Meri rundy mom leela part 3

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  ( meri rundy mom leela part 3 ) Pichli story me aap logo ne pada hoga kaise meri randi mallu mummy mere dost suresh se jamke chudwati haiiii aur ab suresh jab bhi mummy ka off hota , ghar pe aa jata tha aur meri chudakkad mummy ko jee bhar ke chodta tha. Aise ek din dono chudai kar rahe the ki tabhi. Suresh – meri jaan leela tumse kuch puchana hai. Mummy – bolo mera rajaaaaa Suresh – mera ek dost hai aur wo bhi tumhe chodana chahta hai. Mummy – ye kya bol rahe ho , ye nahi hi sakta. Suresh – meri baat tu sun meri raand.Wo mera jigri yaar hai aur usko maine tere baare me sab bata rakha haii. ✕Mummy ghabra ke suresh ko dhekhne lagii. Suresh – are ghabrane ki jarurat nahi hai meri leela raand.Maine bas use ye bataya hai ki maine ek aunty patayi hai aur usse chodta hu. Us din jo bra aur panty teri leke gaya tha , wo usne dekh li mere room me , isliye use batana pada ki wo bra aur panty kaha se aayi. Ab wo mujhse roj request karta hai tujhe chodne ke liye meri randiii....

Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 5

    ( Bhai ne chhoti behan Ko Pattaya part 5 )
शालिनी ने पीछे कमरे से मुझे आवाज दी तो मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने कहा भाई मैं अपने कपड़ो की फिटिंग चेक कर रही हूं, आप भी अपनी जींस चेक कर लीजिए, बट मैंने कहा मैं सुबह चेक कर लूंगा, तुम ट्राई कर लो.... मैं हसीन नजारे को देखने की तमन्ना लिए लेटकर टीवी देखता रहा.....


थोड़ी देर में शालिनी ग्रीन कलर की टीशर्ट और डार्क ब्राउन कलर की जींस पैंट पहने मेरे सामने खड़ी थी। वह बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। उसके बाल पूरे खुले हुये थे।

शालिनी - भाईजी, ये पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज २८ देख के लिया था। लेकिन ये यहाँ मेरी थाईज पे बहुत टाइट है।

मै - (टाइट पैंट में शालिनी की जांघें कसी-कसी थी और उसकी चूत का उभार भी साफ़ नज़र आ रहा था) हाँ , ये थोड़ी तो टाइट है। लेकिन इसमें तुम अच्छी दिख रही हो ।
(मैंने मुस्कराते हुए कहा और उठकर बैठ गया)

शालिनी -भाई,वो .... वो... मैंने ये पैंट बिना पैन्टी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है, तो पैन्टी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी।

(बिना पैन्टी के ?? शालिनी कीे बात सुनते हीे मैंने अपनी नज़र उसकी बुर वाले हिस्से पे गड़ा ली। ओह ....... शालिनी की बुर मुझसे बस कुछ इंच की दूरी पर थी । मेरा लंड खड़ा होने लगा)

शालिनी - (थोड़ा उदास होते हुये) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।

मै - कोई बात नहीं मेरी स्वीट बहना, ये अभी हल्का सा ढीली होयेगी पहनने पर, इसका फैब्रिक ऐसा ही है और नहीं तो दूसरी ले लेंगे। तुम बाकी के कपड़े भी ट्राई कर के देख लो,,,, ब्रा और पैन्टी भी ... कहीं वो भी तो छोटी नहीं है ?

मैंने मौका देख कर चौका मारा....

