं 

शालिनी- देख कर क्या करोगे , अब ये लास्ट कपड़े मुझसे मत उतरवाआओ ,,

मैं -"प्लीज़ एक बार" 

शालिनी कुछ देर सोचती है फिर बोलती है।

शालिनी - (आंखें बंद करके) तुम खुद देख लो ना ..,मुझे कपड़े उतारने में शर्म आती है ।

मैं यह सुनकर खुश हो गया और शालिनी को गले लगा लिया, कसकर,,,, शालिनी की चूंची मेरे नंगे सीने से रगड़ गई और ...और मेरा लंड शालिनी की बुर पर रगड़ गया ।

मैंने अपने हाथों से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी नंगी पीठ पर साबुन लगाते-लगाते सामने चूचियों को भी हल्के हल्के से छू कर सहलाने लगा,, वो मदहोशी में आंखें बंद ही किये थी ।

मैं- ओह बेबी ... तुम्हारे रसीले होंठ चूसने का मन कर रहा है और ये बोलते ही मैं शालिनी के रसीले होंठों को चूसने लगा ,,, शालिनी भी गर्म थी,दोनों लोग एक दूसरे को चूमने चाटने लगे, हम दोनों के लिए ये पहला अनुभव था और हम दोनों ही सेक्स करने वाली पोजीशन में आ गए थे।।

कुछ देर बाद शालिनी अपनी जीव्ह मेरे मुह में डाल देती है, मैं उसको लोलीपोप की तरह चुसने लगा और
दस मिनट लिप्स चूसने के बाद मैं शालिनी की चूचियाँ मसलने लगा और ब्रा को पूरी तरह उतार कर निप्पल मरोड़ने लगा ।


मैं अब शालिनी की क्लिट को छेड़ रहा था तब उसका शरीर कांप सा जाता था। उसको एक झुरझुरी सी होती थी। मैंने अपनी एक उंगली ढेर सारे साबुन के साथ उसकी बुर के छेद में घुसेड़ दी। ओह... बुर अंदर से बहुत गर्म थी और मुलायम भी थी। उसकी बुर अंदर से पूरी कामरस से भरी हुई थी।


मैं अपनी उंगली को धीरे-धीरे बुर के अंदर और बाहर करने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी दूसरी उंगली भी बुर में डाल दी। ये तो और भी आसानी से बुर में समा गई। मैंने दोनों उँगलियों से शालिनी की बुर को चोदना शुरू किया।

मैंने लपक कर उसकी एक चूंची को मुँह में भर लिया और चूसने लगा, बीच बीच में मैं चूचुकों को दांतों से दबा देता तो शालिनी सिसक उठती।

बारी बारी दोनों चूचियों को चूसने के बाद मैंने चूचियों की निचली गोलाइयों को जीभ से चाटना शुरू किया. शालिनी ने मेरे बालों को पकड़ कर अपने चूचों पर दबाना शुरू कर दिया। अब मैंने नीचे खिसकते हुए शालिनी को पेट पर चाटना किस करना शुरू किया, 
शालिनी बार बार ‘स्स्स धीरे करो न भाई … प्लीज स्स्स हल्के से…’ प्लीज बोल रही थी।


शालिनी की तेज सांसों की आवाज मुझे साफ़-साफ़ सुनाई दे रही थी। थोड़ी देर के बाद शालिनी का शरीर अकड़ गया, कुछ ही देर के बाद शालिनी शांत हो कर कमोड की सीट पर बैठ गई। शालिनी की बुर में से ढेर सारा पानी निकलने लगा था और बुर के पानी से मेरा पूरा हाथ गीला हो गया ।

हम दोनों के लिए ये सब पहला अनुभव था और हम दोनों में बात नहीं हो रही थी बस चुम्मा चाटी और दबाना सहलाना शुरू था, हमारी सांसें जब कुछ संयमित हुई तो शालिनी ने कहा 

शालिनी (मदहोश आवाज में) अब नहा लो भाई बहुत देर हो गई है हमें बाथरूम में ।

उसकी ये बात सुनकर मैं खुश हो गया कि शालिनी को मेरे चुम्मा चाटी और बुर में उंगली करने की कोई शिकायत नहीं है मतलब अब और आगे बढ़ा जा सकता है और ... हंसते हुए ..

मैं- हां नहाते हैं बट तुम भी मेरे कपड़े निकालकर मुझे नंगा करो ना अपने जैसे....

शालिनी- (मुस्कुराते हुए मेरे फ्रेन्ची में तम्बू देखते हुए) मैं क्यों करू?? शालिनी ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा 

मैं- प्लीज़, यार! निकालो ना मेरी चढ्ढी ..तुम्हें क्या तकलीफ़ है इसमें??

शालिनी- ना रे बाबा.. तुम्हें चाहिए तो तुम खुद निकालो अपने कपड़े.

मेरी तरफ तिरछी निगाहो से देख वो हंस के बोली






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