शालिनी - ठीक है भाई जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपड़े भी ट्राई करती हूँ।


मै बेड पे बैठ गया, और शालिनी पीछे मुड़ कर कमरे में जाकर कपड़े उतारने लगी । आज के पहले वो हमेशा दरवाजा ढलका करके कपड़े बदलती थी और मैंने कभी उसे चोरी से देखा भी नहीं था, कपड़े बदलते हुए, मैं हल्का सा बेड से उतर कर पीछे कमरे की तरफ देखा तो खुले दरवाजे से उसकी नंगी गोरी चिकनी पीठ मेरे सामने थी ।

शालिनी शापिंग बैग से उसकी रेड ब्रा निकाल के पहन रही थी, शालिनी अपने हाथ पीछे करके ब्रा का हुक लगा रही थी, उसकी गोरी पीठ पर लाल ब्रा की सिर्फ एक पट्टी,,,,

मैं सोचने लगा की शालिनी के सामने से बूब्स अभी कैसे दिख रहे होंगे। मैं दिवार के तरफ पिलो लगा कर बैठ गया और वहां से शालिनी को ऐसे अधनंगा देख मेरा लंड रगड़ने का मन करने लगा और मैं अपना हाथ बरमूडे में डालकर लंड को मसलने लगा।

शालिनी ने बिना मेरी तरफ मुड़े अपनी ब्रा पहन ली,मेरा एक हाथ अभी भी लंड को मसल रहा था। शालिनी ने एक टॉवल लपेटकर अपनी पैेंट उतार कर बेड पे फेंक दी और पैर उठा के पेंटी पहनने लगी। मैं तेजी से मुठ मार रहा था। उसने पैेंटी और ब्रा पहनने के बाद टॉवल को नीचे गिरा दिया और मेरी तरफ मुड़ गई। 

मेरी तो जैसे साँस ही अटक गई।। मेरी जवान बहन अपने भरे-भरे बदन को सिर्फ एक रेड कलर के ब्रा और पैन्टी में ढके मेरे सामने कुछ दूर खड़ी थी, शालिनी ने कई बार अपनी बाडी को इधर उधर करके अपने आप को एडजस्ट कर रही थी और फिर वो मेरी तरफ बढ़ी..... सिर्फ लाल पोल्का डॉट्स ब्रा और लाल रंग की पैंटी में.... क़यामत लग रही थी वो .....

मैने अपना हाथ स्लो कर दिया ताकि शालिनी को पता न चले के मैं मुठ मार रहा हूं।

शालिनी - (मेरे एकदम करीब आकर)कैसी लग रही हूँ भाईजी, इसकी फिटिंग तो ठीक है।

मैं - (मेरी साँसे तेज़ थी) बहुत अच्छी लग रही हो बहना,,,,, लाल कलर के ब्रा पैन्टी में बहुत गोरी लग रही हो.... और और.... सेक्सी भी... मैंने एक झटके में बोल दिया ।

शालिनी - (हँसते हुवे ) सच्ची भाई, ,,, मुझे भी इसका कलर बहुत पसंद है।

मेरे सामने ही अपने ब्रा को छूते हुये बोली....

शालिनी - भाई जी, इस ब्रा की क्वालिटी कितनी अच्छी है ना ? वैसे भी ये आपकी पसंद की हुई है ।

मै- (मैं हिम्मत करके शालिनी के पास आया और अपने हाथ उसके काँधे के पास ब्रा को हल्का सा छूते हुए बोला-- हाँ इसका फैब्रिक तो बहुत अच्छा है और फिटिंग भी,,,,

मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे किया और साइड से शालिनी कीे ब्रा के थोड़ा सा अंदर हाथ ड़ालते हुये ब्रा के कपड़े को छूने लगा। मेरी उंगलियों ने शालिनी की जानकारी में पहली बार उसकी नंगी बूब्स को महसूस किया था ।

मैंने हाथ को जल्दी से वहां से हटा लिया क्योंकि मैं शालिनी को शक में नहीं आने देना चाह रहा था , इस सब के दौरान मेरा लन्ड इस तरह खड़ा था कि मैं अगर शालिनी को सट जाता तो पक्का वो मेरे औजार को महसूस कर लेती,,,,

मुझे लगा कि आज मेरी लाटरी लग रही है पहली बार मैने शालिनी को छुआ और वो भी सीधे उसके अपर ब्रेस्ट को,,,,, 


शालिनी फिर से अपनी मदमाती गांड़ को लहराते हुए कमरे में जाकर दूसरी जींस टी-शर्ट पहनक पहनकर बाहर आई.... 

मेरा लौड़ा बदस्तूर खड़ा था और मैं उसे छुपाने के बजाय अब और दिखाना चाहता था कि देख मेरी सेक्सी बहना, तुझे देखकर कैसे तेरे भाई का लन्ड बेकाबू हो रहा है ।

शालिनी ने मुझसे पूछा- ये कैसी है ?

मैं- बहुत ही शानदार, इस जींस की फिटिंग तो तुम्हारी थाईज पर भी ठीक आ रही है..... और ये कहकर मैंने उसकी गुदाज और मांसल दाहिनी जांघ को छू लिया, जैसे मैं उसका फैब्रिक देख रहा होऊं ।

शालिनी- थैंक गॉड.... ये फिट है... ... थैंक यू ब्रदर फार शापिंग... यू आर ग्रेट और ये कहकर वो पीछे कमरे में चली गई।

मुझे लगा कि वो और ब्रा पैंटी पहन कर आने वाली है पर उसने अंदर जाकर कपड़े उतारने के बाद समीज और निक्कर पहनी फिर मेरे सामने से निकलते हुए वो सीधे बाथरूम में घुस गई । 

मैंने अपने दिल को समझाया कि बेटा.... कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है... और थोड़ा थोड़ा ही मीठा खाओ, नहीं तो डायबिटीज होने का खतरा रहता है.... मतलब आज ही सारा मजा लेने के चक्कर में कहीं काम ना बिगड़ जाए ।

खैर, रात काफी हो चुकी थी अब तक मेरा लन्ड भी कुछ शांत हो गया था कि शालिनी आकर बेड पर बैठ गई ।

मैं भी उठकर बाथरूम में आया और हस्तमैथुन करने के लिए लन्ड हाथ में लिया, फिर कुछ सोचकर बिना मुठ मारे मैं टायलेट करके शालिनी के बगल में लेट गया और हमने एक दूसरे को गुडनाईट बोला ....


कुछ देर बाद मैंने शालिनी को आवाज दी ... शालिनी..... शालिनी

वो भी अभी जाग रही थी और मेरी तरफ देख कर बोली - जी...

मैं- एक बात पूछूं ?

शालिनी- एक क्या .... कितनी भी पूछिए।

मैं- वो तुम्हे ब्रा के कप साइज और पैड वाली ब्रा, इस सबके बारे में कैसे पता चला ।

शालिनी- सिंपल भाई जी, गूगल बाबा से आप कुछ भी पूछो , उनके पास हर चीज का जवाब है,,,, वो ब्रा के बारे में भी मैंने गूगल से ही डिटेल जाना ।

मैं- ओहो... और क्या क्या सीक्रेट जाने हैं गूगल से ।

शालिनी- और क्या,,,, मतलब मैंने ब्रा डिजाइन सर्च किए फिर सारी डिटेल्स मिल गई ।

मैं- अच्छा,,,, और बाकी कपड़े भी कर ट्राई कर लेना...

शालिनी- जी, और ये कहकर उसने करवट ली और अब हमारे चेहरे आमने-सामने थे कुछ इंच की दूरी पर, फिर उसने आंखें बंद कर ली और मैं समीज के गले से बाहर निकल आई उसकी चूचियों को देखता रहा, उसकी सांसों की महक सीधे मेरी सांसों में समा रही थी....

कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई और आज की रात मैं उसके शरीर से बिना खेले ही सो गया ।



सुबह मैं जब जगा तो शालिनी सो रही थी, मैंने देखा कि उसकी समीज थोड़ा ऊपर हो गई थी जिससे नीचे की तरफ से उसकी दाहिनी चूंची दिख रही थी मैंने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और धीरे से अपना हाथ उसके मखमली पेट पर रख कर ऊंगली थोड़ा सा उसकी चूचियों तक पहुंचाकर सोने की एक्टिंग करके लेटा रहा,,,,, 

ऐसा करते ही मेरा लौड़ा जबरदस्त तरीके से खड़ा हो गया पर अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी,,,, 

काफी देर बाद शालिनी उठी और मेरे हाथ को साइड में करके बाथरूम में घुस गई,,,, 

अब मैंने भी अपनी आंखें खोली, मेरा दिल और लन्ड दोनों बल्लियों उछलने लगा, क्योंकि अब मुझे यकीन हो गया था कि जल्दी ही मैं अपना हाथ शालिनी की जानकारी में उसकी चूचियों तक पहुंचा लूंगा, दबा लूंगा ।

बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज़ के साथ मैंने फिर से आंखें बंद कर ली और सीधे होकर लेटा रहा, इस तरह लेटने से मेरा लन्ड सीधा छत की ओर निशाना साधे हुए था ।

शालिनी कमरे में आई और मुझे बंद आंखों से ऐसा लगा जैसे वो मेरे लौड़े को ही देख रही हो, और ये सोच कर ही मेरे लौड़े ने हल्का सा झटका खाया, ये शायद कुछ ज्यादा ही हो गया था । शालिनी के किचन में जाकर चाय बनाने की आवाज़ आई ।

कुछ मिनट बाद वो आई और

भाई जी,,,, भाई,, उठिए,,, योर बेड टी इज वेटिंग .... 

और मैंने अपने लौड़े के उभार को उसकी ओर देखते हुए एडजस्ट करने की कोशिश करते हुए उसे गुडमार्निंग बोल कर चाय अपने हाथ में ले ली।

मेरी चाय पकड़ाकर शालिनी अपनी चाय भी किचन से ले आयी और सामने कुर्सी पर बैठ कर चाय पीने लगी, मैं बेड पर ही बैठा था,,,,, आज मैंने गौर किया तो रोज की तरह उसने समीज उतार कर टीशर्ट नहीं पहनी थी, वो अब भी समीज में ही थी, मुझे ये देखकर और अच्छा लगा.... मतलब अब शालिनी भी मेरे साथ कम्फरटेबल है , कम कपड़ों में या या... आने वाले दिनों में बिना कपड़ों के.... सोच कर ही मैं मन ही मन में मुस्कुरा उठा ।

रोज की तरह मैं डेली रूटीन के काम करते हुए, शालिनी के मदमस्त यौवन को देखते हुए, और नहाने के समय मुठ मार कर, तैयार हो कर नाश्ता करके आफिस के लिए निकल लिया, एक नये दिन और नई उमंग के साथ..... 

दिन में मैंने हमेशा की तरह उसे कई बार वीडियो काल की, और उसने मुझे बताया कि उसने सारे कपड़े चेक कर लिए हैं, साइज और फिटिंग ठीक है। तो मैंने कहा मुझे कक्या पता कि फिटिंग ठीक है कि नहीं ...तो उसने कहा आप खुद देख लीजिएगा आकर, मैं कहीं जा नहीं रही हूं,,,, और हंसते हुए उसने बाय बोल कर फोन कट कर दिया ।

दोपहर तीन बजे शालिनी की काल आई और उसने मुझसे पूछा ...

शालिनी- दद्दा , वो पेन किलर टैबलेट कहां रखी है आपने ?

सागर- क्यों, क्या हुआ मेरी स्वीटी....?

शालिनी- जी... जी, दद्दा , वो मेरा पीरियड शुरू हो गया है और मुझे दर्द हो रहा है।

सागर- ओह,,,, वो मेरी बुक्स की साइड में जो डब्बा है उसी में है,देखो...

शालिनी- जी, मिल गई,

सागर- ज्यादा पेन हो रहा हो तो मैं आ जाऊं और हम किसी डॉक्टर के पास चलते हैं।

शालिनी- नहीं,,, नहीं, भाई जी, ये टेंशन तो हर महीने की है, शुरू के दो दिन पेन रहता है बट पेन किलर से आराम मिल जाता है, आप अपना काम करने के बाद ही आना.... आई एम फाइन दद्दा... डोन्ट वरी .... ।

सागर- ओके बेटा,,,, अपना ख्याल रखना मैं जल्दी ही आ जाऊंगा ।


मैं रात को घर आया और शालिनी से उसकी तबियत के बारे में पूछा तो उसने कहा,
शालिनी- जी, पेन किलर से आराम मिल गया है ।

वो इस समय बेड पर लेट कर टीवी देख रही थी, उसने आज अभी तक समीज और निक्कर ही पहन रखा था, समीज में भी ब्रा की तरह कंधों पर सिर्फ पट्टियां होने से उसके खुले कंधों के नीचे दो नारियल साइज की चूचियों के दर्शन करना एक अलग ही मजा है। मुझे लगा कि इस तरह उसके सेक्सीे शरीर का दीदार आसानी से मिलता रहेगा । वो उठने को हुई तो मैंने मना कर दिया और कहा कि तुम आराम करो, मैं चेंज करके काफी बनाता हूं । मैंने चेंज करके काफी बनायी और शालिनी के पास बेड पर बैठ कर ,हम दोनों काफी पीने लगे, 

मैं- मैं बाहर से जाकर खाना ले आता हूं, तुम आराम करो ।

शालिनी- नहीं,,, नहीं मैं बना लूंगी,ऐसी कोई प्राब्लम नही है, अभी हल्का सा दर्द हो रहा है बस,,,

मैं- अच्छा ठीक है कुछ हल्का फुल्का बना लो, बस... 

आप नहा लो तब तक मैं कुछ खाना बना लेती हूं,,,,

मैंने कुछ देर बाद नहाने के बाद फिर से बिना अंडरवियर के बरमूडा पहना, उपर बनयान भी नहीं पहनी और शालिनी के पीछे किचन में जाकर खड़ा हो गया और उसने मुझे देख कर बोला कि आप दो मिनट बाद गैस बंद कर देना, अब मैं भी जरा नहा लूं....

और वो अंदर कमरे में जाकर हाथ में एक पैड लिए हुए निकली और बाथरूम में घुस गई । मतलब शालिनी अब अपना पैड बदलेगी, शायद पहले वाला ब्लड में भीग गया हो, लड़कियां माहवारी के दौरान अपनी बुर में पैड कैसे लगाती हैं मुझे कोई आईडिया नहीं था, ये सब सोच कर ही मेरे लौड़े में गज़ब की सनसनी हुई ।

मैं पीछे से उसकी लहराती कमर को देखकर फिर से उसके पीरियड के दर्द को भूलकर अपने लिए मौके की तलाश करने लगा, कि शालिनी के साथ शारीरिक छेड़छाड़ या प्यार का कोई मौका मैं कैसे निकालूं ।

मैं गैस बंद करके टीवी देखने लगा और रोज की अपेक्षा शालिनी ने नहाने में काफी समय लगाया, 

और फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने की कोशिश करने लगे,,,, इस बीच काफी बातें होती रहीं इधर उधर की और मैं शालिनी की हिलती चूचियों को देख कर मजा लेता रहा ।

मैं टीवी पर चैनल बदल रहा था फिर एक म्यूजिक चैनल पर एक हाट सांग आ रहा था जिसमें हीरो पूरे सांग में हीरोइन को सिर्फ चूमता और चाटता ही रहता है,,, मैं कनखियों से शालिनी को देख रहा था और वो भी बड़े आराम से सांग देख रही थी ।। उस चैनल पर एक से एक हाट गाने आते जा रहे थे और हम दोनों देखते रहे करीब आधा घंटे तक और फिर हम टीवी आफ करके सो गए।

करीब दो बजे रात को शालिनी ने मुझे जगाया और
फिर शालिनी ने कहा भाई जी थोड़ा सा पेन बढ़ रहा है क्या मैं दूसरी पेन किलर खा लूं, तो मैंने मना कर दिया कि अब सुबह से पहले दूसरी टैबलेट नहीं खा सकते ।

और मैं शालिनी की ओर करवट बदल कर देखने लगा....

मैंने शालिनी के चेहरे को गौर से देखा तो उसके चेहरे से दर्द की रेखाएं नजर आ रही थी, शालिनी ने मुझे ऐसे देखते हुए देखा और 
उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और मेरी आंखों में देखते हुए बोली - भाई आप परेशान ना हों, थोड़ा दर्द तो होगा ही , घर पर कभी कभी रात में ज्यादा होता था तो मम्मी बाटल में गर्मपानी भरकर उससे पेट की सिंकाई कर देती थीं और फिर आराम हो जाता था । 
मैं वैसा ही करती हूं और वो उठने लगी तो मैंने उसे कहा तुम लेटो मैं लाता हुं पानी गर्म करके,,,,

पानी गर्म करके एक कांच की बोतल में भरकर शालिनी को बोला...

मैं- कैसे करना है बताओ तो मैं कर दूं ।

शालिनी- जी, जी, वो भाई मम्मी बोतल को पेट पर रख कर उसे गोल गोल घुमाया करती थी बस आराम हो जाता था,,, 


मैं- ठीक है,,,,


और मैंने बेड पर शालिनी के साइड में बैठ कर पानी भरी बोतल उसके हाथ में छूआते हुए बोला कि देख लो ज्यादा गर्म तो नहीं है, उसने छूकर कहा - ठीक है ।

मैंने धीरे से बोतल शालिनी के पेट पर रख दी और समीज के उपर से ही बोतल को उसके पेट पर घुमाने लगा । 
मैं इस समय ऐसे बैठा था कि शालिनी की दाहिनी जांघ से मेरी जांघ छू रही थी और मैं धीरे धीरे उसके पेट पर हाथ से बोतल घुमाता रहा, इस बीच मेरा लन्ड खड़ा हो गयाशालिनी- जी, जी, वो भाई मम्मी बोतल को पेट पर रख कर उसे गोल गोल घुमाया करती थी बस आराम हो जाता था,,, 
मैं- ठीक है,,,, 
और मैंने बेड पर शालिनी के साइड में बैठ कर पानी भरी बोतल उसके हाथ में छूआते हुए बोला कि देख लो ज्यादा गर्म तो नहीं है, उसने छूकर कहा - ठीक है ।
मैंने धीरे से बोतल शालिनी के पेट पर रख दी और समीज के उपर से ही बोतल को उसके पेट पर घुमाने लगा । मैं इस समय ऐसे बैठा था कि शालिनी की दाहिनी जांघ से मेरी जांघ छू रही थी और मैं धीरे धीरे उसके पेट पर हाथ से बोतल घुमाता रहा, इस बीच मेरा लन्ड खड़ा हो गया, खैर शालिनी ने हल्का सा आंखें बंद कर रखीं थीं और वह इस तरफ देख भी नहीं रही थी, मगर अब मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था अपने हाथों को उसकी चूचियां दबाने, सहलाने से रोकने के लिए, 
पांच मिनट बाद शालिनी ने आंखें खोली और
शालिनी- भाई जी, पानी ठंडा हो गया है अब थोड़ा सा समीज हटा कर पेट पर बोतल रखिए,प्लीज़....
अधनंगी तो वो वैसे ही थी, एक पतली सी समीज उसके अंदर ब्रा भी नहीं,,,,
मैं- ठीक है बेटा, आराम तो मिल रहा है ना,,,, मैंने धीरे से उसकी समीज को उसकी चूचियों तक उठाया जिसमें उसने हल्के से उठकर मदद की, मेरी उंगलियों से उसकी चूची का निचला हिस्सा छू गया.... और मेरे लन्ड ने झटका खाया,पूरे शरीर के रोएं खड़े हो गए,,, 
इन्ही चूचियों को मैं सहला भी चुका था मगर शालिनी के सोते हुए,, शालिनी ने आंखें फिर से बंद कर ली,, अब मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोतल को बार बार उसकी चूचियों से लेकर नीचे उसकी निक्कर तक घुमाने लगा..... मैं बार बार हल्का सा दबाव बनाता जब मेरा हाथ उसकी चूचियों के नीचे जाता,,,, मैं अब खुल कर उसके नंगे, चिकने पेट को सहलाने लगा... मैं अब बिना डरे सिर्फ अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा...
तभी शालिनी के मुंह से आह,,,, उंह,,,, सी,,,,सी,,,, जैसी अजीब सी आवाजें आने लगी... मैं अचानक रुक गया ।
मैं- क्या हुआ स्वीटी,,, दर्द और तेज हो गया है क्या ?
शालिनी ने हल्की सी आंख खोल कर मेरी ओर देखा और उसके चेहरे पर बहुत ही मासूमियत भरी हल्की सी मुस्कान थी ।
शालिनी- भाई जी, अब काफी आराम है, दर्द बिल्कुल कम हो रहा है, प्लीज़ थोड़ा सा और कर दीजिए ऐसे ही... 
मैं- पानी तो बिल्कुल ठंडा हो गया है मैं हल्का गर्म करके लाता हूं।
किचन में पानी गर्म करते हुए मैंने अपने लौड़े को बरमूडे से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने के जैसे उसकी खाल को आगे पीछे करने लगा, मगर मेरा पानी जल्दी नहीं निकल रहा था तो मैं बोतल में पानी भर कर फिर से उसी तरह खड़े लन्ड के साथ फिर से शालिनी के खुले पेट की मालिश करने लगा । कुछ देर बाद शालिनी ने धीरे से कहा--- भाई थोड़ा सा और नीचे...

और मैं अब बोतल को उसकी निक्कर के उपर उसके पेट के नीचे तक घुमाने लगा । मैंने मौके का फायदा उठा कर अपना दूसरा हाथ उसकी पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा । मैं एक साइड से उसकी कमर को दबाकर दूसरे हाथ से बोतल घुमाता रहा,,,, बीच बीच में शालिनी हल्का हल्का ऊंह,,,, आह करती रही, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था... मैंने बोतल रख दी और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स से लेकर चूत के उपर जहां तक पैड था वहां तक सहलाने लगा..... शालिनी की आंखें वैसे ही बंद थी,,,, मैंने सारी हिम्मत बटोर कर समीज के अंदर थोड़ा सा हाथ उपर करके उसकी चूचियों को सहला दिया,,,, उपर से नीचे तक सहलाते हुए मैंने कई बार उसकी चूचियों को सहलाया और धीरे-धीरे मैं उसके पूरे खुले पेट से लेकर चूंची तक सहलाता रहा,,,,, शालिनी के मुंह से हल्की सिसकियां जैसी निकल रही थीं और मैं भी सातवें आसमान पर पहुंच गया था.... लन्ड की नसें फूल कर फटने को हो रही थी कि शालिनी ने आंखें बंद करके ही बोला-

भाई ईईई ... अब मैं ठीक हूं,आप भी अब आराम कर लो....
इस समय भी मेरा दाहिना हाथ शालिनी की बायीं चूंची पर था, समीज के अंदर ही... मैंने उसे हटाया नहीं और शालिनी से कहा- ठीक है, तुम सो जाओ मैं थोड़ा सा और सहला देता हूं ,,,
शालिनी- हूं.... और वो वैसे ही लेटी रही.....
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था कि मैंने अपनी जवानी से भरपूर , हुस्न की मल्लिका, अपनी ही बहन शालिनी की चूचियों को छुआ है और सहलाया भी है और अब तो शालिनी की तरफ से कोई रोक टोक नहीं है,,, 
मैं फिर से अपने काम में लग गया और इस बार मैं समीज को जितना उपर हो सकता था उतना उठा दिया, एक साइड की चूंची का निप्पल भी दिखने लगा । मैं अब धीरे से उठा और शालिनी के दुसरी तरफ जाकर बराबर में लेटकर उसके पेट को सहलाने लगा,बीच बीच में मैं उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाने भी लगा,, शालिनी शायद अब धीरे धीरे नींद के आगोश में समा रही थी, 
वो कहते है ना कि जब जितना मज़ा मिल रहा हो तो भूख और बढ़ जाती है, अब मेरा मन कर रहा था कि मैं शालिनी की चूंची को मुंह में लेकर चूस डालूं, उसके भूरे रंग के निप्पल को चूसने के ख्याल से ही शरीर में चींटियां रेंग गई... 
मैंने अपने लालची मन को समझाया कि परेशान ना हो वो दिन भी जल्दी आने वाला है जब इन गुदाज चुचियों को मैं अपने होंठों से चाटूंगा,प्यार करूंगा । अब मैं इससे आगे बढ़ कर अपना काम ख़राब नहीं करना चाहता था, सो मैं बिस्तर से उठ कर बाहर आ गया और तभी मेरी नज़र शालिनी की नई ब्रा पर पड़ी जो उसने सूखने के लिए बरामदे में रही पर डाली थी, मैं उसे उतार कर बाथरूम में लेकर चूस गया और अपने लौड़े पर उसे लपेट कर रगड़ रगड़ कर आंखें बंद करके शालिनी की मादक चूचियों को याद करते हुए उसकी ब्रा में झड़ गया । झड़ने के बाद भी मेरे लौड़े में गज़ब का तनाव बाकी था, ऐसा लग रहा कि अभी फिर से खड़ा हो जाएगा । मैंने उसकी ब्रा को फिर से रही पर डाल दिया और अंदर आकर शालिनी की अधनंगी चूचियों पर हाथ रख कर सोने लगा ।
खैर, शालिनी ने हल्का सा आंखें बंद कर रखीं थीं और वह इस तरफ देख भी नहीं रही थी, मगर अब मेरे लिए बहुत मुश्किल काम था अपने हाथों को उसकी चूचियां दबाने, सहलाने से रोकने के लिए, 

पांच मिनट बाद शालिनी ने आंखें खोली और

शालिनी- भाई जी, पानी ठंडा हो गया है अब थोड़ा सा समीज हटा कर पेट पर बोतल रखिए,प्लीज़....

अधनंगी तो वो वैसे ही थी, एक पतली सी समीज उसके अंदर ब्रा भी नहीं,,,,

मैं- ठीक है बेटा, आराम तो मिल रहा है ना,,,, 

मैंने धीरे से उसकी समीज को उसकी चूचियों तक उठाया जिसमें उसने हल्के से उठकर मदद की, मेरी उंगलियों से उसकी चूची का निचला हिस्सा छू गया.... और मेरे लन्ड ने झटका खाया,पूरे शरीर के रोएं खड़े हो गए,,, 

इन्ही चूचियों को मैं सहला भी चुका था मगर शालिनी के सोते हुए,, शालिनी ने आंखें फिर से बंद कर ली,, अब मैंने थोड़ा हिम्मत करके बोतल को बार बार उसकी चूचियों से लेकर नीचे उसकी निक्कर तक घुमाने लगा..... मैं बार बार हल्का सा दबाव बनाता जब मेरा हाथ उसकी चूचियों के नीचे जाता,,,, मैं अब खुल कर उसके नंगे, चिकने पेट को सहलाने लगा... मैं अब बिना डरे सिर्फ अपने हाथ से उसके पेट को सहलाने लगा...

तभी शालिनी के मुंह से आह,,,, उंह,,,, सी,,,,सी,,,, जैसी अजीब सी आवाजें आने लगी... मैं अचानक रुक गया ।

मैं- क्या हुआ स्वीटी,,, दर्द और तेज हो गया है क्या ?
शालिनी ने हल्की सी आंख खोल कर मेरी ओर देखा और उसके चेहरे पर बहुत ही मासूमियत भरी हल्की सी मुस्कान थी।।

शालिनी- भाई जी, अब काफी आराम है, दर्द बिल्कुल कम हो रहा है, प्लीज़ थोड़ा सा और कर दीजिए ऐसे ही... 

मैं- पानी तो बिल्कुल ठंडा हो गया है मैं हल्का गर्म करके लाता हूं।


किचन में पानी गर्म करते हुए मैंने अपने लौड़े को बरमूडे से बाहर निकाल लिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने के जैसे उसकी खाल को आगे पीछे करने लगा, मगर मेरा पानी जल्दी नहीं निकल रहा था तो मैं बोतल में पानी भर कर फिर से उसी तरह खड़े लन्ड के साथ फिर से शालिनी के खुले पेट की मालिश करने लगा । अब उसके पेट में अजीब सी थिरकन हो रही थी, जैसे वो कांप रही हो,,,,




    Is kahani k agla bhag pade (next part 6 )

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